Quote“2024 के आम चुनाव के नतीजे बाधाओं से परे होंगे”
Quote“स्वतंत्रता आंदोलन के दौरान जो ज्वार उठा, उसने जनता में जोश एवं सामूहिकता की भावना भर दी और कई बाधाओं को तोड़ दिया”
Quote“चंद्रयान 3 की सफलता ने प्रत्येक नागरिक में गर्व और आत्मविश्वास की भावना पैदा की है और उन्हें हर क्षेत्र में आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया है”
Quote“आज हर भारतीय आत्मविश्वास से भरा हुआ है”
Quote“जनधन बैंक खाते गरीबों के बीच मानसिक बाधाओं को तोड़ने और उनके गौरव एवं आत्मसम्मान को फिर से मजबूत करने का माध्यम बने”
Quote“सरकार ने न सिर्फ लोगों का जीवन बदला है, बल्कि गरीबों को गरीबी से उबरने में भी मदद की है”
Quote“सामान्य नागरिक अब स्वयं को सशक्त एवं प्रोत्साहित महसूस करने लगा है”
Quote“आज के भारत के विकास की गति और पैमाना इसकी सफलता का प्रतीक है”
Quote“जम्मू एवं कश्मीर में अनुच्छेद 370 को निरस्त करने से प्रगति और शांति का मार्ग प्रशस्त हुआ है”
Quote“भारत ने रिकॉर्ड घोटालों से रिकॉर्ड निर्यात तक एक लंबा रास्ता तय किया है”
Quote“स्टार्टअप हो, खेल हो, अंतरिक्ष हो या प्रौद्योगिकी, भारत की विकास यात्रा में मध्यम वर्ग तेज गति से आगे बढ़ रहा है”
Quote“नव-मध्यम वर्ग देश के उपभोग में वृद्धि को गति दे रहा है”
Quote“आज, गरीब से गरीब व्यक्ति से लेकर दुनिया के सबसे अमीर व्यक्ति तक, यह मानने लगे हैं कि यह भारत का वक्त है”

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आज हिंदुस्तान टाइम्स लीडरशिप समिट 2023 को संबोधित किया।

सभा को संबोधित करते हुए, प्रधानमंत्री ने हिंदुस्तान टाइम्स लीडरशिप समिट 2023 में उन्हें आमंत्रित करने के लिए एचटी समूह को धन्यवाद दिया। श्री मोदी ने इस बात पर प्रकाश डाला कि कैसे एचटी समूह ने हमेशा इस लीडरशिप समिट के विषयों के जरिए भारत के आगे बढ़ने के संदेश को आगे बढ़ाया है। उन्होंने इस समिट के विषय ‘रीशेपिंग इंडिया’को याद किया, जब वर्तमान सरकार 2014 में सत्ता में आई थी। उन्होंने कहा कि इस समूह को इस बात की पूर्वदृष्टि थी कि बड़े बदलाव होने वाले हैं और भारत को नया आकार मिलने वाला है। उन्होंने यह भी याद किया कि ‘बेहतर कल के लिए बातचीत’ शीर्षक विषय तब रखा गया था जब वर्तमान सरकार 2019 में और भी बड़े बहुमत से जीतने के बाद सत्ता में एक बार फिर से बहाल हुई थी। अब 2023 में, जब आम चुनाव नजदीक हैं, श्री मोदी ने इस समिट के ‘ब्रेकिंग बैरियर्स’ शीर्षक विषय और इसके इस अंतर्निहित संदेश पर प्रकाश डालते हुए कहा कि वर्तमान सरकार सभी रिकॉर्ड तोड़ देगी और आगामी आम चुनावों में विजयी होगी। श्री मोदी ने कहा, “2024 के आम चुनाव के नतीजे बाधाओं से परे होंगे।”

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प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत की ‘रीशेपिंग इंडिया’ से लेकर ‘बाधाओं से परे’ तक की यात्रा ने देश के आगामी उज्ज्वल भविष्य की नींव रखी है। लंबे समय से भारत द्वारा सामना किए गए विभिन्न बाधाओं को ध्यान में रखते हुए, उन्होंने कहा कि इसी नींव पर एक विकसित, भव्य और समृद्ध भारत का निर्माण किया जाएगा। उन्होंने कहा कि गुलामी के लंबे दौर और हमलों ने देश को कई बंधनों में जकड़ दिया था। भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन को याद करते हुए, श्री मोदी ने कहा कि उस दौरान उठे ज्वार के साथ-साथ जनता में जोश और सामूहिकता की भावना ने ऐसे कई बंधनों को तोड़ दिया। उन्होंने कहा कि उम्मीद थी कि आजादी के बाद भी यही गति जारी रहेगी। उन्होंने कहा, “दुर्भाग्य से ऐसा नहीं हुआ। हमारा देश अपनी क्षमता के अनुरूप विकास नहीं कर सका।” उन्होंने बताया कि मानसिक बाधा कई समस्याओं में से एक थी। स्वतंत्र भारत के सामने आने वाली कुछ समस्याएं जहां वास्तविक थीं, वहीं कुछ अन्य समस्याएं कथित थीं और बाकी को बढ़ा-चढ़ाकर पेश किया गया था।

प्रधानमंत्री ने इस बात पर राहत जताई कि 2014 के बाद भारत इन बाधाओं को तोड़ने के लिए लगातार मेहनत कर रहा है। हमने कई बाधाएं पार की हैं और अब हम बाधाओं से परे जाने की बात कर रहे हैं। उन्होंने बताया,“आज, भारत चंद्रमा के उस हिस्से पर पहुंच गया है जहां पहले कोई नहीं पहुंच सका था। आज भारत हर बाधा को तोड़कर डिजिटल लेनदेन में नंबर एक बन गया है। वह मोबाइल के उत्पादन में अग्रणी है, स्टार्टअप के मामले में दुनिया के शीर्ष तीन देशों में मजबूती से खड़ा है और कुशल लोगों का एक समूह बना रहा है।” उन्होंने आगे कहा कि आज, भारत जी20 शिखर सम्मेलन जैसे वैश्विक आयोजनों में अपना परचम लहरा रहा है और हर बाधा को तोड़ रहा है।

