16 अटल आवासीय विद्यालयों का लोकार्पण किया
"काशी संसद सांस्कृतिक महोत्सव जैसे प्रयास इस प्राचीन शहर की सांस्कृतिक जीवंतता को मजबूत करते हैं"
“महादेव के आशीर्वाद से काशी विकास के अभूतपूर्व आयाम गढ़ रही है”
"काशी और संस्कृति एक ही ऊर्जा के दो नाम हैं"
“काशी के हर कोने में संगीत प्रवाहित होता है, आख़िर यह स्वयं नटराज की नगरी है
"2014 में जब मैं यहां आया था, तो मैंने काशी के विकास और विरासत का जो सपना देखा था, वह अब धीरे-धीरे साकार हो रहा है"
"वाराणसी अपनी सर्वसमावेशी भावना के कारण सदियों से शिक्षा का केंद्र रहा है"
"मैं चाहता हूं कि काशी में टूरिस्ट गाइड की संस्कृति बढ़े और काशी के टूरिस्ट गाइड दुनिया में सबसे ज्यादा सम्मानित हों"

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आज उत्तर प्रदेश के वाराणसी में रुद्राक्ष अंतर्राष्ट्रीय सहयोग और सम्मेलन केंद्र में काशी संसद सांस्कृतिक महोत्सव 2023 के समापन समारोह को संबोधित किया। इस अवसर पर प्रधानमंत्री ने उत्तर प्रदेश में करीब 1115 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित 16 अटल आवासीय विद्यालयों का लोकार्पण किया। श्री मोदी ने काशी संसद खेल प्रतियोगिता के पंजीकरण के लिए एक पोर्टल भी लॉन्च किया। उन्होंने काशी संसद सांस्कृतिक महोत्सव के विजेताओं को पुरस्कार भी वितरित किये। कार्यक्रम से पहले प्रधानमंत्री ने अटल आवासीय विद्यालयों के छात्रों से बातचीत भी की।

 

सभा को संबोधित करते हुए, प्रधानमंत्री ने कहा कि भगवान महादेव के आशीर्वाद से काशी का सम्मान लगातार बढ़ रहा है और शहर से जुड़ी नीतियां नई ऊंचाइयों पर पहुंच रही हैं। प्रधानमंत्री ने जी20 शिखर सम्मेलन की सफलता में काशी के योगदान पर प्रकाश डाला और उल्लेख किया कि जो लोग इस शहर में आए हैं, वे काशी की सेवा, स्वाद, संस्कृति और संगीत अपने साथ ले गए हैं। उन्होंने कहा कि जी20 शिखर सम्मेलन की सफलता भगवान महादेव के आशीर्वाद के कारण है।

उन्होंने कहा कि महादेव के आशीर्वाद से, काशी विकास के अभूतपूर्व आयाम गढ़ रही है। आज वाराणसी में हुए अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम के शिलान्यास और 16 अटल आवासीय विद्यालयों के लोकार्पण के बारे में बात करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने काशी व उत्तर प्रदेश के लोगों और श्रमिकों के परिवारों को बधाई दी।

प्रधानमंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि 2014 से इस निर्वाचन क्षेत्र के सांसद के रूप में काशी के विकास के लिए उनका विज़न आखिरकार वास्तविकता बन रहा है। उन्होंने काशी सांस्कृतिक महोत्सव में व्यापक भागीदारी की सराहना की और क्षेत्र की विभिन्न प्रतिभाओं से जुड़ने का अवसर मिलने के लिए आभार व्यक्त किया। यह उल्लेख करते हुए कि यह महोत्सव का केवल पहला संस्करण था, प्रधानमंत्री ने बताया कि लगभग 40,000 कलाकारों ने भाग लिया और लाखों आगंतुक इसे देखने के लिए कार्यक्रम स्थल पर एकत्र हुए। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि काशी संसद सांस्कृतिक महोत्सव जनता के सहयोग से आने वाले समय में अपनी एक नई पहचान बनायेगा। प्रधानमंत्री ने कहा कि काशी दुनिया भर के पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र बन रही है।

श्री मोदी ने कहा कि काशी और संस्कृति एक ही ऊर्जा के दो नाम हैं और काशी को भारत की सांस्कृतिक राजधानी होने का गौरव प्राप्त है। उन्होंने कहा कि यह स्वाभाविक है कि शहर के हर कोने में संगीत प्रवाहित होता है, आखिर यह स्वयं नटराज की नगरी है। महादेव को सभी कला रूपों का स्रोत मानते हुए, प्रधानमंत्री ने कहा कि इन कलाओं को भरत मुनि जैसे प्राचीन संतों द्वारा विकसित किया गया था और एक प्रणाली का रूप दिया गया था। स्थानीय त्योहारों और उत्सवों का उदाहरण देते हुए, प्रधानमंत्री ने कहा कि काशी में सब कुछ संगीत और कला में डूबा हुआ है।

