आज, भारत सबसे तेजी से बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्था है: प्रधानमंत्री
सरकार सुधार, प्रदर्शन और परिवर्तन के मंत्र पर चल रही है: प्रधानमंत्री
सरकार भारत को विकसित बनाने के लिए संरचनात्मक सुधार करने के लिए प्रतिबद्ध है: प्रधानमंत्री
भारत में विकास के साथ-साथ समावेशन भी हो रहा है: प्रधानमंत्री
भारत ने ‘प्रक्रियात्मक सुधारों’ को सरकार की निरंतर गतिविधियों का हिस्सा बनाया है: प्रधानमंत्री
आज, भारत का ध्यान एआई और सेमीकंडक्टर जैसी महत्वपूर्ण प्रौद्योगिकियों पर है: प्रधानमंत्री
युवाओं को कुशल बनाने और उनके इंटर्नशिप के लिए विशेष पैकेज: प्रधानमंत्री

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आज नई दिल्ली में कौटिल्य आर्थिक सम्मेलन को संबोधित किया। वित्त मंत्रालय के सहयोग से इंस्टीट्यूट ऑफ इकोनॉमिक ग्रोथ द्वारा आयोजित, कौटिल्य आर्थिक सम्मेलन हरित बदलाव का वित्तपोषण, भू-आर्थिक विखंडन एवं विकास के लिए उसके निहितार्थ और दृढ़ता बनाए रखने हेतु नीतिगत कार्रवाई के सिद्धांतों जैसे विषयों पर ध्यान केन्द्रित करेगा।

सभा को संबोधित करते हुए, प्रधानमंत्री ने कौटिल्य आर्थिक सम्मेलन के तीसरे संस्करण में उपस्थित होने के लिए आभार व्यक्त किया। उन्होंने इस तथ्य को रेखांकित किया कि इस सम्मेलन में अगले तीन दिनों के दौरान कई सत्र होंगे जहां अर्थव्यवस्था से संबंधित विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की जाएगी। श्री मोदी ने विश्वास जताया कि ये चर्चाएं भारत के विकास को गति देने में मददगार साबित होंगी।

इस बात का उल्लेख करते हुए कि इस सम्मेलन का आयोजन ऐसे समय में किया जा रहा है जब दुनिया के दो प्रमुख क्षेत्र युद्ध में लगे हुए हैं, प्रधानमंत्री ने वैश्विक अर्थव्यवस्था के लिए, खासकर ऊर्जा सुरक्षा के संदर्भ में, इन क्षेत्रों के महत्व के बारे में बताया। प्रधानमंत्री ने आज भारत के प्रति विश्वास और उसके आत्मविश्वास में वृद्धि पर प्रकाश डालते हुए कहा, “इतनी भीषण वैश्विक अनिश्चितता के बीच, हम यहां भारतीय युग के बारे में चर्चा कर रहे हैं।”

प्रधानमंत्री ने कहा, “भारत आज दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्था है।” उन्होंने कहा कि वर्तमान में भारत सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के मामले में पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है। श्री मोदी ने इस तथ्य को रेखांकित किया कि आज, भारत वैश्विक फिनटेक को अपनाने की दर के साथ-साथ स्मार्टफोन डेटा उपभोग के मामले में भी पहले स्थान पर है। उन्होंने कहा कि इंटरनेट उपयोगकर्ताओं के मामले में भारत जहां दुनिया में दूसरे स्थान पर है, वहीं वास्तविक समय में दुनिया का लगभग आधा डिजिटल लेनदेन भारत में हो रहा है। श्री मोदी ने इस बात पर प्रकाश डाला कि वर्तमान में भारत के पास दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा स्टार्ट-अप इकोसिस्टम है और नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता के मामले में भी वह चौथे स्थान पर है। मैन्यूफैक्चरिंग के बारे में बोलते हुए, प्रधानमंत्री ने बताया कि भारत दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा मोबाइल निर्माता तथा दोपहिया वाहनों एवं ट्रैक्टरों का सबसे बड़ा निर्माता है। श्री मोदी ने जोर देकर कहा, “भारत दुनिया का सबसे युवा देश है।” उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि भारत के पास दुनिया में वैज्ञानिकों एवं तकनीशियनों का तीसरा सबसे बड़ा समूह है और चाहे वह विज्ञान, प्रौद्योगिकी या नवाचार का मामला हो, भारत स्पष्ट रूप से एक बेहतर स्थिति में है।

