प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी आज राजधानी में उगादि समारोह में शामिल हुए और उन्होंने कहा कि भारत की विविधता उसकी पहचान होने के साथ ही उसकी ताकत भी है। इस कार्यक्रम का आयोजन सूचना और प्रसारण, शहरी विकास तथा आवास एवं शहरी गरीबी उन्मूलन मंत्री श्री एम वेंकैया नायडू ने अपने आवास पर किया था।
इस अवसर पर प्रधानमंत्री ने राष्ट्र को नववर्ष की शुभकामनाएं देते हुये कहा कि त्यौहार प्रकृति में परिवर्तन को दर्शाते हैं और यह हमारी संस्कृति तथा परपंरा से जुड़े होते है। सरकार की एक भारत श्रेष्ठ भारत पहल का उदाहरण देते हुए श्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि इससे आगामी पीढ़ी को विभिन्न राज्यों और उनकी संस्कृतियों की विविधता को समझने में मदद मिलेगी। इससे सभी भारतीयों के मन में एकजुटता और एकता की भावना सुदृढ़ होगी। उन्होंने राज्य सरकारों से अपने राज्य के विभिन्न क्षेत्रों की संस्कृति और परंपराओं की विशिष्टताओं को बढ़ावा देने में एक दूसरे के साथ सहयोग करने का आग्रह भी किया।
एक भारत श्रेष्ठ भारत पहल के बारे में प्रधानमंत्री ने हरियाणा और तेलंगाना के बीच हुए समझौता ज्ञापन का उदाहरण दिया, जिसके तहत फिल्मोत्सव, भाषा, व्यंजन के क्षेत्र में दोनों राज्यों के बीच सहयोग और खिलाडि़यों, नीति निर्माताओं तथा विधायकों को एक दूसरे के राज्यों में आने जाने का अवसर प्रदान किया जाता है।
सांस्कृतिक कार्यक्रम जटायु मोक्षम की सराहना करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि जटायु का संघर्ष हम सभी को आतंकवाद का साहस का मुकाबला करने की प्रेरणा देता है जो आज संपूर्ण मानवता के सक्षम सबसे बड़ी चुनौती है।
अतिथियों का स्वागत करते हुए श्री नायडू ने कहा कि भारतीय कैलेंडर के अनुसार उगादि से नव वर्ष की शुरूआत होती है। यह पूरे देश में इस महीने में मनाया जाता है। उन्होंने कहा कि उगादि पछाड़ी छह विभिन्न स्वादों (शट रूचि)का सम्मिश्रण होता है, जिसमें मीठा, खट्टा, मसालेदार या तीखा, नमकीन, कसैला और कड़वा स्वाद खुशी, घृणा, कोध्र, भय, आश्चर्य और उदासी की विभिन्न भावनाओं का प्रतीक है। उन्होंने कहा कि भारतीय संस्कृति विशिष्ट और सबसे सभ्य है क्योंकि यहां का प्रत्येक त्यौहार और परंपरा विज्ञान पर आधारित है।
श्री नायडू ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में नए साल में देश में और समृद्धि और विकास होगा।
दक्षिण भारत के कई हिस्सों में उगादि बंसत और ग्रीष्म ऋतु के आगमन तथा नव वर्ष की शुरूआत माना जाता है। खुशी का यह त्यौहार विकास और समृद्धि का प्रतीक है क्योंकि यह नव वर्ष के त्यौहारों के साथ ही नए उद्यम शुरू करने का अवसर भी होता है।
इस कार्यक्रम में लोकसभा अध्यक्ष श्रीमती सुमित्रा महाजन, दिल्ली के उपराज्यपाल श्री अनिल बैजल, विधि और न्याय मंत्री श्री रवि शंकर प्रसाद, पर्यटन और संस्कृति मंत्री श्री महेश शर्मा, विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्री डॉ हर्षवर्धन, खेल और युवा मामले मंत्री श्री विजय गोयल, सूचना और प्रसारण राज्य मंत्री कर्नल राज्यवर्धन राठौर, सांसद, उच्चतम न्यायालय और उच्च न्यायालय के वरिष्ठ न्यायाधीश, सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय तथा शहरी विकास, आवास एवं शहरी गरीबी उन्मूलन मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।
इस अवसर पर तमिलनाड़, कर्नाटक, केरल, तेलंगाना और आंध्र प्रदेश के कलाकारों ने सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किए।