प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने आज पीआरएजीएटीआई (प्रगति) बैठक की अध्यक्षता की। प्रगति के माध्यम से प्रधानमंत्री का यह 33वां संवाद है। प्रगति सक्रिय शासन संचालन और समयबद्ध क्रियान्वयन के लिए आईसीटी आधारित बहु-मॉडल प्लेटफॉर्म है।
आज की प्रगति बैठक में कई परियोजनाओं, शिकायतों और कार्यक्रमों की समीक्षा की गई। परियोजनाएं रेल मंत्रालय, एमओआरटीएच, डीपीआईआईटी और विद्युत मंत्रालय की थीं। कुल 1.41 लाख करोड़ रुपये लागत वाली ये परियोजनाएं 10 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों से संबंधित थीं, जिनमें ओडिशा, महाराष्ट्र, कर्नाटक, उत्तर प्रदेश, जम्मू और कश्मीर, गुजरात, हरियाणा, मध्य प्रदेश, राजस्थान, और दादरा एवं नागर हवेली शामिल हैं। प्रधानमंत्री ने केंद्र सरकार के संबंधित सचिवों और राज्य सरकारों के मुख्य सचिवों से यह सुनिश्चित करने के लिए कहा कि वे समय से पहले काम पूरा कर लें।
बैठक के दौरान कोविड-19 और पीएम आवास योजना (ग्रामीण) से संबंधित शिकायतों को उठाया गया। पीएम स्वनिधि, कृषि सुधारों और निर्यात हब के रूप में जिलों के विकास की समीक्षा की गई। प्रधानमंत्री ने राज्यों से राज्य की निर्यात रणनीति विकसित करने के लिए भी कहा।
प्रधानमंत्री ने शिकायत निवारण के महत्व पर जोर दिया और कहा कि फोकस केवल ऐसे निवारण की मात्रा पर नहीं होना चाहिए बल्कि गुणवत्ता पर भी होना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि सुधार तभी फायदेमंद होते हैं जब बेहतर प्रदर्शनकिया जाता है और यही देश में परिवर्तन लाने का आगे का रास्ता है।
पिछली 32 ऐसी बैठकों में 12.5 लाख करोड़ रुपये की कुल 275 परियोजनाओं की समीक्षा की गई और 47 कार्यक्रमों/योजनाओं और 17 क्षेत्रों की शिकायतों को उठाया गया।