भाजपा का संकल्प-पत्र, महाराष्ट्र के सर्वांगीण विकास के ठोस वादों से लैस है: चिमूर में पीएम मोदी
महाराष्ट्र का तेज विकास, अघाड़ी वालों के बस की बात नहीं: चिमूर में पीएम मोदी
कांग्रेस देश के गरीबों और वंचितों को संविधान से मिले अधिकारों को खत्म करना चाहती है: सोलापुर, महाराष्ट्र में पीएम मोदी
लोगों को लगातार समस्याओं में उलझाए रखना; कांग्रेस की कार्यशैली: सोलापुर, महाराष्ट्र में पीएम मोदी
पुणे ने हमेशा बीजेपी के विचार और विजन का समर्थन किया है: पीएम मोदी
छत्रपति शिवाजी महाराज की धरती पर औरंगजेब का गुणगान करते हैं कांग्रेस और उसके साथी: पुणे में पीएम मोदी

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने महाराष्ट्र में मंगलवार को तीन जनसभाओं को संबोधित किया। अपने संबोधन में उन्होंने कहा कि विदेशी मानसिकता की गुलाम कांग्रेस महाराष्ट्र की महान संस्कृति और गौरव से नफरत करती है। कांग्रेस और उसके साथी दल एक तरफ औरंगजेब की शान में कसीदे पढ़ते हैं, वहीं दूसरी तरफ छत्रपति शिवाजी महाराज की धरती का अपमान करते हैं। स्वतंत्रता संग्राम सैनानी वीर सावरकर और बालासाहेब ठाकरे की सराहना करने में तो इनके मुंह पर ताले लग जाते हैं। पीएम मोदी ने कहा कि जब भी महाराष्ट्र में महा-अघाड़ी सरकार रही है, इसने विकास के रास्ते में रोड़े ही अटकाए हैं। महाअघाड़ी वाले जिस गाड़ी में चल रहे हैं, उसमें ना तो ब्रेक है और ना ही यह पता है कि इसे चलाएगा कौन? वहीं महायुति की सरकार है जिसने महज ढाई साल में ही महाराष्ट्र में विकास को पटरी पर ला दिया है। अब इस राज्य में और तेज विकास के लिए अगले पांच साल के लिए महायुति सरकार ही जरूरी है।

पीएम मोदी ने चिमूर की पहली जनसभा में कहा कि कांग्रेस पार्टी ने देश पर दशकों तक राज किया। लेकिन इनकी सोच समस्याओं को बनाए रखने तक ही सीमित रही। कांग्रेस की इसी सोच ने किसानों को भी बदहाल बनाए रखा, जिसके लिए हमारे किसान भाई-बहन कांग्रेस को कभी माफ नहीं करेंगे। उन्होंने कहा कि हमने किसानों की सिंचाई की समस्या को दूर करने पर फोकस किया। हमारे प्रयासों से कई गांवों का जलस्तर बढ़ा है। महायुति सरकार ने किसानों के बिजली बिल माफ कर दिए हैं। बड़ी संख्या में सिंचाई के पंपों को सोलर पंप में बदला जा रहा है। हमारी सरकार गन्ना किसानों के लिए भी लगातार पूरे देश में काम कर रही है। हम इथेनॉल इकोनॉमी के माध्यम से गन्ना किसानों के लिए आय के नए अवसर पैदा कर रहे हैं।

नारीशक्ति का वंदन करते हुए पीएम ने कहा कि आज महाराष्ट्र के विकास अभियान की सारथी अगर कोई है, तो वो इस राज्य की महिलाएं हैं। इसीलिए, महायुति सरकार महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए दिन-रात काम कर रही है। माझी लाडकी बहिण योजना सबकी जुबान पर है, ये महिलाओं के प्रति हमारी प्रतिबद्धता का सबसे बड़ा उदाहरण है। लेकिन आपने देखा होगा कि सरकार ने महिलाओं के हाथ में पैसा दिया, तो अघाड़ी वाले इसके विरोध में उतर आए! इसके लिए ये लोग कोर्ट तक चले गए! पीएम ने कहा कि जब महिलाओं के हाथ में पैसे आते हैं, तो उसका कितना असर होता है, ये इस बार दीवाली में देखने को मिला। माताओं-बहनों ने खुलकर खरीददारी की। इससे अर्थव्यवस्था को ताकत मिली। आज पीएम आवास योजना के तहत मिलने वाले घर महिलाओं के नाम हो रहे हैं। मुद्रा योजना की सबसे बड़ी लाभार्थी हमारी माताएं-बहनें बन रही हैं।

