प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आज हिंदुस्तान टाइम्स लीडरशिप समिट 2023 को संबोधित किया।
सभा को संबोधित करते हुए, प्रधानमंत्री ने हिंदुस्तान टाइम्स लीडरशिप समिट 2023 में उन्हें आमंत्रित करने के लिए एचटी समूह को धन्यवाद दिया। श्री मोदी ने इस बात पर प्रकाश डाला कि कैसे एचटी समूह ने हमेशा इस लीडरशिप समिट के विषयों के जरिए भारत के आगे बढ़ने के संदेश को आगे बढ़ाया है। उन्होंने इस समिट के विषय ‘रीशेपिंग इंडिया’को याद किया, जब वर्तमान सरकार 2014 में सत्ता में आई थी। उन्होंने कहा कि इस समूह को इस बात की पूर्वदृष्टि थी कि बड़े बदलाव होने वाले हैं और भारत को नया आकार मिलने वाला है। उन्होंने यह भी याद किया कि ‘बेहतर कल के लिए बातचीत’ शीर्षक विषय तब रखा गया था जब वर्तमान सरकार 2019 में और भी बड़े बहुमत से जीतने के बाद सत्ता में एक बार फिर से बहाल हुई थी। अब 2023 में, जब आम चुनाव नजदीक हैं, श्री मोदी ने इस समिट के ‘ब्रेकिंग बैरियर्स’ शीर्षक विषय और इसके इस अंतर्निहित संदेश पर प्रकाश डालते हुए कहा कि वर्तमान सरकार सभी रिकॉर्ड तोड़ देगी और आगामी आम चुनावों में विजयी होगी। श्री मोदी ने कहा, “2024 के आम चुनाव के नतीजे बाधाओं से परे होंगे।”
प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत की ‘रीशेपिंग इंडिया’ से लेकर ‘बाधाओं से परे’ तक की यात्रा ने देश के आगामी उज्ज्वल भविष्य की नींव रखी है। लंबे समय से भारत द्वारा सामना किए गए विभिन्न बाधाओं को ध्यान में रखते हुए, उन्होंने कहा कि इसी नींव पर एक विकसित, भव्य और समृद्ध भारत का निर्माण किया जाएगा। उन्होंने कहा कि गुलामी के लंबे दौर और हमलों ने देश को कई बंधनों में जकड़ दिया था। भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन को याद करते हुए, श्री मोदी ने कहा कि उस दौरान उठे ज्वार के साथ-साथ जनता में जोश और सामूहिकता की भावना ने ऐसे कई बंधनों को तोड़ दिया। उन्होंने कहा कि उम्मीद थी कि आजादी के बाद भी यही गति जारी रहेगी। उन्होंने कहा, “दुर्भाग्य से ऐसा नहीं हुआ। हमारा देश अपनी क्षमता के अनुरूप विकास नहीं कर सका।” उन्होंने बताया कि मानसिक बाधा कई समस्याओं में से एक थी। स्वतंत्र भारत के सामने आने वाली कुछ समस्याएं जहां वास्तविक थीं, वहीं कुछ अन्य समस्याएं कथित थीं और बाकी को बढ़ा-चढ़ाकर पेश किया गया था।
प्रधानमंत्री ने इस बात पर राहत जताई कि 2014 के बाद भारत इन बाधाओं को तोड़ने के लिए लगातार मेहनत कर रहा है। हमने कई बाधाएं पार की हैं और अब हम बाधाओं से परे जाने की बात कर रहे हैं। उन्होंने बताया,“आज, भारत चंद्रमा के उस हिस्से पर पहुंच गया है जहां पहले कोई नहीं पहुंच सका था। आज भारत हर बाधा को तोड़कर डिजिटल लेनदेन में नंबर एक बन गया है। वह मोबाइल के उत्पादन में अग्रणी है, स्टार्टअप के मामले में दुनिया के शीर्ष तीन देशों में मजबूती से खड़ा है और कुशल लोगों का एक समूह बना रहा है।” उन्होंने आगे कहा कि आज, भारत जी20 शिखर सम्मेलन जैसे वैश्विक आयोजनों में अपना परचम लहरा रहा है और हर बाधा को तोड़ रहा है।
