प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आज प्रगति के 35वें संस्करण की बैठक की अध्यक्षता की, जो केंद्र और राज्य सरकारों को शामिल करते हुए पूर्व सक्रिय प्रशासन और समयबद्ध कार्यान्वयन (प्रो एक्टिव गवर्नेंस एंड टाइमली इंप्लीमेंटेशन) के लिए आईसीटी आधारित मल्टी-मॉडल प्लेटफॉर्म है।
बैठक में, समीक्षा के लिए नौ परियोजनाएं और एक कार्यक्रम सहित कुल दस मदों को लिया गया। इन नौ परियोजनाओं में, तीन परियोजनाएं रेल मंत्रालय से, तीन परियोजनाएं सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय से, और डीपीआईआईटी, ऊर्जा मंत्रालय व विदेश मंत्रालय से एक-एक परियोजनाएं शामिल थीं। इन सभी नौ परियोजनाओं में संचयी लागत 54,675 करोड़ रुपये है, जो 15 राज्यों जैसे ओडिशा, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़, पंजाब, झारखंड, बिहार, तेलंगाना, राजस्थान, गुजरात, पश्चिम बंगाल, हरियाणा, उत्तराखंड, और उत्तर प्रदेश से संबंधित हैं।
चर्चा के दौरान, प्रधानमंत्री ने प्रधानमंत्री भारतीय जनऔषधि परियोजना की भी समीक्षा की।
प्रधानमंत्री ने सभी अधिकारियों को बुनियादी ढांचागत परियोजनाओं में बाधा डालने वाले मुद्दों का त्वरित समाधान सुनिश्चित करने के निर्देश दिये। उन्होंने प्रधानमंत्री भारतीय जनऔषधि परियोजना के व्यापक प्रचार-प्रसार और इसके प्रभाव को बढ़ाने के लिए प्रौद्योगिकी का उपयोग करने के लिए औषधि विभाग और राज्यों व केंद्रशासित प्रदेशों को प्रोत्साहित किया।
प्रगति बैठकों के 34वें संस्करण तक, कुल 13.14 लाख करोड़ रुपये की लागत वाली 283 परियोजनाओं की समीक्षा की गई है।