Quote“प्रधानमंत्री ने आकांक्षी ब्लॉक कार्यक्रम पोर्टल का शुभारंभ किया”
Quote“मेरे लिए यहां उपस्थित लोग जी20 से कम नहीं है”
Quote“यह कार्यक्रम टीम भारत की सफलता और सबका प्रयास की भावना का प्रतीक है”
Quote“स्वतंत्र भारत के शीर्ष 10 कार्यक्रमों की किसी भी सूची में आकांक्षी ब्लॉक कार्यक्रम का नाम सुनहरे अक्षरों में शामिल होगा”
Quote“आकांक्षी जिला कार्यक्रम का विकास चार्ट मेरे लिए प्रेरणादायक बन गया है”
Quote“संसाधनों का अधिकतम उपयोग एवं अभिसरण, विकास का आधार हैं”
Quote“हमने दंड वाली नियुक्ति की धारणा को आकांक्षी नियुक्ति में बदल दिया है”
Quote“संसाधनों का वितरण आवश्यकता वाले क्षेत्रों पर विशेष ध्यान के साथ समान रुप से होना चाहिए”
Quote“जन भागीदारी अथवा लोगों की भागीदारी में समस्याओं का समाधान ढूंढने का अद्भुत सामर्थ्य है”
Quote“112आकांक्षी जिले अब प्रेरक जिले बन गए हैं”

 प्रधानमंत्री श्री नरेद्र मोदी ने आज नई दिल्ली के भारत मंडपम में आकांक्षी जिलो के लिए सप्ताह भर चलने वाले एक विशिष्ट कार्यक्रम “संकल्प सप्ताह” का शुभारंभ किया। प्रधानमंत्री मोदी ने इस अवसर पर आकांक्षी ब्लॉक कार्यक्रम पोर्टल का शुभारंभ भी किया और प्रदर्शनी का उदघाटन भी किया।

प्रधानमंत्री ने तीन ब्लॉक स्तरीय अधिकारियों से भी बातचीत की।

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उत्तरप्रदेश के बरेली में बाहेरी से अध्यापिका सुश्री रंजना अग्रवाल से बात करते हुए प्रधानमंत्री श्री मोदी ने उनके ब्लॉक मे आयोजित चितंन शिविर के दौरान सबसे प्रभावशाली विचार के संबंध में जानकारी प्राप्त की। सुश्री रंजना अग्रवाल ने ब्लॉक में सर्वांगीण विकास कार्यक्रम का उल्लेख किया और सभी हितधारकों के सरकारी योजनाओं को जन आंदोलन में बदलने के लिए एक मंच पर आने के महत्व पर प्रकाश डाला। प्रधानमंत्री ने स्कूलों में शिक्षा परिणामों में सुधार लाने के लिए बदलावों को लागू करने के संबंध में जानकारी ली। सुश्री अग्रवाल ने परंपरागत शिक्षण प्रणाली के स्थान पर गतिविधियों पर आधारित शिक्षण को अपनाने का उल्लेख किया और बाल सभा,संगीत की कक्षाओं,खेलों और शारीरिक प्रशिक्षण आदि आयोजित करने का उदाहरण दिया। उन्होंने स्मार्ट क्लॉसरुम और शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार के लिए प्रौद्योगिकी के प्रयोग का उल्लेख भी किया। उन्होंने अपने जिले के सभी 2,500 विद्यालयों में स्मार्ट क्लासरुम की उपलब्धता के संबंध में भी सूचित किया। प्रधानमंत्री ने कहा कि विकसित भारत की एक प्रमुख जरुरत बच्चों को दी जाने वाली शिक्षा की गुणवत्ता होगी। उन्होंने कहा कि वो शिक्षकों की निष्ठा और सहभागिता से अभिभूत हैं। यह "समर्पण से सिद्धि” का मार्ग है।

 

