“इंडिया@100 साधारण नहीं हो सकता। 25 साल की इस अवधि को एक इकाई के रूप में देखा जाना चाहिए और हमें अभी से ही एक दृष्टिकोण रखना चाहिए। इस साल का उत्सव ऐतिहासिक होना चाहिए"
"देश में आम लोगों के जीवन में बदलाव आना चाहिए, उनका जीवन आसान होना चाहिए और वे भी इस सहजता को महसूस करने में सक्षम हों"
"सपने से संकल्प और संकल्प से सिद्धि तक की आम आदमी की यात्रा में हमें हर स्तर पर उनकी सहायता के लिए उपलब्ध होना चाहिए"
"अगर हम वैश्विक स्तर के क्रियाकलापों का अनुसरण नहीं करते हैं, तो हमारे लिए अपनी प्राथमिकताओं और विशेष ध्यान देने योग्य क्षेत्रों को निर्धारित करना बहुत मुश्किल होगा। इस परिप्रेक्ष्य को ध्यान में रखते हुए हमें अपनी योजनाओं और शासन संबंधी मॉडल को विकसित करने की जरूरत है”
"यह सरकारी प्रणाली का दायित्व है कि वह समाज की क्षमता को पोषित करे, उसे मजबूत करे और उसका समर्थन करे"
"शासन में सुधार करने के प्रति हमारा स्वाभाविक रूझान होना चाहिए"
"हमारे फैसलों में हमेशा 'राष्ट्र प्रथम' की झलक मिलनी चाहिए"
"हमें अभाव के दौर में उभरे नियमों और मानसिकता से संचालित नहीं होना चाहिए, हमें पर्याप्तता का रवैया रखना चाहिए"
"मैं राजनीतिक स्वभाव का नहीं हूं, बल्कि मेरा स्वाभाविक झुकाव जननीति के प्रति है”

सिविल सेवा दिवस के अवसर पर, प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आज विज्ञान भवन, नई दिल्ली में लोक प्रशासन में उत्कृष्टता के लिए प्रधानमंत्री पुरस्कार प्रदान किए। केन्द्रीय मंत्री श्री जितेन्द्र सिंह, प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव श्री पी. के. मिश्रा, कैबिनेट सचिव श्री राजीव गाबा इस अवसर पर उपस्थित गणमान्य लोगों में शामिल थे।

इस अवसर पर प्रधानमंत्री ने सिविल सेवा दिवस पर सभी 'कर्मयोगियों' को बधाई दी। उन्होंने शासन में सुधार और ज्ञान साझा करने के सुझाव के साथ अपनी बात शुरू की। उन्होंने सुझाव दिया कि सभी प्रशिक्षण अकादमियां साप्ताहिक आधार पर प्रक्रिया और पुरस्कार विजेताओं के अनुभवों को वर्चुअल माध्यम से साझा कर सकती हैं। दूसरा, पुरस्कृत परियोजनाओं में से कुछ जिलों में लागू करने के लिए एक योजना को चुना जा सकता है और अगले वर्ष के सिविल सेवा दिवस में उसी के अनुभव पर चर्चा की जा सकती है।

 

प्रधानमंत्री ने याद करते हुए कहा कि पहले मुख्यमंत्री के रूप में और बाद में प्रधानमंत्री के रूप में वे पिछले 20-22 वर्षों से सिविल सेवकों के साथ बातचीत कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि यह परस्पर सीखने का अनुभव रहा है। श्री मोदी ने इस वर्ष के उत्सव के महत्व पर जोर दिया, क्योंकि यह आजादी का अमृत महोत्सव के वर्ष में संपन्न हो रहा है। उन्होंने प्रशासकों से इस विशेष वर्ष में पिछले जिला प्रशासकों को जिले में बुलाने के लिए कहा। इससे जिले में नई ऊर्जा का संचार होगा और पूर्व के अनुभव से अवगत कराये गये जिला प्रशासन के परिप्रेक्ष्य में एक स्वागत-योग्य गतिशीलता मिलेगी। इसी तरह, राज्यों के मुख्यमंत्री इस ऐतिहासिक वर्ष में राज्य के पूर्व मुख्य सचिवों, कैबिनेट सचिवों को बुला सकते हैं और स्वतंत्र भारत की यात्रा में महत्वपूर्ण योगदान देने वाले प्रशासनिक तंत्र के ध्वजवाहकों से लाभ ले सकते हैं। आजादी का अमृत महोत्सव के वर्ष में सिविल सेवा को सम्मानित करने का यह एक उपयुक्त तरीका होगा।