प्रधानमंत्री ने लेखक और राजनेता अल्लामा इकबाल की गजल की एक पंक्ति ‘सितारों के आगे जहां और भी हैं’ पढ़ी और कहा कि भारत इतने पर ही रुकने वाला नहीं है।

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प्रधानमंत्री ने बताया कि सोच और मानसिकता देश की सबसे बड़ी बाधाएं थीं, जिसके कारण पिछली सरकारों के लापरवाह दृष्टिकोण की आलोचना होती थी और उनका उपहास किया जाता था। समय की पाबंदी, भ्रष्टाचार और निम्नस्तरीय सरकारी प्रयासों पर प्रकाश डालते हुए, प्रधानमंत्री ने इस तथ्य को रेखांकित किया कि कुछ घटनाएं पूरे देश को मानसिक बाधाओं को तोड़कर आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करती हैं। उन्होंने बताया कि कैसे महात्मा गांधी द्वारा शुरू किए गए दांडी मार्च ने देश को प्रेरित किया और भारत की आजादी के लिए संघर्ष की लौ जलाई। प्रधानमंत्री मोदी ने इस बात पर जोर दिया कि चंद्रयान 3 की सफलता ने प्रत्येक नागरिक में गर्व और आत्मविश्वास की भावना पैदा की है और उन्हें हर क्षेत्र में आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया है। प्रधानमंत्री ने कहा, “आज, प्रत्येक भारतीय आत्मविश्वास से भरा हुआ है।" उन्होंने याद किया कि कैसे प्रधानमंत्री ने अपने स्वतंत्रता दिवस के भाषण के दौरान लाल किले से स्वच्छता, शौचालय और साफ-सफाई के मुद्दों को उठाया था जिससे मानसिकता में बदलाव आया। श्री मोदी ने कहा, “स्वच्छता अब एक जन आंदोलन बन गया है।” उन्होंने आगे बताया कि पिछले 10 वर्षों में खादी की बिक्री तीन गुना बढ़ गई है।

प्रधानमंत्री मोदी ने इस तथ्य को रेखांकित किया कि जन धन बैंक खाते गरीबों के बीच मानसिक बाधाओं को तोड़ने और उनके गौरव एवं आत्म-सम्मान को फिर से मजबूत करने का एक माध्यम बन गए हैं। उन्होंने उस नकारात्मक मानसिकता की ओर इशारा किया जिसमें बैंक खातों को केवल अमीरों की चीज माना जाता था। उन्होंने बताया कि कैसे जन धन योजना ने बैंकों को गरीबों के दरवाजे तक लाकर और बैंकिंग सेवा को अधिक सुलभ बना दिया। उन्होंने गरीबों के लिए सशक्तिकरण का स्रोत बनने वाले रुपे कार्ड के व्यापक उपयोग की भी चर्चा की। प्रधानमंत्री ने कहा, “जो लोग एसी कमरों में बैठते हैं और आंकड़ों एवं कहानियों से प्रेरित होते हैं वे गरीबों के मनोवैज्ञानिक सशक्तिकरण को कभी नहीं समझ सकते हैं।” भारत की सीमाओं के बाहर मानसिकता में हुए बदलाव पर प्रकाश डालते हुए, श्री मोदी ने आतंकवाद के कृत्यों के दौरान खुद की रक्षा करने, जलवायु कार्रवाई से संबंधित संकल्पों के मामले में अगवाई करने और निर्धारित समय सीमा से पहले वांछित परिणाम प्राप्त करने की भारत की बढ़ती क्षमता का उल्लेख किया। प्रधानमंत्री ने खेल के क्षेत्र में भारत के शानदार प्रदर्शन पर भी प्रकाश डाला और इस उपलब्धि का श्रेय मानसिकता में बदलाव को दिया।

प्रधानमंत्री ने कहा, “भारत में सामर्थ्य और संसाधनों की कोई कमी नहीं है।” गरीबी की वास्तविक बाधा पर प्रकाश डालते हुए, प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि इसे नारों से नहीं बल्कि समाधान, नीतियों और नीयत से हराया जा सकता है। उन्होंने पिछली सरकारों की उस सोच पर अफसोस जताया जो गरीबों को सामाजिक या आर्थिक रूप से प्रगति करने में सक्षम नहीं बनाती थी। इस तथ्य को रेखांकित करते हुए कि गरीब बुनियादी सुविधाओं के रूप में मिलने वाले समर्थन से गरीबी पर काबू पाने में सक्षम हैं, प्रधानमंत्री ने कहा कि गरीबों को सशक्त बनाना केन्द्र सरकार की सबसे बड़ी प्राथमिकता रही है। उन्होंने कहा, “सरकार ने न सिर्फ लोगों का जीवन बदला है, बल्कि गरीबों को गरीबी से उबरने में भी मदद की है।” उन्होंने बताया कि पिछले पांच वर्षों में ही 13 करोड़ से अधिक लोग गरीबी से बाहर आये हैं। उन्होंने कहा कि देश में 13 करोड़ लोग सफलतापूर्वक गरीबी की दीवार तोड़कर नव-मध्यम वर्ग का हिस्सा बन गये हैं।

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भाई-भतीजावाद की बाधा के बारे में बोलते हुए, श्री मोदी ने बताया कि, चाहे वह खेल हो, विज्ञान हो, राजनीति हो या यहां तक ​​कि पद्म पुरस्कार भी हो, उसमें आम लोगों की कोई भूमिका नहीं होती थी और सफल होना तभी संभव था जब कोई व्यक्ति कुछ खास समूहों से जुड़ा हो। उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि सामान्य नागरिक अब स्वयं को सशक्त एवं प्रोत्साहित महसूस करने लगा है और उन्होंने दृष्टिकोण में इस बदलाव का श्रेय सरकार को दिया। उन्होंने कहा, “कल के गुमनाम नायक आज देश के नायक हैं।”

