प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आज गुजरात के गांधीनगर स्थित महात्मा मंदिर में सेमीकॉन इंडिया 2023 का उद्घाटन किया। सम्मेलन का विषय है- 'भारत के सेमीकंडक्टर इकोसिस्टम को को बढ़ावा देना'। यह भारत की सेमीकंडक्टर रणनीति और नीति को प्रदर्शित करता है, जो भारत को सेमीकंडक्टर डिजाइन, विनिर्माण और प्रौद्योगिकी विकास के क्षेत्र में एक वैश्विक केंद्र बनाने की परिकल्पना करता है।
इस अवसर पर उद्योग जगत के प्रतिनिधियों ने अपने विचार साझा किये। एसईएमआई के अध्यक्ष और सीईओ श्री अजीत मिनोचा ने कहा कि भारत के इतिहास में पहली बार भू-राजनीति, घरेलू राजनीति और निजी व छिपी हुई क्षमताएं, भारत के पक्ष में एकजुट हो गई है ताकि देश सेमीकंडक्टर उत्पादन में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सके। उन्होंने कहा कि माइक्रोन का निवेश भारत में इतिहास रच रहा है और यह दूसरों के लिए अनुसरण का मार्ग प्रशस्त करेगा। उन्होंने कहा कि सेमीकंडक्टर इकोसिस्टम को समझने वाला नेतृत्व ही वर्तमान प्रणाली को प्रभावी बनाता है। उन्होंने कहा कि भारत एशिया में सेमीकंडक्टर का अगला शक्ति-भंडार होगा।
एएमडी के ईवीपी और सीटीओ श्री मार्क पेपरमास्टर ने हाल ही में व्हाइट हाउस में प्रधानमंत्री के साथ एएमडी के सीईओ की हुई बैठक को स्मरण किया। उन्होंने घोषणा की कि एएमडी अगले 5 वर्षों में लगभग 400 मिलियन डॉलर का निवेश करेगा। उन्होंने कहा कि एएमडी अपनी अनुसंधान एवं विकास क्षमताओं को बढ़ाएगा। उन्होंने कहा कि हम बेंगलुरु में अपना सबसे बड़ा डिजाइन केंद्र बनाएंगे।
सेमीकंडक्टर प्रोडेक्ट ग्रुप एप्लाइड मैटेरियल्स के अध्यक्ष डॉ. प्रभु राजा ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री मोदी के मजबूत विजन से भारत वैश्विक सेमीकंडक्टर उद्योग में केंद्रीय भूमिका निभाने के लिए तैयार है। उन्होंने कहा कि हमारा दृढ़ विश्वास है कि यह भारत के उज्ज्वल होने का समय है। कोई भी कंपनी या देश इस क्षेत्र से जुड़ी चुनौतियों का अकेले मुकाबला नहीं कर सकती। वर्तमान में इस क्षेत्र में सहयोग आधारित साझेदारी की आवश्यकता है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि यह नया सहयोगी मॉडल हमें इस क्षेत्र के लिए उत्प्रेरक बनने में सक्षम बना सकता है। उन्होंने कहा, ‘’भारत के सेमीकंडक्टर विजन में हमें एक मूल्यवान भागीदार मानने के लिए मैं आपको धन्यवाद देता हूं।"
कैडेंस के अध्यक्ष और सीईओ श्री अनिरुद्ध देवगन ने कहा कि भारत को सेमीकंडक्टर में निवेश करते देखना वास्तव में अच्छा है। उन्होंने इस बात पर खुशी जताई कि सरकार पूरे इकोसिस्टम में निवेश कर रही है।
वेदांता ग्रुप के अध्यक्ष श्री अनिल अग्रवाल ने कहा कि विशेषज्ञों की राय में गुजरात भारत की सिलिकॉन वैली के लिए उपयुक्त जगह है। उन्होंने भारत के युवाओं के लिए नए अवसर पैदा करने के प्रधानमंत्री के विजन पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा, “हमने देखा है कि पिछले दशक में भारत में किस प्रकार के बदलाव हुए हैं और युवा भारतीयों की आकांक्षाएं वास्तव में बहुत ऊंची हैं।‘’