सोलापुर की जनसभा में महाराष्ट्र भाजपा के संकल्प पत्र की प्रशंसा करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि यह बहुत शानदार है। इसमें हर वर्ग के कल्याण और राज्य के विकास का संकल्प समाहित है। वह चाहे AI यूनिवर्सिटी हो या वाटर ग्रिड प्रोजेक्ट। वह चाहे हर घर पाइप से पानी हो या डिजिटल कनेक्टिविटी को बढ़ाना हो, इसमें महाराष्ट्र के भविष्य को उज्ज्वल बनाने के लिए बहुत कुछ है। यह संकल्प पत्र, अगले 5 साल के लिए महाराष्ट्र के विकास की गारंटी बनेगा। उन्होंने कहा कि महायुति के साथ-साथ केंद्र में NDA की सरकार है, यानी महाराष्ट्र में डबल इंजन की सरकार और विकास की डबल रफ्तार! आज महाराष्ट्र देश का वो राज्य है, जहां सबसे ज्यादा विदेशी निवेश हो रहा है। महाराष्ट्र का तेज विकास, अघाड़ी वालों के बस की बात नहीं है। क्योंकि अघाड़ी वालों ने केवल विकास पर ब्रेक लगाने में ही पीएचडी की है।

नक्सलवाद का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि हमारे चंद्रपुर के इस क्षेत्र ने दशकों तक इसका दंश झेला है। नक्सलवाद के कुचक्र में कितने ही युवाओं का जीवन बर्बाद हुआ। औद्योगिक विकास की संभावनाओं ने भी दम तोड़ दिया। कांग्रेस और उसके साथियों ने आपको यही दिया। यह तो हमारी सरकार है जिसने नक्सलवाद पर लगाम लगाई है। अब इस क्षेत्र में विकास से नित-नए अवसर बन रहे हैं। ये भी हमारी ही सरकार है जिसने दुनिया भर में मशहूर चंद्रपुर के बैम्बू से जुड़े दशकों पुराने नियम को बदला, जिससे आपके लिए बैम्बू की खेती करना आसान हुआ। गढ़चिरौली और चंद्रपुर में बांस शिल्पकारों की स्किल ट्रेनिंग पर भी हमारी सरकार जोर दे रही है। इस क्षेत्र में नक्सलवाद फिर ना हावी हो जाए, इसके लिए आपको कांग्रेस और उसके साथियों को यहां फटकने भी नहीं देना है।

पुणे की अपनी तीसरी जनसभा में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि आज महाराष्ट्र के लोग कांग्रेस की करतूतों का काला चिट्ठा पड़ोसी राज्य कर्नाटक में देख रहे हैं। कर्नाटक में कांग्रेस ने झूठ का टेप रिकॉर्डर बजाकर वोट मांगे और हवा-हवाई वादे किए! सरकार बनी, तो कांग्रेस ने हाथ खड़े कर दिए। अब वादे पूरे करने की जगह कांग्रेस ने जनता से वसूली अभियान चलाया हुआ है। अगर हमें महाराष्ट्र को बचाना है, तो कांग्रेस नाम की इस आफत को दूर ही रखना होगा! उन्होंने कहा कि पूरा देश इन दिनों कांग्रेस का एक और विश्वासघात देख रहा है। कांग्रेस ने जम्मू-कश्मीर विधानसभा में आर्टिकल-370 फिर से लागू करने का प्रस्ताव पास किया है। बीजेपी ने उसे खत्म करके कश्मीर में तिरंगा लहराया और कश्मीर में शांति बहाली की। अलगाववादियों के मंसूबों को नाकाम किया। लेकिन कांग्रेस फिर से आर्टिकल-370 की बहाली को लेकर पाकिस्तान की भाषा बोल रही है। लेकिन अब जम्मू-कश्मीर में आर्टिकल-370 की वापसी को महाराष्ट्र सहित पूरे देश का कोई भी देशभक्त स्वीकार नहीं कर सकता।