भारत द्वारा देश में आधुनिक बुनियादी ढांचे की बाधा से निपटने की दिशा में किए जा रहे प्रयासों की ओर ध्यान आकर्षित करते हुए, प्रधानमंत्री ने दुनिया के सबसे बड़े बुनियादी ढांचे के अभियान पर प्रकाश डाला। बुनियादी ढांचे के विकास के मामले में भारत की गति और पैमाने को रेखांकित करने के लिए, प्रधानमंत्री मोदी ने राजमार्गों के निर्माण की गति 2013-14 में 12 किलोमीटर से बढ़कर 2022-23 में 30 किलोमीटर होने, मेट्रो कनेक्टिविटी को 2014 में 5 शहरों से बढ़ाकर 2023 में 20 शहरों तक ले जाने, हवाई अड्डों की संख्या 2014 में 70 से बढ़कर आज लगभग 150 होने, मेडिकल कॉलेज की संख्या 2014 में 380 से आज 700 से अधिक होने, ग्राम पंचायतों को जोड़ने के लिए 2023 में ऑप्टिकल फाइबर का विस्तार 350 किलोमीटर से बढ़कर छह लाख किलोमीटर तक होने, चार लाख किलोमीटर सड़कों का निर्माण करके 2014 में 55 प्रतिशत गांवों से बढ़कर 99 प्रतिशत गांवों को पीएम ग्राम सड़क योजना के तहत जोड़े जाने का उल्लेख किया। प्रधानमंत्री ने यह भी बताया कि आजादी के बाद से सिर्फ 20,000 किलोमीटर रेलवे लाइनों का विद्युतीकरण किया गया था, जबकि पिछले 10 वर्षों में लगभग 40,000 किलोमीटर रेलवे लाइनों का विद्युतीकरण किया गया है। उन्होंने कहा,“यही आज के भारत के विकास की गति और पैमाना है। यह भारत की सफलता का एक प्रतीक है।”

उन्होंने कहा कि पिछले कुछ वर्षों में भारत कई कथित बाधाओं से बाहर निकल आया है। हमारे नीति-निर्माताओं और राजनीतिक विशेषज्ञों का मानना ​​था कि अच्छी अर्थव्यवस्था अच्छी राजनीति नहीं हो सकती। कई सरकारों ने भी इसे सच मान लिया था जिसके कारण हमारे देश को राजनीतिक और आर्थिक दोनों मोर्चों पर समस्याओं का सामना करना पड़ा। लेकिन, हम अच्छी अर्थव्यवस्था और अच्छी राजनीति को एक साथ लेकर आये। भारत की आर्थिक नीतियों ने देश में प्रगति के नये रास्ते खोले। उन्होंने कहा कि जनता को दीर्घकालिक लाभ देने वाली नीतियां उस समय चुनी गईं जब बैंकिंग संकट, जीएसटी के कार्यान्वयन और कोविड महामारी से निपटने के लिए समाधान की आवश्यकता थी।

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प्रधानमंत्री ने कथित बाधा के एक और उदाहरण के रूप में हाल ही में पारित नारी शक्ति वंदन अधिनियम का उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि जिस विधेयक को दशकों तक लटका कर रखा गया और यह लगता था कि यह कभी पारित नहीं होगा, वह आज एक सच्चाई बन गया है।

उन्होंने कहा कि पिछली सरकारों ने राजनीतिक लाभ के लिए कई समस्याओं को बढ़ा-चढ़ाकर पेश किया। जम्मू एवं कश्मीर में अनुच्छेद 370 का उदाहरण देते हुए, उन्होंने कहा कि पहले, हर किसी को यह विश्वास दिलाने के लिए एक मनोवैज्ञानिक दबाव बनाया गया था कि इसे रद्द नहीं किया जा सकता है। उन्होंने आगे कहा कि इसके निरस्त होने से प्रगति और शांति का मार्ग प्रशस्त हुआ है। उन्होंने कहा,“लाल चौक की तस्वीरें बताती हैं कि कैसे जम्मू एवं कश्मीर का कायाकल्प हो रहा है। आज इस केन्द्र-शासित प्रदेश में आतंकवाद खत्म हो रहा है और पर्यटन लगातार बढ़ रहा है। हम जम्मू एवं कश्मीर को नई ऊंचाइयों पर ले जाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।”

मीडिया जगत के गणमान्य लोगों की उपस्थिति को ध्यान में रखते हुए, प्रधानमंत्री ने 2014 के बाद से ब्रेकिंग न्यूज की प्रासंगिकता और उसमें हुए बदलाव पर प्रकाश डाला। विभिन्न रेटिंग एजेंसियों द्वारा 2013 के दौरान भारत की जीडीपी की वृद्धि दर से संबंधित पूर्वानुमानों को नीचे की ओर दर्शाए जाने को याद करते हुए, प्रधानमंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि ठीक इसके विपरीत आज भारत के विकास संबंधी पूर्वानुमान को ऊपर की ओर बढ़ता हुआ देखा जा रहा है। पूर्व की स्थितियों से तुलना करते हुए, प्रधानमंत्री ने 2013 के दौरान बैंकों की नाजुक स्थिति और 2023 में भारतीय बैंकों द्वारा अब तक का सबसे अच्छा मुनाफा कमाने और 2013 में हेलिकॉप्टर घोटाले से लेकर 2013-14 के बाद से भारत के रक्षा निर्यात में रिकॉर्ड बीस गुना वृद्धि का उल्लेख किया। उन्होंने कहा, “भारत ने रिकॉर्ड घोटालों से रिकॉर्ड निर्यात तक एक लंबा रास्ता तय किया है।”

