"17वीं लोकसभा में कई परिवर्तनकारी विधायी पहल देखी गईं"
"संसद सिर्फ दीवारें नहीं बल्कि 140 करोड़ नागरिकों की आकांक्षा का केंद्र है"

श्री ओम बिरला को सदन का अध्यक्ष चुने जाने के बाद प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने लोकसभा को संबोधित किया।

प्रधानमंत्री ने श्री बिरला के लगातार दूसरे कार्यकाल के लिए अध्यक्ष पद संभालने का स्वागत किया। उन्होंने अध्यक्ष को सदन की ओर से शुभकामनाएं दीं। अमृत ​​काल के दौरान श्री बिरला के दूसरी बार कार्यभार संभालने के महत्व को ध्यान में रखते हुए, प्रधानमंत्री ने उम्मीद जताई कि श्री बिरला को उनके पिछले पांच साल के अनुभव और उनके साथ संसद सदस्यों के अनुभव से इस महत्वपूर्ण समय में सदन का मार्गदर्शन करने में मदद मिलेगी। प्रधानमंत्री ने कहा कि अध्यक्ष के विनम्र तथा नम्र व्यक्तित्व और उनकी विजयी मुस्कान से उन्हें सदन का संचालन करने में मदद मिलती है।

प्रधानमंत्री ने भरोसा जताया कि लोकसभा के दोबारा चुने गए अध्यक्ष नई सफलता हासिल करते रहेंगे। उन्होंने बताया कि इससे पहले श्री बलराम जाखड़ लगातार पांच वर्षों के बाद फिर से इस पद पर आसीन होने वाले पहले अध्यक्ष थे, और आज श्री ओम बिरला हैं जिन्हें 17वीं लोकसभा के सफल समापन के बाद 18वीं लोकसभा का नेतृत्व करने की जिम्मेदारी मिली है। उन्होंने बीच में 20 साल की अवधि की प्रवृत्ति की ओर भी इशारा किया जिस दौरान लोकसभा का अध्यक्ष चुने गए लोग या तो चुनाव नहीं लड़े या अध्यक्षीय कार्यकाल के बाद चुनाव जीत नहीं सके, लेकिन यह श्री ओम बिरला हैं जिन्होंने चुनाव में फिर से विजयी होने के बाद अध्यक्ष के रूप में वापसी करके इतिहास रचा है।

प्रधानमंत्री ने एक सांसद के रूप में अध्यक्ष के कामकाज पर चर्चा की। प्रधानमंत्री श्री मोदी ने श्री ओम बिरला के संसदीय क्षेत्र में स्वस्थ मां और स्वस्थ बच्चे के उल्लेखनीय अभियान का उल्लेख किया। उन्होंने संसदीय निर्वाचन क्षेत्र कोटा के ग्रामीण इलाकों में स्वास्थ्य सेवाएं पहुंचाने में श्री बिरला के किए गए अच्छे कार्यों पर भी टिप्पणी की। प्रधानमंत्री ने श्री बिरला की इस बात के लिए भी प्रशंसा की कि उन्होंने अपने संसदीय निर्वाचन क्षेत्र में खेलों को भरपूर बढ़ावा दिया।

पिछली लोकसभा के दौरान श्री बिरला के नेतृत्व को याद करते हुए, प्रधानमंत्री ने उस अवधि को हमारे संसदीय इतिहास का स्वर्णिम काल बताया। प्रधानमंत्री ने 17वीं लोकसभा के दौरान लिए गए परिवर्तनकारी फैसलों को याद करते हुए अध्यक्ष के नेतृत्व की सराहना की। प्रधानमंत्री ने नारी शक्ति वंदन अधिनियम, जम्मू कश्मीर पुनर्गठन, भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता, सामाजिक सुरक्षा संहिता, व्यक्तिगत डेटा संरक्षण विधेयक, मुस्लिम महिला विवाह अधिकार संरक्षण विधेयक, ट्रांसजेंडर व्यक्तियों के अधिकार संरक्षण विधेयक, उपभोक्ता संरक्षण विधेयक, प्रत्यक्ष कर - विवाद से विश्वास विधेयक जैसे सभी ऐतिहासिक अधिनियमों का उल्लेख किया जिन्हें श्री ओम बिरला की अध्यक्षता में पारित किया गया।