माइक्रोन टेक्नोलॉजी के अध्यक्ष और सीईओ श्री संजय मेहरोत्रा ने भारत को वैश्विक सेमीकंडक्टर हब में बदलने के वैश्विक विजन के लिए प्रधानमंत्री को धन्यवाद दिया। श्री मेहरोत्रा ने गुजरात राज्य में मेमोरी चिप निर्माण के लिए सेमीकंडक्टर असेंबली इकाई और परीक्षण सुविधा की स्थापना पर गर्व व्यक्त किया और कहा कि यह परियोजना आने वाले वर्षों में 15,000 अतिरिक्त नौकरियों के साथ-साथ नौकरी के लगभग 5,000 अवसरों का सृजन करेगी। उन्होंने राज्य में सेमीकंडक्टर उद्योग स्थापित करने की प्रक्रिया में समर्थन के लिए केंद्र और राज्य सरकार दोनों को धन्यवाद दिया। उन्होंने नवाचार, व्यापार वृद्धि और सामाजिक प्रगति के वातावरण को बढ़ावा देने में समर्थन प्रदान करने के लिए प्रधानमंत्री को भी धन्यवाद दिया, जिनके ठोस परिणाम सामने आ रहे हैं। उन्होंने आगे कहा, "डिजिटल इंडिया और मेक इन इंडिया वास्तव में परिवर्तनकारी ऊर्जा पैदा कर रहे हैं, जो सकारात्मक प्रगति को जारी रखेगी।"
फॉक्सकॉन के अध्यक्ष श्री यंग लियू ने ताइवान सेमीकंडक्टर उद्योग के आगे बढ़ने की मजबूत भावना पर प्रकाश डाला, जो बिना किसी शिकायत के कठिन परिश्रम करने के सामर्थ्य पर आधारित है। उन्होंने कहा कि इसी भावना को भारत में भी प्रयुक्त किया जा सकता है। भारत सरकार के ‘कथन-कार्य' के उच्च अनुपात का उल्लेख करते हुए श्री लियू ने चुनौतियों का सामना करने के लिए आपसी विश्वास और साथ मिलकर काम करने के महत्व को रेखांकित किया। ताइवान ने कई साल पहले ऐसा ही किया था। श्री लियू ने सेमीकंडक्टर उद्योग का नेतृत्व करने के लिए भारत सरकार की इच्छाशक्ति और दृढ़ संकल्प के प्रति विश्वास और आशा व्यक्त की। श्री लियू ने कहा, “आईटी का मतलब भारत और ताइवान है”। प्रधानमंत्री को उद्धृत करते हुए श्री लियू ने आश्वासन दिया कि ताइवान, सेमीकंडक्टर उद्योग में भारत का सबसे भरोसेमंद और विश्वसनीय भागीदार होगा।
सभा को संबोधित करते हुए, प्रधानमंत्री ने इस बात पर बल दिया कि सेमीकॉन जैसे कार्यक्रम सॉफ्टवेयर अपडेट की तरह हैं जहां विशेषज्ञ और उद्योग जगत के प्रतिनिधि आपस में मुलाकात करते हैं और अपने विचार साझा करते हैं। प्रधानमंत्री ने कहा, "यह हमारे संबंधों के समन्वय के लिए महत्वपूर्ण है।" श्री मोदी ने कार्यक्रम स्थल पर लगी प्रदर्शनी का अवलोकन किया और इस क्षेत्र से जुड़े नवाचारों और इसकी ऊर्जा पर प्रसन्नता व्यक्त की। प्रधानमंत्री ने सभी से विशेषकर युवा पीढ़ी से प्रदर्शनी में आने और नई तकनीक की ताकत को समझने का आग्रह किया।
पिछले साल पहले सेमीकॉन की भागीदारी को स्मरण करते हुए प्रधानमंत्री ने सेमीकंडक्टर उद्योग को लेकर भारत में निवेश के बारे में उस समय उठाए गए सवालों पर प्रकाश डाला। उन्होंने रेखांकित किया कि एक वर्ष की अवधि में ‘भारत में निवेश क्यों करें' का सवाल बदलकर 'भारत में निवेश क्यों न करें' हो गया है। श्री मोदी ने भारत में अपना विश्वास जताने के लिए उद्योग जगत की सराहना करते हुए कहा, "उद्योग जगत के प्रतिनिधियों के प्रयासों के कारण एक दिशा आधारित बदलाव आया है।" उन्होंने कहा कि उद्योग जगत के प्रतिनिधियों ने भारत की आकांक्षाओं और सामर्थ्य को अपने भविष्य तथा सपनों के साथ जोड़ लिया है। उन्होंने कहा, "भारत कभी निराश नहीं करता है।" श्री मोदी ने 21वीं सदी के भारत में अवसरों की प्रचुरता को रेखांकित किया और कहा कि लोकतंत्र, जनसांख्यिकी और लाभांश, भारत में व्यापार को बढाकर दोगुना से तीन गुना कर देंगे।
