पीएम किसान की 20,000 करोड़ रुपये से अधिक की 17वीं किस्त जारी की
स्वयं सहायता समूहों की 30,000 से अधिक महिलाओं को कृषि सखी के रूप में प्रमाण पत्र प्रदान किए
“काशी की जनता ने मुझे लगातार तीसरी बार अपना प्रतिनिधि चुनकर आशीर्वाद दिया है”
“दुनिया के लोकतांत्रिक देशों में ऐसा कम ही देखने को मिलता है कि कोई चुनी हुई सरकार लगातार तीसरी बार सत्ता में आ जाए”
“21वीं सदी में भारत को दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी आर्थिक शक्ति बनाने में समूची कृषि व्यवस्था की बड़ी भूमिका है”
“पीएम किसान सम्मान निधि दुनिया की सबसे बड़ी प्रत्यक्ष लाभ अंतरण योजना बनकर उभरी है”
“मुझे खुशी है कि पीएम किसान सम्मान निधि में सही लाभार्थी तक पहुंचने के लिए प्रौद्योगिकी का सही इस्तेमाल किया गया है”
“मेरा सपना है कि दुनिया भर में हर खाने की मेज पर भारत का कोई न कोई खाद्यान्न या खाद्य उत्पाद हो”
“माताओं और बहनों के बिना खेती की कल्पना करना असंभव है”
“बनास डेयरी के आने के बाद बनारस के कई दूध उत्पादकों की आय में 5 लाख रुपये तक की वृद्धि हुई है”
“काशी ने पूरी दुनिया को दिखा दिया है कि यह हेरिटेज (विरासत) शहर शहरी विकास की नई इबारत भी लिख सकता है”

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आज वाराणसी, उत्तर प्रदेश में किसान सम्मान सम्मेलन को संबोधित किया और लगभग 9.26 करोड़ लाभार्थी किसानों को प्रत्यक्ष लाभ अंतरण के माध्यम से प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (पीएम-किसान) की 17वीं किस्त जारी की, जिसकी राशि 20,000 करोड़ रुपये से अधिक है। कार्यक्रम के दौरान उन्होंने स्वयं सहायता समूहों (एसएचजी) की 30,000 से अधिक महिलाओं को कृषि सखी के रूप में प्रमाण पत्र भी प्रदान किए। इस कार्यक्रम से देशभर के किसान तकनीक के माध्यम से जुड़े थे।

सभा को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने संसदीय चुनाव जीतने के बाद पहली बार संसदीय क्षेत्र में आने पर काशी के लोगों को बधाई दी। उन्होंने लगातार तीसरी बार उन्हें चुनने के लिए लोगों का आभार जताया। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, "अब तो लगता है कि मां गंगा ने भी मुझे अपना लिया है और मैं काशी के लिए स्थानीय हो गया हूं।"

प्रधानमंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि 18वीं लोकसभा के लिए हाल ही में संपन्न हुए आम चुनाव भारत के लोकतंत्र की विशालता, क्षमताओं, व्यापकता और जड़ों का प्रतीक हैं और हमारा देश इसे दुनिया के सामने प्रस्तुत करता है। इन चुनावों में 64 करोड़ से अधिक लोगों के मतदान किए जाने का उल्लेख करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि इतने बड़े पैमाने पर चुनाव कहीं और नहीं होते हैं, जिसमें नागरिकों की इतनी बड़ी भागीदारी होती है। इटली में जी-7 शिखर सम्मेलन में अपनी हालिया यात्रा को याद करते हुए प्रधानमंत्री ने बताया कि भारत में मतदाताओं की संख्या सभी जी-7 देशों के मतदाताओं की संख्या से डेढ़ गुना अधिक है, तथा यूरोपीय संघ के सभी सदस्य देशों के मतदाताओं की संख्या से ढाई गुना अधिक है। प्रधानमंत्री मोदी ने 31 करोड़ से अधिक महिला मतदाताओं की भारी भागीदारी पर प्रकाश डाला और कहा कि यह दुनिया में किसी एक देश में महिला मतदाताओं की सबसे अधिक संख्या है। उन्होंने कहा कि यह संख्या अमेरिका की पूरी आबादी के आसपास है। श्री मोदी ने कहा, “भारत के लोकतंत्र की ताकत और सुंदरता न केवल पूरी दुनिया को आकर्षित करती है, बल्कि अपना प्रभाव भी छोड़ती है।” प्रधानमंत्री ने इस अवसर पर लोकतंत्र के उत्सव में भाग लेने और इसे एक बड़ी सफलता बनाने के लिए वाराणसी के लोगों को धन्यवाद दिया। प्रधानमंत्री मोदी ने आभार व्यक्त करते हुए कहा, "वाराणसी के लोगों ने न केवल एक सांसद, बल्कि खुद प्रधानमंत्री को भी चुना है।"