पीएम मोदी ने अपने संबोधन के अंत में कहा कि बीते 10 वर्षों में भाजपा-NDA सरकार ने हमेशा गरीब कल्याण के साथ-साथ मध्यम वर्ग को भी प्राथमिकता दी है। हम मिडिल क्लास को देश की रीढ़ मानते हैं। ये मिडिल क्लास ही है, जो वेल्थ क्रिएट करने के साथ ही जेनरेट भी करता है। अगर आज भारत दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने जा रहा है तो इसमें सबसे बड़ा योगदान हमारे मध्यम वर्ग का ही है। इसीलिए बीते 10 वर्षों में हमने मध्यम वर्ग को ध्यान में रखते हुए नई नीतियां बनाईं, नए फैसले लिए। हमारा प्रयास रहा है कि मिडिल क्लास को बीमारियों के इलाज पर कम से कम खर्च करना पड़े। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार गरीबों को तो पक्के घर बनाकर दे ही रही है, मिडिल क्लास के घरों के लिए भी सब्सिडी दे रही है। उन्होंने कहा कि हाल में ही हमने पीएम विद्यालक्ष्मी योजना भी शुरू की है। इस स्कीम के तहत, जो भी युवा हायर एजुकेशन में एडमिशन लेना चाहता है, उसे बिना गारंटी के 10 लाख रुपए का लोन दिया जाएगा। ये लोन सस्ता भी होगा और इसमें ब्याज पर छूट भी होगी। युवाओं को इसका बहुत बड़ा फायदा होने वाला है।

In his final Pune rally, PM Modi said, "Empowering Pune requires investment, infrastructure, and industry, and we’ve focused on all three. Over the last decade, foreign investment has hit record highs, and Maharashtra has topped India’s list of preferred destinations in the past two and a half years. Pune and nearby areas are gaining a major share of this investment."

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Text of PM Modi's address at the Parliament of Guyana
November 21, 2024

Hon’ble Speaker, मंज़ूर नादिर जी,
Hon’ble Prime Minister,मार्क एंथनी फिलिप्स जी,
Hon’ble, वाइस प्रेसिडेंट भरत जगदेव जी,
Hon’ble Leader of the Opposition,
Hon’ble Ministers,
Members of the Parliament,
Hon’ble The चांसलर ऑफ द ज्यूडिशियरी,
अन्य महानुभाव,
देवियों और सज्जनों,

गयाना की इस ऐतिहासिक पार्लियामेंट में, आप सभी ने मुझे अपने बीच आने के लिए निमंत्रित किया, मैं आपका बहुत-बहुत आभारी हूं। कल ही गयाना ने मुझे अपना सर्वोच्च सम्मान दिया है। मैं इस सम्मान के लिए भी आप सभी का, गयाना के हर नागरिक का हृदय से आभार व्यक्त करता हूं। गयाना का हर नागरिक मेरे लिए ‘स्टार बाई’ है। यहां के सभी नागरिकों को धन्यवाद! ये सम्मान मैं भारत के प्रत्येक नागरिक को समर्पित करता हूं।

साथियों,

भारत और गयाना का नाता बहुत गहरा है। ये रिश्ता, मिट्टी का है, पसीने का है,परिश्रम का है करीब 180 साल पहले, किसी भारतीय का पहली बार गयाना की धरती पर कदम पड़ा था। उसके बाद दुख में,सुख में,कोई भी परिस्थिति हो, भारत और गयाना का रिश्ता, आत्मीयता से भरा रहा है। India Arrival Monument इसी आत्मीय जुड़ाव का प्रतीक है। अब से कुछ देर बाद, मैं वहां जाने वाला हूं,

