प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रविवार को झारखंड के जमशेदपुर में जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि लोकसभा चुनाव देश के भविष्य को सशक्त और मजबूत बनाने के साथ ही वर्तमान पीढ़ी और आने वाली पीढ़ियों का भी उज्जवल भविष्य निश्चित करने का चुनाव है। चुनाव में देश की अर्थव्यवस्था, उद्योगों, लघु उद्योगों, राष्ट्रीय सुरक्षा, कृषि और वन उपज की बात होनी चाहिए। चुनाव में युवाओं के लिए बनते नए अवसरों और हाईवेज, एक्सप्रेसवेज, इंफ्रास्ट्रक्चर पर बात होनी चाहिए। लेकिन कांग्रेस और झामुमो वालों को इन सबसे कोई मतलब नहीं है। इन्हें विकास का क-ख-ग-घ भी मालूम नहीं। इनका तरीका क्या है? झूठ बोलो जोर से बोलो, बार-बार बोलो, इधर भी बोलो उधर भी बोलो, खड़े खड़े बोलो, नाच नाच के बोलो, झूठ ही बोलो और इनके मुद्दे क्या है गरीब की संपत्ति का एक्सरे करेंगे, उसे छीनेंगे। एससी, एसटी, ओबीसी का आरक्षण छीनेंगे। मोदी को रोज नई-नई गालियां देंगे। इससे ज्यादा आगे यह सोच ही नहीं सकते क्या। इंडी अलायंस वाले आपसे झूठ बोलते हैं। इनकी सच्चाई पूरा देश जान गया है। इसलिए पूरा हिंदुस्तान कह रहा है फिर एक बार मोदी सरकार।
खनिज संपदा से भरपूर झारखंड की गरीबी पर प्रधानमंत्री ने कहा कि झारखंड जैसा राज्य खनिज संपदा में इतना अमीर है, लेकिन फिर भी यहां इतनी गरीबी क्यों है। दुर्भाग्य देखिए, आज झारखंड का नाम सुनते ही एक ही दृश्य सामने आता है नोटों के ढेर। झारखंड सुनते ही नोटों के पहाड़ देखने को मिलते हैं। अफसर से लेकर मुख्यमंत्री तक जेल में हैं। सामान्य मानवी को गरीब रखकर कांग्रेस और झामुमो वालों ने अपने घरों में काली कमाई का अंबार लगा रखा है।
पीएम मोदी ने कहा कि कांग्रेस, झामुमो और आरजेडी जैसी पार्टियों ने झारखंड को हर मौके पर लूटा है। कांग्रेस तो भ्रष्टाचार की जननी ही रही है। कांग्रेस ने 2जी घोटाला किया, कोयला घोटाला किया, अनगिनत घोटालों में कांग्रेस ने लूट के रिकॉर्ड बनाए। आरजेडी ने नौकरी के बदले गरीब से, जो बेचारा दो टाइम की रोटी के लिए नौकरी तलाशता था ऐसे गरीब से नौकरी के नाम पर जमीन लिखवा ली। झामुमो ने यही गुण कांग्रेस और आरजेडी से सीखा है। झामुमो ने झारखंड में जमीन घोटाला किया और इन लोगों ने गरीब आदिवासियों की जमीनें हड़प ली। यहां तक कि सेना की जमीन तक हड़पने की कोशिश की।
झारखंड में नोट बरामदगी पर प्रधानमंत्री ने कहा कि इनके घरों से जो नोटों के पहाड़ बरामद हुए हैं वो पैसे हैं किसके हैं? ये पैसा भोले-भाले आदिवासी और दलितों का यह पैसा है जो इन्होंने लूटा है। पीएम मोदी ने कहा कि ये लोग अपनी काली कमाई में से एक भी रूपया देते क्या। ये लूट करते हैं तो कहते हैं कि अरे भाई अरबों-खरबों लूट लेंगे और वकील को क्या है जो चाहिए दे देंगे और फिर अदालत से निकल जाएंगे। फिर तो मौज ही मौज है। यानी वकील के लिए भी चोरी का पैसा। मोदी इन बेइमानों की ठिकानों से पैसा बरामद करवा रहा है। उन्होंने कहा, “नोटों का पहाड़ जो मैं पकड़ रहा हूं, मैं गारंटी देता हूं इसे सरकार की तिजोरी में ले जाने के लिए नहीं कर रहा हूं। मैं खोजूंगा कि ये पैसे किसके थे, क्यों देना पड़ा और कैसे दिया था। जब ये पक्का हो जाएगा कि ये पैसे किसके हैं तो उन सब गरीबों को ये पैसे उनको लौटा दूंगा।”
देश की प्रगति की चर्चा करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि पूरी दुनिया जानती है कि देश की प्रगति के लिए उद्योग जरूरी है जमशेदपुर का तो नाम ही जमशेद जी टाटा के नाम पर है। लेकिन कांग्रेस पार्टी उद्यम करने वालों को देश का दुश्मन मानती है। उसके नेता खुलेआम कहते हैं जो कारोबारी हमें पैसा नहीं देते हम उन पर हमला करते हैं। यानी कांग्रेस और झामुमो जैसे दलों को देश के उद्योगों से मतलब नहीं है उन्हें अपने भ्रष्टाचार और वसूली से मतलब है।
