Quoteदेश के वैज्ञानिक समुदाय को यह भरोसा होना चाहिए कि अनुसंधान के लिए संसाधनों की कोई कमी नहीं होगी: प्रधानमंत्री
Quoteप्रधानमंत्री ने अनुसंधान प्रणाली में बाधाओं की पहचान करने और उन्हें दूर करने की आवश्यकता पर बल दिया
Quoteवैश्विक समस्याओं के स्थानीय समाधान पर ध्यान केंद्रित करें: प्रधानमंत्री
Quoteप्रधानमंत्री ने अनुसंधान और विकास से संबंधित सूचनाओं का आसानी से पता लगाने के लिए एक डैशबोर्ड तैयार करने का सुझाव दिया
Quoteप्रधानमंत्री ने अनुसंधान और नवाचार के लिए संसाधनों के उपयोग की वैज्ञानिक निगरानी की आवश्यकता पर बल दिया
Quoteअनुसंधान में प्रारंभिक अवस्था वाले विश्वविद्यालयों को मेंटरशिप मोड में शीर्ष स्तरीय स्थापित संस्थानों के साथ जोड़कर हब और स्पोक मोड में एक कार्यक्रम शुरू किया जाएगा
Quoteअनुसंधान को आसान बनाने की दिशा में शोधकर्ताओं को लचीले और पारदर्शी वित्त पोषण तंत्र के साथ सशक्त बनाया जाएगा
Quoteएएनआरएफ चुनिंदा प्राथमिकता वाले क्षेत्रों में मिशन मोड में समाधान-केंद्रित अनुसंधान पर कार्यक्रम शुरू करेगा
Quoteएएनआरएफ की रणनीतियां विकसित भारत 2047 के लक्ष्यों के अनुकूल होंगी और अनुसंधान एवं विकास एजेंसियों द्वारा अपनाई गई वैश्विक सर्वोत्तम प्रथाओं का पालन करेंगी
Quoteमानविकी और सामाजिक विज्ञान में अंतःविषय अनुसंधान में मदद करने के लिए उत्कृष्टता केंद्र स्थापित किए जाएंगे

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आज अपने आवास 7, लोक कल्याण मार्ग पर अनुसंधान नेशनल रीसर्च फाउंडेशन (एएनआरएफ) के शासी बोर्ड की पहली बैठक की अध्यक्षता की। इस बैठक में भारत के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिदृश्य तथा अनुसंधान एवं विकास कार्यक्रमों को फिर से तैयार करने पर चर्चा की गई।

 

|

बैठक के दौरान प्रधानमंत्री ने कहा कि आज अनुसंधान नेशनल रीसर्च फाउंडेशन (एएनआरएफ) की शासी निकाय की पहली बैठक के साथ एक नई शुरुआत हुई है। प्रधानमंत्री ने देश के अनुसंधान परितंत्र में बाधाओं की पहचान करने और उन्हें दूर करने की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने बड़े लक्ष्य निर्धारित करने, उन्हें हासिल करने पर ध्यान केंद्रित करने और पथ-प्रदर्शक अनुसंधान करने की बात कही। उन्होंने कहा कि अनुसंधान को मौजूदा समस्याओं के नए समाधान खोजने पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि समस्याएं वैश्विक प्रकृति की हो सकती हैं, लेकिन उनका समाधान भारतीय जरूरतों के हिसाब से स्थानीय होना चाहिए।

प्रधानमंत्री ने संस्थानों के उन्नयन और मानकीकरण की आवश्यकता पर चर्चा की। उन्होंने विशेषज्ञता के आधार पर विषय विशेषज्ञों की सूची तैयार करने का सुझाव दिया। उन्होंने एक डैशबोर्ड विकसित करने की भी बात की, जहां देश में हो रहे शोध और विकास से जुड़ी जानकारी का आसानी से पता लगाया जा सके।