उन्होंने गुणात्मक वृद्धि से संबंधित मूर के नियम का उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि हम भारत के डिजिटल और इलेक्ट्रॉनिक विनिर्माण क्षेत्र में समान गुणात्मक वृद्धि देख रहे हैं। उन्होंने बताया कि वैश्विक इलेक्ट्रॉनिक विनिर्माण में भारत की हिस्सेदारी कई गुना बढ़ गई है। वर्ष 2014 में भारत का इलेक्ट्रॉनिक विनिर्माण 30 अरब डॉलर से भी कम था, जो आज 100 अरब डॉलर के पार पहुंच गया है। पिछले 2 वर्षों में इलेक्ट्रॉनिक्स और मोबाइल उपकरणों का निर्यात दोगुना हो गया है। वर्ष 2014 के बाद भारत में हुए तकनीकी विकास पर प्रकाश डालते हुए प्रधानमंत्री ने बताया कि 2014 से पहले भारत में केवल दो मोबाइल विनिर्माण इकाइयां थीं, जबकि आज यह संख्या 200 से अधिक हो गई है। उन्होंने यह भी बताया कि आज देश में ब्रॉडबैंड उपयोगकर्ताओं की संख्या 6 करोड़ से बढ़कर 80 करोड़ हो गई है, जबकि इंटरनेट कनेक्शन की संख्या 25 करोड़ से बढ़कर 85 करोड़ से अधिक हो गई है। इन आंकड़ों का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री ने इस बात पर बल दिया कि ये न केवल भारत की प्रगति के प्रतीक हैं, बल्कि देश के बढ़ते व्यापार के भी संकेतक हैं। श्री मोदी ने सेमीकॉन उद्योग के गुणात्मक विकास के लक्ष्य को हासिल करने में भारत की महत्वपूर्ण भूमिका पर प्रकाश डाला।
श्री मोदी ने कहा, "दुनिया आज उद्योग 4.0 क्रांति देख रही है। उन्होंने कहा कि दुनिया में किसी भी औद्योगिक क्रांति का आधार उस विशेष क्षेत्र के लोगों की आकांक्षाएं हैं। प्रधानमंत्री ने उद्योग 4.0 क्रांति और भारतीय आकांक्षाओं के बीच एक सादृश्य बनाते हुए कहा कि अतीत में औद्योगिक क्रांतियों और अमेरिकी सपने का एक ही संबंध था। उन्होंने कहा कि भारत के विकास के पीछे भारतीय आकांक्षाएं ही प्रेरक शक्ति हैं। उन्होंने हाल ही रिपोर्ट का जिक्र किया जिसमें कहा गया है कि गरीबी बहुत तेजी से घट रही है जिससे देश में नव-मध्यम वर्ग का उदय हो रहा है। तकनीक की अनुकूल प्रकृति और प्रौद्योगिकी अपनाने के प्रति भारतीय लोगों की उत्सुकता को ध्यान में रखते हुए, प्रधानमंत्री ने कहा कि सस्ती डेटा दरें, गुणवत्तापूर्ण डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर और गांवों में निर्बाध बिजली आपूर्ति डिजिटल उत्पादों की खपत को बढ़ा रही है। श्री मोदी ने कहा, "हेल्थ से लेकर एग्रीकल्चर और लॉजिस्टिक्स तक, स्मार्ट टेक्नोलॉजी के उपयोग के विजन पर भारत काम कर रहा है।" उन्होंने कहा कि भारत में ऐसे लोग हैं जिन्होंने बुनियादी घरेलू उपकरण का उपयोग नहीं किया होगा लेकिन वे इंटरकनेक्टेड स्मार्ट उपकरणों का उपयोग करने जा रहे हैं। इसी तरह, प्रधानमंत्री ने कहा कि विशेष छात्रों ने पहले साइकिल का उपयोग नहीं किया होगा, लेकिन वे आज स्मार्ट इलेक्ट्रिक बाइक का उपयोग करने के लिए तैयार हैं। प्रधानमंत्री ने कहा, "भारत का बढ़ता नव-मध्यम वर्ग भारतीय आकांक्षाओं का पावरहाउस बना हुआ है।" उन्होंने जोर देकर कहा कि चिप-निर्माण उद्योग अवसरों से भरा बाजार है और उन्होंने विश्वास व्यक्त करते हुए कहा कि जो लोग जल्दी शुरुआत करते हैं उन्हें दूसरों की तुलना में पहले-पहल लाभ मिलना निश्चित है।