साथियों,

आज मैं भारत के प्रधानमंत्री के रूप में आपके बीच हूं, लेकिन 24 साल पहले एक जिज्ञासु के रूप में मुझे इस खूबसूरत देश में आने का अवसर मिला था। आमतौर पर लोग ऐसे देशों में जाना पसंद करते हैं, जहां तामझाम हो, चकाचौंध हो। लेकिन मुझे गयाना की विरासत को, यहां के इतिहास को जानना था,समझना था, आज भी गयाना में कई लोग मिल जाएंगे, जिन्हें मुझसे हुई मुलाकातें याद होंगीं, मेरी तब की यात्रा से बहुत सी यादें जुड़ी हुई हैं, यहां क्रिकेट का पैशन, यहां का गीत-संगीत, और जो बात मैं कभी नहीं भूल सकता, वो है चटनी, चटनी भारत की हो या फिर गयाना की, वाकई कमाल की होती है,

साथियों,

बहुत कम ऐसा होता है, जब आप किसी दूसरे देश में जाएं,और वहां का इतिहास आपको अपने देश के इतिहास जैसा लगे,पिछले दो-ढाई सौ साल में भारत और गयाना ने एक जैसी गुलामी देखी, एक जैसा संघर्ष देखा, दोनों ही देशों में गुलामी से मुक्ति की एक जैसी ही छटपटाहट भी थी, आजादी की लड़ाई में यहां भी,औऱ वहां भी, कितने ही लोगों ने अपना जीवन समर्पित कर दिया, यहां गांधी जी के करीबी सी एफ एंड्रूज हों, ईस्ट इंडियन एसोसिएशन के अध्यक्ष जंग बहादुर सिंह हों, सभी ने गुलामी से मुक्ति की ये लड़ाई मिलकर लड़ी,आजादी पाई। औऱ आज हम दोनों ही देश,दुनिया में डेमोक्रेसी को मज़बूत कर रहे हैं। इसलिए आज गयाना की संसद में, मैं आप सभी का,140 करोड़ भारतवासियों की तरफ से अभिनंदन करता हूं, मैं गयाना संसद के हर प्रतिनिधि को बधाई देता हूं। गयाना में डेमोक्रेसी को मजबूत करने के लिए आपका हर प्रयास, दुनिया के विकास को मजबूत कर रहा है।

साथियों,

डेमोक्रेसी को मजबूत बनाने के प्रयासों के बीच, हमें आज वैश्विक परिस्थितियों पर भी लगातार नजर ऱखनी है। जब भारत और गयाना आजाद हुए थे, तो दुनिया के सामने अलग तरह की चुनौतियां थीं। आज 21वीं सदी की दुनिया के सामने, अलग तरह की चुनौतियां हैं।
दूसरे विश्व युद्ध के बाद बनी व्यवस्थाएं और संस्थाएं,ध्वस्त हो रही हैं, कोरोना के बाद जहां एक नए वर्ल्ड ऑर्डर की तरफ बढ़ना था, दुनिया दूसरी ही चीजों में उलझ गई, इन परिस्थितियों में,आज विश्व के सामने, आगे बढ़ने का सबसे मजबूत मंत्र है-"Democracy First- Humanity First” "Democracy First की भावना हमें सिखाती है कि सबको साथ लेकर चलो,सबको साथ लेकर सबके विकास में सहभागी बनो। Humanity First” की भावना हमारे निर्णयों की दिशा तय करती है, जब हम Humanity First को अपने निर्णयों का आधार बनाते हैं, तो नतीजे भी मानवता का हित करने वाले होते हैं।

साथियों,

हमारी डेमोक्रेटिक वैल्यूज इतनी मजबूत हैं कि विकास के रास्ते पर चलते हुए हर उतार-चढ़ाव में हमारा संबल बनती हैं। एक इंक्लूसिव सोसायटी के निर्माण में डेमोक्रेसी से बड़ा कोई माध्यम नहीं। नागरिकों का कोई भी मत-पंथ हो, उसका कोई भी बैकग्राउंड हो, डेमोक्रेसी हर नागरिक को उसके अधिकारों की रक्षा की,उसके उज्जवल भविष्य की गारंटी देती है। और हम दोनों देशों ने मिलकर दिखाया है कि डेमोक्रेसी सिर्फ एक कानून नहीं है,सिर्फ एक व्यवस्था नहीं है, हमने दिखाया है कि डेमोक्रेसी हमारे DNA में है, हमारे विजन में है, हमारे आचार-व्यवहार में है।

