हमारा ये गठबंधन सच्चे अर्थ में भारत की आत्मा है: एनडीए संसदीय दल की बैठक में पीएम मोदी
एनडीए ने हमेशा करप्शन-फ्री स्थिर सरकार देश को दी है: पीएम मोदी
हम सर्वमत का निरंतर प्रयास करेंगे और देश को आगे ले जाने में कोई कोर-कसर नहीं छोड़ेंगे: एनडीए संसदीय दल की बैठक में पीएम मोदी
दक्षिण भारत में एनडीए ने एक नई राजनीति की नींव मजबूत की है: पीएम मोदी
विजय की गोद में उन्माद पैदा नहीं होता है। पराजित लोगों के प्रति उपहास हमारे संस्कार नहीं हैं: एनडीए संसदीय दल की बैठक में पीएम मोदी

नेशनल डेमोक्रेटिक अलायंस (NDA) ने शुक्रवार को अपनी संसदीय दल की बैठक में नरेंद्र मोदी को सर्वसम्मति से अपना नेता चुन लिया। इस अवसर पर प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि एनडीए ही सच्चे अर्थ में भारत की असली स्पिरिट है, जो देश की आत्मा और जड़ों में रचा-बसा है। लोकसभा चुनाव के जो नतीजे आए हैं, उसे दुनिया हर पैरामीटर पर मानेगी कि ये एनडीए की महाविजय है। यह जनादेश इस बात को मजबूती दे रहा है कि देश को सिर्फ और सिर्फ एनडीए पर भरोसा है। चुनाव परिणाम आने के बाद दो दिनों तक ऐसा माहौल बनाया गया कि हम हार गए। लेकिन देशवासी जानते हैं कि हम ना तो हारे थे, ना ही हारे हैं। पिछले तीन चुनावों में कांग्रेस को जितनी कुल सीटें मिली हैं, उससे ज्यादा हमें इस चुनाव में मिली हैं। पीएम मोदी ने NDA को न्यू, डेवलप्ड, एस्पिरेशनल इंडिया बताते हुए कहा कि सरकार क्या होती है, सरकार क्यों होती है, सरकार किसके लिए होती है, सरकार कैसे काम करती है, जनता-जर्नादन ने इसे एनडीए सरकार में ही अनुभव किया है। हम तीसरे कार्यकाल में विकास और गुड गवर्नेंस के नए अध्याय लिखेंगे। हम जनता की भागीदारी से विकसित भारत के संकल्प को साकार करके रहेंगे।

एनडीए के साथियों और नव-निर्वाचित सांसदों का आभार जताते हुए पीएम ने कहा कि इन चुनावों में, इतनी भयंकर गर्मी में जिन लाखों कार्यकर्ताओं ने अथक परिश्रम किया है, उन सभी को सर झुका के प्रणाम करता हूं। उन्होंने कहा कि जब 2019 में मुझे नेता के तौर पर चुना गया था, तब मैंने जिस शब्द पर जोर दिया था- वह था विश्वास। आज आप फिर ये दायित्व दे रहे हैं तो इसका मतलब है हमारे बीच विश्वास का सेतु और मजबूत हुआ है। हिंदुस्तान के राजनीतिक इतिहास में कोई भी Pre Poll Alliance इतना सफल नहीं रहा है, जितना NDA हुआ है। उन्होंने कहा कि NDA को करीब-करीब 3 दशक हो चुके हैं। इन तीन दशक में भारत की जनता ने महान नेताओं के बोए बीज को वटवृक्ष बना दिया है। उन्होंने कहा कि सरकार चलाने के लिए बहुमत आवश्यक है, लेकिन देश चलाने के लिए सर्वमत बहुत जरूरी है। यही एनडीए की ताकत है। हमारे लोकतंत्र की ताकत देखिए कि देश के 22 राज्यों में भी जनता-जनार्दन ने एनडीए को सेवा करने का मौका दिया है। 

बीते 10 वर्षों का जिक्र करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि हमने एनडीए की विरासत और मूल्यों को लेकर निरंतर आगे बढ़ने और देश को आगे बढ़ाने का प्रयास किया है। एनडीए सरकारों में जो एक कॉमन चीज नजर आती है और वो है- गुड गवर्नेंस। गरीबों का कल्याण हमेशा एनडीए की सरकारों के केंद्र-बिन्दु में रहा है। उन्होंने कहा कि अगले 10 साल एनडीए सरकार विकास और गुड गवर्नेंस के नए अध्याय लिखेगी। ताकि देश के हर क्षेत्र और हर नागरिक की क्षेत्रीय और राष्ट्रीय स्तर की आशाओं और आकांक्षाओं को पूरा कर सकें। हमारे हर कार्यकर्ता ने यही सोचकर काम किया है कि 'जहां कम वहां हम', उनकी इसी सोच से तो हमें जीत मिली है।

चुनावों में एनडीए के शानदार प्रदर्शन पर पीएम ने कहा कि दक्षिण भारत में हमने एक नई राजनीति की नींव मजबूत की है। कर्नाटक और तेलंगाना में लोगों ने NDA को गले लगाया है। तमिलनाडु में भले ही हम सीट नहीं जीत पाए, लेकिन जिस तरह से वोट शेयर बढ़ा है, वो साफ-साफ संदेश दे रहा है कि आने वाला कल हमारा है। आंध्र प्रदेश ने हमारे गठबंधन को जनमत दिया है। उन्होंने कहा कि महाप्रभु जगन्नाथ तो गरीबों के देवता हैं और ओडिशा में भी अद्भुत क्रांति देखने को मिली है। लोकसभा के साथ-साथ विधानसभा में भी यहां की जनता-जनार्दन ने भरपूर आशीर्वाद दिया है। आने वाले 25 सालों में ओडिशा विकसित भारत की यात्रा का ग्रोथ इंजन बनेगा।