प्रधानमंत्री ने महामारी और रूस-यूक्रेन युद्ध के दुष्प्रभावों का जिक्र करते हुए कहा कि दुनिया को एक विश्वसनीय आपूर्ति श्रृंखला की जरूरत है। उन्होंने कहा, "दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र से ज्यादा भरोसेमंद भागीदार कौन हो सकता है।" उन्होंने भारत के प्रति बढ़ते वैश्विक भरोसे पर खुशी जताई। उन्होंने कहा, “निवेशकों को भारत पर भरोसा है क्योंकि यहां एक स्थिर, जिम्मेदार और सुधारोन्मुखी सरकार है। उद्योग जगत को भारत पर भरोसा है क्योंकि हर क्षेत्र में इंफ्रास्ट्रक्चर का विकास हो रहा है। तकनीकी क्षेत्र भारत पर विश्वास करता है क्योंकि यहां प्रौद्योगिकी बढ़ रही है। सेमीकंडक्टर उद्योग भारत पर भरोसा करता है क्योंकि हमारे पास विशाल प्रतिभा पूल है।” उन्होंने कहा, “कुशल इंजीनियर और डिजाइनर हमारी ताकत हैं। जो कोई भी दुनिया के सबसे जीवंत और एकीकृत बाजार का हिस्सा बनना चाहता है, उसे भारत पर भरोसा है। जब हम जब हम कहते हैं कि मेक इन इंडिया, तो उसमें ये बात भी शामिल है कि आइए, मेक फॉर इंडिया, मेक फॉर द वर्ल्ड।”
प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत अपनी वैश्विक जिम्मेदारियों को समझता है और मित्र देशों के साथ व्यापक रोडमैप पर काम कर रहा है। इसीलिए भारत एक जीवंत सेमीकंडक्टर इकोसिस्टम का निर्माण कर रहा है। हाल ही में राष्ट्रीय क्वांटम मिशन को मंजूरी दी गई। इसके अलावा, नेशनल रिसर्च फाउंडेशन बिल भी संसद में पेश किया जाने वाला है। सेमीकंडक्टर इकोसिस्टम बनाने के लिए इंजीनियरिंग पाठ्यक्रम को नया रूप दिया जा रहा है। उन्होंने बताया कि भारत में 300 से अधिक ऐसे प्रमुख कॉलेजों की पहचान की गई है जहां सेमीकंडक्टर पर पाठ्यक्रम उपलब्ध होंगे। चिप्स टू स्टार्टअप प्रोग्राम से इंजीनियरों को मदद मिलेगी। उन्होंने कहा, “अनुमान है कि अगले 5 वर्षों में हमारे देश में एक लाख से अधिक डिजाइन इंजीनियर तैयार होने वाले हैं। भारत का बढ़ता स्टार्ट-अप इकोसिस्टम सेमीकंडक्टर सेक्टर को भी मजबूत करने जा रहा है।”
एक कंडक्टर और इंसुलेटर की उपमा देते हुए, जहां ऊर्जा कंडक्टर के माध्यम से गुजर सकती है, न कि इंसुलेटर के माध्यम से, प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत सेमीकंडक्टर उद्योग के लिए एक अच्छा ऊर्जा कंडक्टर बनने के लिए हर चेकबॉक्स पर टिक कर रहा है। इस क्षेत्र के लिए बिजली की महत्वपूर्ण आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए, प्रधानमंत्री ने बताया कि भारत की सौर ऊर्जा स्थापित क्षमता पिछले दशक में 20 गुना से अधिक बढ़ गई है और इस दशक के अंत तक 500 गीगावॉट अक्षय ऊर्जा क्षमता का नया लक्ष्य निर्धारित किया गया है। उन्होंने सौर पीवी मॉड्यूल, हरित हाइड्रोजन और इलेक्ट्रोलाइज़र के उत्पादन के लिए उठाए गए प्रमुख कदमों के बारे में भी बताया। उन्होंने जोर देकर कहा कि भारत में हो रहे नीतिगत सुधारों का सेमीकंडक्टर इकोसिस्टम के निर्माण पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। उन्होंने नए विनिर्माण उद्योग के लिए लागू कई करों में छूटों के बारे में भी जानकारी दी और भारत में सबसे कम कॉर्पोरेट कर की दर, फेसलेस और निर्बाध कराधान प्रक्रिया, पुराने कानूनों का उन्मूलन, कारोबारी सुगमता बढ़ाने के लिए अनुपालन और सेमीकंडक्टर उद्योग को विशेष प्रोत्साहन दिये जाने पर भी प्रकाश डाला। श्री मोदी ने कहा कि ये निर्णय और नीतियां इस तथ्य का प्रतिबिंब हैं कि भारत सेमीकंडक्टर उद्योग का जोरदार स्वागत रहा है। उन्होंने कहा, “जैसे-जैसे भारत सुधार की राह पर आगे बढ़ेगा, नए अवसर पैदा होंगे। भारत सेमीकंडक्टर निवेश के लिए एक उत्कृष्ट संवाहक बन रहा है।”