प्रधानमंत्री ने कहा, “सरकार सुधार, प्रदर्शन और परिवर्तन के मंत्र पर चल रही है और देश को आगे बढ़ाने के लिए लगातार निर्णय ले रही है।" उन्होंने इसके प्रभाव का श्रेय 60 वर्षों के बाद लगातार तीसरी बार सरकार के पुनर्निर्वाचन को दिया। उन्होंने कहा कि जब लोगों का जीवन अच्छे के लिए बदलता है, तो उन्हें देश के सही रास्ते पर आगे बढ़ने का विश्वास होता है। प्रधानमंत्री ने कहा कि यह भावना भारत के लोगों के जनादेश में दिखाई देती है और 140 करोड़ देशवासियों का यह विश्वास इस सरकार की सबसे बड़ी संपदा है। प्रधानमंत्री ने भारत को विकसित बनाने हेतु संरचनात्मक सुधार करने के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता को रेखांकित किया और तीसरे कार्यकाल के पहले तीन महीनों में किए गए कार्यों पर प्रकाश डाला। उन्होंने साहसिक नीतिगत बदलाव, नौकरियों एवं कौशल के प्रति मजबूत प्रतिबद्धता, सतत विकास एवं नवाचार पर ध्यान, आधुनिक बुनियादी ढांचे, बेहतर जीवन स्तर और तेज विकास की निरंतरता का उदाहरण दिया। प्रधानमंत्री ने कहा, “यह पहले तीन महीनों की हमारी नीतियों का प्रतिबिंब है।” उन्होंने बताया कि इस अवधि के दौरान 15 ट्रिलियन या 15 लाख करोड़ रुपये से अधिक के निर्णय लिए गए हैं। उन्होंने कहा कि भारत में बुनियादी ढांचे की कई वृहद परियोजनाओं पर काम शुरू हो गया है, जिसमें देश में 12 औद्योगिक नोड्स का निर्माण और तीन करोड़ नए घरों के निर्माण की मंजूरी शामिल है।

श्री मोदी ने इस बात पर जोर दिया कि भारत की समावेशी भावना, भारत की विकास गाथा का एक अन्य उल्लेखनीय कारक है। उन्होंने कहा कि पहले यह माना जाता था कि विकास के साथ असमानता बढ़ती है, लेकिन इसके विपरीत, यानि भारत में विकास के साथ समावेश भी बढ़ रहा है। प्रधानमंत्री ने कहा कि इसके परिणामस्वरूप, पिछले दशक में 25 करोड़ या 250 मिलियन लोग गरीबी से बाहर निकले हैं। उन्होंने कहा कि भारत की तीव्र प्रगति के साथ, सरकार यह भी सुनिश्चित कर रही है कि असमानता कम हो और विकास का लाभ सभी तक पहुंचे।

भारत के विकास से संबंधित आज की भविष्यवाणियों पर प्रकाश डालते हुए, प्रधानमंत्री ने कहा कि उनका विश्वास उस दिशा की ओर इशारा करता है, जिस दिशा में भारत आगे बढ़ रहा है और इसकी पुष्टि पिछले कुछ हफ्तों और महीनों के आंकड़ों से भी की जा सकती है। भारत की अर्थव्यवस्था ने पिछले साल हर भविष्यवाणी से बेहतर प्रदर्शन किया - इस बात को रेखांकित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि सभी संस्थानों, चाहे वह विश्व बैंक हो, आईएमएफ हो या मूडीज हो, ने भारत से संबंधित अपने पूर्वानुमानों को बेहतर किया है। श्री मोदी ने कहा, “ये सभी संस्थान कह रहे हैं कि वैश्विक अनिश्चितता के बावजूद, भारत सात से अधिक की दर से विकास करना जारी रखेगा। हालांकि, हम भारतीयों को पूरा भरोसा है कि भारत इससे भी बेहतर प्रदर्शन करेगा।“

