प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आज वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से वंचित वर्गों को ऋण सहायता के लिए राष्ट्रव्यापी जनसंपर्क को चिह्नित करने वाले एक कार्यक्रम को संबोधित किया। श्री नरेन्द्र मोदी ने प्रधानमंत्री सामाजिक उत्थान एवं रोज़गार आधारित जनकल्याण (पीएम-सूरज) राष्ट्रीय पोर्टल का शुभारंभ किया और देश के वंचित वर्गों के एक लाख उद्यमियों को ऋण सहायता स्वीकृत की। उन्होंने अनुसूचित जाति, पिछड़ा वर्ग और स्वच्छता कार्यकर्ताओं सहित वंचित समूहों के विभिन्न सरकारी योजनाओं के लाभार्थियों से भी बातचीत की।
मध्य प्रदेश में इंदौर के श्री नरेंद्र सेन क्लाउड कंप्यूटिंग से जुड़ी एक इंटरनेट कंपनी के संस्थापक हैं। उन्होंने साइबर कैफे के मालिक होने से लेकर कोडिंग सीखने और संस्थापक बनने तक प्रधानमंत्री को अपनी यात्रा के बारे में विस्तार से बताया। उन्होंने प्रधानमंत्री को बताया कि उनका लक्ष्य सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम (एमएसएमई) को डिजिटल बनाकर उन्हें सशक्त करना है। प्रधानमंत्री के दूसरे नरेंद्र की कहानी जानने के लिए हल्के-फुल्के अनुरोध पर, श्री सेन ने प्रधानमंत्री श्री मोदी को बताया कि वह एक गाँव से थे, लेकिन उनका परिवार इंदौर चला गया और प्रौद्योगिकी में उनकी गहरी रुचि थी, भले ही उनकी पृष्ठभूमि वाणिज्य में थी। उन्होंने आगे कहा कि नैसकॉम के एक कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री के संबोधन और भारत में क्लाउड गोदाम की उनकी मांग ने उन्हें क्लाउड कंप्यूटिंग पर काम शुरू करने के लिए प्रेरित किया। श्री सेन ने कहा, "गांव में बैठा एक नरेंद्र दूसरे नरेंद्र से प्रेरित हो गया।" चुनौतियों और सरकार से समर्थन के बारे में प्रधानमंत्री के प्रश्न पर, श्री सेन ने कहा कि सहायता के लिए उनके अनुरोध को तत्कालीन सूचना प्रौद्योगिकी सचिव ने स्वीकृति प्रदान कर दी थी, जिससे भारत के पहले डेटा सेंटर पार्क का विकास हुआ। प्रधानमंत्री ने स्टार्टअप में रुचि लेने के लिए श्री सेन और अन्य युवाओं पर प्रसन्नता व्यक्त की और उनके दृष्टिकोण की प्रशंसा की। उन्होंने उनकी सफलता के लिए श्री सेन को बधाई दी।
जम्मू की बुटीक चलाने वाली नीलम कुमारी ने प्रधानमंत्री से बातचीत की। उन्होंने कोविड महामारी के दौरान लगाए गए लॉकडाउन के कारण हुई समस्याओं को याद किया। वह उज्ज्वला, पीएम आवास, आयुष्मान भारत और स्वच्छ भारत जैसी कई कल्याणकारी योजनाओं की लाभार्थी हैं। उन्होंने व्यवसाय शुरू करने के लिए सरकारी ऋण लिया। प्रधानमंत्री ने नौकरी देने वाली होने के नाते उनकी प्रशंसा की। प्रधानमंत्री ने नीलम कुमारी से कहा कि देश के कोने-कोने से लोग, जिन्हें पहले नजरअंदाज किया जाता था, आज सरकारी योजनाओं का लाभ प्राप्त कर रहे हैं। प्रधानमंत्री ने अपनी प्रेरक कहानी साझा करने के लिए उन्हें धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा कि जनधन, मुद्रा, पीएम आवास और उद्यमिता विकास योजना जैसे कार्यक्रम उन लोगों का जीवन बदल रही हैं, जो पहले पीछे रह गए थे।