प्रधानमंत्री ने चुनावी जनादेश को ‘अभूतपूर्व’ बताते हुए कहा कि इससे तीसरी बार निर्वाचित सरकार का चुनाव हुआ है और यह दुनिया के लोकतंत्रों में एक दुर्लभ उपलब्धि है। प्रधानमंत्री ने कहा, “भारत में ऐसी हैट्रिक 60 साल पहले हुई थी। भारत जैसे देश में, जहां युवाओं की आकांक्षाएं इतनी ऊंची हों, अगर कोई सरकार 10 साल के शासन के बाद फिर से सत्ता में आती है, तो यह बहुत बड़ी जीत होती है, बहुत बड़ा विश्वास होता है। और, आपका यह विश्वास ही मेरी सबसे बड़ी पूंजी है और देश को नई ऊंचाइयों पर ले जाने के लिए मुझे ऊर्जा देता है।”

प्रधानमंत्री ने दोहराया कि वे किसानों, नारी शक्ति, युवाओं और गरीबों को विकसित भारत के स्तंभों के रूप में अहमियत देते हैं और याद दिलाया कि सरकार बनने के बाद उसका पहला फैसला किसानों और गरीब परिवारों से जुड़ा था। प्रधानमंत्री ने कहा कि पीएम आवास योजना के तहत 3 करोड़ अतिरिक्त परिवारों या पीएम किसान सम्मान निधि की किस्तों से जुड़े इन फैसलों से करोड़ों लोगों को मदद मिलेगी।

प्रधानमंत्री ने कार्यक्रम स्थल पर उपस्थित और प्रौद्योगिकी के माध्यम से इस कार्यक्रम से जुड़े किसानों का अभिवादन किया। उन्होंने बताया कि करोड़ों किसानों के खाते में 20,000 करोड़ रुपये जमा हो गए हैं। उन्होंने कृषि सखी पहल के बारे में भी बात की, जो 3 करोड़ 'लखपति दीदी' बनाने की दिशा में एक मजबूत कदम है। प्रधानमंत्री ने कहा कि यह पहल लाभार्थी महिलाओं के लिए आय का गरिमापूर्ण स्रोत सुनिश्चित करेगा और भरोसा दिलाएगा।

प्रधानमंत्री ने करोड़ों किसानों के बैंक खातों में 3.25 लाख करोड़ रुपये से अधिक के हस्तांतरण का उल्लेख करते हुए कहा, "पीएम किसान सम्मान निधि दुनिया की सबसे बड़ी प्रत्यक्ष लाभ अंतरण योजना के रूप में उभरी है।" इस धनराशि में से अकेले वाराणसी के परिवारों को 700 करोड़ रुपये हस्तांतरित किए गए हैं। प्रधानमंत्री ने पात्र लाभार्थियों तक लाभ पहुंचाने में प्रौद्योगिकी के उपयोग की सराहना की और विकसित भारत संकल्प यात्रा का भी श्रेय दिया, जिसके कारण 1 करोड़ से अधिक किसानों ने पीएम किसान योजना के तहत खुद को पंजीकृत कराया। उन्होंने कहा कि पहुंच बढ़ाने के लिए नियमों और विनियमों को सरल बनाया गया है। श्री मोदी ने कहा, "जब इरादे और विश्वास सही हों तो किसान कल्याण से संबंधित कार्य तेजी से होते हैं।"