जम्मू कश्मीर में पूंछ के मनकोट से सहायक पशु शल्य चिकित्सक डॉ. साजिद अहमद ने प्रवासी जनजातीय पशुओं के समक्ष आने वाली समस्याओं के संबंध में बारे में बताया और प्रवास के दौरान होने वाली समस्याओं और नुकसान को कम करने के उपायों पर जानकारी दी। उन्होने प्रधानमंत्री को अपने व्यक्तिगत अनुभवों को भी साझा किया । प्रधानमंत्री ने विद्यालयी शिक्षा और जमीनी अनुभव में अंतर के संबंध में जानकारी ली। डॉ. साजिद ने क्लॉसरुम में उपेक्षित की गई मजबूत स्थानीय नस्लों के बारे में बताया। प्रधानमंत्री को खुरपका रोग(फुट एंड माउथ) के लिए टीकाकरण कार्यक्रम के बारे में जानकारी दी गई थी और उन्हें क्षेत्र में बड़े स्तर पर टीकाकरण संबंधी जानकारी दी गई। प्रधानमंत्री ने क्षेत्र के गुर्जरों के साथ अपनी निकटता का वर्णन किया,जो उन्हें हमेशा कच्छ के निवासियों की याद दिलाते हैं।

 

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मेघालय में रेसूबेलपारा नग(गारो क्षेत्र) के कनिष्ठ ग्रामीण विकास अधिकारी श्री माइकेचार्ड चे मोमिन से बातचीत करते हुए पीएम मोदी ने क्षेत्र में बेहद खराब मौसम के दौरान होने वाली समस्याओं के समाधान के बारे में पूछा। श्री मोमिन ने आवश्यक वस्तुओं का स्टॉक करने के लिए प्रारंभिक आदेश जारी करने और प्रगति की निगरानी के लिए एक टीम बनाने का उल्लेख किया। जीवन की सुगमता में सुधार के लिए पीएम-आवास (ग्रामीण) में क्षेत्रीय डिजाइन और मालिक-संचालित निर्माण की शुरूआत से आउटपुट की गुणवत्ता में आए बदलावों के बारे में प्रधानमंत्री की पूछताछ पर, श्री मोमिन ने सकारात्मक जवाब दिया। प्रधानमंत्री के क्षेत्र में काजू के उत्पादन और विपणन के संबंध में पूछने पर श्री मोमिन ने कहा कि क्षेत्र में उत्पादित होने वाले काजू देश में सर्वश्रेष्ठ गुणवत्ता के हैं और इसका उत्पादन बढ़ाने के लिए मनरेगा और स्वंय-सहायता समूहों को प्रोत्साहित किया जा रहा है। श्री मोमिन ने प्रधानमंत्री से क्षेत्र में काजू प्रसंस्करण की अधिक इकाईयों स्थापित करने का अनुरोध भी किया। प्रधानमंत्री श्री मोदी क्षेत्र में जागरुकता बढ़ाने के लिए संगीत की लोकप्रियता से भी प्रभावित हुए। प्रधानमंत्री ने आकांक्षी ब्लॉक और जिला कार्यक्रम में ग्राम पंचायतों की अहम भूमिका पर भी जोर डाला।

 

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सभा को संबोधित करते हुए, प्रधान मंत्री ने आयोजन स्थल - भारत मंडपम और कार्यक्रम से उन लोगों का उल्लेख किया जो दूर-दराज के क्षेत्रों में विकास का ध्यान रख रहे हैं। उन्होंने कहा, यह सरकार की सोच का संकेत है कि इस तरह का जमावड़ा जी20 शिखर सम्मेलन स्थल पर हो रहा है, जहां एक महीने पहले ही विश्व मामलों की दिशा तय करने वाले लोग एकत्र हुए थे। प्रधानमंत्री ने जमीनी स्तर पर बदलाव लाने वालों का स्वागत किया। श्री मोदी ने जोर देकर कहा, "मेरे लिए यह सभा जी20 से कम नहीं है।"

 

उन्होंने कहा कि यह कार्यक्रम टीम भारत और सबका प्रयास की भावना की सफलता का प्रतीक है। यह कार्यक्रम भारत के भविष्य के लिए महत्वपूर्ण है तथा 'संकल्प से सिद्धि' इसमें निहित है।