प्रधानमंत्री ने कहा कि लोकतंत्र की लंबी यात्रा विभिन्न पड़ावों का गवाह बनती है जो नए रिकॉर्ड बनाने का अवसर प्रदान करती है। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि भारत के लोग भविष्य में भी 17वीं लोकसभा को उसकी उपलब्धियों के लिए सराहते रहेंगे। उन्होंने भारत को एक आधुनिक राष्ट्र बनाने की दिशा में 17वीं लोकसभा में किए गए कार्यों की सराहना की। उन्होंने सदन को आश्वास्त किया कि नया संसद भवन माननीय अध्यक्ष के मार्गदर्शन में अमृत काल के भविष्य का मार्ग प्रशस्त करेगा। श्री मोदी ने वर्तमान अध्यक्ष की अध्यक्षता में नए संसद भवन के उद्घाटन को याद किया और लोकतांत्रिक पद्धतियों की नींव को मजबूत करने की दिशा में उठाए गए कदमों की भी सराहना की। उन्होंने सदन में चर्चा को बढ़ावा देने के लिए अध्यक्ष बिरला द्वारा शुरू की गई पेपरलेस वर्कफ़्लो और व्यवस्थित ब्रीफिंग प्रक्रिया की भी सराहना की।

प्रधानमंत्री ने जी-20 देशों के विधायी निकायों के अध्यक्षों के बेहद सफल पी-20 सम्मेलन के लिए भी अध्यक्ष की सराहना की, जिसमें बड़ी संख्या में देशों ने भाग लिया।

प्रधानमंत्री ने कहा कि संसद भवन सिर्फ दीवारों का जमावड़ा नहीं बल्कि 140 करोड़ देशवासियों की आकांक्षा का केंद्र है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि सदन की कार्यप्रणाली, आचरण और जवाबदेही हमारे देश में लोकतंत्र की नींव को मजबूत करती है। प्रधानमंत्री ने 17वीं लोकसभा की रिकॉर्ड उत्पादकता का उल्लेख किया जो 97 प्रतिशत रही। श्री मोदी ने कोरोना महामारी के दौरान सदन के सदस्यों के प्रति अध्यक्ष के व्यक्तिगत संबंध और चिंता का भी उल्लेख किया। प्रधानमंत्री ने श्री बिरला की इस बात के लिए भी सराहना की कि उन्होंने कोरोना महामारी के दौरान भी सदन की कार्यवाही को बाधित नहीं होने दिया। उस दौरान संसद की उत्पादकता 170 प्रतिशत तक पहुंच गई थी।

प्रधानमंत्री श्री मोदी ने सदन की गरिमा को बनाए रखने में अध्यक्ष द्वारा दिखाए गए संतुलन की सराहना की जिस दौरान कई कठोर निर्णय लेना भी शामिल था। उन्होंने परंपराओं को बनाए रखते हुए सदन के मूल्यों को बनाए रखने का विकल्प चुनने के लिए अध्यक्ष के प्रति आभार व्यक्त किया।

प्रधानमंत्री ने लोगों की सेवा करके और उनके सपनों तथा आकांक्षाओं को साकार करके 18वीं लोकसभा के सफल होने पर अत्यधिक विश्वास व्यक्त किया। अपने संबोधन का समापन करते हुए, प्रधानमंत्री ने श्री ओम बिरला को दी गई महत्वपूर्ण जिम्मेदारी और देश को सफलता की नई ऊंचाइयों पर ले जाने के लिए अपनी शुभकामनाएं दीं।

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Prime Minister Shri Narendra Modi paid homage today to Mahatma Gandhi at his statue in the historic Promenade Gardens in Georgetown, Guyana. He recalled Bapu’s eternal values of peace and non-violence which continue to guide humanity. The statue was installed in commemoration of Gandhiji’s 100th birth anniversary in 1969.

Prime Minister also paid floral tribute at the Arya Samaj monument located close by. This monument was unveiled in 2011 in commemoration of 100 years of the Arya Samaj movement in Guyana.