प्रधानमंत्री मोदी ने 2013 में मध्यम वर्ग पर प्रतिकूल प्रभाव डालने वाली कठोर आर्थिक स्थितियों के बारे में राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय प्रकाशनों की नकारात्मक सुर्खियों का उल्लेख किया। प्रधानमंत्री ने कहा कि लेकिन आज स्टार्टअप हो, खेल हो, अंतरिक्ष हो या प्रौद्योगिकी, भारत की विकास यात्रा में मध्यम वर्ग तेज गति से आगे बढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि उनकी आय में वृद्धि हुई है और बताया कि 2023 में 7.5 करोड़ से अधिक लोगों ने आयकर दाखिल किया है, जोकि 2013-14 में 4 करोड़ से अधिक है। उन्होंने बताया कि कर सूचना से संबंधित एक अध्ययन से पता चलता है कि औसत आय जो 2014 में 4.5 लाख रुपये से कम थी, वह 2023 में बढ़कर 13 लाख रुपये हो गई है और इसके परिणामस्वरूप लाखों लोग निम्न आय वर्ग से आगे बढ़कर उच्च आय वर्ग में शामिल हो रहे हैं। एक राष्ट्रीय दैनिक में प्रकाशित एक आर्थिक रिपोर्ट के एक दिलचस्प तथ्य का हवाला देते हुए, प्रधानमंत्री ने बताया कि यदि 5.5 लाख रुपये से 25 लाख रुपये के वेतन वर्ग में कमाने वाले लोगों की कुल आय को जोड़ दिया जाए, तो यह आंकड़ा वर्ष 2011-12 में लगभग 3.25 लाख करोड़ रुपये से बढ़कर 2021 तक 14.5 लाख करोड़ रुपये हो गया, जोकि पांच गुना वृद्धि है। उन्होंने स्पष्ट किया कि ये आंकड़े केवल वेतनभोगी आय के विश्लेषण पर आधारित हैं, किसी अन्य स्रोत पर नहीं।

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प्रधानमंत्री ने मध्यम वर्ग के बढ़ते आकार और गरीबी में कमी को इस विशाल आर्थिक चक्र के दो प्रमुख कारकों का आधार माना। उन्होंने कहा कि गरीबी से बाहर आने वाले लोग, नव-मध्यम वर्ग, देश के उपभोग में वृद्धि को गति दे रहे हैं। मध्यम वर्ग इस मांग को पूरा करने की जिम्मेदारी लेते हुए अपनी आय बढ़ा रहा है, यानी गरीबी दर घटने से मध्यम वर्ग को भी फायदा हो रहा है। उन्होंने कहा कि इन्हीं लोगों की आकांक्षाएं और इच्छाशक्ति हमारे देश के विकास को शक्ति दे रही है। उनकी शक्ति ने आज भारत को दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बना दिया है। उन्होंने आश्वस्त किया कि भारत जल्द ही दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा।

अपने संबोधन का समापन करते हुए, प्रधानमंत्री ने कहा कि अमृत काल में भारत 2047 तक विकसित राष्ट्र बनने के लक्ष्य को पूरा करने के लिए काम कर रहा है। उन्होंने विश्वास जताया कि भारत हर बाधा को सफलतापूर्वक पार कर लेगा। प्रधानमंत्री ने कहा, “आज, गरीब से गरीब व्यक्ति से लेकर दुनिया के सबसे अमीर व्यक्ति तक, यह मानने लगे हैं कि यह भारत का वक्त है।" उन्होंने कहा कि आत्मविश्वास प्रत्येक भारतीय की सबसे बड़ी शक्ति है। उन्होंने कहा, “इस शक्ति के बल पर हम किसी भी बाधा के पार जा सकते हैं।” उन्होंने यह विश्वास व्यक्त करते हुए अपना संबोधन समाप्त किया कि 2047 में आयोजित होने वाले हिंदुस्तान टाइम्स लीडरशिप समिट का विषय होगा - विकसित राष्ट्र, इससे आगे क्या?

पूरा भाषण पढ़ने के लिए यहां क्लिक कीजिए

  • shahil sharma January 11, 2024

    nice
  • Dr Anand Kumar Gond Bahraich January 07, 2024

    जय हो
  • Lalruatsanga January 06, 2024

    wow
  • Rajkumar Agarwal BJP November 16, 2023

    जय भाजपा
  • Amresh Kumar Jha November 15, 2023

    JAY HO JETATEEE RAHENNN JAI HIND
  • Amresh Kumar Jha November 15, 2023

    Jay ho Vijayee bhaw Jai Hind
  • Amresh Kumar Jha November 15, 2023

    SURE LABOUR NEVER GOES IN VAIN...JIN DHURHAA TINNN PAAYYAAAN GAHRE PANI PAITH....JAI HIND
  • shah wajid majju November 11, 2023

    Happy Dipawali
  • Nanthakumar November 10, 2023

    எந்தத் தலைவரும் படைக்காத சாதனையை எங்கள் அப்பா நரேந்திர மோடி ஜி படைத்திருக்கிறார் உலக நாடுகளில் என் பாரத நாட்டை பார்த்து சொல்கிறது நரேந்திர மோடி அப்பா ஜி பாரத பிரதமரா வந்த பிறகு எவ்வளவோ சாதனைகளை படித்துக் கொண்டிருக்கிறார் இது நான் சொல்லவில்லை உலக நாடுகளே சொல்லிக் கொண்டிருக்கிறது அதுதான் எங்கள் பாரத பிரதமர் நரேந்திர மோடி ஜி வரம் தேர்தலில் 2024 அமோக வெற்றி பெற்று மீண்டும் பாரத பிரதமராக அமரப் போகிறார்🇮🇳🇮🇳🇮🇳🙏🙏🙏
  • November 10, 2023

    Great
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आज भारत सिर्फ Nation of Dreams नहीं, बल्कि Nation That Delivers भी है: TV9 समिट में पीएम मोदी
March 28, 2025
QuoteToday, the world's eyes are on India: PM
QuoteIndia's youth is rapidly becoming skilled and driving innovation forward: PM
Quote"India First" has become the mantra of India's foreign policy: PM
QuoteToday, India is not just participating in the world order but also contributing to shaping and securing the future: PM
QuoteIndia has given Priority to humanity over monopoly: PM
QuoteToday, India is not just a Nation of Dreams but also a Nation That Delivers: PM

श्रीमान रामेश्वर गारु जी, रामू जी, बरुन दास जी, TV9 की पूरी टीम, मैं आपके नेटवर्क के सभी दर्शकों का, यहां उपस्थित सभी महानुभावों का अभिनंदन करता हूं, इस समिट के लिए बधाई देता हूं।