|

प्रधानमंत्री ने अनुसंधान और नवाचार के लिए संसाधनों के उपयोग की वैज्ञानिक निगरानी की आवश्यकता पर जोर दिया। इसे महत्वाकांक्षी शुरुआत बताते हुए उन्होंने कहा कि देश के वैज्ञानिक समुदाय को यह भरोसा होना चाहिए कि उनके अनुसंधान कार्यों के लिए संसाधनों की कोई कमी नहीं होगी। अटल टिंकरिंग प्रयोगशालाओं के सकारात्मक प्रभावों पर चर्चा करते हुए प्रधानमंत्री ने सुझाव दिया कि इन प्रयोगशालाओं की ग्रेडिंग की जा सकती है। उन्होंने पर्यावरण परिवर्तन के लिए नए समाधान, ईवी के लिए बैटरी सामग्री, प्रयोगशाला में उत्पन्न किए गए हीरे आदि जैसे विभिन्न क्षेत्रों में अनुसंधान पर भी चर्चा की।

बैठक के दौरान, अनुसंधान नेशनल रीसर्च फाउंडेशन के शासी निकाय ने अनुसंधान में प्रारंभिक अवस्था वाले विश्वविद्यालयों को मेंटरशिप मोड में शीर्ष स्तरीय स्थापित संस्थानों के साथ जोड़कर हब और स्पोक मोड में एक कार्यक्रम शुरू करने का निर्णय लिया गया।

|

शासी निकाय ने एएनआरएफ के रणनीतिक हस्तक्षेप के कई क्षेत्रों पर भी चर्चा की, जिसमें प्रमुख क्षेत्रों में भारत की वैश्विक स्थिति, राष्ट्रीय प्राथमिकताओं के साथ अनुसंधान एवं विकास में सुसंगत तालमेल बनाना, समावेशी विकास को बढ़ावा देना, क्षमता निर्माण, वैज्ञानिक प्रगति और नवाचार परितंत्र को बढ़ावा देना, साथ ही उद्योग-अनुकूल ट्रांसलेशनल अनुसंधान के माध्यम से शैक्षणिक अनुसंधान और औद्योगिक अनुप्रयोगों के बीच की कमी को दूर करना शामिल है।

एएनआरएफ इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) गतिशीलता, उन्नत सामग्री, सौर सेल, स्मार्ट इंफ्रास्ट्रक्चर, स्वास्थ्य और चिकित्सा प्रौद्योगिकी, सतत कृषि और फोटोनिक्स जैसे चुनिंदा प्राथमिकता वाले क्षेत्रों में मिशन मोड में समाधान-केंद्रित अनुसंधान पर कार्यक्रम शुरू करेगा। शासी निकाय ने देखा कि ये प्रयास आत्मनिर्भर भारत की दिशा में हमारे प्रयासों को प्रभावी रूप से पूरक बनाएंगे।

|

उद्योग जगत की सक्रिय भागीदारी के साथ ट्रांसलेशनल अनुसंधान पर जोर देते हुए शासी निकाय ने ज्ञान की उन्नति के लिए मौलिक शोध को बढ़ावा देने पर भी बल दिया। मानविकी और सामाजिक विज्ञान में अंतःविषय अनुसंधान में मदद करने के लिए उत्कृष्टता केंद्र स्थापित करने का निर्णय लिया गया। इस बात पर भी सहमति बनी कि शोध करने में आसानी के लिए लचीले और पारदर्शी वित्त पोषण तंत्र के साथ शोधकर्ताओं को सशक्त बनाने की आवश्यकता है।

शासी निकाय ने यह भी निर्देश दिया कि एएनआरएफ की रणनीतियों को विकसित भारत 2047 के लक्ष्यों के अनुरूप होना चाहिए और कार्यान्वयन में दुनिया भर की अनुसंधान और विकास एजेंसियों द्वारा अपनाई गई सर्वोत्तम वैश्विक प्रथाओं का पालन किया जाना चाहिए।