भारत के इस आत्मविश्वास के पीछे कुछ ठोस कारणों को रेखांकित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि विनिर्माण हो या सेवा क्षेत्र, आज दुनिया भारत को निवेश के लिए पसंदीदा देश मान रही है। उन्होंने कहा कि यह महज संयोग नहीं है, बल्कि पिछले 10 वर्षों में किए गए बड़े सुधारों का परिणाम है, जिसने भारत के व्यापक आर्थिक मूलभूत घटकों को बदल दिया है। सुधारों का एक उदाहरण देते हुए श्री मोदी ने कहा कि भारत के बैंकिंग सुधारों ने न केवल बैंकों की वित्तीय स्थिति को मजबूत किया है, बल्कि उनकी ऋण देने की क्षमता में भी वृद्धि की है। उन्होंने कहा कि इसी तरह, वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) ने विभिन्न केंद्रीय और राज्य अप्रत्यक्ष करों को एकीकृत किया है, जबकि दिवाला एवं दिवालियापन संहिता (आईबीसी) ने जिम्मेदारी, वसूली और समाधान की नई ऋण संस्कृति विकसित की है। सुधारों के बारे में विस्तार से बताते हुए श्री मोदी ने इस बात पर प्रकाश डाला कि भारत ने निजी कंपनियों और भारत के युवा उद्यमियों के लिए खनन, रक्षा, अंतरिक्ष जैसे कई क्षेत्रों को खोल दिया है। उन्होंने कहा कि सरकार ने वैश्विक निवेशकों के लिए पर्याप्त अवसर सुनिश्चित करने के क्रम में एफडीआई नीति को उदार बनाया है। प्रधानमंत्री ने यह भी बताया कि सरकार लॉजिस्टिक्स लागत और समय को कम करने के लिए आधुनिक अवसंरचना पर ध्यान केंद्रित कर रही है। उन्होंने कहा कि पिछले दशक में अवसंरचना क्षेत्र के लिए निवेश में अभूतपूर्व वृद्धि हुई है।

प्रधानमंत्री ने कहा, "भारत ने 'प्रक्रिया सुधारों' को सरकार की सतत गतिविधियों का हिस्सा बनाया है।" उन्होंने बताया कि सरकार ने 40,000 से अधिक अनुपालनों को समाप्त कर दिया है और कंपनी अधिनियम को अपराधमुक्त कर दिया है। उन्होंने दर्जनों प्रावधानों में सुधार का उदाहरण दिया, जो व्यापार को मुश्किल बनाते थे तथा कंपनी शुरू करने और बंद करने की मंजूरी प्रक्रिया को आसान बनाने के लिए राष्ट्रीय एकल खिड़की प्रणाली की शुरुआत की गयी है। उन्होंने राज्य सरकारों को राज्य स्तर पर 'प्रक्रिया सुधारों' में तेजी लाने के लिए प्रोत्साहित करने पर भी जोर दिया।

प्रधानमंत्री ने उत्पादन से जुड़े प्रोत्साहनों के प्रभाव पर प्रकाश डाला, जो आज कई क्षेत्रों में भारत में विनिर्माण को गति दे रहे हैं। पिछले 3 वर्षों में इसके प्रभाव पर प्रकाश डालते हुए, प्रधानमंत्री ने लगभग 1.25 ट्रिलियन या 1.25 लाख करोड़ रुपये के निवेश के बारे में बताया, जिससे लगभग 11 ट्रिलियन या 11 लाख करोड़ रुपये का उत्पादन हुआ और बिक्री हुई। प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत के अंतरिक्ष और रक्षा क्षेत्र को हाल ही में खोला गया है। उन्होंने इनके शानदार विकास पर प्रकाश डाला और बताया कि अंतरिक्ष क्षेत्र में 200 से अधिक स्टार्ट-अप शुरू हो चुके हैं, जबकि भारत के कुल रक्षा विनिर्माण योगदान का 20 प्रतिशत अब निजी रक्षा कंपनियों से आ रहा है।

इलेक्ट्रॉनिक्स क्षेत्र की विकास गाथा पर बात करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि 10 साल पहले तक भारत अधिकांश मोबाइल फोन का बड़ा आयातक था, जबकि आज देश में 33 करोड़ से अधिक मोबाइल फोन का निर्माण किया जा रहा है। उन्होंने जोर देकर कहा कि भारत के सभी क्षेत्रों में निवेशकों के लिए अपने निवेश पर उच्च आय अर्जित करने के बेहतरीन अवसर मौजूद हैं।