महाराष्ट्र के अहमदनगर के रहने वाले श्री नरेश जल जीवन एग्रोटेक के सह-संस्थापक हैं। नरेश ने प्रधानमंत्री को बताया कि उनका स्टार्टअप कृषि अपशिष्ट जल के संरक्षण से संबंधित है। उन्होंने अंबेडकर सामाजिक नवाचार मिशन के अंतर्गत 30 लाख रुपये की ऋण सहायता राशि प्राप्त करने का भी उल्लेख किया, जिससे उन्हें अपनी कंपनी स्थापित करने के लिए मशीनरी खरीदने में सहायता मिली। उन्होंने प्रधानमंत्री और भारत सरकार को धन्यवाद दिया। प्रधानमंत्री द्वारा कृषि क्षेत्र की एक कंपनी के संस्थापक बनने तक की अपनी यात्रा के बारे में पूछे जाने पर, श्री नरेश ने कहा कि उन्होंने अपने माता-पिता के साथ खेतों में काम किया जिससे उन्हें आवश्यक अनुभव प्राप्त हुआ। उन्होंने प्रधानमंत्री को आयुष्मान भारत कार्ड और राष्ट्रीय राशन योजना का लाभ मिलने की भी जानकारी दी। श्री नरेश ने अपनी कंपनी के माध्यम से किसानों को सहायता देने के संबंध में कहा कि उनकी कंपनी द्वारा निर्मित और डिज़ाइन किए गए उत्पाद को भारत सरकार से पेटेंट प्राप्त हुआ है और यह कृषि कार्य के दौरान पानी की बर्बादी को रोकने में सहायता करता है। उन्होंने कृषि क्षेत्र में अपनी पहचान बनाने की कोशिश कर रहे नए उद्योगों से भी सरकारी योजनाओं का लाभ उठाने का आग्रह किया। प्रधानमंत्री मोदी ने उनके उत्साह की प्रशंसा की और कहा कि वह उन युवाओं के लिए प्रेरणा हैं जो कृषि क्षेत्र में प्रवेश करना चाहते हैं।
गुंटूर की सफाई कर्मचारी श्रीमती मुथम्मा ने प्रधानमंत्री को अपने नाम पर सेप्टिक टैंक से कीचड़ हटाने वाले वाहन का आवंटन पाकर अपने गौरव के बारे में बताया। इससे उनका जीवन बदल गया है। वह अपनी यात्रा के बारे में बताते हुए भावुक हो गईं। श्रीमती मुथम्मा ने कहा, “इस वाहन ने मुझे ताकत दी है और समाज ने मुझे नया सम्मान देना शुरू कर दिया है। यह सब आपकी पहल के कारण है।” प्रधानमंत्री के पूछने पर श्रीमती मुथम्मा ने अपने बच्चों की शिक्षा के बारे में बताया और कहा कि वह गाड़ी चलाना सीखकर उनका जीवन बदल रही हैं। उन्होंने उन सभी विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं के लिए प्रधानमंत्री को धन्यवाद दिया, जिनका वह और उनका परिवार लाभ उठा रहे हैं। प्रधानमंत्री ने अपने पसंदीदा क्षेत्र यानी स्वच्छता को आगे बढ़ाने के लिए उन्हें धन्यवाद दिया और कहा कि सरकार नागरिकों के जीवन में सकारात्मक परिवर्तन लाने के लिए पिछले 10 वर्षों से काम कर रही है। प्रधानमंत्री ने कहा, "महिलाओं की गरिमा और समृद्धि हमारे संकल्प का प्रमुख हिस्सा है।"
प्रधानमंत्री ने इस अवसर पर अपने संबोधन में 470 जिलों के लगभग 3 लाख लोगों की वर्चुअल माध्यम से उपस्थिति का उल्लेख किया और आभार व्यक्त किया। प्रधानमंत्री मोदी ने रेखांकित किया कि देश दलितों, पिछड़ों और वंचित वर्गों के कल्याण की दिशा में एक और बड़ा अवसर देख रहा है। उन्होंने कहा कि आज का अवसर वंचित वर्गों को प्राथमिकता देने की सरकार की प्रतिबद्धता को प्रदर्शित करता है। उन्होंने भारत के 500 अलग-अलग जिलों के वंचित वर्गों के 1 लाख लाभार्थियों के बैंक खातों में सीधे 720 करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता अंतरित करने का उल्लेख किया। श्री मोदी ने कहा, "पिछली सरकारों के दौरान प्रत्यक्ष लाभ अंतरण की ऐसी प्रणाली अकल्पनीय थी।" उन्होंने पीएम सूरज पोर्टल जारी