पीएम मोदी ने कहा, “मैं आज एक गंभीर विषय को स्पर्श करना चाहता हूं क्योंकि मैं आज उद्योग की धरती पर खड़ा हूं। कांग्रेस के शहजादे आए दिन उद्योगों का विरोध करते हैं उद्योगपतियों का विरोध करते हैं निवेश का विरोध करते हैं। आने वाले दिनों में कौन उद्योगपति उनके राज्य में जाकर के पूंजी निवेश करेगा। उन राज्यों के नौजवानों का क्या होगा। सारे निवेशक जो मुझे मिलने आते हैं वह कहते हैं साहब हम इन राज्यों में नहीं जाएंगे क्योंकि वहां तो निवेश की विरोध की विचारधारा है, उद्योगपतियों को गालियां दी जाती है। ये आपके शहजादे की भाषा के कारण आज दुनिया से इतने उद्योग का आ रहे हैं, आपके राज्य में आने को कोई तैयार नहीं है। निवेश करने को तैयार नहीं है और मुझे मेरे लिए हिंदुस्तान के किसी भी कोने का नौजवान मेरा अपना है। उसके अधिकारों को कोई छीन ले यह मुझे स्वीकार्य नहीं है। देश के नौजवानों की जिंदगी तबाह करने की भाषा बोली जा रही है। कोई निवेशक उनके यहां नहीं आएगा। और फिर दूसरे राज्यों में चले जाएंगे और आप रोते बैठोगे। और आपके राज्य के नौजवानों को पलायन करके उन राज्यों में जाना पड़ेगा जहां उद्योग लग रहे हैं।”
प्रधानमंत्री ने कहा कि ये कांग्रेस की भाषा, ये शहजादे की भाषा पूरी तरह नक्सली भाषा है। और नक्सली भी तो बिना रंगदारी लिए किसी कारोबारी को काम नहीं करने देते। आज मोदी ने नक्सलियों की कमर तोड़ दी है इसलिए आज रंगदारी की जिम्मेदारी कांग्रेस और झामुमो ने उठा ली है।
परिवारवाद पर प्रधानमंत्री ने कहा कि परिवारवादी पार्टियां देश को अपनी निजी संपत्ति समझते हैं। आपने न्यूज में देखा होगा कि कांग्रेस के शहजादे वायनाड से भागकर रायबरेली में चुनाव लड़ने आए। वो सबको कहते फिर रहे हैं कि ये मेरी मम्मी की सीट है। अरे कोई बच्चा स्कूल में पढ़ने जाता है तो वो भी नहीं कहता है कि मेरे पापा का स्कूल है। 8 साल का बच्चा भी ऐसा नहीं बोलता है। उनकी माता भी वहां प्रचार करने गईं और रायबरेली में जाकर कहा कि मैं अपना बेटा उनको सौंप रही हूं। रायबरेली वाले पूछते हैं बेटे को रायबरेली देने आई हो। आपने रायबरेली में आकर के कोविड के समय भी क्या एक बार भी पूछा है कि आपका हाल क्या है। आज कह रही हो कि आप अपने बेटे को रायबरेली सुपूर्द कर दो। कल्पना कीजिए, हमारे लोकतंत्र का मंदिर, हमारी संसद ये परिवारवादी लोग, संसद की सीटों का वसीयत करवाएंगे।
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कांग्रेस और झामुमो वालों को विकास का क-ख-ग-घ भी नहीं आता। pic.twitter.com/LbL8tNbuop
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काँग्रेस, झामुमो और RJD जैसी पार्टियों ने हमारे झारखंड को हर मौके पर लूटा है। pic.twitter.com/y7sByol5P8
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काँग्रेस और झामुमो जैसे दलों को देश के उद्योगों से मतलब नहीं है! pic.twitter.com/a50gWwRW9x
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कांग्रेस जैसे दलों ने कभी आपकी परवाह नहीं की।
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इन लोगों ने 60 साल तक ‘गरीबी हटाओ’ का झूठा नारा दिया: PM @narendramodi pic.twitter.com/chuoD0F7JP
काँग्रेस के शहजादे वायनाड से भागकर चुनाव लड़ने रायबरेली गए हैं। pic.twitter.com/VZwRrc4YSp
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कांग्रेस को आदिवासी समाज से नफरत रही है। pic.twitter.com/70XtNHu9y1
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