‘भारत में जी20 शिखर सम्मेलन’ विषय से संबंधित 4 पुस्तकों का विमोचन किया
"इस तरह के पैमाने वाले आयोजनों का सफल होना निश्चित हो जाता है, जब इनकी जिम्मेदारी युवा ले लेते हैं"
“पिछले 30 दिनों में हर क्षेत्र में अभूतपूर्व गतिविधियां देखी गईं; भारत के कार्यक्षेत्र की सीमा तुलना से परे है”
"सर्व-सम्मति से हुई नई दिल्ली घोषणा, पूरी दुनिया में सुर्खियां बन गई"
"मजबूत कूटनीतिक प्रयासों से, भारत को नए अवसर, नए दोस्त और नए बाजार मिल रहे हैं, युवाओं को नए अवसर मिल रहे हैं"
"भारत ने जी20 को एक ऐसा राष्ट्रीय आंदोलन बनाया, जो लोगों द्वारा संचालित थी"
"आज ईमानदार लोगों को पुरस्कृत किया जा रहा है, जबकि बेईमानों पर कार्रवाई की जा रही है"
"देश की विकास यात्रा के लिए स्वच्छ, स्पष्ट और स्थिर शासन आवश्यक है"
"मेरी शक्ति भारत के युवाओं में निहित है"
“दोस्तों, मेरे साथ चलिए, मैं आपको आमंत्रित करता हूँ; 25 साल हमारे सामने हैं, 100 साल पहले क्या हुआ था, लोग स्वराज के लिए आगे बढ़े थे, हम समृद्धि (समृद्धि) के लिए आगे बढ़ें''

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आज नई दिल्ली के भारत मंडपम में जी20 यूनिवर्सिटी कनेक्ट फिनाले कार्यक्रम को संबोधित किया। जी20 यूनिवर्सिटी कनेक्ट पहल की शुरुआत करने का उद्देश्य भारत के युवाओं के बीच भारत की जी20 अध्यक्षता की समझ को विस्तार देना और विभिन्न जी20 आयोजनों में उनकी भागीदारी को बढ़ाना है। प्रधानमंत्री ने इस अवसर पर 4 पुस्तकों का भी विमोचन किया, जिनके नाम हैं भारत की जी20 अध्यक्षता की भव्य सफलता: दूरदर्शी नेतृत्व, समावेशी दृष्टिकोण; भारत की जी20 अध्यक्षता: वसुधैव कुटुंबकम; जी20 यूनिवर्सिटी कनेक्ट कार्यक्रम का सार-संग्रह; और जी20 में भारतीय संस्कृति का प्रदर्शन।

 

प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन की शुरुआत दो सप्ताह पहले जी20 शिखर सम्मेलन के दौरान भारत मंडपम की चहल - पहल को याद करते हुए की और कहा कि यह जगह पूरी तरह से गतिविधियों का केंद्र बन गई है। उन्होंने प्रसन्नता व्यक्त की कि वही स्थल, आज भारत के भविष्य का गवाह बन रहा है। भारत ने जी20 जैसे आयोजन के मानकों को ऊपर उठाया है और दुनिया इससे बेहद आश्चर्यचकित है, जैसे तथ्यों को रेखांकित करते हुए श्री मोदी ने इस बात पर जोर दिया कि यह बिल्कुल भी आश्चर्यजनक नहीं हैं, क्योंकि भारत के होनहार युवाओं ने इस तरह के आयोजन से स्वयं को जोड़ा है। उन्होंने कहा, "इस तरह के पैमाने वाले आयोजनों का सफल होना निश्चित हो जाता है, जब इनकी जिम्मेदारी युवा ले लेते हैं।" प्रधानमंत्री मोदी ने भारत में हो रही गतिविधियों का श्रेय देश की युवा ऊर्जा को दिया।

 

प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत 'गतिविधियों का केंद्र' बनता जा रहा है। पिछले 30 दिनों की गतिविधियों से यह स्पष्ट होता है। पिछले 30 दिनों का सारांश देते हुए, प्रधानमंत्री ने सफल चंद्रयान मिशन से शुरुआत की, जब पूरी दुनिया 'भारत चंद्रमा पर है' से गूंज उठी थी। प्रधानमंत्री ने कहा, "23 अगस्त का दिन हमारे देश में राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस के रूप में अमर हो गया है।" इस सफलता को जारी रखते हुए, भारत ने अपना सौर मिशन सफलतापूर्वक लॉन्च किया। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, चंद्रयान ने 3 लाख किलोमीटर की दूरी तय की और सौर परियोजना 15 लाख किलोमीटर की दूरी तय करेगी। उन्होंने कहा, "क्या भारत के कार्यक्षेत्र की सीमा की कोई तुलना है?"