प्रधानमंत्री ने लेखक और राजनेता अल्लामा इकबाल की गजल की एक पंक्ति ‘सितारों के आगे जहां और भी हैं’ पढ़ी और कहा कि भारत इतने पर ही रुकने वाला नहीं है।
प्रधानमंत्री ने बताया कि सोच और मानसिकता देश की सबसे बड़ी बाधाएं थीं, जिसके कारण पिछली सरकारों के लापरवाह दृष्टिकोण की आलोचना होती थी और उनका उपहास किया जाता था। समय की पाबंदी, भ्रष्टाचार और निम्नस्तरीय सरकारी प्रयासों पर प्रकाश डालते हुए, प्रधानमंत्री ने इस तथ्य को रेखांकित किया कि कुछ घटनाएं पूरे देश को मानसिक बाधाओं को तोड़कर आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करती हैं। उन्होंने बताया कि कैसे महात्मा गांधी द्वारा शुरू किए गए दांडी मार्च ने देश को प्रेरित किया और भारत की आजादी के लिए संघर्ष की लौ जलाई। प्रधानमंत्री मोदी ने इस बात पर जोर दिया कि चंद्रयान 3 की सफलता ने प्रत्येक नागरिक में गर्व और आत्मविश्वास की भावना पैदा की है और उन्हें हर क्षेत्र में आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया है। प्रधानमंत्री ने कहा, “आज, प्रत्येक भारतीय आत्मविश्वास से भरा हुआ है।" उन्होंने याद किया कि कैसे प्रधानमंत्री ने अपने स्वतंत्रता दिवस के भाषण के दौरान लाल किले से स्वच्छता, शौचालय और साफ-सफाई के मुद्दों को उठाया था जिससे मानसिकता में बदलाव आया। श्री मोदी ने कहा, “स्वच्छता अब एक जन आंदोलन बन गया है।” उन्होंने आगे बताया कि पिछले 10 वर्षों में खादी की बिक्री तीन गुना बढ़ गई है।
प्रधानमंत्री मोदी ने इस तथ्य को रेखांकित किया कि जन धन बैंक खाते गरीबों के बीच मानसिक बाधाओं को तोड़ने और उनके गौरव एवं आत्म-सम्मान को फिर से मजबूत करने का एक माध्यम बन गए हैं। उन्होंने उस नकारात्मक मानसिकता की ओर इशारा किया जिसमें बैंक खातों को केवल अमीरों की चीज माना जाता था। उन्होंने बताया कि कैसे जन धन योजना ने बैंकों को गरीबों के दरवाजे तक लाकर और बैंकिंग सेवा को अधिक सुलभ बना दिया। उन्होंने गरीबों के लिए सशक्तिकरण का स्रोत बनने वाले रुपे कार्ड के व्यापक उपयोग की भी चर्चा की। प्रधानमंत्री ने कहा, “जो लोग एसी कमरों में बैठते हैं और आंकड़ों एवं कहानियों से प्रेरित होते हैं वे गरीबों के मनोवैज्ञानिक सशक्तिकरण को कभी नहीं समझ सकते हैं।” भारत की सीमाओं के बाहर मानसिकता में हुए बदलाव पर प्रकाश डालते हुए, श्री मोदी ने आतंकवाद के कृत्यों के दौरान खुद की रक्षा करने, जलवायु कार्रवाई से संबंधित संकल्पों के मामले में अगवाई करने और निर्धारित समय सीमा से पहले वांछित परिणाम प्राप्त करने की भारत की बढ़ती क्षमता का उल्लेख किया। प्रधानमंत्री ने खेल के क्षेत्र में भारत के शानदार प्रदर्शन पर भी प्रकाश डाला और इस उपलब्धि का श्रेय मानसिकता में बदलाव को दिया।