इंडी गठबंधन की हरकतों पर प्रहार करते हुए उन्होंने कहा कि मुझे तो लगता था कि कुछ लोग ईवीएम की अर्थी का जुलूस निकालेंगे। लेकिन 4 जून के आंकड़ों ने उनकी बोलती बंद कर दी। ये भारत के लोकतंत्र की ताकत है। इंडी गठबंधन के लोग मन से पिछली शताब्दी की सोच वाले हैं। इन्होंने इलेक्शन कमीशन के काम में रुकावट डालने के लिए सुप्रीम कोर्ट तक के दरवाजे खटखटाए। ये ना टेक्नोलॉजी का महत्व समझते हैं और ना ही इसे स्वीकार करते हैं। ये सिर्फ ईवीएम में ही नहीं दिखाई दिया। यूपीआई में भी इन्होंने ऐसा ही किया। आज आधार देश की पहचान बना है। इस आधार को रोकने के लिए भी ये सुप्रीम कोर्ट में बार-बार जाते रहे। इंडी अलायंस वालों ने फेक न्यूज में डबल पीएचडी कर ली है। हमें उनके षड्यंत्रों और अफवाहों से दूर रहना है। उन्होंने कहा कि एक ओर हम दुनिया को बता रहे हैं कि भारत मदर ऑफ डेमोक्रेसी है, वहीं दूसरी ओर ये लोग भारत के लोकतंत्र का दुनिया में मजाक बनाने पर तुले हुए हैं। 

प्रधानमंत्री ने कहा कि इंडी अलायंस वाले पहले धीरे-धीरे डूब रहे थे, अब तेज गति से गर्त में जाने वाले हैं। नाम बदलने के बाद भी देश इनके घोटालों को नहीं भूला है, इसलिए इन्हें नकारा है। अब ये बिल्कुल साफ हो गया है कि इंडी अलायंस वाले सिर्फ और सिर्फ सत्ता सुख के लिए एक-दूसरे का साथ दे रहे थे। पीएम ने कहा,  “हमने 10 वर्षों में जो काम किया है वो तो ट्रेलर है। ये मेरा चुनावी वाक्य नहीं, मेरा कमिटमेंट है। हमें और तेजी से देशवासियों की उम्मीदों और आकांक्षाओं को पू्र्ण करने में रत्तीभर भी विलंब नहीं करना है।“ उन्होंने कहा कि हम एक कमिटमेंट से काम कर रहे हैं और यही वजह है कि 10 साल में हमने 25 करोड़ गरीबों को गरीबी से बाहर निकाला है। पंचायत से लेकर पार्लियामेंट तक हमारी नारीशक्ति की भागीदारी हमारा कमिटमेंट है। गरीब का सशक्तिकरण और मीडिल क्लास को सुविधा हमारी प्राथमिकता है।

देश के विकास पर फोकस करते हुए पीएम ने कहा कि भारत को सौ साल में ऐसा अवसर नहीं मिला है, जैसा अगले 25 साल में मिलने वाला है। आज वोकल फॉर लोकल और रीजनल टूरिज्म पर बल देने का समय है। इंफ्रास्ट्रक्चर विकास और डिजिटल कनेक्टिविटी का बहुत बड़ा फायदा मिलने वाला है। उन्होंने कहा कि औद्योगिक क्रांति के समय हम गुलामी के दौर से गुजर रहे थे, इसलिए उसका फायदा नहीं ले पाए। लेकिन अब हरित युग है। हमें इसका सामर्थ्य पूरी दुनिया को दिखाना है। भारत अब आइसोलेशन में नहीं जी सकता। वैश्विक परिवेश में भारत की भूमिका बहुत बढ़ गई है। आज भारत की छवि विश्वबंधु की बन चुकी है। भारत के संविधान ने हमें जो दिशानिर्देश दिए हैं, हम उन पर अनवरत आगे बढ़ रहे हैं।

अपने संबोधन के अंत में पीएम मोदी ने कहा कि एनडीए का तीसरा कार्यकाल बड़े फैसलों और तेज विकास का है। हमें जल्द पांचवें से तीसरे नंबर की इकोनॉमी बनना है। यह खाली पांच और तीन का आंकड़ा भर नहीं है। इससे देश की जो जरूरतें हैं, उन्हें आसानी से पूरा करने का सामर्थ्य मिलता है। इसमें राज्यों का सहयोग भी महत्त्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि जी-20 समिट हम एक जगह पर भी कर सकते थे। लेकिन हमने हिंदुस्तान के अनेक शहरों में 200 से ज्यादा मीटिंग कराईं। दुनियाभर के नीति-निर्धारक हिंदुस्तान के कोने-कोने में गए। अपने देश जाकर वे भारत की विविधता और विशालता की चर्चा कर रहे हैं। पीएम मोदी ने कहा कि मेरा जन्म जिस वन लाइफ-वन मिशन के लिए है वो है- मेरी भारत माता। मेरा मिशन 140 करोड़ देशवासियों के सपनों को पूरा करने के लिए खप जाना भी है।

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