 

प्रधानमंत्री श्री मोदी ने कहा कि स्वतंत्र भारत के किसी भी शीर्ष 10 कार्यक्रमों में आकांक्षी जिला कार्यक्रम का नाम सुनहरे अक्षरों में लिखा जाएगा। आकांक्षी जिला कार्यक्रम ने 112 जिलों में लोगों को जीवन में बदलाव किया है। इस कार्यक्रम की सफलता ने आकांक्षी ब्लॉक कार्यक्रम की नींव रखी है और इस कार्यक्रम को विश्व भर से सराहना मिली है। प्रधानमंत्री ने कहा कि आकांक्षी जिला कार्यक्रम की बड़े स्तर पर सफलता प्राप्त करना सुनिश्चित है क्योंकि यह योजना ना सिर्फ अभूतपूर्व है बल्कि इसके लिए कार्य कर रहे लोग असाधारण हैं।

 

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कुछ देर पहले तीन ब्लॉक स्तरीय अधिकारियों से अपनी बातचीत का स्मरण करते हुए प्रधानमंत्री ने इस बात पर विशेष ध्यान देते हुए कहा कि जमीनी स्तर पर काम कर लोगों का मनोबल देखकर उनका आत्मविश्वास कई गुना बढ़ जाता है। प्रधानमंत्री मोदी ने जमीनी स्तर पर काम कर रहे लोगों को अपनी टीम के सदस्य के रुप में साथ काम करने की इच्छा व्यक्त करते हुए कार्यक्रम के लक्ष्यों को समय से पहले प्राप्त का विश्वास व्यक्त किया। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि वो कार्यक्रम की निगरानी ध्यानपूर्वक करेगें,इसलिए नहीं कि वो अपने कौशल की परीक्षा लेना चाहते हैं बल्कि जमीनी स्तर पर सफलता उन्हें बिना थके अधिक ऊर्जा और उत्साह देगी। उन्होंने कहा कि आकांक्षी जिला कार्यक्रम का प्रगति चार्ट मेरे लिए प्रेरणा बन गया है।

 

आकांक्षी जिला कार्यक्रम के 5 वर्ष पूरे होने पर प्रधानमंत्री ने कार्यक्रम के तीसरे पक्ष के मूल्यांकन पर प्रसन्नता व्यक्त की। प्रधानमंत्री ने कार्यक्रम की सरल रणनीति का उल्लेख करते हुए कहा कि ये शासन के चुनौतीपूर्ण कार्यों को पूरा करने के लिए सबक हैं। समग्र विकास के महत्व पर जोर देते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि देश के सभी भागों और क्षेत्रों का ध्यान रखा जाना चाहिए। “सर्वसमावेशी विकास का अभाव, सभी तक पहुंच बनाना, सभी को लाभ पहुंचाना संख्यात्मक विकास तो दिखा सकता है लेकिन बुनियादी विकास नहीं होता है। इसलिए यह महत्वपूर्ण है कि हम हर जमीनी स्तर के पैरामीटर को कवर करते हुए आगे बढ़ें।''

 

प्रधानमंत्री ने इस अवसर पर उपस्थित विभागों के सचिवों से दो नई दिशाओं - हर राज्य का तेजी से विकास और पिछड़े जिलों की मदद - पर काम करने का आग्रह किया। उन्होंने उनसे देश में ऐसे 100 ब्लॉकों की पहचान करने को कहा जो उनके संबंधित विभागों में पिछड़ रहे हैं तथा उनकी स्थितियों में सुधार लाने की दिशा में काम करने को कहा। उन्होंने जोर देकर कहा कि जब 100 चिन्हित ब्लॉक देश के औसत से ऊपर चले जाएंगे तो विकास के सभी मानक बदल जाएंगे। उन्होंने सुझाव दिया कि केंद्र के सभी विभाग उन ब्लॉकों के विकास पर जोर दें जिनमें सुधार की गुंजाइश है। राज्य सरकारों की भूमिका पर प्रकाश डालते हुए, प्रधान मंत्री ने 100 सबसे पिछड़े गांवों की पहचान करने और उन्हें सुधारने के लिए एक मॉडल बनाने का सुझाव दिया, जिसे अगले 1000 गांवों को विकसित करने के लिए दोहराया जा सकता है।

