"खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स एक भारत श्रेष्ठ भारत का एक बड़ा माध्यम बन गया है"
“पिछले 9 वर्षों में भारत में खेल के एक नए युग की शुरुआत हुई है, खेलों के माध्यम से समाज को सशक्त बनाने का युग”
"खेल को अब एक आकर्षक पेशे के रूप में देखा जा रहा है और खेलो इंडिया अभियान ने इसमें बड़ी भूमिका निभाई है"
"राष्ट्रीय शिक्षा नीति ने खेल को एक ऐसे विषय के रूप में लेने का प्रस्ताव दिया है, जहां यह पाठ्यक्रम का एक हिस्सा बन जाएगा"
"खेलो इंडिया ने भारत के पारंपरिक खेलों की प्रतिष्ठा को भी पुनर्स्थापित किया है"
“भारत की प्रगति,आपकी प्रतिभा, आपकी प्रगति में निहित है, आप भविष्य के चैंपियन हैं”
"खेल हमें निहित स्वार्थों से ऊपर उठकर सामूहिक सफलता हासिल करने के लिए प्रेरित करते हैं"

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आज वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स 2023 के शुरू होने की घोषणा की। इस खेल आयोजन में 21 खेल श्रेणियों के लिए 200 से अधिक विश्वविद्यालयों के 4750 से अधिक एथलीट प्रतिस्पर्धा करेंगे।

सभा को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स 2023 के आयोजन पर सभी को बधाई दी और कहा कि उत्तर प्रदेश आज खेल प्रतिभाओं का संगम बन गया है। प्रधानमंत्री ने कहा कि खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स में भाग लेने वाले 4000 एथलीट विभिन्न राज्यों और क्षेत्रों से आए हैं। उन्होंने इस राज्य से संसद सदस्य होने के नाते उनका विशेष रूप से स्वागत किया। उन्होंने प्रसन्नता व्यक्त की कि कार्यक्रम का समापन समारोह वाराणसी में होगा, जो उनका निर्वाचन क्षेत्र है। जब भारत आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा है, ऐसे समय में तीसरे खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स के आयोजन के महत्व के बारे में प्रधानमंत्री ने कहा कि यह आयोजन टीम भावना के साथ-साथ 'एक भारत श्रेष्ठ भारत' की भावना को जगाने का एक उत्कृष्ट माध्यम बन गया है। उन्होंने कहा कि विभिन्न क्षेत्रों से आने वाले एथलीट यहाँ आपस में बातचीत करेंगे और उत्तर प्रदेश के विभिन्न स्थानों का दौरा भी करेंगे, जहां खेल कार्यक्रम आयोजित किये जा रहे हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि इससे एथलीटों का ऐसे स्थानों के साथ संपर्क स्थापित होगा। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स में भाग लेना सभी एथलीटों के लिए एक यादगार अवसर बन जाएगा। उन्होंने आगामी प्रतियोगिताओं में उनकी बड़ी सफलता की भी कामना की।

प्रधानमंत्री ने कहा कि पिछले 9 वर्षों में भारत में खेलों के एक नए युग की शुरुआत हुई है, जो न केवल भारत को खेलों में एक बड़ी शक्ति बनाने का युग है, बल्कि खेलों के माध्यम से समाज को सशक्त बनाने का भी युग है। प्रधानमंत्री ने खेलों के प्रति उदासीनता के पुराने दौर को याद किया, जब खेलों को सरकारों से अपेक्षित समर्थन नहीं मिल पाता था। इससे गरीब, मध्यम वर्ग और ग्रामीण बच्चों के लिए खेलों में उत्कृष्ट प्रदर्शन करना बेहद मुश्किल हो गया। इस कारण कई माता-पिता ने खेलों की उपेक्षा की, क्योंकि करियर के रूप में इसमें सीमित गुंजाइश थी। प्रधानमंत्री ने खेल के प्रति माता-पिता के दृष्टिकोण में आये भारी बदलाव को रेखांकित किया। उन्होंने कहा, "खेल को अब एक आकर्षक पेशे के रूप में देखा जा रहा है और खेलो इंडिया अभियान ने इसमें बड़ी भूमिका निभाई है।"