 

प्रधानमंत्री ने रेखांकित किया कि भारत की कूटनीति ने पिछले 30 दिनों में नई ऊंचाइयों को छुआ है। उन्होंने जी-20 से पहले दक्षिण अफ्रीका में हुए ब्रिक्स शिखर सम्मेलन का जिक्र किया, जहां भारत के प्रयासों से छह नए देशों को सदस्य के रूप में शामिल किया गया। दक्षिण अफ्रीका के बाद, प्रधानमंत्री ने ग्रीस की यात्रा का उल्लेख किया, जो चार दशकों में किसी भारतीय प्रधानमंत्री की पहली यात्रा थी। उन्होंने जी20 शिखर सम्मेलन से पहले इंडोनेशिया में विश्व के कई राजनेताओं से हुई मुलाकात का भी जिक्र किया। इस बात पर प्रकाश डालते हुए कि इसी भारत मंडपम में दुनिया के कल्याण के लिए कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए, प्रधानमंत्री ने इस बात को रेखांकित किया कि वैश्विक स्तर पर ध्रुवीकृत माहौल में एक ही मंच पर सभी सदस्य देशों के लिए एक साझा आधार प्राप्त करना सरकार के लिए एक विशेष उपलब्धि रही। प्रधानमंत्री ने कहा, "सर्वसम्मति से हुई नई दिल्ली घोषणा पूरी दुनिया में सुर्खियां बन गई।" उन्होंने उल्लेख किया कि भारत ने कई महत्वपूर्ण पहलों और परिणामों का नेतृत्व किया। जी20 के परिवर्तनकारी निर्णयों, जो 21वीं सदी की दिशा को पूरी तरह से बदलने की क्षमता रखते हैं, के बारे में बात करते हुए, प्रधानमंत्री ने जी20 में स्थायी सदस्य के रूप में अफ्रीकी संघ को शामिल करने, भारत के नेतृत्व में अंतर्राष्ट्रीय जैव ईंधन गठबंधन तथा भारत मध्य-पूर्व यूरोपीय गलियारे का उल्लेख किया।.

 

जी20 शिखर सम्मेलन खत्म होते ही सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस का राजकीय दौरा हुआ और सऊदी अरब भारत में 100 अरब डॉलर का निवेश करने जा रहा है। प्रधानमंत्री ने बताया कि उन्होंने पिछले 30 दिनों में विश्व के 85 राजनेताओं से मुलाकात की, जो दुनिया के लगभग आधे हिस्से का प्रतिनिधित्व करते हैं। भारत की बढ़ती अंतरराष्ट्रीय छवि के लाभों के बारे में प्रधानमंत्री ने कहा कि इससे भारत को नए अवसर, नए दोस्त और नए बाजार मिल रहे हैं, जिससे युवाओं को भी नए अवसर मिल रहे हैं।

 

पिछले 30 दिनों में एससी, एसटी, ओबीसी समुदायों तथा गरीबों और मध्यम वर्ग को सशक्त बनाने के लिए सरकार द्वारा उठाए गए कदमों का जिक्र करते हुए, प्रधानमंत्री ने विश्वकर्मा जयंती के शुभ अवसर पर पीएम विश्वकर्मा योजना की शुरुआत का उल्लेख किया, जिससे कारीगरों, शिल्पकारों और पारंपरिक श्रमिकों को बहुत लाभ होगा। उन्होंने 1 लाख से अधिक युवाओं को केंद्र सरकार की नौकरियों के नियुक्ति पत्र सौंपने के लिए रोजगार मेलों के आयोजन का उल्लेख किया। प्रधानमंत्री ने यह भी बताया कि रोजगार मेलों की शुरुआत के बाद से 6 लाख से अधिक युवाओं को नियुक्ति पत्र प्रदान किये गए हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने नई संसद के उद्घाटन सत्र का भी उल्लेख किया, जहां नारी शक्ति वंदन अधिनियम, पारित होने वाला पहला विधेयक था।

 