 

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2047 तक भारत को विकसित राष्ट्र बनाने के प्रण के बारे में बात करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि विकसित होने का मतलब विकसित महानगर और पिछड़े गांव नहीं हैं। उन्होंने कहा, ''हम इस मॉडल का पालन नहीं करते हैं, हम 140 करोड़ लोगों को साथ लेकर चलना चाहते हैं।'' उन्होंने आकांक्षी जिला कार्यक्रम के दौरान जिलों के बीच स्वस्थ प्रतिस्पर्धा का उल्लेख किया और गुजरात के कच्छ जिले का उदाहरण दिया, जिसे कभी अधिकारियों के लिए दंडात्मक पोस्टिंग का स्थान माना जाता था, लेकिन भूकंप के बाद वहां तैनात अधिकारियों के समर्पण और परिश्रम से यह सबसे सम्मानजनक स्थान बन गया है। उन्होंने देश के आकांक्षी जिलों में हुए विकास के लिए युवा अधिकारियों को श्रेय दिया। आकांक्षी ब्लॉक कार्यक्रम के लिए, प्रधानमंत्री ने राज्य सरकार को ब्लॉक स्तर पर सफल होने वाले युवा अधिकारियों को बढ़ावा देकर प्रोत्साहित करने का सुझाव दिया।

 

प्रधानमंत्री ने सरकार के बजट के सिर्फ आउटपुट ओरिएंटेशन से परिणाम में बदलाव के बारे में भी बात की। उन्होंने कहा कि इससे गुणात्मक परिवर्तन आया है। शासन के दौरान मिले अपने व्यापक अनुभव के बारे में बताते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि बजट बदलाव का एकमात्र कारक नहीं है। उन्होंने बिना बजट के विकास के आधार के रूप में संसाधनों के अधिकतम उपयोग और अभिसरण पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि योजनाओं के अभिसरण और संपूरकता का लाभ उठाया जाना चाहिए।

 

प्रधानमंत्री ने अच्छे प्रदर्शन वाले पहलुओं या चीजों से जुड़े परिणामों पर अत्यधिक निर्भर रहने और संसाधनों को विशेषकर उनमें ही लगाए जाने की भ्रांति के बारे में भी चर्चा की। उन्होंने कहा, ‘संसाधन को किसी चीज की अधिक-से-अधिक उपलब्‍धता सुनिश्चित कर देने में ही बड़े पैमाने पर लगा देने से उसकी बर्बादी होती है, जबकि यदि इसे अत्‍यंत जरूरी क्षेत्रों में लगाया जाए, तो निश्चित रूप से इसका कहीं बेहतर उपयोग होता है। अत: विशेषकर जरूरतमंद क्षेत्रों पर फोकस करते हुए ही संसाधनों को समान रूप से वितरित किया जाना चाहिए।’

 

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प्रधानमंत्री मोदी ने सरकार पर निर्भरता की मानसिकता से बाहर आने की आवश्यकता पर बल दिया और बड़े कामों को पूरा करने में समाज की ताकत पर प्रकाश डाला। उन्होंने 'जनभागीदारी' की आवश्यकता के बारे में बात करते हुए हर क्षेत्र में एक नेता की आवश्यकता को रेखांकित किया। उन्होंने 'संकल्प सप्ताह' कार्यक्रम में विकसित की जा रही टीम भावना के पहलू पर प्रकाश डाला, जिससे जन भागीदारी के लिए नेताओं और नए विचारों का उदय होगा। उन्होंने प्राकृतिक आपदा के दौरान समाज के एक-दूसरे की मदद के लिए एकजुट होने का उदाहरण दिया। उन्होंने लोगों की भागीदारी की भावना को प्रेरित करने के लिए ब्लॉक स्तर पर सामूहिक रूप से काम करने का भी जिक्र किया। उन्होंने कुपोषण को खत्म करने के लिए क्षेत्रीय संस्थानों की वर्षगांठ मनाने और ऐसे अवसरों पर स्कूली बच्चों को भोजन वितरित करने का उदाहरण दिया। श्री मोदी ने जोर देकर कहा, "जनभागीदारी या लोगों की भागीदारी में समस्याओं का समाधान खोजने की जबरदस्त क्षमता है।"

