"युवा शक्ति विकसित भारत का आधार है"
महादेव के आशीर्वाद से पिछले 10 वर्षों से काशी में 'विकास का डमरू' गूंज रहा है
"काशी हमारी आस्था का तीर्थ ही नहीं है, बल्कि यह भारत की शाश्वत चेतना का जाग्रत केंद्र भी है"
"विश्वनाथ धाम एक निर्णायक दिशा देगा और भारत को उज्ज्वल भविष्य की ओर ले जाएगा"
"नई काशी नए भारत के लिए प्रेरणा बन कर उभरी है"
“भारत एक विचार है, और संस्कृत इसकी मुख्य अभिव्यक्ति है; भारत एक यात्रा है, संस्कृत उसके इतिहास का मुख्य अध्याय है; भारत विविधता में एकता की भूमि है और संस्कृत इसका उद्गम है"
आज काशी विरासत और विकास के मॉडल के रूप में देखी जा रही है, आज दुनिया देख रही है कि कैसे आधुनिकता परंपराओं और आध्यात्मिकता के इर्द-गिर्द फैलती है।''
"काशी और कांची में वेदों का पाठ 'एक भारत, श्रेष्ठ भारत' का स्वर है"

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी आज वाराणसी में बनारस हिंदू विश्वविद्यालय के स्वतंत्रता सभागार में सांसद संस्कृत प्रतियोगिता के पुरस्कार वितरण समारोह में शामिल हुए। उन्होंने काशी सांसद प्रतियोगिता पर पुस्तिका और एक कॉफी टेबल बुक का भी विमोचन किया। प्रधानमंत्री ने काशी सांसद ज्ञान प्रतियोगिता, काशी सांसद फोटोग्राफी प्रतियोगिता और काशी सांसद संस्कृत प्रतियोगिता के विजेताओं को पुरस्कार प्रदान किए और वाराणसी के संस्कृत छात्रों को पुस्तकें, यूनीर्फाम, संगीत वाद्ययंत्र और योग्यता छात्रवृत्ति भी वितरित की। उन्होंने काशी सांसद फोटोग्राफी प्रतियोगिता गैलरी का भी दौरा किया और प्रतिभागियों के साथ "संवर्ती काशी" विषय पर उनकी फोटोग्राफ प्रविष्टियों के साथ प्रतिभागियों से बातचीत की।

उपस्थित जनों को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने युवा विद्वानों के बीच उपस्थित होने पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि यह अनुभूति ज्ञान की गंगा में डुबकी लगाने जैसी है। उन्होंने युवा पीढ़ी के प्रयासों की सराहना की और कहा कि ये लोग प्राचीन शहर की पहचान को मजबूत कर रहे हैं। प्रधानमंत्री श्री मोदी ने कहा कि यह गर्व और संतोष की बात है कि भारत के युवा अमृत काल में देश को नई ऊंचाइयों पर ले जाएंगे। उन्होंने कहा, "काशी शाश्वत ज्ञान की राजधानी है" और यह पूरे देश के लिए गर्व की बात है कि काशी की क्षमताएं और स्वरूप फिर से अपना गौरव हासिल कर रहे हैं। उन्होंने आज काशी सांसद ज्ञान प्रतियोगिता, काशी सांसद फोटोग्राफी प्रतियोगिता और काशी सांसद संस्कृत प्रतियोगिता के विजेताओं को पुरस्कृत करने का उल्लेख करते हुए विजेताओं को बधाई दी। उन्होंने उन लोगों को भी प्रोत्साहित किया जो विजेताओं की सूची में जगह नहीं बना सके हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि इन प्रतियोगिता में "कोई भी प्रतिभागी पराजित या पिछड़ नहीं गया है, बल्कि सभी ने इस अनुभव से कुछ न कुछ सीखा है", इस प्रकार सभी प्रतिभागी प्रशंसा के पात्र हैं। प्रधानमंत्री ने काशी के सांसद के रूप में उनके दृष्टिकोण को आगे बढ़ाने के लिए श्री काशी विश्वनाथ मंदिर न्यास, काशी विद्वत परिषद और विद्वानों को धन्यवाद दिया। उन्होंने यह भी कहा कि आज जारी की गई कॉफी टेबल बुक पिछले 10 वर्षों में काशी के कायाकल्प की कहानी बताती हैं।