इलेक्ट्रिक मोबिलिटी के संदर्भ में प्रधानमंत्री ने देश में बैटरी ऊर्जा भंडारण प्रणाली को सशक्त बनाने के लिए एक नई योजना की मंजूरी का उल्लेख किया। अन्य घटनाक्रमों के अलावा, श्री मोदी ने द्वारका, नई दिल्ली में यशोभूमि सम्मेलन केंद्र के उद्घाटन; वाराणसी में एक नए अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम के शिलान्यास और 9 वंदे भारत ट्रेनों को झंडी दिखाकर रवाना करने का भी जिक्र किया। प्रधानमंत्री ने मध्य प्रदेश में एक नवीकरणीय ऊर्जा आईटी पार्क, एक मेगा औद्योगिक पार्क और छह नए औद्योगिक क्षेत्रों के साथ एक रिफाइनरी में एक पेट्रोकेमिकल कॉम्प्लेक्स की आधारशिला रखने का भी उल्लेख किया। श्री मोदी ने कहा, "ये सभी परियोजनाएं रोजगार सृजन और युवाओं के कौशल बढ़ाने से जुड़ी हैं।"

प्रधानमंत्री ने कहा कि युवा वहीं प्रगति करते हैं, जहां आशावाद, अवसर और खुलापन होता है। प्रधानमंत्री ने युवाओं से बड़ा सोचने का आग्रह किया। उन्होंने कहा, "ऐसी कोई उपलब्धि नहीं है, जो आपसे परे हो या देश आपके पीछे न खड़ा हो।" उन्होंने कहा कि किसी भी अवसर को छोटा नहीं समझना चाहिए और हर गतिविधि को एक मानदंड (बेंचमार्क) में बदलने का प्रयास करना चाहिए। उन्होंने जी-20 का उदाहरण देकर इसे स्पष्ट किया, जो महज एक कूटनीतिक और दिल्ली-केंद्रित कार्यक्रम हो सकता था। इसके बजाय, "भारत ने जी20 को एक ऐसा राष्ट्रीय आंदोलन बना दिया, जो लोगों द्वारा संचलित किया गया।“ उन्होंने इस आयोजन में युवाओं की भागीदारी की सराहना की, क्योंकि जी20 यूनिवर्सिटी कनेक्ट में 100 से अधिक विश्वविद्यालयों के 1 लाख से अधिक छात्रों ने भाग लिया। सरकार ने जी20 को स्कूलों, उच्च शिक्षा संस्थानों और कौशल विकास संस्थानों के 5 करोड़ छात्रों तक पहुंचाया। उन्होंने कहा, "हमारे लोग बड़ा सोचते हैं और उससे भी बड़े स्तर पर काम पूरा करते हैं।"

अमृत काल के अगले 25 वर्षों के महत्व को दोहराते हुए, प्रधानमंत्री ने राष्ट्र और युवाओं दोनों के लिए इस अवधि की गंभीरता को रेखांकित किया। योगदान देने वाले कारकों के समन्वय पर जोर देते हुए, प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्थाओं में से एक है, क्योंकि देश बहुत ही कम समय में 10वीं से 5वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया है। भारत पर वैश्विक भरोसा मजबूत है और देश में रिकॉर्ड विदेशी निवेश हो रहा है। निर्यात, विनिर्माण और सेवा क्षेत्र नई ऊंचाइयों को छू रहे हैं। केवल 5 वर्षों में, 13.5 करोड़ लोग गरीबी से बाहर आकर भारत के नव-मध्यम वर्ग में परिवर्तित हो गए हैं। उन्होंने कहा, “भौतिक, सामाजिक और डिजिटल अवसंरचना में प्रगति विकास की नई गति सुनिश्चित कर रही है। भौतिक अवसंरचना में 10 लाख करोड़ रुपये का निवेश हो रहा है।“

युवाओं के लिए नए अवसरों की बात करते हुए, प्रधानमंत्री ने बताया कि ईपीएफओ पेरोल पर करीब 5 करोड़ पंजीकरण हुए हैं। इनमें से 3.5 करोड़ पहली बार ईपीएफओ के दायरे में आए हैं, यानि ये उनका पहला औपचारिक समूह है। उन्होंने देश में स्टार्टअप्स की अभूतपूर्व वृद्धि के बारे में भी बात की, जो 2014 के 100 से आज बढ़कर 1 लाख से अधिक हो गए हैं। उन्होंने कहा, “भारत दुनिया में दूसरा सबसे बड़ा मोबाइल हैंडसेट निर्माता है। 2014 की तुलना में रक्षा निर्यात 23 गुना बढ़ गया। मुद्रा योजना युवाओं को नौकरी के अवसरों का सृजन करने वाला बना रही है।“ उन्होंने बताया कि इस योजना के तहत 8 करोड़ लोग पहली बार उद्यमी बने और पिछले 9 वर्षों में भारत में 5 लाख सामान्य सेवा केंद्र खोले गए।