इस बैठक में शासी निकाय के उपाध्यक्ष के रूप में केंद्रीय शिक्षा मंत्री श्री धर्मेंद्र प्रधान, सदस्य सचिव के रूप में भारत सरकार के प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार, सदस्य (विज्ञान), नीति आयोग और सचिव, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग, जैव प्रौद्योगिकी विभाग, वैज्ञानिक एवं औद्योगिक अनुसंधान विभाग तथा उच्च शिक्षा विभाग इसके पदेन सदस्य के रूप में शामिल हुए। अन्य प्रमुख प्रतिभागियों में प्रो. मंजुल भार्गव (प्रिंसटन विश्वविद्यालय, यूएसए), डॉ. रोमेश टी. वाधवानी (सिम्फनी टेक्नोलॉजी ग्रुप, यूएसए), प्रो. सुब्रा सुरेश (ब्राउन विश्वविद्यालय, यूएसए), डॉ. रघुवेंद्र तंवर (भारतीय ऐतिहासिक अनुसंधान परिषद), प्रो. जयराम एन. चेंगलूर (टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ फंडामेंटल रिसर्च) और प्रो. जी. रंगराजन (भारतीय विज्ञान संस्थान) शामिल थे।

|

अनुसंधान नेशनल रीसर्च फाउंडेशन के बारे में

अनुसंधान नेशनल रीसर्च फाउंडेशन (एएनआरएफ) की स्थापना भारत के विश्वविद्यालयों, कॉलेजों, शोध संस्थानों और अनुसंधान एवं विकास प्रयोगशालाओं में अनुसंधान और विकास को बढ़ावा देने और अनुसंधान एवं नवाचार की संस्कृति को अग्रसर करने के लिए की गई है। एएनआरएफ राष्ट्रीय शिक्षा नीति की सिफारिशों के अनुसार देश में वैज्ञानिक अनुसंधान की उच्च-स्तरीय रणनीतिक दिशा प्रदान करने के लिए एक शीर्ष निकाय के रूप में कार्य करता है। एएनआरएफ उद्योग, शिक्षा और सरकारी विभागों एवं अनुसंधान संस्थानों के बीच सहयोग को बढ़ावा देता है।

|
Explore More
140 करोड़ देशवासियों का भाग्‍य बदलने के लिए हम कोई कोर-कसर नहीं छोड़ेंगे: स्वतंत्रता दिवस पर पीएम मोदी

लोकप्रिय भाषण

140 करोड़ देशवासियों का भाग्‍य बदलने के लिए हम कोई कोर-कसर नहीं छोड़ेंगे: स्वतंत्रता दिवस पर पीएम मोदी
Over 28 lakh companies registered in India: Govt data

Media Coverage

Over 28 lakh companies registered in India: Govt data
NM on the go

Nm on the go

Always be the first to hear from the PM. Get the App Now!
...
प्रधानमंत्री ने छत्रपति शिवाजी महाराज को उनकी जयंती पर श्रद्धांजलि अर्पित की
February 19, 2025

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने छत्रपति शिवाजी महाराज को आज उनकी जयंती पर श्रद्धांजलि अर्पित की है।

श्री मोदी ने एक्स पर लिखा;

“मैं छत्रपति शिवाजी महाराज को उनकी जयंती पर श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं। उनकी वीरता और दूरदर्शी नेतृत्व ने स्वराज की नींव रखी, पीढ़ियों को साहस और न्याय के मूल्यों को बनाए रखने के लिए प्रेरित किया। वह हमें एक मजबूत, आत्मनिर्भर और समृद्ध भारत के निर्माण के लिए प्रेरित करते हैं।”

“छत्रपति शिवाजी महाराज यांच्या जयंतीनिमित्त मी त्यंना ब्याज करतो।

त्यांच्या मापाने और दूरदर्शन नेतृत्व करने वाले स्वराजयाची पयाभरानी केली, जमुळे अनेक पिद्यंना गंभीरता और न्यायाची मूल्य जापान्याची प्रेरणा मिळली. ते आपल्याला एक बलशाली, आत्मनिर्भर और समृद्ध भारत घ्वन्यासाथी प्रेरणा देत आहेत।”