साथियों,

हमारी ह्यूमन सेंट्रिक अप्रोच,हमें सिखाती है कि हर देश,हर देश के नागरिक उतने ही अहम हैं, इसलिए, जब विश्व को एकजुट करने की बात आई, तब भारत ने अपनी G-20 प्रेसीडेंसी के दौरान One Earth, One Family, One Future का मंत्र दिया। जब कोरोना का संकट आया, पूरी मानवता के सामने चुनौती आई, तब भारत ने One Earth, One Health का संदेश दिया। जब क्लाइमेट से जुड़े challenges में हर देश के प्रयासों को जोड़ना था, तब भारत ने वन वर्ल्ड, वन सन, वन ग्रिड का विजन रखा, जब दुनिया को प्राकृतिक आपदाओं से बचाने के लिए सामूहिक प्रयास जरूरी हुए, तब भारत ने CDRI यानि कोएलिशन फॉर डिज़ास्टर रज़ीलिएंट इंफ्रास्ट्रक्चर का initiative लिया। जब दुनिया में pro-planet people का एक बड़ा नेटवर्क तैयार करना था, तब भारत ने मिशन LiFE जैसा एक global movement शुरु किया,

साथियों,

"Democracy First- Humanity First” की इसी भावना पर चलते हुए, आज भारत विश्वबंधु के रूप में विश्व के प्रति अपना कर्तव्य निभा रहा है। दुनिया के किसी भी देश में कोई भी संकट हो, हमारा ईमानदार प्रयास होता है कि हम फर्स्ट रिस्पॉन्डर बनकर वहां पहुंचे। आपने कोरोना का वो दौर देखा है, जब हर देश अपने-अपने बचाव में ही जुटा था। तब भारत ने दुनिया के डेढ़ सौ से अधिक देशों के साथ दवाएं और वैक्सीन्स शेयर कीं। मुझे संतोष है कि भारत, उस मुश्किल दौर में गयाना की जनता को भी मदद पहुंचा सका। दुनिया में जहां-जहां युद्ध की स्थिति आई,भारत राहत और बचाव के लिए आगे आया। श्रीलंका हो, मालदीव हो, जिन भी देशों में संकट आया, भारत ने आगे बढ़कर बिना स्वार्थ के मदद की, नेपाल से लेकर तुर्की और सीरिया तक, जहां-जहां भूकंप आए, भारत सबसे पहले पहुंचा है। यही तो हमारे संस्कार हैं, हम कभी भी स्वार्थ के साथ आगे नहीं बढ़े, हम कभी भी विस्तारवाद की भावना से आगे नहीं बढ़े। हम Resources पर कब्जे की, Resources को हड़पने की भावना से हमेशा दूर रहे हैं। मैं मानता हूं,स्पेस हो,Sea हो, ये यूनीवर्सल कन्फ्लिक्ट के नहीं बल्कि यूनिवर्सल को-ऑपरेशन के विषय होने चाहिए। दुनिया के लिए भी ये समय,Conflict का नहीं है, ये समय, Conflict पैदा करने वाली Conditions को पहचानने और उनको दूर करने का है। आज टेरेरिज्म, ड्रग्स, सायबर क्राइम, ऐसी कितनी ही चुनौतियां हैं, जिनसे मुकाबला करके ही हम अपनी आने वाली पीढ़ियों का भविष्य संवार पाएंगे। और ये तभी संभव है, जब हम Democracy First- Humanity First को सेंटर स्टेज देंगे।