प्रधानमंत्री ने खेल के प्रति पिछली सरकारों के रवैये के उदाहरण के रूप में भारत में राष्ट्रमंडल खेलों से जुड़े घोटालों का उल्लेख किया। उन्होंने पंचायत युवा क्रीड़ा और खेल अभियान जैसी योजनाओं में ईमानदारी की कमी की भी बात कही, जिसे बाद में राजीव गांधी अभियान का नाम दिया गया। श्री मोदी ने पहले के समय में खेल अवसंरचना के अभाव पर दुख व्यक्त किया। उन्होंने कहा, यह सब बदल रहा है। खेल की शहरी अवसंरचना के बारे में, प्रधानमंत्री ने कहा कि पहले की सरकारों ने 6 साल में सिर्फ 300 करोड़ रुपये खर्च किए थे, जबकि खेलो इंडिया के तहत अब खेल अवसंरचना पर 3000 करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं, जिससे अधिक एथलीटों के लिए खेलों को अपनाना आसान हो गया है।

प्रधानमंत्री ने इस बात पर संतोष व्यक्त किया कि अब तक खेलो इंडिया गेम्स में लगभग 30,000 एथलीटों ने भाग लिया है। इनमें से 1500 एथलीटों को आर्थिक सहायता मिल रही है। नौ साल पहले की तुलना में, खेल के बजट में तीन गुनी वृद्धि हुई है। उन्होंने कहा कि ग्रामीण और दूरदराज के इलाकों को भी बेहतर खेल अवसंरचना की सुविधा मिल रही है।

उत्तर प्रदेश के बारे में प्रधानमंत्री ने लखनऊ में खेल सुविधाओं के विस्तार, वाराणसी के सिगरा स्टेडियम के आधुनिकीकरण और 400 करोड़ रुपये के आवंटन से आधुनिक खेल सुविधाओं के निर्माण की बात कही। उन्होंने लालपुर में सिंथेटिक हॉकी मैदान, गोरखपुर के वीर बहादुर सिंह स्पोर्ट्स कॉलेज में बहुउद्देश्यीय हॉल, मेरठ में सिंथेटिक हॉकी मैदान और सहारनपुर में सिंथेटिक रनिंग ट्रैक का उल्लेख किया।

प्रधानमंत्री ने इस बात पर बल दिया कि एथलीटों को प्रतिस्पर्धा का बेहतर अनुभव प्राप्त हो रहा है, जो उन्हें अपनी क्षमताओं आकलन करने और स्वयं में सुधार लाने के अधिक अवसर प्रदान कर रहा है। उन्होंने कहा कि खेलो इंडिया गेम्स शुरू करने के पीछे की यही प्रमुख वजह थी, जिसके परिणाम स्वरुप अब यह अभियान खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स और खेलो इंडिया विंटर गेम्स तक विस्तारित हो गया है। श्री मोदी ने कहा कि इस पहल के नतीजे हमें प्राप्त हो रहे हैं और इससे हमारे खिलाड़ियों के आत्मविश्वास में बढ़ोतरी हो रही है और वे अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में बेहतर परिणाम प्राप्त कर रहे हैं।

प्रधानमंत्री ने बताया कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति में खेलों को एक ऐसे विषय के रूप में लेने का प्रस्ताव किया गया है, जहां पर यह पाठ्यक्रम का हिस्सा बन जाएगा और देश के पहले राष्ट्रीय खेल विश्वविद्यालय के निर्माण से इस उद्देश्य को अधिक मजबूती मिलेगी। उन्होंने कहा कि राज्यों में खेल पर आधारित विशिष्ट उच्च शिक्षा की दिशा में प्रयास किए जा रहे हैं और उत्तर प्रदेश इस दिशा में बहुत ही सराहनीय कार्य कर रहा है। श्री मोदी ने इस दौरान मेरठ के मेजर ध्यानचंद खेल विश्वविद्यालय का उदाहरण दिया। उन्होंने इस तथ्य का भी उल्लेख किया कि पूरे देश में 1000 खेलो इंडिया केंद्र स्थापित किए जा रहे हैं। प्रधानमंत्री ने बताया कि लगभग 12 राष्ट्रीय उत्कृष्टता केंद्र भी शुरू हो चुके हैं, जहां पर प्रदर्शन में सुधार के उद्देश्य से प्रशिक्षण व खेल विज्ञान सहायता के लिए मदद प्रदान की जाती है। उन्होंने कहा कि खेलो इंडिया ने भारत के पारंपरिक खेलों की प्रतिष्ठा को भी बहाल किया है। प्रधानमंत्री ने इस संदर्भ में विभिन्न स्वदेशी खेलों जैसे गतका, मल्लखंब, थंग-टा, कलारीपयट्टू और योगासन को प्रोत्साहित करने के लिए सरकार द्वारा प्रदान की जाने वाली छात्रवृत्ति का भी जिक्र किया।