करने का उल्लेख किया जो समाज के वंचित वर्गों को अन्य सरकारी योजनाओं से प्रत्यक्ष लाभ अंतरण के समान और बिचौलियों, आयोगों और सिफारिशों से मुक्त वित्तीय सहायता प्रदान करेगा। प्रधानमंत्री ने सीवर और सेप्टिक टैंक श्रमिकों में लगे सफाई मित्रों को आयुष्मान भारत कार्ड और पीपीई किट के वितरण पर भी बात की। उन्होंने कहा कि सेवाओं का विस्तार अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछडा वर्ग के साथ-साथ वंचित वर्गों के कल्याण के अभियान का हिस्सा है। श्री मोदी ने आज की योजनाओं के लिए उन्हें बधाई दी।
प्रधानमंत्री ने लाभार्थियों के साथ अपनी बातचीत का जिक्र करते हुए, इस बात पर संतोष व्यक्त किया कि कल्याणकारी योजनाएं दलितों, वंचितों और पिछड़े समुदायों तक कैसे पहुंच रही हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि यह उन्हें भावुक कर देता है क्योंकि वह उनसे अलग नहीं हैं और वह उनमें अपना परिवार देखते हैं।
प्रधानमंत्री ने वर्ष 2047 तक विकसित भारत के लक्ष्य के बारे में बात करते हुए कहा कि वंचित वर्गों के विकास के बिना यह लक्ष्य प्राप्त नहीं किया जा सकता है। श्री मोदी ने कहा कि उन्होंने अतीत की मानसिकता को तोड़ा है और यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि गैस कनेक्शन, बैंक खाते, शौचालय आदि जैसी सुविधाएं दलितों, पिछड़ों, वंचितों तथा आदिवासियों को भी मिलें।
प्रधानमंत्री ने बताया कि वंचित वर्गों की कई पीढ़ियाँ बुनियादी सुविधाओं की व्यवस्था करने में ही बर्बाद हो गईं। प्रधानमंत्री ने कहा, "वर्ष 2014 के बाद सरकार उन वर्गों तक पहुंची जहां कोई संभावना नहीं थी और उन्हें देश के विकास में भागीदार बनाया।" उन्होंने कहा कि मुफ्त राशन, मुफ्त इलाज, पक्के घर, शौचालय और उज्ज्वला गैस कनेक्शन जैसी योजनाओं के सबसे बड़े लाभार्थी वंचित वर्ग के लोग हैं। प्रधानमंत्री ने कहा, "अब हम इन योजनाओं की पूर्ति के लक्ष्य के साथ काम कर रहे हैं।"
प्रधानमंत्री ने खानाबदोश और अर्ध-खानाबदोश समुदायों के लिए योजनाओं और सफाई कर्मचारियों के लिए नमस्ते योजना का भी उल्लेख किया। प्रधानमंत्री ने सिर पर मैला ढोने की अमानवीय प्रथा के उन्मूलन के बारे में बात करते हुए बताया कि 60,000 पीड़ितों को वित्तीय सहायता दी गई है ताकि वे सम्मान का जीवन फिर से जी सकें।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, “सरकार अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग के समुदायों को सशक्त बनाने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है।” उन्होंने बताया कि विभिन्न संस्थानों द्वारा उन्हें प्रदान की जाने वाली सहायता पिछले 10 वर्षों में दोगुनी हो गई है। प्रधानमंत्री ने बताया कि सरकार ने अकेले इस वर्ष अनुसूचित जाति समुदाय के कल्याण के लिए लगभग 1 लाख 60 हजार करोड़ रुपये प्रदान किए हैं। प्रधानमंत्री ने यह बताते हुए कहा कि पिछली सरकारों के दौरान लाखों और करोड़ों रुपये केवल घोटालों से जुड़े थे। श्री मोदी ने इस पैसे को दलितों और वंचितों के कल्याण और देश के विकास के लिए खर्च करने की पुष्टि की। उन्होंने अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग के युवाओं के लिए छात्रवृत्ति बढ़ाने, मेडिकल