21वीं सदी में भारत को दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनाने में कृषि-पारिस्थितिकी तंत्र की भूमिका पर ज़ोर देते हुए, प्रधानमंत्री मोदी ने वैश्विक दृष्टिकोण अपनाने और दालों और तिलहनों में आत्मनिर्भरता की तत्काल आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने एक प्रमुख कृषि-निर्यातक देश बनने की आवश्यकता पर भी ज़ोर दिया। उन्होंने बताया कि इस क्षेत्र के स्थानीय उत्पादों को वैश्विक बाजार मिल रहा है और वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोडक्ट (एक जिला एक उत्पाद) योजना तथा हर जिले में निर्यात केंद्रों के माध्यम से निर्यात को बढ़ावा मिल रहा है। उन्होंने कृषि में भी जीरो डिफेक्ट-जीरो इफेक्ट के मंत्र पर जोर देते हुए कहा, "मेरा सपना है कि दुनिया भर में हर खाने की मेज पर कम से कम एक भारतीय खाद्य उत्पाद अवश्य हो।" उन्होंने यह भी कहा कि किसान समृद्धि केंद्रों के माध्यम से मोटे अनाज, हर्बल उत्पादों और प्राकृतिक खेती को समर्थन देने के लिए एक विशाल नेटवर्क बनाया जा रहा है।

प्रधानमंत्री ने कृषि में महिलाओं की बड़ी संख्या में मौजूदगी को देखते हुए उनके महत्व और समर्थन को रेखांकित किया और उनके योगदान को बढ़ाने के लिए कृषि के दायरे का विस्तार करने का उल्लेख किया। प्रधानमंत्री ने कहा कि कृषि सखी कार्यक्रम ड्रोन दीदी कार्यक्रम की तरह ही इस दिशा में एक कदम है। आशा कार्यकर्ताओं और बैंक सखियों के रूप में महिलाओं के योगदान को रेखांकित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि राष्ट्र अब कृषि सखियों के रूप में उनकी क्षमताओं को देखेगा। प्रधानमंत्री मोदी ने कृषि सखियों के रूप में स्वयं सहायता समूहों को 30,000 से अधिक प्रमाण पत्र प्रदान करने का उल्लेख किया और बताया कि वर्तमान में 11 राज्यों में चल रही यह योजना देश भर के हजारों स्वयं सहायता समूहों से जुड़ेगी और 3 करोड़ लखपति दीदियों को बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।

प्रधानमंत्री ने काशी और पूर्वांचल के किसानों के प्रति केंद्र और राज्य सरकार की प्रतिबद्धता को रेखांकित किया और साथ ही, बनास डेयरी संकुल, पेरिशेबल कार्गो सेंटर और इंटीग्रेटेड पैकेजिंग हाउस का जिक्र किया। प्रधानमंत्री ने कहा, “बनास डेयरी ने बनारस और उसके आसपास के किसानों और पशुपालकों की किस्मत बदल दी है। आज ये डेयरी हर दिन करीब 3 लाख लीटर दूध इकट्ठा कर रही है। अकेले बनारस के 14 हजार से ज्यादा पशुपालक परिवार इस डेयरी से पंजीकृत हैं। अब बनास डेयरी अगले डेढ़ साल में काशी के 16 हजार और पशुपालकों को जोड़ने जा रही है। बनास डेयरी के आने के बाद बनारस के कई दुग्ध उत्पादकों की आय में 5 लाख रुपए तक की बढ़ोतरी हुई है।”

मछली पालकों की आय बढ़ाने के लिए सरकार द्वारा किए गए कार्यों पर प्रकाश डालते हुए प्रधानमंत्री ने पीएम मत्स्य संपदा योजना और किसान क्रेडिट कार्ड के लाभों का उल्लेख किया। उन्होंने वाराणसी में मछली पालन से जुड़े लोगों की सहायता के लिए चंदौली में लगभग 70 करोड़ रुपये की लागत से एक आधुनिक मछली बाजार के निर्माण की भी जानकारी दी।

प्रधानमंत्री ने इस बात पर खुशी जताई कि प्रधानमंत्री सूर्यघर मुफ्त बिजली योजना वाराणसी में खूब फल-फूल रही है। उन्होंने बताया कि इस योजना में करीब 40 हज़ार स्थानीय लोगों ने पंजीकरण कराया है और 2,500 घरों में सोलर पैनल लग चुके हैं और 3,000 घरों पर काम चल रहा है। इससे लाभार्थी परिवारों को शून्य बिजली बिल और अतिरिक्त आय का दोहरा लाभ मिल रहा है।