प्रधानमंत्री ने खेलो इंडिया कार्यक्रम में महिलाओं की बढ़ती भागीदारी के उत्साहजनक परिणामों को भी उजागर किया। उन्होंने बताया कि देश के कई शहरों में खेलो इंडिया महिला लीग का आयोजन किया जा रहा है और इसमें अब तक अलग-अलग आयु वर्ग की करीब 23 हजार महिला एथलीट हिस्सा ले चुकी हैं। श्री मोदी ने खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स में बड़ी संख्या में महिला एथलीटों की भागीदारी होने का भी उल्लेख किया और उन्हें अपनी शुभकामनाएं दीं।

प्रधानमंत्री ने खिलाड़ियों पर विश्वास व्यक्त करते हुए कहा कि भारत की प्रगति आपकी प्रतिभा और आपकी उन्नति में ही निहित है। आप भविष्य के विजेता हैं। उन्होंने अपनी टिप्पणी में कहा, यह एथलीटों की जिम्मेदारी है कि वे तिरंगे की शान को नई ऊंचाइयों तक ले जाएं। खेल भावना और टीम भावना के बारे में बात करते हुए प्रधानमंत्री ने सवालिया लहजे में कहा कि क्या यह सिर्फ हार-जीत और टीमवर्क को स्वीकार करने तक सीमित है। उन्होंने कहा कि खेल भावना का अर्थ, इससे कहीं और अधिक व्यापक है। खेल हमें निहित स्वार्थों से ऊपर उठकर सामूहिक सफलता की ओर प्रेरित करते हैं। श्री मोदी ने कहा कि खेल हमें मर्यादा एवं नियमों का पालन करना सिखाते हैं। यह देखते हुए कि जब परिस्थितियां उनके खिलाफ होती हैं तब भी खिलाड़ी अपना आपा नहीं खोते हैं और हमेशा नियमों को लेकर प्रतिबद्ध रहते हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने अपने संबोधन का समापन करते हुए कहा कि नियमों और कानूनों की मर्यादा में रहना तथा धैर्य से विरोधी को मात देना ही एक खिलाड़ी की पहचान होती है। उन्होंने कहा कि एक सफल खिलाड़ी तभी महान एथलीट बनता है, जब वह हमेशा खेल भावना एवं गरिमा की विचारधारा का पालन करता है। प्रधानमंत्री ने कहा कि एक विजेता तभी महान खिलाड़ी माना जाता है, जब समाज उसके हर आचरण से प्रेरणा लेता है।

पृष्ठभूमि

प्रधानमंत्री ने देश में खेल की संस्कृति को और विकसित करने तथा देश के युवाओं को खेलों के लिए प्रोत्साहित करने पर बहुत ध्यान दिया है। सरकार द्वारा उदीयमान् खिलाड़ियों को सहयोग देने के लिए विभिन्न योजनाएं शुरू की गई हैं और देश में खेल के इकोसिस्टम को मजबूत करने के प्रयास किए गए हैं। खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स का आयोजन इसी दिशा में एक और शानदार कदम है।

इस वर्ष खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स के तीसरे संस्करण का आयोजन 25 मई से 3 जून तक उत्तर प्रदेश में किया जा रहा है। ये खेल प्रतियोगिताएं वाराणसी, गोरखपुर, लखनऊ और गौतम बुद्ध नगर में आयोजित होंगी। इन खेलों में 200 से अधिक विश्वविद्यालयों के 4750 से अधिक एथलीट भाग ले रहे हैं, जो 21 प्रतियोगिताओं में प्रतिस्पर्धा करेंगे। इन खेलों का समापन समारोह तीन जून को वाराणसी में होगा। खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स के इस संस्करण का शुभांकर जीतू, यूपी के राजकीय पशु बारहसिंघा को बनाया गया है।

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Under Rozgar Mela, PM to distribute more than 71,000 appointment letters to newly appointed recruits
December 22, 2024

Prime Minister Shri Narendra Modi will distribute more than 71,000 appointment letters to newly appointed recruits on 23rd December at around 10:30 AM through video conferencing. He will also address the gathering on the occasion.

Rozgar Mela is a step towards fulfilment of the commitment of the Prime Minister to accord highest priority to employment generation. It will provide meaningful opportunities to the youth for their participation in nation building and self empowerment.

Rozgar Mela will be held at 45 locations across the country. The recruitments are taking place for various Ministries and Departments of the Central Government. The new recruits, selected from across the country will be joining various Ministries/Departments including Ministry of Home Affairs, Department of Posts, Department of Higher Education, Ministry of Health and Family Welfare, Department of Financial Services, among others.