प्रधानमंत्री मोदी ने देश में हो रहे सकारात्मक विकास का श्रेय राजनीतिक स्थिरता, नीतिगत स्पष्टता और लोकतांत्रिक मूल्यों को दिया। प्रधानमंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि सरकार ने पिछले 9 वर्षों में भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने के लिए ईमानदार प्रयास किए हैं। उन्होंने बिचौलियों को नियंत्रित करने और प्रणाली में होने वाली चोरी रोकने के लिए प्रौद्योगिकी आधारित प्रणालियों के कार्यान्वयन का उदाहरण दिया। श्री मोदी ने जोर देकर कहा, "आज ईमानदार लोगों को पुरस्कृत किया जा रहा है, जबकि बेईमानों पर कार्रवाई की जा रही है।"

प्रधानमंत्री ने जोर देकर कहा, "देश की विकास यात्रा जारी रखने के लिए स्वच्छ, स्पष्ट और स्थिर शासन एक अनिवार्य शर्त होती है।" उन्होंने रेखांकित किया कि यदि भारत के युवाओं ने संकल्प लिया है, तो 2047 तक भारत को एक विकसित और आत्मनिर्भर राष्ट्र बनने से कोई नहीं रोक सकता। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि पूरी दुनिया आशा के साथ भारत की ओर देख रही है, क्योंकि वे अब भारत और इसके युवाओं की क्षमता को पहचानते हैं। उन्होंने कहा कि भारत और इसके युवाओं की प्रगति दुनिया की प्रगति के लिए बेहद महत्वपूर्ण है। इस बात को रेखांकित करते हुए कि युवाओं की भावना ही उन्हें राष्ट्र की ओर से प्रतिबद्धताएं करने में सक्षम बनाती है, प्रधानमंत्री ने कहा कि जब वे विश्व मंच पर भारत का दृष्टिकोण सामने रखते हैं, तो इस प्रेरणा के पीछे भारत के युवा होते हैं। प्रधानमंत्री ने कहा, "मेरी ताकत भारत के युवाओं में निहित है" और सभी को भारत के युवाओं के बेहतर भविष्य के लिए अथक प्रयास करने के प्रति आश्वस्त किया।

स्वच्छ भारत अभियान को सफल बनाने में युवाओं के योगदान से प्रभावित होकर प्रधानमंत्री ने उनसे गांधी जयंती से एक दिन पहले 1 अक्टूबर, 2023 को देश भर में आयोजित होने वाले व्यापक स्वच्छता अभियान में भाग लेने की अपील की। उनका दूसरा अनुरोध डिजिटल लेनदेन को बढ़ावा देने के बारे में था। उन्होंने उनसे एक सप्ताह के भीतर कम से कम 7 लोगों को यूपीआई संचालित करने का तरीका सिखाने को कहा। उनका तीसरा अनुरोध वोकल फॉर लोकल को लेकर था। उन्होंने त्योहारों के दौरान 'मेड इन इंडिया' उपहार खरीदने के लिए कहा और उन चीजों का उपयोग करने की अपील की, जो मूल रूप से स्वदेशी हैं। उन्होंने उनसे रोजमर्रा के उपयोग की चीजों की एक सूची बनाने और यह जांच करने को कहा कि उनमें से कितनी चीजें विदेश में बनी हैं। उन्होंने कहा कि विदेश में बनी कई वस्तुएं हमारे जीवन में शामिल हो गयीं हैं और देश को बचाने के लिए उनसे छुटकारा पाना जरूरी है।