TV9 नेटवर्क का विशाल रीजनल ऑडियंस है। और अब तो TV9 का एक ग्लोबल ऑडियंस भी तैयार हो रहा है। इस समिट में अनेक देशों से इंडियन डायस्पोरा के लोग विशेष तौर पर लाइव जुड़े हुए हैं। कई देशों के लोगों को मैं यहां से देख भी रहा हूं, वे लोग वहां से वेव कर रहे हैं, हो सकता है, मैं सभी को शुभकामनाएं देता हूं। मैं यहां नीचे स्क्रीन पर हिंदुस्तान के अनेक शहरों में बैठे हुए सब दर्शकों को भी उतने ही उत्साह, उमंग से देख रहा हूं, मेरी तरफ से उनका भी स्वागत है।

साथियों,

आज विश्व की दृष्टि भारत पर है, हमारे देश पर है। दुनिया में आप किसी भी देश में जाएं, वहां के लोग भारत को लेकर एक नई जिज्ञासा से भरे हुए हैं। आखिर ऐसा क्या हुआ कि जो देश 70 साल में ग्यारहवें नंबर की इकोनॉमी बना, वो महज 7-8 साल में पांचवे नंबर की इकोनॉमी बन गया? अभी IMF के नए आंकड़े सामने आए हैं। वो आंकड़े कहते हैं कि भारत, दुनिया की एकमात्र मेजर इकोनॉमी है, जिसने 10 वर्षों में अपने GDP को डबल किया है। बीते दशक में भारत ने दो लाख करोड़ डॉलर, अपनी इकोनॉमी में जोड़े हैं। GDP का डबल होना सिर्फ आंकड़ों का बदलना मात्र नहीं है। इसका impact देखिए, 25 करोड़ लोग गरीबी से बाहर निकले हैं, और ये 25 करोड़ लोग एक नियो मिडिल क्लास का हिस्सा बने हैं। ये नियो मिडिल क्लास, एक प्रकार से नई ज़िंदगी शुरु कर रहा है। ये नए सपनों के साथ आगे बढ़ रहा है, हमारी इकोनॉमी में कंट्रीब्यूट कर रहा है, और उसको वाइब्रेंट बना रहा है। आज दुनिया की सबसे बड़ी युवा आबादी हमारे भारत में है। ये युवा, तेज़ी से स्किल्ड हो रहा है, इनोवेशन को गति दे रहा है। और इन सबके बीच, भारत की फॉरेन पॉलिसी का मंत्र बन गया है- India First, एक जमाने में भारत की पॉलिसी थी, सबसे समान रूप से दूरी बनाकर चलो, Equi-Distance की पॉलिसी, आज के भारत की पॉलिसी है, सबके समान रूप से करीब होकर चलो, Equi-Closeness की पॉलिसी। दुनिया के देश भारत की ओपिनियन को, भारत के इनोवेशन को, भारत के एफर्ट्स को, जैसा महत्व आज दे रहे हैं, वैसा पहले कभी नहीं हुआ। आज दुनिया की नजर भारत पर है, आज दुनिया जानना चाहती है, What India Thinks Today.

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साथियों,

भारत आज, वर्ल्ड ऑर्डर में सिर्फ पार्टिसिपेट ही नहीं कर रहा, बल्कि फ्यूचर को शेप और सेक्योर करने में योगदान दे रहा है। दुनिया ने ये कोरोना काल में अच्छे से अनुभव किया है। दुनिया को लगता था कि हर भारतीय तक वैक्सीन पहुंचने में ही, कई-कई साल लग जाएंगे। लेकिन भारत ने हर आशंका को गलत साबित किया। हमने अपनी वैक्सीन बनाई, हमने अपने नागरिकों का तेज़ी से वैक्सीनेशन कराया, और दुनिया के 150 से अधिक देशों तक दवाएं और वैक्सीन्स भी पहुंचाईं। आज दुनिया, और जब दुनिया संकट में थी, तब भारत की ये भावना दुनिया के कोने-कोने तक पहुंची कि हमारे संस्कार क्या हैं, हमारा तौर-तरीका क्या है।

साथियों,

अतीत में दुनिया ने देखा है कि दूसरे विश्व युद्ध के बाद जब भी कोई वैश्विक संगठन बना, उसमें कुछ देशों की ही मोनोपोली रही। भारत ने मोनोपोली नहीं बल्कि मानवता को सर्वोपरि रखा। भारत ने, 21वीं सदी के ग्लोबल इंस्टीट्यूशन्स के गठन का रास्ता बनाया, और हमने ये ध्यान रखा कि सबकी भागीदारी हो, सबका योगदान हो। जैसे प्राकृतिक आपदाओं की चुनौती है। देश कोई भी हो, इन आपदाओं से इंफ्रास्ट्रक्चर को भारी नुकसान होता है। आज ही म्यांमार में जो भूकंप आया है, आप टीवी पर देखें तो बहुत बड़ी-बड़ी इमारतें ध्वस्त हो रही हैं, ब्रिज टूट रहे हैं। और इसलिए भारत ने Coalition for Disaster Resilient Infrastructure - CDRI नाम से एक वैश्विक नया संगठन बनाने की पहल की। ये सिर्फ एक संगठन नहीं, बल्कि दुनिया को प्राकृतिक आपदाओं के लिए तैयार करने का संकल्प है। भारत का प्रयास है, प्राकृतिक आपदा से, पुल, सड़कें, बिल्डिंग्स, पावर ग्रिड, ऐसा हर इंफ्रास्ट्रक्चर सुरक्षित रहे, सुरक्षित निर्माण हो।

साथियों,

भविष्य की चुनौतियों से निपटने के लिए हर देश का मिलकर काम करना बहुत जरूरी है। ऐसी ही एक चुनौती है, हमारे एनर्जी रिसोर्सेस की। इसलिए पूरी दुनिया की चिंता करते हुए भारत ने International Solar Alliance (ISA) का समाधान दिया है। ताकि छोटे से छोटा देश भी सस्टेनबल एनर्जी का लाभ उठा सके। इससे क्लाइमेट पर तो पॉजिटिव असर होगा ही, ये ग्लोबल साउथ के देशों की एनर्जी नीड्स को भी सिक्योर करेगा। और आप सबको ये जानकर गर्व होगा कि भारत के इस प्रयास के साथ, आज दुनिया के सौ से अधिक देश जुड़ चुके हैं।