प्रधानमंत्री ने शहर की गौरवशाली शास्त्रीय संगीत संस्कृति और लोकगीतों पर प्रकाश डाला और उल्लेख किया कि यह शहर तबला, शहनाई, सितार, सारंगी और वीणा जैसे संगीत वाद्ययंत्रों का एक मिश्रण है। उन्होंने रेखांकित किया कि वाराणसी ने सदियों से ख्याल, ठुमरी, दादरा, चैती और कजरी की संगीत शैलियों के साथ-साथ गुरु-शिष्य परंपरा को भी संरक्षित किया है, जिसने भारत की मधुर आत्मा को पीढ़ियों तक जीवित रखा है। प्रधानमंत्री ने तेलिया घराना, पियारी घराना और रामापुरा कबीरचौरा मुहल्ला के संगीतकारों का भी उल्लेख किया और कहा कि वाराणसी ने कई महान संगीतकारों को जन्म दिया है, जिन्होंने वैश्विक मंच पर अपनी छाप छोड़ी है। प्रधानमंत्री ने वाराणसी के कई महान संगीतकारों के साथ बातचीत करने का अवसर मिलने के लिए भी आभार व्यक्त किया।

आज लॉन्च हुए काशी सांसद खेल प्रतियोगिता के पोर्टल का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि चाहे खेल प्रतियोगिता हो या काशी संसद सांस्कृतिक महोत्सव, यह काशी में नई परंपराओं की शुरुआत है। उन्होंने घोषणा की कि अब काशी संसद ज्ञान प्रतियोगिता का भी आयोजन किया जाएगा। उन्होंने कहा, "यह प्रयास काशी की संस्कृति, व्यंजन और कला के बारे में जागरूकता बढ़ाने से जुड़ा है।" "काशी संसद ज्ञान प्रतियोगिता का आयोजन काशी के ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में विभिन्न स्तरों पर किया जाएगा।"

प्रधानमंत्री ने कहा कि शहर के लोग काशी के बारे में सबसे अधिक जानकार हैं और प्रत्येक निवासी काशी का सच्चा ब्रांड एंबेसडर है। उन्हें इस ज्ञान को ठीक से संप्रेषित करने में सक्षम बनाने के लिए, प्रधानमंत्री ने गुणवत्तापूर्ण टूरिस्ट गाइडों की प्रणाली को मजबूत करने का प्रस्ताव रखा, जो शहर का ठीक तरह से वर्णन कर सकें। उन्होंने कहा कि इसके लिए काशी संसद टूरिस्ट गाइड प्रतियोगिता भी आयोजित की जाएगी। उन्होंने कहा, “मैं ऐसा करना चाहता हूं, क्योंकि मैं चाहता हूं कि दुनिया मेरी काशी के बारे में जाने। मैं चाहता हूं कि काशी के टूरिस्ट गाइड दुनिया में सबसे अधिक सम्मानित हों।“

इस बात को रेखांकित करते हुए कि दुनिया भर से कई विद्वान संस्कृत सीखने के लिए काशी आते हैं, प्रधानमंत्री ने बताया कि इसी विश्वास को ध्यान में रखते हुए आज 1100 करोड़ रुपये की लागत से अटल आवासीय विद्यालयों का लोकार्पण किया गया है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि इन स्कूलों का उद्घाटन श्रमिकों सहित समाज के कमजोर वर्गों के बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने के लिए किया गया है। प्रधानमंत्री ने कहा, "कोविड महामारी के दौरान अपनी जान गंवाने वालों के बच्चों को इन स्कूलों में निःशुल्क प्रवेश दिया जाएगा।" उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि सामान्य पाठ्यक्रमों के अलावा संगीत, कला, शिल्प, प्रौद्योगिकी और खेल की सुविधाएं भी उपलब्ध कराई जाएंगी। प्रधानमंत्री ने जनजातीय समाज के लिए 1 लाख एकलव्य आवासीय विद्यालयों के विकास का उल्लेख किया। उन्होंने कहा, “नई शिक्षा नीति के साथ, सरकार ने सोच को पूरी तरह से बदल दिया है। स्कूल आधुनिक हो रहे हैं और कक्षाएं स्मार्ट हो रही हैं।“ श्री मोदी ने आधुनिक तकनीक की मदद से देश के हजारों स्कूलों को आधुनिक बनाने के पीएम-श्री अभियान पर प्रकाश डाला।