इस बात का उल्लेख करते हुए कि भारत के कॉलेज और विश्वविद्यालय परिसर 'वोकल फॉर लोकल' के लिए महत्वपूर्ण केंद्र बन सकते हैं, प्रधानमंत्री ने छात्रों से खादी को परिसर का फैशन बनाने का आग्रह किया। उन्होंने खादी फैशन शो आयोजित करने और कॉलेज सांस्कृतिक उत्सवों में विश्वकर्मा के काम को बढ़ावा देने का सुझाव दिया। इस बात को समझते हुए कि प्रधानमंत्री द्वारा की गई तीन अपीलें आज के युवाओं के साथ-साथ आने वाली पीढ़ियों की बेहतरी के लिए हैं, उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि युवा इस संकल्प के साथ आज भारत मंडपम से जायेंगे।

प्रधानमंत्री ने कहा कि स्वतंत्रता संग्राम के सेनानियों के विपरीत हमें देश के लिए मर-मिटने का अवसर नहीं मिला, लेकिन हमारे पास देश के लिए जीने का पूरा अवसर है। उन्होंने कहा कि एक सदी पहले के दशकों में युवाओं ने आजादी के महान लक्ष्य का निर्णय लिया था और उस राष्ट्रव्यापी ऊर्जा ने देश को औपनिवेशिक शक्तियों से मुक्त कराया था। प्रधानमंत्री ने युवाओं का आह्वान किया, “दोस्तों, आइये और मेरे साथ चलिए, मैं आपको आमंत्रित करता हूँ। हमारे सामने 25 साल हैं, 100 साल पहले क्या हुआ था, वे स्वराज के लिए आगे बढ़े थे, हम समृद्धि (समृद्धि) के लिए आगे बढ़ सकते हैं।“ उन्होंने कहा, "आत्मनिर्भर भारत समृद्धि के नए द्वार खोलता है और आत्म-विश्वास को नई ऊंचाइयों पर ले जाता है।" उन्होंने भारत को शीर्ष तीन अर्थव्यवस्थाओं में शामिल करने की अपनी गारंटी दोहराई। अंत में उन्होंने कहा, "इसलिए मुझे मां भारती और 140 करोड़ भारतीयों के लिए आपके समर्थन और सहयोग की आवश्यकता है।“

इस अवसर पर केंद्रीय शिक्षा मंत्री श्री धर्मेंद्र प्रधान उपस्थित थे।

पृष्ठभूमि

जी20 जनभागीदारी आंदोलन में देश भर के विभिन्न स्कूलों, उच्च शिक्षा संस्थानों और कौशल विकास संस्थानों के 5 करोड़ से अधिक युवाओं की रिकॉर्ड भागीदारी हुई। जी20 यूनिवर्सिटी कनेक्ट पहल, भारत के युवाओं के बीच भारत की जी20 अध्यक्षता की समझ का विस्तार करने और विभिन्न जी20 आयोजनों में उनकी भागीदारी बढ़ाने के उद्देश्य से शुरू की गई थी। इस कार्यक्रम में भारत भर के विश्वविद्यालयों के 1 लाख से अधिक छात्र शामिल हुए। शुरुआत में भारत की आजादी के 75 साल पूरे होने के उपलक्ष्य में 75 विश्वविद्यालयों को शामिल करने की योजना बनाई गई थी, इस पहल ने अंततः पूरे भारत में 101 विश्वविद्यालयों तक अपनी पहुंच का विस्तार किया।

जी-20 यूनिवर्सिटी कनेक्ट पहल के तहत देशभर में विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए गए। इनमें उच्च शिक्षा संस्थानों की व्यापक भागीदारी हुई। इसके अलावा, पहल की शुरुआत विश्वविद्यालयों के लिए एक कार्यक्रम के रूप में हुई थी, जो तेजी से बढ़ती गयी और इसमें स्कूल और कॉलेज भी शामिल हो गए तथा इस प्रकार इसकी पहुँच और व्यापक हो गयी।

जी20 यूनिवर्सिटी कनेक्ट फिनाले में भाग लेने वाले विश्वविद्यालयों के लगभग 3,000 छात्र, संकाय सदस्य और कुलपति शामिल हुए, जबकि देश भर के छात्र इसके लाइव कार्यक्रम में शामिल हुए।

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PM Modi congratulates hockey team for winning Women's Asian Champions Trophy
November 21, 2024

The Prime Minister Shri Narendra Modi today congratulated the Indian Hockey team on winning the Women's Asian Champions Trophy.

Shri Modi said that their win will motivate upcoming athletes.

The Prime Minister posted on X:

"A phenomenal accomplishment!

Congratulations to our hockey team on winning the Women's Asian Champions Trophy. They played exceptionally well through the tournament. Their success will motivate many upcoming athletes."