साथियों,

बीते कुछ समय से दुनिया, ग्लोबल ट्रेड में असंतुलन और लॉजिस्टिक्स से जुड़ी challenges का सामना कर रही है। इन चुनौतियों से निपटने के लिए भी भारत ने दुनिया के साथ मिलकर नए प्रयास शुरु किए हैं। India–Middle East–Europe Economic Corridor (IMEC), ऐसा ही एक महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट है। ये प्रोजेक्ट, कॉमर्स और कनेक्टिविटी के माध्यम से एशिया, यूरोप और मिडिल ईस्ट को जोड़ेगा। इससे आर्थिक संभावनाएं तो बढ़ेंगी ही, दुनिया को अल्टरनेटिव ट्रेड रूट्स भी मिलेंगे। इससे ग्लोबल सप्लाई चेन भी और मजबूत होगी।

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साथियों,

ग्लोबल सिस्टम्स को, अधिक पार्टिसिपेटिव, अधिक डेमोक्रेटिक बनाने के लिए भी भारत ने अनेक कदम उठाए हैं। और यहीं, यहीं पर ही भारत मंडपम में जी-20 समिट हुई थी। उसमें अफ्रीकन यूनियन को जी-20 का परमानेंट मेंबर बनाया गया है। ये बहुत बड़ा ऐतिहासिक कदम था। इसकी मांग लंबे समय से हो रही थी, जो भारत की प्रेसीडेंसी में पूरी हुई। आज ग्लोबल डिसीजन मेकिंग इंस्टीट्यूशन्स में भारत, ग्लोबल साउथ के देशों की आवाज़ बन रहा है। International Yoga Day, WHO का ग्लोबल सेंटर फॉर ट्रेडिशनल मेडिसिन, आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस के लिए ग्लोबल फ्रेमवर्क, ऐसे कितने ही क्षेत्रों में भारत के प्रयासों ने नए वर्ल्ड ऑर्डर में अपनी मजबूत उपस्थिति दर्ज कराई है, और ये तो अभी शुरूआत है, ग्लोबल प्लेटफॉर्म पर भारत का सामर्थ्य नई ऊंचाई की तरफ बढ़ रहा है।

साथियों,

21वीं सदी के 25 साल बीत चुके हैं। इन 25 सालों में 11 साल हमारी सरकार ने देश की सेवा की है। और जब हम What India Thinks Today उससे जुड़ा सवाल उठाते हैं, तो हमें ये भी देखना होगा कि Past में क्या सवाल थे, क्या जवाब थे। इससे TV9 के विशाल दर्शक समूह को भी अंदाजा होगा कि कैसे हम, निर्भरता से आत्मनिर्भरता तक, Aspirations से Achievement तक, Desperation से Development तक पहुंचे हैं। आप याद करिए, एक दशक पहले, गांव में जब टॉयलेट का सवाल आता था, तो माताओं-बहनों के पास रात ढलने के बाद और भोर होने से पहले का ही जवाब होता था। आज उसी सवाल का जवाब स्वच्छ भारत मिशन से मिलता है। 2013 में जब कोई इलाज की बात करता था, तो महंगे इलाज की चर्चा होती थी। आज उसी सवाल का समाधान आयुष्मान भारत में नजर आता है। 2013 में किसी गरीब की रसोई की बात होती थी, तो धुएं की तस्वीर सामने आती थी। आज उसी समस्या का समाधान उज्ज्वला योजना में दिखता है। 2013 में महिलाओं से बैंक खाते के बारे में पूछा जाता था, तो वो चुप्पी साध लेती थीं। आज जनधन योजना के कारण, 30 करोड़ से ज्यादा बहनों का अपना बैंक अकाउंट है। 2013 में पीने के पानी के लिए कुएं और तालाबों तक जाने की मजबूरी थी। आज उसी मजबूरी का हल हर घर नल से जल योजना में मिल रहा है। यानि सिर्फ दशक नहीं बदला, बल्कि लोगों की ज़िंदगी बदली है। और दुनिया भी इस बात को नोट कर रही है, भारत के डेवलपमेंट मॉडल को स्वीकार रही है। आज भारत सिर्फ Nation of Dreams नहीं, बल्कि Nation That Delivers भी है।

साथियों,

जब कोई देश, अपने नागरिकों की सुविधा और समय को महत्व देता है, तब उस देश का समय भी बदलता है। यही आज हम भारत में अनुभव कर रहे हैं। मैं आपको एक उदाहरण देता हूं। पहले पासपोर्ट बनवाना कितना बड़ा काम था, ये आप जानते हैं। लंबी वेटिंग, बहुत सारे कॉम्प्लेक्स डॉक्यूमेंटेशन का प्रोसेस, अक्सर राज्यों की राजधानी में ही पासपोर्ट केंद्र होते थे, छोटे शहरों के लोगों को पासपोर्ट बनवाना होता था, तो वो एक-दो दिन कहीं ठहरने का इंतजाम करके चलते थे, अब वो हालात पूरी तरह बदल गया है, एक आंकड़े पर आप ध्यान दीजिए, पहले देश में सिर्फ 77 पासपोर्ट सेवा केंद्र थे, आज इनकी संख्या 550 से ज्यादा हो गई है। पहले पासपोर्ट बनवाने में, और मैं 2013 के पहले की बात कर रहा हूं, मैं पिछले शताब्दी की बात नहीं कर रहा हूं, पासपोर्ट बनवाने में जो वेटिंग टाइम 50 दिन तक होता था, वो अब 5-6 दिन तक सिमट गया है।