 

इसी तरह, प्रधानमंत्री ने देश की बढ़ते वैश्विक प्रोफ़ाइल में प्रवासी भारतीयों की भूमिका के बारे में विस्तार से बताते हुए सामाजिक भागीदारी की शक्ति का वर्णन किया क्योंकि उनकी सक्रियता से सरकार के राजनयिक प्रयासों में मदद मिलती है। प्रधानमंत्री ने प्रतिनिधियों से संकल्प सप्ताह का अधिकतम उपयोग करने को कहा। उन्होंने उनसे संसाधनों को एकत्रित करने और अधिकतम प्रभाव के लिए प्रयास करने पर ध्यान लगाने को कहा। प्रधानमंत्री ने संचार में प्रौद्योगिकी की भूमिका को स्वीकार करते हुए कहा कि भौतिक उपस्थिति का कोई विकल्प नहीं है और हमें इससे समझौता नहीं करना चाहिए क्योंकि जब हम वहां जाते हैं तो हमें उस स्थान की ताकत का पता चलता है। उन्होंने कहा कि 'संकल्प सप्ताह' के दौरान सहकर्मियों के साथ एक सप्ताह तक बैठने से उन्हें एक-दूसरे की ताकत और जरूरतों के बारे में पता चलेगा और टीम भावना में सुधार होगा।

 

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प्रधानमंत्री ने समस्‍त प्रतिनिधियों से 5 मापदंडों या पैमानों पर अपना ध्यान केंद्रित करने और इस तरह से बेहतरीन परिणाम सुनिश्चित करने को कहा। इससे उनका आत्मविश्वास बढ़ जाएगा। उन्होंने कहा, ‘समस्‍त समस्याओं का समाधान धीरे-धीरे हो जाने से संबंधित ब्लॉक दूसरों के लिए आकांक्षा का अहम स्रोत बन जाएगा।’ उन्होंने अपने संबोधन का समापन करते हुए कहा, ‘‘112 जिले जो पहले ‘आकांक्षी जिले’ थे, अब ‘प्रेरणादायक जिले’ बन गए हैं। मुझे पूरा भरोसा है कि महज एक साल के भीतर ही कम से कम 100 आकांक्षी ब्लॉक निश्चित रूप से प्रेरणादायक ब्लॉक बन जाएंगे।”

इस अवसर पर अन्य लोगों के अलावा नीति आयोग के उपाध्यक्ष श्री सुमन बेरी भी उपस्थित थे।

पृष्ठभूमि

'संकल्प सप्ताह' आकांक्षी ब्लॉक कार्यक्रम (एबीपी) के प्रभावी कार्यान्वयन से जुड़ा है। प्रधान मंत्री ने 7 जनवरी, 2023 को राष्ट्रव्यापी कार्यक्रम शुरू किया। इसका उद्देश्य नागरिकों के जीवन की गुणवत्ता को बढ़ाने के लिए ब्लॉक स्तर पर शासन में सुधार करना है। इसे देश के 329 जिलों के 500 आकांक्षी ब्लॉकों में लागू किया जा रहा है। आकांक्षी ब्लॉक कार्यक्रम को लागू करने और एक प्रभावी ब्लॉक विकास रणनीति तैयार करने के लिए देश भर में गांव और ब्लॉक स्तर पर चिंतन शिविर आयोजित किए गए। 'संकल्प सप्ताह' इन चिंतन शिविरों का ही नतीजा है।