सीटों के अखिल भारतीय कोटा में अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए 27 प्रतिशत सीटें आरक्षित करने, नीट परीक्षा में अन्य पिछडा वर्ग के विद्यार्थियों के लिए उचित स्थान बनाने और वंचित समुदायों के विद्यार्थियों के लिए राष्ट्रीय प्रवासी छात्रवृत्ति की सहायता का उल्लेख करते हुए कह कि इन वर्गों के लोग विदेश में मास्टर और पीएचडी की डिग्री हासिल करें। उन्होंने आगे कहा कि विद्यार्थियों को विज्ञान से संबंधित विषयों में पीएचडी करने में सहायता के लिए नेशनल फैलोशिप की राशि भी बढ़ा दी गई है। प्रधानमंत्री ने इस बात पर संतोष व्यक्त किया कि राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग को संवैधानिक दर्जा मिल गया है। उन्होंने बाबा साहब अंबेडकर के जीवन से जुड़े पंच तीर्थों को विकसित करने का भी जिक्र किया।
प्रधानमंत्री ने मुद्रा योजना पर प्रकाश डालते हुए कहा, “सरकार वंचित वर्गों के युवाओं के रोजगार और स्वरोजगार को भी प्राथमिकता दे रही है, जिसने अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग के समुदायों सहित गरीबों को लगभग 30 लाख करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता प्रदान की है। उन्होंने स्टैंडअप इंडिया योजना और वेंचर कैपिटल फंड योजना का भी जिक्र किया जो अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति श्रेणियों में उद्यमिता को बढ़ावा देती है। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, "दलितों के बीच उद्यमिता को ध्यान में रखते हुए, हमारी सरकार ने अंबेडकर सामाजिक नवाचार और इनक्यूबेशन मिशन भी शुरू किया है।"
प्रधानमंत्री ने अंत में दलित और वंचित समुदायों के लाभ के लिए नीतियों का उल्लेख करते हुए कहा, “यह वंचितों को सम्मान और न्याय प्रदान करने की हमारी प्रतिबद्धता का एक प्रमाण है। मोदी आपको ये गारंटी देता है, आने वाले 5 वर्षों में वंचित वर्ग के विकास और सम्मान का ये अभियान और तेज़ होगा। आपके विकास से हम विकसित भारत के सपने को पूरा करेंगे।”
पृष्ठभूमि
वंचित वर्गों को ऋण सहायता के लिए पीएम-सूरज राष्ट्रीय पोर्टल वंचितों को प्राथमिकता देने की प्रधानमंत्री की प्रतिबद्धता का प्रतीक है। यह एक परिवर्तनकारी पहल है, जिसका उद्देश्य समाज के सबसे वंचित वर्गों का उत्थान करना है। देश भर में पात्र व्यक्तियों को ऋण सहायता प्रदान की जाएगी और बैंकों, गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी)-सूक्ष्म वित्तीय संस्थाएं (एमएफआई) और अन्य संगठनों के माध्यम से सुविधा प्रदान की जाएगी।
प्रधानमंत्री ने कार्यक्रम के दौरान, मशीनीकृत सफाई व्यवस्था के लिए राष्ट्रीय कार्ययोजना (नमस्ते) के अंतर्गत सफाई मित्रों (सीवर और सेप्टिक टैंक श्रमिकों) को आयुष्मान स्वास्थ्य कार्ड और पीपीई किट भी वितरित किए गए। यह पहल चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों में कार्य करने वाले अग्रिम पंक्ति के कार्यकर्ताओं के स्वास्थ्य और सुरक्षा की दिशा में एक और कदम का प्रतिनिधित्व करती है।
कार्यक्रम में विभिन्न सरकारी योजनाओं के वंचित समूहों के लगभग 3 लाख लाभार्थियों ने भाग लिया, जो देश भर के 500 से अधिक जिलों से कार्यक्रम में शामिल हुए।