साथियों,

भारत ने हमेशा principles के आधार पर, trust और transparency के आधार पर ही अपनी बात की है। एक भी देश, एक भी रीजन पीछे रह गया, तो हमारे global goals कभी हासिल नहीं हो पाएंगे। तभी भारत कहता है – Every Nation Matters ! इसलिए भारत, आयलैंड नेशन्स को Small Island Nations नहीं बल्कि Large ओशिन कंट्रीज़ मानता है। इसी भाव के तहत हमने इंडियन ओशन से जुड़े आयलैंड देशों के लिए सागर Platform बनाया। हमने पैसिफिक ओशन के देशों को जोड़ने के लिए भी विशेष फोरम बनाया है। इसी नेक नीयत से भारत ने जी-20 की प्रेसिडेंसी के दौरान अफ्रीकन यूनियन को जी-20 में शामिल कराकर अपना कर्तव्य निभाया।

साथियों,

आज भारत, हर तरह से वैश्विक विकास के पक्ष में खड़ा है,शांति के पक्ष में खड़ा है, इसी भावना के साथ आज भारत, ग्लोबल साउथ की भी आवाज बना है। भारत का मत है कि ग्लोबल साउथ ने अतीत में बहुत कुछ भुगता है। हमने अतीत में अपने स्वभाव औऱ संस्कारों के मुताबिक प्रकृति को सुरक्षित रखते हुए प्रगति की। लेकिन कई देशों ने Environment को नुकसान पहुंचाते हुए अपना विकास किया। आज क्लाइमेट चेंज की सबसे बड़ी कीमत, ग्लोबल साउथ के देशों को चुकानी पड़ रही है। इस असंतुलन से दुनिया को निकालना बहुत आवश्यक है।

साथियों,

भारत हो, गयाना हो, हमारी भी विकास की आकांक्षाएं हैं, हमारे सामने अपने लोगों के लिए बेहतर जीवन देने के सपने हैं। इसके लिए ग्लोबल साउथ की एकजुट आवाज़ बहुत ज़रूरी है। ये समय ग्लोबल साउथ के देशों की Awakening का समय है। ये समय हमें एक Opportunity दे रहा है कि हम एक साथ मिलकर एक नया ग्लोबल ऑर्डर बनाएं। और मैं इसमें गयाना की,आप सभी जनप्रतिनिधियों की भी बड़ी भूमिका देख रहा हूं।

साथियों,

यहां अनेक women members मौजूद हैं। दुनिया के फ्यूचर को, फ्यूचर ग्रोथ को, प्रभावित करने वाला एक बहुत बड़ा फैक्टर दुनिया की आधी आबादी है। बीती सदियों में महिलाओं को Global growth में कंट्रीब्यूट करने का पूरा मौका नहीं मिल पाया। इसके कई कारण रहे हैं। ये किसी एक देश की नहीं,सिर्फ ग्लोबल साउथ की नहीं,बल्कि ये पूरी दुनिया की कहानी है।
लेकिन 21st सेंचुरी में, global prosperity सुनिश्चित करने में महिलाओं की बहुत बड़ी भूमिका होने वाली है। इसलिए, अपनी G-20 प्रेसीडेंसी के दौरान, भारत ने Women Led Development को एक बड़ा एजेंडा बनाया था।

साथियों,

भारत में हमने हर सेक्टर में, हर स्तर पर, लीडरशिप की भूमिका देने का एक बड़ा अभियान चलाया है। भारत में हर सेक्टर में आज महिलाएं आगे आ रही हैं। पूरी दुनिया में जितने पायलट्स हैं, उनमें से सिर्फ 5 परसेंट महिलाएं हैं। जबकि भारत में जितने पायलट्स हैं, उनमें से 15 परसेंट महिलाएं हैं। भारत में बड़ी संख्या में फाइटर पायलट्स महिलाएं हैं। दुनिया के विकसित देशों में भी साइंस, टेक्नॉलॉजी, इंजीनियरिंग, मैथ्स यानि STEM graduates में 30-35 परसेंट ही women हैं। भारत में ये संख्या फोर्टी परसेंट से भी ऊपर पहुंच चुकी है। आज भारत के बड़े-बड़े स्पेस मिशन की कमान महिला वैज्ञानिक संभाल रही हैं। आपको ये जानकर भी खुशी होगी कि भारत ने अपनी पार्लियामेंट में महिलाओं को रिजर्वेशन देने का भी कानून पास किया है। आज भारत में डेमोक्रेटिक गवर्नेंस के अलग-अलग लेवल्स पर महिलाओं का प्रतिनिधित्व है। हमारे यहां लोकल लेवल पर पंचायती राज है, लोकल बॉड़ीज़ हैं। हमारे पंचायती राज सिस्टम में 14 लाख से ज्यादा यानि One point four five मिलियन Elected Representatives, महिलाएं हैं। आप कल्पना कर सकते हैं, गयाना की कुल आबादी से भी करीब-करीब दोगुनी आबादी में हमारे यहां महिलाएं लोकल गवर्नेंट को री-प्रजेंट कर रही हैं।