साथियों,

ऐसा ही ट्रांसफॉर्मेशन हमने बैंकिंग इंफ्रास्ट्रक्चर में भी देखा है। हमारे देश में 50-60 साल पहले बैंकों का नेशनलाइजेशन किया गया, ये कहकर कि इससे लोगों को बैंकिंग सुविधा सुलभ होगी। इस दावे की सच्चाई हम जानते हैं। हालत ये थी कि लाखों गांवों में बैंकिंग की कोई सुविधा ही नहीं थी। हमने इस स्थिति को भी बदला है। ऑनलाइन बैंकिंग तो हर घर में पहुंचाई है, आज देश के हर 5 किलोमीटर के दायरे में कोई न कोई बैंकिंग टच प्वाइंट जरूर है। और हमने सिर्फ बैंकिंग इंफ्रास्ट्रक्चर का ही दायरा नहीं बढ़ाया, बल्कि बैंकिंग सिस्टम को भी मजबूत किया। आज बैंकों का NPA बहुत कम हो गया है। आज बैंकों का प्रॉफिट, एक लाख 40 हज़ार करोड़ रुपए के नए रिकॉर्ड को पार कर चुका है। और इतना ही नहीं, जिन लोगों ने जनता को लूटा है, उनको भी अब लूटा हुआ धन लौटाना पड़ रहा है। जिस ED को दिन-रात गालियां दी जा रही है, ED ने 22 हज़ार करोड़ रुपए से अधिक वसूले हैं। ये पैसा, कानूनी तरीके से उन पीड़ितों तक वापिस पहुंचाया जा रहा है, जिनसे ये पैसा लूटा गया था।

साथियों,

Efficiency से गवर्नमेंट Effective होती है। कम समय में ज्यादा काम हो, कम रिसोर्सेज़ में अधिक काम हो, फिजूलखर्ची ना हो, रेड टेप के बजाय रेड कार्पेट पर बल हो, जब कोई सरकार ये करती है, तो समझिए कि वो देश के संसाधनों को रिस्पेक्ट दे रही है। और पिछले 11 साल से ये हमारी सरकार की बड़ी प्राथमिकता रहा है। मैं कुछ उदाहरणों के साथ अपनी बात बताऊंगा।

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साथियों,

अतीत में हमने देखा है कि सरकारें कैसे ज्यादा से ज्यादा लोगों को मिनिस्ट्रीज में accommodate करने की कोशिश करती थीं। लेकिन हमारी सरकार ने अपने पहले कार्यकाल में ही कई मंत्रालयों का विलय कर दिया। आप सोचिए, Urban Development अलग मंत्रालय था और Housing and Urban Poverty Alleviation अलग मंत्रालय था, हमने दोनों को मर्ज करके Housing and Urban Affairs मंत्रालय बना दिया। इसी तरह, मिनिस्ट्री ऑफ ओवरसीज़ अफेयर्स अलग था, विदेश मंत्रालय अलग था, हमने इन दोनों को भी एक साथ जोड़ दिया, पहले जल संसाधन, नदी विकास मंत्रालय अलग था, और पेयजल मंत्रालय अलग था, हमने इन्हें भी जोड़कर जलशक्ति मंत्रालय बना दिया। हमने राजनीतिक मजबूरी के बजाय, देश की priorities और देश के resources को आगे रखा।

साथियों,

हमारी सरकार ने रूल्स और रेगुलेशन्स को भी कम किया, उन्हें आसान बनाया। करीब 1500 ऐसे कानून थे, जो समय के साथ अपना महत्व खो चुके थे। उनको हमारी सरकार ने खत्म किया। करीब 40 हज़ार, compliances को हटाया गया। ऐसे कदमों से दो फायदे हुए, एक तो जनता को harassment से मुक्ति मिली, और दूसरा, सरकारी मशीनरी की एनर्जी भी बची। एक और Example GST का है। 30 से ज्यादा टैक्सेज़ को मिलाकर एक टैक्स बना दिया गया है। इसको process के, documentation के हिसाब से देखें तो कितनी बड़ी बचत हुई है।

साथियों,

सरकारी खरीद में पहले कितनी फिजूलखर्ची होती थी, कितना करप्शन होता था, ये मीडिया के आप लोग आए दिन रिपोर्ट करते थे। हमने, GeM यानि गवर्नमेंट ई-मार्केटप्लेस प्लेटफॉर्म बनाया। अब सरकारी डिपार्टमेंट, इस प्लेटफॉर्म पर अपनी जरूरतें बताते हैं, इसी पर वेंडर बोली लगाते हैं और फिर ऑर्डर दिया जाता है। इसके कारण, भ्रष्टाचार की गुंजाइश कम हुई है, और सरकार को एक लाख करोड़ रुपए से अधिक की बचत भी हुई है। डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर- DBT की जो व्यवस्था भारत ने बनाई है, उसकी तो दुनिया में चर्चा है। DBT की वजह से टैक्स पेयर्स के 3 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा, गलत हाथों में जाने से बचे हैं। 10 करोड़ से ज्यादा फर्ज़ी लाभार्थी, जिनका जन्म भी नहीं हुआ था, जो सरकारी योजनाओं का फायदा ले रहे थे, ऐसे फर्जी नामों को भी हमने कागजों से हटाया है।

साथियों,

 

हमारी सरकार टैक्स की पाई-पाई का ईमानदारी से उपयोग करती है, और टैक्सपेयर का भी सम्मान करती है, सरकार ने टैक्स सिस्टम को टैक्सपेयर फ्रेंडली बनाया है। आज ITR फाइलिंग का प्रोसेस पहले से कहीं ज्यादा सरल और तेज़ है। पहले सीए की मदद के बिना, ITR फाइल करना मुश्किल होता था। आज आप कुछ ही समय के भीतर खुद ही ऑनलाइन ITR फाइल कर पा रहे हैं। और रिटर्न फाइल करने के कुछ ही दिनों में रिफंड आपके अकाउंट में भी आ जाता है। फेसलेस असेसमेंट स्कीम भी टैक्सपेयर्स को परेशानियों से बचा रही है। गवर्नेंस में efficiency से जुड़े ऐसे अनेक रिफॉर्म्स ने दुनिया को एक नया गवर्नेंस मॉडल दिया है।

साथियों,

पिछले 10-11 साल में भारत हर सेक्टर में बदला है, हर क्षेत्र में आगे बढ़ा है। और एक बड़ा बदलाव सोच का आया है। आज़ादी के बाद के अनेक दशकों तक, भारत में ऐसी सोच को बढ़ावा दिया गया, जिसमें सिर्फ विदेशी को ही बेहतर माना गया। दुकान में भी कुछ खरीदने जाओ, तो दुकानदार के पहले बोल यही होते थे – भाई साहब लीजिए ना, ये तो इंपोर्टेड है ! आज स्थिति बदल गई है। आज लोग सामने से पूछते हैं- भाई, मेड इन इंडिया है या नहीं है?