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) और सेमीकंडक्टर जैसी महत्वपूर्ण तकनीकों पर भारत के ध्यान केंद्रित करने के बारे में चर्चा करते हुए, श्री मोदी ने जोर देकर कहा कि सरकार दोनों क्षेत्रों में भारी निवेश कर रही है। उन्होंने बताया कि भारत का एआई मिशन आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के क्षेत्र में अनुसंधान और कौशल दोनों को बढ़ाएगा। इंडिया सेमीकंडक्टर मिशन के बारे में, श्री मोदी ने बताया कि 1.5 ट्रिलियन रुपये या डेढ़ लाख करोड़ रुपये का निवेश किया जा रहा है और बहुत जल्द, भारत के 5 सेमीकंडक्टर प्लांट दुनिया के हर कोने में मेड इन इंडिया चिप्स पहुंचाना शुरू कर देंगे।

प्रधानमंत्री मोदी ने भारत के दुनिया में सबसे बड़ी बौद्धिक शक्ति के स्त्रोत के रूप में उभरने पर जोर दिया। उन्होंने बताया कि भारत में वर्तमान में 1,700 से ज़्यादा वैश्विक क्षमता केंद्र संचालित हैं जिनमें 2 मिलियन से अधिक उच्च कुशल भारतीय पेशेवर कार्यरत हैं। श्री मोदी ने शिक्षा, नवाचार, कौशल और अनुसंधान पर ज़ोर देकर भारत के जनसांख्यिकीय लाभ का उपयोग करने के महत्व पर बल दिया। उन्होंने नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के माध्यम से हुए प्रमुख सुधारों पर प्रकाश डाला और बताया कि पिछले दशक में हर हफ़्ते एक नया विश्वविद्यालय स्थापित किया गया और हर दिन दो नए कॉलेज खोले गए हैं। उन्होंने आगे कहा कि पिछले 10 वर्षों में हमारे देश में मेडिकल कॉलेजों की संख्या दोगुनी हो गई है।

प्रधानमंत्री ने इस बात को रेखांकित किया कि सरकार न केवल शैक्षणिक संस्थानों की संख्या बढ़ा रही है, बल्कि गुणवत्ता के स्तर को भी बेहतर कर रही है। उन्होंने कहा कि इस अवधि में क्यूएस वर्ल्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग में भारतीय संस्थानों की संख्या तीन गुना हो गई है, जो शैक्षणिक उत्कृष्टता पर देश के बढ़ते जोर को प्रदर्शित करता है। उन्होंने इस वर्ष के बजट में करोड़ों युवाओं के लिए कौशल और इंटर्नशिप के लिए एक विशेष पैकेज का भी उल्लेख किया। पीएम इंटर्नशिप योजना के बारे में प्रधानमंत्री ने बताया कि एक करोड़ युवा भारतीयों को प्रमुख कंपनियों में वास्तविक दुनिया का अनुभव हासिल करने का अवसर मिलेगा। उन्होंने कहा कि योजना के पहले दिन 111 कंपनियों ने भाग लेने के लिए पंजीकरण कराया, जिससे उद्योग की उत्साहजनक प्रतिक्रिया का पता चलता है।