प्रधानमंत्री ने कहा, “भारत में सामर्थ्य और संसाधनों की कोई कमी नहीं है।” गरीबी की वास्तविक बाधा पर प्रकाश डालते हुए, प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि इसे नारों से नहीं बल्कि समाधान, नीतियों और नीयत से हराया जा सकता है। उन्होंने पिछली सरकारों की उस सोच पर अफसोस जताया जो गरीबों को सामाजिक या आर्थिक रूप से प्रगति करने में सक्षम नहीं बनाती थी। इस तथ्य को रेखांकित करते हुए कि गरीब बुनियादी सुविधाओं के रूप में मिलने वाले समर्थन से गरीबी पर काबू पाने में सक्षम हैं, प्रधानमंत्री ने कहा कि गरीबों को सशक्त बनाना केन्द्र सरकार की सबसे बड़ी प्राथमिकता रही है। उन्होंने कहा, “सरकार ने न सिर्फ लोगों का जीवन बदला है, बल्कि गरीबों को गरीबी से उबरने में भी मदद की है।” उन्होंने बताया कि पिछले पांच वर्षों में ही 13 करोड़ से अधिक लोग गरीबी से बाहर आये हैं। उन्होंने कहा कि देश में 13 करोड़ लोग सफलतापूर्वक गरीबी की दीवार तोड़कर नव-मध्यम वर्ग का हिस्सा बन गये हैं।
भाई-भतीजावाद की बाधा के बारे में बोलते हुए, श्री मोदी ने बताया कि, चाहे वह खेल हो, विज्ञान हो, राजनीति हो या यहां तक कि पद्म पुरस्कार भी हो, उसमें आम लोगों की कोई भूमिका नहीं होती थी और सफल होना तभी संभव था जब कोई व्यक्ति कुछ खास समूहों से जुड़ा हो। उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि सामान्य नागरिक अब स्वयं को सशक्त एवं प्रोत्साहित महसूस करने लगा है और उन्होंने दृष्टिकोण में इस बदलाव का श्रेय सरकार को दिया। उन्होंने कहा, “कल के गुमनाम नायक आज देश के नायक हैं।”
भारत द्वारा देश में आधुनिक बुनियादी ढांचे की बाधा से निपटने की दिशा में किए जा रहे प्रयासों की ओर ध्यान आकर्षित करते हुए, प्रधानमंत्री ने दुनिया के सबसे बड़े बुनियादी ढांचे के अभियान पर प्रकाश डाला। बुनियादी ढांचे के विकास के मामले में भारत की गति और पैमाने को रेखांकित करने के लिए, प्रधानमंत्री मोदी ने राजमार्गों के निर्माण की गति 2013-14 में 12 किलोमीटर से बढ़कर 2022-23 में 30 किलोमीटर होने, मेट्रो कनेक्टिविटी को 2014 में 5 शहरों से बढ़ाकर 2023 में 20 शहरों तक ले जाने, हवाई अड्डों की संख्या 2014 में 70 से बढ़कर आज लगभग 150 होने, मेडिकल कॉलेज की संख्या 2014 में 380 से आज 700 से अधिक होने, ग्राम पंचायतों को जोड़ने के लिए 2023 में ऑप्टिकल फाइबर का विस्तार 350 किलोमीटर से बढ़कर छह लाख किलोमीटर तक होने, चार लाख किलोमीटर सड़कों का निर्माण करके 2014 में 55 प्रतिशत गांवों से बढ़कर 99 प्रतिशत गांवों को पीएम ग्राम सड़क योजना के तहत जोड़े जाने का उल्लेख किया। प्रधानमंत्री ने यह भी बताया कि आजादी के बाद से सिर्फ 20,000 किलोमीटर रेलवे लाइनों का विद्युतीकरण किया गया था, जबकि पिछले 10 वर्षों में लगभग 40,000 किलोमीटर रेलवे लाइनों का विद्युतीकरण किया गया है। उन्होंने कहा,“यही आज के भारत के विकास की गति और पैमाना है। यह भारत की सफलता का एक प्रतीक है।”