उन्होंने कहा कि अमृत काल केवल उत्सव मनाने या अतीत की प्रशंसा करने के लिए नहीं है और 75 से 100 वर्ष की यात्रा सिर्फ साधारण नहीं हो सकती है। “इंडिया@100 साधारण नहीं हो सकता। 25 साल की इस अवधि को एक इकाई के रूप में देखा जाना चाहिए और हमें अभी से ही एक दृष्टिकोण रखना चाहिए। यह एक ऐतिहासिक उत्सव होना चाहिए।" इसी भावना से हर जिले को आगे बढ़ना चाहिए। प्रधानमंत्री ने कहा कि प्रयासों में कोई कमी नहीं होनी चाहिए और यह समय सरदार पटेल द्वारा 1947 में किए गए संकल्पों और निर्देशों के प्रति खुद को फिर से समर्पित करने का है।

 

प्रधानमंत्री ने कहा कि हम एक लोकतांत्रिक व्यवस्था में है और हमारे सामने तीन लक्ष्य साफ-साफ होने चाहिए। पहला लक्ष्य है कि देश में सामान्य से सामान्य मनुष्य के जीवन में बदलाव आए, उसके जीवन में सुगमता आए और उसे इसका एहसास भी हो। आम लोगों को सरकारी कार्य से निपटने में संघर्ष करने की जरूरत न हो, उन्हें लाभ और सेवाएं प्राप्त करने में कोई परेशानी न हो। उन्होंने कहा, “आम आदमी के सपनों को संकल्प के स्तर पर ले जाना व्यवस्था की जिम्मेदारी है। इस संकल्प को सिद्धि तक ले जाना चाहिए और यही हम सभी का लक्ष्य होना चाहिए। सपने से संकल्प और संकल्प से सिद्धि तक की इस यात्रा में हमें हर चरण में उनकी सहायता के लिए उपलब्ध रहना चाहिए।” उन्होंने कहा कि दूसरे लक्ष्य की बात करूं...आज हम भारत में कुछ भी करें, उसको वैश्विक सन्दर्भ में करना समय की मांग है। यदि हम वैश्विक स्तर पर क्रियाकलापों का अनुसरण नहीं करते हैं, तो हमारे लिए अपनी प्राथमिकताओं को निर्धारित करना और विशेष ध्यान देने योग्य क्षेत्रों का पता लगाना बहुत मुश्किल होगा। प्रधानमंत्री ने कहा कि हमें इस परिप्रेक्ष्य को ध्यान में रखते हुए अपनी योजनाओं और शासन संबंधी मॉडल को विकसित करने की आवश्यकता है। प्रधानमंत्री ने जोर देते हुए कहा कि हमारे सिस्टम और मॉडल नियमित गति से अपडेट होते रहना चाहिए, हम पिछली शताब्दी की प्रणालियों के साथ आज की चुनौतियों का सामना नहीं कर सकते। उन्होंने कहा, "मैं तीसरे लक्ष्य की बात करूं तो ये एक प्रकार से मैं दोहरा रहा हूँ... व्यवस्था में हम कहीं पर भी हों, लेकिन जिस व्यवस्था से हम निकले हैं, उसमें हमारा मुख्य उत्तरदायित्व है देश की एकता और अखंडता, इससे कोई समझौता नहीं किया जा सकता। स्थानीय फैसलों को भी इस कसौटी पर मापा जाना चाहिए। हमारे हर फैसले का मूल्यांकन देश की एकता और अखंडता को ताकत प्रदान करने की उसकी क्षमता के आधार पर किया जाना चाहिए। हमारे फैसलों में हमेशा 'राष्ट्र प्रथम' की झलक मिलनी चाहिए।

प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत की महान संस्कृति की ये विशेषता है कि हमारा देश राज व्यवस्थाओं से नहीं बना है, हमारा देश राज सिंहासनों से नहीं बना है। हमारी हजारों साल की जो परंपरा है वो जन सामान्य के सामर्थ्य को लेकर चलने की परंपरा रही है। यह हमारे प्राचीन ज्ञान को संरक्षित करते हुए परिवर्तन और आधुनिकता को स्वीकार करने की देश की भावना से भी अवगत कराता है। उन्होंने कहा कि यह सरकारी प्रणाली का दायित्व है कि वह समाज की क्षमता को पोषित करे, उसे मजबूत करे और उसका समर्थन करे। उन्होंने स्टार्ट-अप इको-सिस्टम और कृषि में हो रहे नवाचारों का उदाहरण दिया व प्रशासकों को प्रोत्साहन देने और सहायक की भूमिका निभाने के लिए कहा।