पिछले 10 वर्षों में काशी की प्रगति को स्वीकार करते हुए, प्रधानमंत्री ने कहा कि हम सभी भगवान महादेव की इच्छा के साधन मात्र हैं। उन्होंने कहा कि महादेव के आशीर्वाद से पिछले 10 वर्षों से काशी में 'विकास का डमरू' गूंज रहा है। प्रधानमंत्री ने करोड़ों रुपये की परियोजनाओं का उल्लेख करते हुए कहा कि शिवरात्रि और रंगभरी एकादशी से पहले आज काशी विकास का उत्सव मना रही है। उन्होंने कहा कि सभी ने 'विकास की गंगा' से हुए परिवर्तन को देखा है।

प्रधानमंत्री श्री मोदी ने कहा, ''काशी सिर्फ आस्था का ही केंद्र नहीं है बल्कि यह भारत की शाश्वत चेतना का जाग्रत केंद्र भी है।'' उन्होंने कहा कि विश्व में भारत की प्राचीन प्रतिष्ठा केवल आर्थिक शक्ति पर आधारित नहीं थी बल्कि उसके पीछे उसकी सांस्कृतिक, आध्यात्मिक और सामाजिक समृद्धि थी। उन्होंने संस्कृति और आध्यात्मिकता के स्थानों के साथ भारत की ज्ञान परंपरा के संबंधों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि काशी और विश्वनाथ धाम जैसे 'तीर्थ' देश के विकास की 'यज्ञशाला' थे। अपनी बात को काशी के उदाहरण के माध्यम से समझाते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि काशी शिव की भूमि होने के साथ-साथ बुद्ध की शिक्षास्थली भी है; जैन तीर्थंकरों की जन्मस्थली के साथ-साथ आदि शंकराचार्य की ज्ञानस्थली भी है। उन्होंने काशी के महानगरीय आकर्षण पर भी प्रकाश डाला क्योंकि पूरे देश और दुनिया के अन्य हिस्सों से बड़ी संख्या में लोग काशी आते हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि “ऐसी विविधता वाले स्थान पर नए आदर्श जन्म लेते हैं और नए विचार प्रगति की संभावना को पोषित करते हैं।”

काशी विश्वनाथ धाम के उद्घाटन के दौरान अपने संबोधन का स्मरण करते हुए और आज इस विश्वास की पुष्टि करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि विश्वनाथ धाम एक निर्णायक दिशा प्रदान करेगा और भारत को उज्ज्वल भविष्य की ओर ले जाएगा। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि विश्वनाथ धाम कॉरिडोर आज एक विद्वत घोषणा का गवाह बन रहा है, साथ ही न्याय के ग्रंथों में वर्णित परंपराओं को भी पुनर्जीवित कर रहा है। प्रधानमंत्री ने कहा, "काशी में शास्त्रीय स्वरों के साथ-साथ धार्मिक संवाद भी सुना जा सकता है।" उन्होंने कहा कि यह विचारों के आदान-प्रदान को प्रोत्साहित करेगा, प्राचीन ज्ञान को संरक्षित करने के साथ-साथ नई विचारधाराओं का निर्माण भी करेगा। उन्होंने कहा कि काशी सांसद संस्कृत प्रतियोगिता और काशी संसद ज्ञान प्रतियोगिता ऐसे प्रयासों का हिस्सा हैं जहां संस्कृत पढ़ने के इच्छुक हजारों युवाओं को छात्रवृत्ति के साथ-साथ किताबें, कपड़े और अन्य आवश्यक संसाधन उपलब्ध कराए जा रहे हैं तथा शिक्षकों की भी मदद की जा रही है। श्री मोदी ने कहा, "विश्वनाथ धाम भी काशी तमिल संगमम और गंगा पुष्करुलु महोत्सव जैसे 'एक भारत, श्रेष्ठ भारत' अभियान का हिस्सा बन गया है।" उन्होंने कहा कि आस्था का यह केंद्र आदिवासी सांस्कृतिक कार्यक्रमों के माध्यम से सामाजिक समावेशन के संकल्प को मजबूत कर रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि काशी के विद्वानों और विद्वत परिषद द्वारा प्राचीन ज्ञान पर आधुनिक विज्ञान की दृष्टि से नए-नए शोध भी किए जा रहे हैं। प्रधानमंत्री ने मंदिर ट्रस्ट द्वारा शहर में कई स्थानों पर नि:शुल्क भोजन की व्यवस्था करने का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा, "नई काशी नए भारत के लिए एक प्रेरणा बनकर उभरी है", उन्होंने इस बात पर भी प्रकाश डाला कि आस्था का केंद्र किस प्रकार सामाजिक और राष्ट्रीय संकल्पों के लिए ऊर्जा का केंद्र बन सकता है। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि यहां से निकलने वाले युवा पूरे विश्व में भारतीय ज्ञान, परंपरा और संस्कृति के ध्वजवाहक बनेंगे।