साथियों,

आज हम भारत की मैन्युफैक्चरिंग एक्सीलेंस का एक नया रूप देख रहे हैं। अभी 3-4 दिन पहले ही एक न्यूज आई है कि भारत ने अपनी पहली MRI मशीन बना ली है। अब सोचिए, इतने दशकों तक हमारे यहां स्वदेशी MRI मशीन ही नहीं थी। अब मेड इन इंडिया MRI मशीन होगी तो जांच की कीमत भी बहुत कम हो जाएगी।

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साथियों,

आत्मनिर्भर भारत और मेक इन इंडिया अभियान ने, देश के मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर को एक नई ऊर्जा दी है। पहले दुनिया भारत को ग्लोबल मार्केट कहती थी, आज वही दुनिया, भारत को एक बड़े Manufacturing Hub के रूप में देख रही है। ये सक्सेस कितनी बड़ी है, इसके उदाहरण आपको हर सेक्टर में मिलेंगे। जैसे हमारी मोबाइल फोन इंडस्ट्री है। 2014-15 में हमारा एक्सपोर्ट, वन बिलियन डॉलर तक भी नहीं था। लेकिन एक दशक में, हम ट्वेंटी बिलियन डॉलर के फिगर से भी आगे निकल चुके हैं। आज भारत ग्लोबल टेलिकॉम और नेटवर्किंग इंडस्ट्री का एक पावर सेंटर बनता जा रहा है। Automotive Sector की Success से भी आप अच्छी तरह परिचित हैं। इससे जुड़े Components के एक्सपोर्ट में भी भारत एक नई पहचान बना रहा है। पहले हम बहुत बड़ी मात्रा में मोटर-साइकल पार्ट्स इंपोर्ट करते थे। लेकिन आज भारत में बने पार्ट्स UAE और जर्मनी जैसे अनेक देशों तक पहुंच रहे हैं। सोलर एनर्जी सेक्टर ने भी सफलता के नए आयाम गढ़े हैं। हमारे सोलर सेल्स, सोलर मॉड्यूल का इंपोर्ट कम हो रहा है और एक्सपोर्ट्स 23 गुना तक बढ़ गए हैं। बीते एक दशक में हमारा डिफेंस एक्सपोर्ट भी 21 गुना बढ़ा है। ये सारी अचीवमेंट्स, देश की मैन्युफैक्चरिंग इकोनॉमी की ताकत को दिखाती है। ये दिखाती है कि भारत में कैसे हर सेक्टर में नई जॉब्स भी क्रिएट हो रही हैं।

साथियों,

TV9 की इस समिट में, विस्तार से चर्चा होगी, अनेक विषयों पर मंथन होगा। आज हम जो भी सोचेंगे, जिस भी विजन पर आगे बढ़ेंगे, वो हमारे आने वाले कल को, देश के भविष्य को डिजाइन करेगा। पिछली शताब्दी के इसी दशक में, भारत ने एक नई ऊर्जा के साथ आजादी के लिए नई यात्रा शुरू की थी। और हमने 1947 में आजादी हासिल करके भी दिखाई। अब इस दशक में हम विकसित भारत के लक्ष्य के लिए चल रहे हैं। और हमें 2047 तक विकसित भारत का सपना जरूर पूरा करना है। और जैसा मैंने लाल किले से कहा है, इसमें सबका प्रयास आवश्यक है। इस समिट का आयोजन कर, TV9 ने भी अपनी तरफ से एक positive initiative लिया है। एक बार फिर आप सभी को इस समिट की सफलता के लिए मेरी ढेर सारी शुभकामनाएं हैं।

मैं TV9 को विशेष रूप से बधाई दूंगा, क्योंकि पहले भी मीडिया हाउस समिट करते रहे हैं, लेकिन ज्यादातर एक छोटे से फाइव स्टार होटल के कमरे में, वो समिट होती थी और बोलने वाले भी वही, सुनने वाले भी वही, कमरा भी वही। TV9 ने इस परंपरा को तोड़ा और ये जो मॉडल प्लेस किया है, 2 साल के भीतर-भीतर देख लेना, सभी मीडिया हाउस को यही करना पड़ेगा। यानी TV9 Thinks Today वो बाकियों के लिए रास्ता खोल देगा। मैं इस प्रयास के लिए बहुत-बहुत अभिनंदन करता हूं, आपकी पूरी टीम को, और सबसे बड़ी खुशी की बात है कि आपने इस इवेंट को एक मीडिया हाउस की भलाई के लिए नहीं, देश की भलाई के लिए आपने उसकी रचना की। 50,000 से ज्यादा नौजवानों के साथ एक मिशन मोड में बातचीत करना, उनको जोड़ना, उनको मिशन के साथ जोड़ना और उसमें से जो बच्चे सिलेक्ट होकर के आए, उनकी आगे की ट्रेनिंग की चिंता करना, ये अपने आप में बहुत अद्भुत काम है। मैं आपको बहुत बधाई देता हूं। जिन नौजवानों से मुझे यहां फोटो निकलवाने का मौका मिला है, मुझे भी खुशी हुई कि देश के होनहार लोगों के साथ, मैं अपनी फोटो निकलवा पाया। मैं इसे अपना सौभाग्य मानता हूं दोस्तों कि आपके साथ मेरी फोटो आज निकली है। और मुझे पक्का विश्वास है कि सारी युवा पीढ़ी, जो मुझे दिख रही है, 2047 में जब देश विकसित भारत बनेगा, सबसे ज्यादा बेनिफिशियरी आप लोग हैं, क्योंकि आप उम्र के उस पड़ाव पर होंगे, जब भारत विकसित होगा, आपके लिए मौज ही मौज है। आपको बहुत-बहुत शुभकामनाएं।

धन्यवाद।