टाइपिस्ट और सितार वादक के बीच अंतर के बारे में बताते हुए, प्रधानमंत्री ने एक परखा हुआ जीवन, सपनों तथा उत्साह एवं उद्देश्यपूर्ण जीवन जीने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने कहा, "मैं हर पल जीना चाहता हूं ताकि मैं सेवा कर सकूं और दूसरों की मदद कर सकूं।" श्री मोदी ने अधिकारियों से आह्वान करते हुए उन्हें घिसे-पिटे रास्ते से अलग रहने और लीक से हटकर सोचने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने कहा कि शासन में सुधार करने के प्रति हमारा स्वाभाविक रूझान होना चाहिए, शासन सुधार प्रयोगात्मक तथा समय और देश की जरूरतों के अनुसार होना चाहिए। उन्होंने अप्रचलित कानूनों में कमी और अनुपालनों की संख्या को अपनी प्रमुख प्राथमिकताओं में से एक बताया। प्रधानमंत्री ने कहा कि हमें केवल दबाव में नहीं बदलना चाहिए बल्कि सक्रियता से सुधार करने का प्रयास करना चाहिए। अभाव के दौर में जो नियम और मानसिकता उभर कर आए, उससे हमें संचालित नहीं होना चाहिए, हमें पर्याप्तता की प्रवृत्ति रखनी चाहिए। इसी तरह, हमें चुनौतियों पर प्रतिक्रिया करने के बजाय उम्मीद करनी चाहिए। प्रधानमंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि ''बीते 8 साल के दौरान देश में अनेक बड़े काम हुए हैं। इनमें से अनेक अभियान ऐसे हैं जिनके मूल में व्यवहारगत परिवर्तन है। उन्होंने कहा कि वे राजनीतिक स्वभाव के नहीं बल्कि जननीति के स्वभाव के हैं।

अंत में उन्होंने अधिकारियों से अपने निजी जीवन में महत्वपूर्ण सुधारों को अपनाने का अनुरोध किया। उदाहरण के लिए, स्वच्छता, जीईएम या यूपीआई का उपयोग उनके अपने जीवन में है या नहीं।

आम नागरिक के कल्याण के लिए जिलों/कार्यान्वयन इकाइयों और केंद्र/ राज्य सरकारों के संगठनों द्वारा किए गए असाधारण और अभिनव कार्यों को मान्यता देने के लिए लोक प्रशासन में उत्कृष्टता के लिए प्रधानमंत्री पुरस्कार स्थापित किए गए हैं। उन्हें पहचान किए गए प्राथमिकता वाले कार्यक्रमों और नवाचार के प्रभावी कार्यान्वयन के लिए भी सम्मानित किया जाता है।

सिविल सेवा दिवस 2022 पर निम्नलिखित पांच प्राथमिकता कार्यक्रमों के तहत असाधारण कार्य के लिए पुरस्कृत किया जा रहा है: (i) "जन भागीदारी" या पोषण अभियान में लोगों की भागीदारी को बढ़ावा देना, (ii) खेलो इंडिया योजना के माध्यम से खेल और कल्याण में उत्कृष्टता को बढ़ावा देना, (iii) पीएम स्वनिधि योजना में डिजिटल भुगतान और सुशासन, (iv) एक जिला एक उत्पाद योजना के माध्यम से समग्र विकास, (v) मानवीय हस्तक्षेप के बिना निर्बाध रूप से सेवाओं तक संपूर्ण पहुंच।

इस वर्ष 5 चिन्हित प्राथमिकता कार्यक्रमों और लोक प्रशासन/सेवा वितरण आदि के क्षेत्र में नवाचार के लिए 16 पुरस्कार दिए जाएंगे।

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PM Modi congratulates hockey team for winning Women's Asian Champions Trophy
November 21, 2024

The Prime Minister Shri Narendra Modi today congratulated the Indian Hockey team on winning the Women's Asian Champions Trophy.

Shri Modi said that their win will motivate upcoming athletes.

The Prime Minister posted on X:

"A phenomenal accomplishment!

Congratulations to our hockey team on winning the Women's Asian Champions Trophy. They played exceptionally well through the tournament. Their success will motivate many upcoming athletes."