भारत के अनुसंधान संबंधी इकोसिस्टम का उल्लेख करते हुए, श्री मोदी ने इस बात पर प्रकाश डाला कि पिछले एक दशक में अनुसंधान परिणाम और पेटेंट में तेजी से वृद्धि हुई हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि एक दशक से भी कम समय में, वैश्विक नवाचार सूचकांक रैंकिंग में भारत की रैंकिंग 81वें से 39वें स्थान पर पहुंच गई है। इस बात पर जोर देते हुए कि भारत को यहां से आगे बढ़ना है, श्री मोदी ने इस बात पर प्रकाश डाला कि भारत के अनुसंधान संबंधी इकोसिस्टम को मजबूत करने के लिए एक ट्रिलियन रुपये का अनुसंधान कोष बनाया गया है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि, "आज जब पर्यावरण अनुकूल नौकरियों और टिकाऊ भविष्य की बात आती है, तो दुनिया भारत की ओर बड़ी उम्मीदों से देखती है।" भारत की जी20 अध्यक्षता की सफलता का हवाला देते हुए, प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने शिखर सम्मेलन से उभरती हरित परिवर्तन की नई गति का उल्लेख किया और शिखर सम्मेलन के दौरान वैश्विक जैव ईंधन गठबंधन शुरू करने की भारत की पहल की गर्व से घोषणा की, जिसे सदस्य देशों से व्यापक समर्थन मिला। उन्होंने इस दशक के अंत तक 5 मिलियन टन हरित हाइड्रोजन उत्पादन के भारत के महत्वाकांक्षी लक्ष्य पर भी प्रकाश डाला। प्रधानमंत्री श्री मोदी ने सूक्ष्म स्तर पर सौर ऊर्जा उत्पादन को बढ़ाने के लिए भारत की प्रतिबद्धता पर प्रकाश डाला और पीएम सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना का उल्लेख किया, जो सरकार द्वारा वित्त पोषित एक रूफटॉप सोलर पहल है, जिसमें पहले से ही 13 मिलियन या 1 करोड़ 30 लाख से अधिक परिवार पंजीकृत हैं। उन्होंने कहा, “यह योजना न केवल बड़े पैमाने पर है, बल्कि एक में क्रांतिकारी पहल है, जो हर परिवार को सौर ऊर्जा उत्पादक में बदल रही है।" प्रधानमंत्री ने आगे बताया कि परिवारों को प्रति वर्ष औसतन 25,000 रुपये बचत होने की उम्मीद है, साथ ही उत्पादित प्रत्येक तीन किलोवाट सौर ऊर्जा के लिए 50-60 टन कार्बन डाइऑक्साइड उत्सर्जन को रोकने में भी मदद मिलेगी। प्रधानमंत्री ने कहा कि इस योजना से कुशल युवाओं की एक बड़ी फौज तैयार होगी जिससे करीब 17 लाख नौकरियां पैदा होंगी जिससे निवेश के नये अवसर पैदा होंगे।

प्रधानमंत्री ने जोर देकर कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था बड़े बदलावों से गुजर रही है और मजबूत आर्थिक बुनियादी सिद्धांतों के आधार पर सतत उच्च विकास की राह पर है। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि, "आज भारत न सिर्फ शीर्ष पर पहुंचने की तैयारी कर रहा है बल्कि वहां बने रहने के लिए कड़ी मेहनत भी कर रहा है।" उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि इस तरह की चर्चाओं में प्राप्त फीडबैक, विशेषकर क्या करें और क्या न करें, का सरकारी निकायों में पालन किया जाता है और नीति और शासन का हिस्सा बनाया जाता है। प्रधानमंत्री ने उद्योगपतियों के महत्व, विशेषज्ञता और अनुभव पर प्रकाश डालते हुए अपना संबोधन समाप्त किया और उनके सहयोग के लिए उन्हें धन्यवाद दिया। श्री मोदी ने इंस्टीट्यूट ऑफ इकोनॉमिक ग्रोथ के अध्यक्ष श्री एनके सिंह और उनकी पूरी टीम को उनके प्रयासों के लिए धन्यवाद दिया।

इस अवसर पर केंद्रीय वित्त मंत्री सुश्री निर्मला सीतारामन और इंस्टीट्यूट ऑफ इकोनॉमिक ग्रोथ के अध्यक्ष श्री एनके सिंह सहित अन्य गणमान्य उपस्थित थे।

पृष्ठभूमि

तीसरा कौटिल्य आर्थिक सम्मेलन 4 से 6 अक्टूबर तक आयोजित किया जा रहा है। भारतीय अर्थव्यवस्था और ग्लोबल साउथ की अर्थव्यवस्थाओं के सामने आने वाले कुछ सबसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर भारतीय और अंतर्राष्ट्रीय विद्वानों और नीति निर्माताओं द्वारा चर्चा की जाएगी। सम्मेलन में दुनिया भर से वक्ता भाग लेंगे।

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PM Modi congratulates hockey team for winning Women's Asian Champions Trophy
November 21, 2024

The Prime Minister Shri Narendra Modi today congratulated the Indian Hockey team on winning the Women's Asian Champions Trophy.

Shri Modi said that their win will motivate upcoming athletes.

The Prime Minister posted on X:

"A phenomenal accomplishment!

Congratulations to our hockey team on winning the Women's Asian Champions Trophy. They played exceptionally well through the tournament. Their success will motivate many upcoming athletes."