प्रधानमंत्री श्री मोदी ने कहा, ''हमारे ज्ञान, विज्ञान और अध्यात्म के विकास में जिन भाषाओं ने सबसे बड़ा योगदान दिया है, उनमें संस्कृत सबसे प्रमुख है। भारत एक विचार है और संस्कृत इसकी मुख्य अभिव्यक्ति है। भारत एक यात्रा है, संस्कृत इसके इतिहास का मुख्य अध्याय है। भारत विविधता में एकता की भूमि है, संस्कृत इसका उद्गम है।” प्रधानमंत्री ने उस समय का स्मरण किया जब संस्कृत खगोल विज्ञान, गणित, चिकित्सा, साहित्य, संगीत और कला में अनुसंधान की मुख्य भाषा थी। उन्होंने कहा कि भारत को अपनी पहचान इन्हीं विधाओं से मिली है। उन्होंने कहा कि काशी और कांची में वेदों का पाठ 'एक भारत, श्रेष्ठ भारत' का स्वर है।

 

प्रधानमंत्री श्री मोदी ने कहा, ''आज काशी को विरासत और विकास के मॉडल के रूप में देखा जा रहा है। आज दुनिया देख रही है कि आधुनिकता किस प्रकार परंपराओं और आध्यात्मिकता के इर्द-गिर्द कैसे फैलती है।” उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि कैसे नवनिर्मित मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद अयोध्या काशी की तरह ही समृद्ध हो रही है। प्रधानमंत्री श्री मोदी ने कुशीनगर में अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे का उल्लेख किया और देश में भगवान बुद्ध से जुड़े स्थानों पर आधुनिक बुनियादी ढांचे और सुविधाओं को विकसित करने के सरकार के प्रयासों पर प्रकाश डाला। प्रधानमंत्री ने इस बात पर भी जोर दिया कि अगले 5 वर्षों में देश विकास को नई गति देगा और सफलता के नए प्रतिमान करेगा। “यह मोदी की गारंटी है, और मोदी की गारंटी का मतलब गारंटी के पूरा होने की गारंटी है। प्रधानमंत्री ने कहा कि मतदान के माध्यम से चुनी गई प्रदर्शनी की सर्वश्रेष्ठ तस्वीरों को पर्यटकों के लिए पिक्चर पोस्टकार्ड के रूप में उपयोग किया जाना चाहिए। उन्होंने एक स्केचिंग प्रतियोगिता आयोजित करने और उसके सर्वश्रेष्ठ स्केचों का पिक्चर पोस्टकार्ड बनाने में उपयोग करने का भी सुझाव दिया। उन्होंने काशी के राजदूत और दुभाषिए तैयार करने के लिए एक गाइड प्रतियोगिता आयोजित करने के बारे में अपने सुझाव को भी दोहराया। प्रधानमंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि काशी के लोग इसकी सबसे बड़ी ताकत हैं। उन्होंने प्रत्येक काशीवासी की एक सेवक और एक मित्र के रूप में मदद करने के अपने संकल्प को दोहराया।

इस अवसर पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ उत्तर प्रदेश सरकार के मंत्रियों के साथ उपस्थित थे।

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PM Modi congratulates hockey team for winning Women's Asian Champions Trophy
November 21, 2024

The Prime Minister Shri Narendra Modi today congratulated the Indian Hockey team on winning the Women's Asian Champions Trophy.

Shri Modi said that their win will motivate upcoming athletes.

The Prime Minister posted on X:

"A phenomenal accomplishment!

Congratulations to our hockey team on winning the Women's Asian Champions Trophy. They played exceptionally well through the tournament. Their success will motivate many upcoming athletes."