वाराणसी और उसके निकटवर्ती गांवों में कनेक्टिविटी बढ़ाने की दिशा में पिछले 10 वर्षों में किए गए कार्यों की चर्चा करते हुए प्रधानमंत्री ने वाराणसी में देश की पहली सिटी रोपवे परियोजना के अंतिम चरण में पहुंचने, गाजीपुर, आजमगढ़ और जौनपुर शहरों को जोड़ने वाली रिंग रोड, फुलवरिया और चौकाघाट में फ्लाईओवर के निर्माण का काम पूरा होने, काशी, वाराणसी और कैंट रेलवे स्टेशनों को नया रूप देने, बाबतपुर हवाई अड्डे से हवाई यातायात और व्यापार को आसान बनाने, गंगा घाटों के किनारे विकास, बनारस हिंदू विश्वविद्यालय में नई सुविधाएं, शहर के पुनर्निर्मित कुंड और वाराणसी में विभिन्न स्थानों पर विकसित की जा रही नई प्रणालियों का जिक्र किया। प्रधानमंत्री ने कहा कि काशी में खेलों से जुड़े बुनियादी ढांचे के विकास और नए स्टेडियम से युवाओं के लिए नए अवसर पैदा हो रहे हैं।

ज्ञान की राजधानी के रूप में काशी की प्रतिष्ठा को याद करते हुए प्रधानमंत्री ने इस प्राचीन शहर की प्रशंसा की और कहा कि यह एक ऐसा शहर बन गया है, जिसने पूरी दुनिया को सिखाया कि कैसे एक विरासत शहर शहरी विकास की नई कहानी लिख सकता है। प्रधानमंत्री ने कहा, “काशी में चहुंओर विकास के साथ-साथ विरासत का मंत्र भी नजर आता है। और, इस विकास का लाभ सिर्फ काशी को ही नहीं हो रहा है। पूरे पूर्वांचल से जो परिवार अपने काम-काज के लिए, अपनी जरूरतों के लिए काशी आते हैं, उनको भी इन सारे कार्यों से बहुत मदद मिल रही है।” श्री मोदी ने कहा, “बाबा विश्वनाथ के आशीर्वाद से काशी के विकास की ये नई गाथा निरंतर जारी रहेगी।”

इस अवसर पर, उत्तर प्रदेश की राज्यपाल श्रीमती आनंदीबेन पटेल, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ, केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान, केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण राज्य मंत्री श्री भागीरथ चौधरी, उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री श्री केशव प्रसाद मौर्य एवं श्री ब्रजेश पाठक तथा उत्तर प्रदेश सरकार के मंत्रीगण के साथ-साथ कई गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे।

पृष्ठभूमि

प्रधानमंत्री के रूप में तीसरी बार शपथ लेने के बाद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पीएम किसान निधि की 17वीं किस्त जारी करने की अपनी पहली फाइल पर हस्ताक्षर किए, जो किसान कल्याण के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। इसी प्रतिबद्धता को जारी रखते हुए प्रधानमंत्री ने प्रत्यक्ष लाभ अंतरण के माध्यम से प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (पीएम-किसान) के तहत लगभग 9.26 करोड़ लाभार्थी किसानों को 20,000 करोड़ रुपये से अधिक की 17वीं किस्त जारी की। अब तक, पीएम-किसान के तहत 11 करोड़ से अधिक पात्र किसान परिवारों को 3.04 लाख करोड़ रुपये से अधिक का लाभ मिल चुका है।

प्रधानमंत्री ने स्वयं सहायता समूहों (एसएचजी) की 30,000 से अधिक महिलाओं को कृषि सखी के रूप में प्रमाण पत्र भी प्रदान किए। कृषि सखी कन्वर्जेंस कार्यक्रम (केएससीपी) का उद्देश्य कृषि सखी के रूप में ग्रामीण महिलाओं के सशक्तिकरण के माध्यम से ग्रामीण भारत को बदलना है, जिसमें कृषि सखियों को पैरा-एक्सटेंशन वर्कर के रूप में प्रशिक्षण और प्रमाणन प्रदान करना शामिल है। यह प्रमाणन पाठ्यक्रम ‘लखपति दीदी’ कार्यक्रम के उद्देश्यों के अनुरूप भी है।

 

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PM Modi congratulates hockey team for winning Women's Asian Champions Trophy
November 21, 2024

The Prime Minister Shri Narendra Modi today congratulated the Indian Hockey team on winning the Women's Asian Champions Trophy.

Shri Modi said that their win will motivate upcoming athletes.

The Prime Minister posted on X:

"A phenomenal accomplishment!

Congratulations to our hockey team on winning the Women's Asian Champions Trophy. They played exceptionally well through the tournament. Their success will motivate many upcoming athletes."