प्रधानमंत्री ने शहर के लिए अपने सभी प्रयासों में काशी के लोगों के पूर्ण सहयोग की सराहना की।

प्रवासी श्रमिकों के बच्चों की देखभाल के लिए सभी राज्यों को मिलने वाले बजट का जिक्र करते हुए, श्री मोदी ने कहा कि कई राज्यों ने इस धनराशि का उपयोग चुनावी अवसरवादी उद्देश्यों के लिए किया, जबकि उत्तर प्रदेश ने, मुख्यमंत्री योगी जी के नेतृत्व में, इसका उपयोग समाज के गरीब तबके के बच्चों के भविष्य के लिए किया है। प्रधानमंत्री ने आवासीय विद्यालय के छात्रों के आत्मविश्वास की सराहना की। संबोधन के अंत में उन्होंने कहा, "मेरे शब्दों को याद रखें, अगले 10 वर्षों के भीतर आप काशी के गौरव को इन स्कूलों से बाहर आते देखेंगे।"

इस अवसर पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ, उत्तर प्रदेश सरकार के मंत्री तथा अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।

पृष्ठभूमि

काशी की सांस्कृतिक जीवंतता को मजबूत करने के प्रधानमंत्री के विज़न के आधार पर काशी संसद सांस्कृतिक महोत्सव की संकल्पना की गयी है। महोत्सव में 17 विधाओं में 37,000 से अधिक लोगों ने भाग लिया, जिन्होंने गायन, वाद्ययंत्र वादन, नुक्कड़ नाटक, नृत्य आदि में अपने कौशल का प्रदर्शन किया। मेधावी प्रतिभागियों को रुद्राक्ष अंतर्राष्ट्रीय सहयोग और सम्मेलन केंद्र में कार्यक्रम के दौरान अपने सांस्कृतिक कौशल का प्रदर्शन करने का मौका मिलेगा।

गुणवत्तापूर्ण शिक्षा तक पहुंच को और विस्तार देने के उद्देश्य से, उत्तर प्रदेश में लगभग 1115 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित 16 अटल आवासीय विद्यालय विशेष रूप से कोविड-19 महामारी के कारण प्रभावित मजदूरों, निर्माण श्रमिकों और अनाथ बच्चों के लिए शुरू किए गए हैं। इसका उद्देश्य गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करना और बच्चों के समग्र विकास में मदद करना है। प्रत्येक स्कूल 10-15 एकड़ के क्षेत्र में निर्मित किया गया है, जिसमें कक्षाएँ, खेल मैदान, मनोरंजन क्षेत्र, एक मिनी सभागार, छात्रावास परिसर, मेस और कर्मचारियों के लिए आवासीय फ्लैट हैं। इन आवासीय विद्यालयों में से प्रत्येक में 1,000 छात्रों को समायोजित करने का लक्ष्य रखा गया है।

 

पूरा भाषण पढ़ने के लिए यहां क्लिक कीजिए

Explore More
140 करोड़ देशवासियों का भाग्‍य बदलने के लिए हम कोई कोर-कसर नहीं छोड़ेंगे: स्वतंत्रता दिवस पर पीएम मोदी

लोकप्रिय भाषण

140 करोड़ देशवासियों का भाग्‍य बदलने के लिए हम कोई कोर-कसर नहीं छोड़ेंगे: स्वतंत्रता दिवस पर पीएम मोदी
PLI, Make in India schemes attracting foreign investors to India: CII

Media Coverage

PLI, Make in India schemes attracting foreign investors to India: CII
NM on the go

Nm on the go

Always be the first to hear from the PM. Get the App Now!
...
PM Modi visits the Indian Arrival Monument
November 21, 2024

Prime Minister visited the Indian Arrival monument at Monument Gardens in Georgetown today. He was accompanied by PM of Guyana Brig (Retd) Mark Phillips. An ensemble of Tassa Drums welcomed Prime Minister as he paid floral tribute at the Arrival Monument. Paying homage at the monument, Prime Minister recalled the struggle and sacrifices of Indian diaspora and their pivotal contribution to preserving and promoting Indian culture and tradition in Guyana. He planted a Bel Patra sapling at the monument.

The monument is a replica of the first ship which arrived in Guyana in 1838 bringing indentured migrants from India. It was gifted by India to the people of Guyana in 1991.