सभी 500 आकांक्षी ब्लॉकों में 3 अक्टूबर से 9 अक्टूबर 2023 तक 'संकल्प सप्ताह' मनाया जाएगा। 'संकल्प सप्ताह' में प्रत्येक दिन एक विशिष्ट विकास विषय को समर्पित किया गया है, जिन पर सभी आकांक्षी ब्लॉक काम करेंगे। पहले छह दिनों की थीम में 'संपूर्ण स्वास्थ्य', 'सुपोषित परिवार', 'स्वच्छता', 'कृषि', 'शिक्षा' और 'समृद्धि दिवस' शामिल हैं। सप्ताह के अंतिम दिन यानी 9 अक्टूबर, 2023 को पूरे सप्ताह के दौरान किए गए कार्यों के समापन को 'संकल्प सप्ताह - समावेश समारोह' के रूप में मनाया जाएगा।

उद्घाटन कार्यक्रम में भारत मंडपम में देश भर से लगभग 3,000 पंचायत और ब्लॉक-स्तरीय जन प्रतिनिधि और पदाधिकारी भाग लेंगे। इसके अलावा, ब्लॉक और पंचायत स्तर के पदाधिकारियों, किसानों और जीवन के अन्य क्षेत्रों के व्यक्तियों सहित लगभग दो लाख लोग कार्यक्रम से वर्चुअली जुड़ेंगे।

पूरा भाषण पढ़ने के लिए यहां क्लिक कीजिए

  • Babla sengupta February 02, 2024

    Babla sengupta
  • Nisha Kushwaha Media social Media pharbhi October 02, 2023

    Jai shree Ram
  • Vishal Pancholi October 02, 2023

    લોક લાડીલા વડાપ્રધાન શ્રી નરેન્દ્રભાઈ મોદીજી ને મારા સાદર 🙏પ્રણામ 🙏 જય શ્રીકૃષ્ણ આપ સતત લોક કલ્યાણ નાં કાર્યો કરતાં રહો ભારત દેશ નો વિશ્વ માં ડંકો વાગે એવી પ્રભુ ને 🙏પ્રાર્થના સાથેની ખુબ ખુબ શુભકામનાઓ પ્રભુ આપને ખુબ ખુબ શકિત આપે એવી ખુબ ખુબ શુભેચ્છાઓ ભારત માતા કી જય 🇮🇳 વંદે માતરમ્ 🇮🇳
  • Jabar Singh October 02, 2023

    very good 👍
  • poonam October 01, 2023

    hay ho
  • Gopal Saha October 01, 2023

    Modi Modi Mera Modi, every thing is possible with Modi
  • Tribhuwan Kumar Tiwari October 01, 2023

    वंदेमातरम् सादर प्रणाम सर सादर त्रिभुवन कुमार तिवारी एडवोकेट पूर्व सभासद लोहिया नगर वार्ड पूर्व उपाध्यक्ष भाजपा लखनऊ महानगर उप्र भारत
  • Dharmendra Singh October 01, 2023

    Jai shree Ram 🙏
  • Sonu Kashyap October 01, 2023

    भारत माता कि जय🙏🙏🇮🇳
  • Santhoshpriyan E October 01, 2023

    Jai hind
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PM Modi pays homage to the Founding Father and First President of Namibia, Dr. Sam Nujoma, at Heroes Acre memorial
July 09, 2025

Prime Minister Shri Narendra Modi paid homage to the Founding Father and the First President of Namibia, Dr. Sam Nujoma at the Heroes Acre memorial.

Prime Minister remembered Dr. Sam Nujoma as a visionary leader who devoted his life to the struggle for Namibia’s independence. As the first President of free Namibia, Dr. Nujoma made inspiring contribution to the country’s nation making. His legacy continues to inspire people across the world.

Dr. Sam Nujoma was a great friend of India. His august presence during the establishment of the first ever-diplomatic mission of Namibia [SWAPO at that time] in 1986 in New Delhi will always be cherished and fondly remembered by the people of India.