साथियों,

गयाना Latin America के विशाल महाद्वीप का Gateway है। आप भारत और इस विशाल महाद्वीप के बीच अवसरों और संभावनाओं का एक ब्रिज बन सकते हैं। हम एक साथ मिलकर, भारत और Caricom की Partnership को और बेहतर बना सकते हैं। कल ही गयाना में India-Caricom Summit का आयोजन हुआ है। हमने अपनी साझेदारी के हर पहलू को और मजबूत करने का फैसला लिया है।

साथियों,

गयाना के विकास के लिए भी भारत हर संभव सहयोग दे रहा है। यहां के इंफ्रास्ट्रक्चर में निवेश हो, यहां की कैपेसिटी बिल्डिंग में निवेश हो भारत और गयाना मिलकर काम कर रहे हैं। भारत द्वारा दी गई ferry हो, एयरक्राफ्ट हों, ये आज गयाना के बहुत काम आ रहे हैं। रीन्युएबल एनर्जी के सेक्टर में, सोलर पावर के क्षेत्र में भी भारत बड़ी मदद कर रहा है। आपने t-20 क्रिकेट वर्ल्ड कप का शानदार आयोजन किया है। भारत को खुशी है कि स्टेडियम के निर्माण में हम भी सहयोग दे पाए।

साथियों,

डवलपमेंट से जुड़ी हमारी ये पार्टनरशिप अब नए दौर में प्रवेश कर रही है। भारत की Energy डिमांड तेज़ी से बढ़ रही हैं, और भारत अपने Sources को Diversify भी कर रहा है। इसमें गयाना को हम एक महत्वपूर्ण Energy Source के रूप में देख रहे हैं। हमारे Businesses, गयाना में और अधिक Invest करें, इसके लिए भी हम निरंतर प्रयास कर रहे हैं।

साथियों,

आप सभी ये भी जानते हैं, भारत के पास एक बहुत बड़ी Youth Capital है। भारत में Quality Education और Skill Development Ecosystem है। भारत को, गयाना के ज्यादा से ज्यादा Students को Host करने में खुशी होगी। मैं आज गयाना की संसद के माध्यम से,गयाना के युवाओं को, भारतीय इनोवेटर्स और वैज्ञानिकों के साथ मिलकर काम करने के लिए भी आमंत्रित करता हूँ। Collaborate Globally And Act Locally, हम अपने युवाओं को इसके लिए Inspire कर सकते हैं। हम Creative Collaboration के जरिए Global Challenges के Solutions ढूंढ सकते हैं।

साथियों,

गयाना के महान सपूत श्री छेदी जगन ने कहा था, हमें अतीत से सबक लेते हुए अपना वर्तमान सुधारना होगा और भविष्य की मजबूत नींव तैयार करनी होगी। हम दोनों देशों का साझा अतीत, हमारे सबक,हमारा वर्तमान, हमें जरूर उज्जवल भविष्य की तरफ ले जाएंगे। इन्हीं शब्दों के साथ मैं अपनी बात समाप्त करता हूं, मैं आप सभी को भारत आने के लिए भी निमंत्रित करूंगा, मुझे गयाना के ज्यादा से ज्यादा जनप्रतिनिधियों का भारत में स्वागत करते हुए खुशी होगी। मैं एक बार फिर गयाना की संसद का, आप सभी जनप्रतिनिधियों का, बहुत-बहुत आभार, बहुत बहुत धन्यवाद।