प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला, कच्चे माल, प्रशिक्षित जनशक्ति और मशीनरी की जरूरतों को समझता है। प्रधानमंत्री ने जोर देकर कहा, “जिस क्षेत्र में हमने निजी कारोबारियों के साथ मिलकर काम किया है, उसने नई ऊंचाइयों को छुआ है। चाहे वह अंतरिक्ष क्षेत्र हो या भू-स्थानिक क्षेत्र, हमें हर जगह उत्कृष्ट परिणाम मिले हैं।” उन्होंने प्राप्त किये गए फीडबैक के आधार पर लिए गए महत्वपूर्ण निर्णयों के बारे में भी जानकारी दी। उन्होंने सेमीकॉन इंडिया प्रोग्राम के तहत बढ़ी हुई प्रोत्साहन राशि के बारे में भी बताया। उन्होंने विस्तार से बताया कि अब प्रौद्योगिकी फर्मों को भारत में सेमीकंडक्टर विनिर्माण सुविधाएं स्थापित करने के लिए 50 प्रतिशत वित्तीय सहायता दी जाएगी। श्री मोदी ने कहा, "हम देश के सेमीकंडक्टर सेक्टर के विकास में तेजी लाने के लिए लगातार नीतिगत सुधार कर रहे हैं।"
भारत की जी20 थीम 'एक पृथ्वी, एक परिवार, एक भविष्य' पर विचार करते हुए, प्रधानमंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि भारत को सेमीकंडक्टर विनिर्माण केंद्र बनाने के पीछे भी यही भावना काम करती है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि भारत चाहता है कि उसके कौशल, क्षमता और सामर्थ्य से पूरी दुनिया लाभान्वित हो। उन्होंने वैश्विक भलाई और बेहतर दुनिया के लिए भारत की क्षमता को बढ़ावा देने पर जोर दिया। प्रधानमंत्री ने इस उद्यम में भागीदारी, सुझावों और विचारों का स्वागत किया और उद्योग जगत की हस्तियों को आश्वासन दिया कि भारत सरकार हर कदम पर उनके साथ खड़ी है। संबोधन का समापन करते हुए प्रधानमंत्री ने लाल किले से अपने संबोधन को याद करते हुए कहा, ''यही समय है। यही सही समय है। सिर्फ भारत के लिए ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया के लिए।”
इस अवसर पर गुजरात के मुख्यमंत्री श्री भूपेन्द्र पटेल, केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्री श्री अश्विनी वैष्णव, केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी राज्य मंत्री श्री राजीव चंद्रशेखर, कैडेंस के सीईओ श्री अनिरुद्ध देवगन, फॉक्सकॉन के अध्यक्ष श्री यंग लियू, वेदांता के अध्यक्ष श्री अनिल अग्रवाल, माइक्रोन के सीईओ श्री संजय मेहरोत्रा, एएमडी के सीटीओ श्री मार्क पेपरमास्टर और सेमीकंडक्टर प्रोडक्ट्स ग्रुप एएमएटी के अध्यक्ष श्री प्रभु राजा उपस्थित थे।
पृष्ठभूमि
सम्मेलन का विषय 'भारत के सेमीकंडक्टर इकोसिस्टम को उत्प्रेरित करना' है। इसका उद्देश्य उद्योग, शिक्षा और अनुसंधान संस्थानों की वैश्विक हस्तियों को एक साथ लाना है। यह भारत की सेमीकंडक्टर रणनीति और नीति को प्रदर्शित करता है जो भारत को सेमीकंडक्टर डिजाइन, विनिर्माण और प्रौद्योगिकी विकास के लिए एक वैश्विक केंद्र बनाने की कल्पना करता है। सेमीकॉनइंडिया 2023 में माइक्रोन टेक्नोलॉजी, एप्लाइड मैटेरियल्स, फॉक्सकॉन, एसईएमआई, कैडेंस और एएमडी जैसी प्रमुख कंपनियों के प्रतिनिधि भाग लेंगे।
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