उन्होंने कहा कि पिछले कुछ वर्षों में भारत कई कथित बाधाओं से बाहर निकल आया है। हमारे नीति-निर्माताओं और राजनीतिक विशेषज्ञों का मानना था कि अच्छी अर्थव्यवस्था अच्छी राजनीति नहीं हो सकती। कई सरकारों ने भी इसे सच मान लिया था जिसके कारण हमारे देश को राजनीतिक और आर्थिक दोनों मोर्चों पर समस्याओं का सामना करना पड़ा। लेकिन, हम अच्छी अर्थव्यवस्था और अच्छी राजनीति को एक साथ लेकर आये। भारत की आर्थिक नीतियों ने देश में प्रगति के नये रास्ते खोले। उन्होंने कहा कि जनता को दीर्घकालिक लाभ देने वाली नीतियां उस समय चुनी गईं जब बैंकिंग संकट, जीएसटी के कार्यान्वयन और कोविड महामारी से निपटने के लिए समाधान की आवश्यकता थी।
प्रधानमंत्री ने कथित बाधा के एक और उदाहरण के रूप में हाल ही में पारित नारी शक्ति वंदन अधिनियम का उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि जिस विधेयक को दशकों तक लटका कर रखा गया और यह लगता था कि यह कभी पारित नहीं होगा, वह आज एक सच्चाई बन गया है।
उन्होंने कहा कि पिछली सरकारों ने राजनीतिक लाभ के लिए कई समस्याओं को बढ़ा-चढ़ाकर पेश किया। जम्मू एवं कश्मीर में अनुच्छेद 370 का उदाहरण देते हुए, उन्होंने कहा कि पहले, हर किसी को यह विश्वास दिलाने के लिए एक मनोवैज्ञानिक दबाव बनाया गया था कि इसे रद्द नहीं किया जा सकता है। उन्होंने आगे कहा कि इसके निरस्त होने से प्रगति और शांति का मार्ग प्रशस्त हुआ है। उन्होंने कहा,“लाल चौक की तस्वीरें बताती हैं कि कैसे जम्मू एवं कश्मीर का कायाकल्प हो रहा है। आज इस केन्द्र-शासित प्रदेश में आतंकवाद खत्म हो रहा है और पर्यटन लगातार बढ़ रहा है। हम जम्मू एवं कश्मीर को नई ऊंचाइयों पर ले जाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।”
मीडिया जगत के गणमान्य लोगों की उपस्थिति को ध्यान में रखते हुए, प्रधानमंत्री ने 2014 के बाद से ब्रेकिंग न्यूज की प्रासंगिकता और उसमें हुए बदलाव पर प्रकाश डाला। विभिन्न रेटिंग एजेंसियों द्वारा 2013 के दौरान भारत की जीडीपी की वृद्धि दर से संबंधित पूर्वानुमानों को नीचे की ओर दर्शाए जाने को याद करते हुए, प्रधानमंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि ठीक इसके विपरीत आज भारत के विकास संबंधी पूर्वानुमान को ऊपर की ओर बढ़ता हुआ देखा जा रहा है। पूर्व की स्थितियों से तुलना करते हुए, प्रधानमंत्री ने 2013 के दौरान बैंकों की नाजुक स्थिति और 2023 में भारतीय बैंकों द्वारा अब तक का सबसे अच्छा मुनाफा कमाने और 2013 में हेलिकॉप्टर घोटाले से लेकर 2013-14 के बाद से भारत के रक्षा निर्यात में रिकॉर्ड बीस गुना वृद्धि का उल्लेख किया। उन्होंने कहा, “भारत ने रिकॉर्ड घोटालों से रिकॉर्ड निर्यात तक एक लंबा रास्ता तय किया है।”
प्रधानमंत्री मोदी ने 2013 में मध्यम वर्ग पर प्रतिकूल प्रभाव डालने वाली कठोर आर्थिक स्थितियों के बारे में राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय प्रकाशनों की नकारात्मक सुर्खियों का उल्लेख किया। प्रधानमंत्री ने कहा कि लेकिन आज स्टार्टअप हो, खेल हो, अंतरिक्ष हो या प्रौद्योगिकी, भारत की विकास यात्रा में मध्यम वर्ग तेज गति से आगे बढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि उनकी आय में वृद्धि हुई है और बताया कि 2023 में 7.5 करोड़ से अधिक लोगों ने आयकर दाखिल किया है, जोकि 2013-14 में 4 करोड़ से अधिक है। उन्होंने बताया कि कर सूचना से संबंधित एक अध्ययन से पता चलता है कि औसत आय जो 2014 में 4.5 लाख रुपये से कम थी, वह 2023 में बढ़कर 13 लाख रुपये हो गई है और इसके परिणामस्वरूप लाखों लोग निम्न आय वर्ग से आगे बढ़कर उच्च आय वर्ग में शामिल हो रहे हैं। एक राष्ट्रीय दैनिक में प्रकाशित एक आर्थिक रिपोर्ट के एक दिलचस्प तथ्य का हवाला देते हुए, प्रधानमंत्री ने बताया कि यदि 5.5 लाख रुपये से 25 लाख रुपये के वेतन वर्ग में कमाने वाले लोगों की कुल आय को जोड़ दिया जाए, तो यह आंकड़ा वर्ष 2011-12 में लगभग 3.25 लाख करोड़ रुपये से बढ़कर 2021 तक 14.5 लाख करोड़ रुपये हो गया, जोकि पांच गुना वृद्धि है। उन्होंने स्पष्ट किया कि ये आंकड़े केवल वेतनभोगी आय के विश्लेषण पर आधारित हैं, किसी अन्य स्रोत पर नहीं।
प्रधानमंत्री ने मध्यम वर्ग के बढ़ते आकार और गरीबी में कमी को इस विशाल आर्थिक चक्र के दो प्रमुख कारकों का आधार माना। उन्होंने कहा कि गरीबी से बाहर आने वाले लोग, नव-मध्यम वर्ग, देश के उपभोग में वृद्धि को गति दे रहे हैं। मध्यम वर्ग इस मांग को पूरा करने की जिम्मेदारी लेते हुए अपनी आय बढ़ा रहा है, यानी गरीबी दर घटने से मध्यम वर्ग को भी फायदा हो रहा है। उन्होंने कहा कि इन्हीं लोगों की आकांक्षाएं और इच्छाशक्ति हमारे देश के विकास को शक्ति दे रही है। उनकी शक्ति ने आज भारत को दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बना दिया है। उन्होंने आश्वस्त किया कि भारत जल्द ही दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा।
अपने संबोधन का समापन करते हुए, प्रधानमंत्री ने कहा कि अमृत काल में भारत 2047 तक विकसित राष्ट्र बनने के लक्ष्य को पूरा करने के लिए काम कर रहा है। उन्होंने विश्वास जताया कि भारत हर बाधा को सफलतापूर्वक पार कर लेगा। प्रधानमंत्री ने कहा, “आज, गरीब से गरीब व्यक्ति से लेकर दुनिया के सबसे अमीर व्यक्ति तक, यह मानने लगे हैं कि यह भारत का वक्त है।" उन्होंने कहा कि आत्मविश्वास प्रत्येक भारतीय की सबसे बड़ी शक्ति है। उन्होंने कहा, “इस शक्ति के बल पर हम किसी भी बाधा के पार जा सकते हैं।” उन्होंने यह विश्वास व्यक्त करते हुए अपना संबोधन समाप्त किया कि 2047 में आयोजित होने वाले हिंदुस्तान टाइम्स लीडरशिप समिट का विषय होगा - विकसित राष्ट्र, इससे आगे क्या?
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