Quote"काशी के घाटों पर गंगा- पुष्करालु उत्सव का आयोजन गंगा और गोदावरी के संगम जैसा है"
Quote"तेलुगु राज्यों ने काशी को बहुत सारे महान संत, आचार्य और साधु दिए हैं"
Quote"तेलुगु लोगों ने काशी को अपनी आत्मा से ठीक वैसे ही जोड़े रखा, जैसे काशी ने उन्हें अपनाया और समझा है"
Quote"गंगा जी में एक डुबकी आपकी आत्मा को आनंदित कर देगी"
Quote"हमारे पूर्वजों ने भारत की चेतना को विभिन्न केंद्रों में स्थापित किया है, जो आपस मिलकर भारत माता के पूर्ण रूप की संरचना करते हैं"
Quote"भारत की संपूर्णता और पूरी क्षमता का अनुभव उस समय ही हो सकता है, जब हम देश की विविधता को उसकी समग्रता में देखेंगे"

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आज वीडियो संदेश के माध्यम से उत्तर प्रदेश के काशी में आयोजित गंगा पुष्करालु उत्सव को संबोधित किया।

प्रधानमंत्री ने गंगा पुष्करालु उत्सव के अवसर पर शुभकामनाएं देकर अपने संबोधन की शुरुआत की और सभी का गर्मजोशी से स्वागत किया। उन्होंने कहा कि यहां उपस्थित सभी लोग उनके निजी अतिथि हैं और भारतीय संस्कृति में अतिथि को भगवान के समान दर्जा दिया गया है। प्रधानमंत्री ने आगे कहा, "भले ही मैं आपका स्वागत करने के लिए वहां उपस्थित नहीं हो सका, लेकिन मेरा मस्तिष्क आप सभी के साथ है।" उन्होंने काशी- तेलुगु समिति और सांसद श्री जीवीएल नरसिम्हा राव को इस कार्यक्रम के आयोजन के लिए बधाई दी। प्रधानमंत्री ने यह रेखांकित किया कि काशी के घाटों पर आयोजित गंगा- पुष्करालु उत्सव गंगा और गोदावरी के संगम के समान है। उन्होंने आगे कहा कि यह भारत की प्राचीन सभ्यताओं, संस्कृतियों और परंपराओं के संगम का उत्सव है। उन्होंने कुछ महीने पहले यहां आयोजित हुए काशी- तमिल संगमम् को याद किया। इसके अलावा उन्होंने हाल ही में सौराष्ट्र- तमिल संगमम् में हिस्सा लेने का उल्लेख किया, जिसमें उन्होंने आजादी के अमृत काल को भारत की विविधताओं और संस्कृतियों के संगम के रूप में देखा था। प्रधानमंत्री ने आगे कहा, "विविधताओं का यह संगम राष्ट्रवाद के अमृत को उत्पन्न कर रहा है, जो भविष्य में भारत के लिए पूर्ण ऊर्जा सुनिश्चित करेगा।"

प्रधानमंत्री ने काशी और उसके निवासियों के तेलुगु लोगों के साथ गहरे संबंधों को रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि काशी कई पीढ़ियों से उनका स्‍वागत करती आ रही है और यह संबंध उतना ही प्राचीन है, जितना कि यह शहर। उन्होंने काशी में तेलुगु पृष्ठभूमि के लोगों की आस्था को काशी जितनी ही पवित्र बताया। उन्होंने कहा कि काशी आने वाले तीर्थयात्रियों में आंध्र प्रदेश और तेलंगाना के लोग की बड़ी संख्या है। प्रधानमंत्री ने कहा, "तेलुगु राज्यों ने काशी को बहुत सारे महान संत, आचार्य और ऋषि दिए हैं।" उन्होंने आगे रेखांकित किया कि जब काशी के लोग और तीर्थयात्री बाबा विश्वनाथ के दर्शन के लिए जाते हैं, तो वे तैलंग स्वामी के आश्रम में भी उनका आशीर्वाद लेने भी जाते हैं। प्रधानमंत्री ने तैलंग स्वामी का उल्लेख किया, जिनका जन्म विजयनगरम में हुआ था, लेकिन स्वामी रामकृष्ण परमहंस ने उन्हें काशी का जीवित शिव कहा था। इसके अलावा उन्होंने जिद्दू कृष्णमूर्ति और अन्य महान आत्माओं का भी उल्लेख किया, जिन्हें आज भी काशी में सप्रेम याद किया जाता है।

प्रधानमंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि जैसे काशी ने तेलुगू लोगों को अपनाया, आत्मसात किया, वैसे ही तेलगू लोगों ने भी काशी को अपनी आत्मा से जोड़कर रखा है। प्रधानमंत्री ने कहा कि पवित्र तीर्थ वेमुला-वाड़ा को भी दक्षिण काशी कहकर बुलाया जाता है। उन्होंने जोर देकर कहा कि आंध्र और तेलंगाना के मंदिरों में जो काला सूत्र हाथ में बांधा जाता है, उसे आज भी काशी दारम कहते हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि इसी तरह, श्रीनाथ महाकवि का काशी खण्डमु' ग्रंथ हो, एनुगुल वीरस्वामय्या का काशी यात्रा चरित्र हो, या फिर लोकप्रिय काशी मजिली कथलु हो, काशी और काशी की महिमा तेलुगू भाषा और तेलुगू साहित्य में भी उतनी ही गहराई से रची बसी है। श्री मोदी ने जोर देते हुए कहा कि अगर कोई बाहरी व्यक्ति ये सब देखे, तो उसके लिए विश्वास करना भी कठिन होगा कि कोई शहर इतना दूर होकर भी दिलों के इतने करीब कैसे हो सकता है! उन्होंने कहा, “यही भारत की वो विरासत है जिसने 'एक भारत, श्रेष्ठ भारत' के विश्वास को सदियों से जीवंत रखा है।”

प्रधानमंत्री ने कहा, "काशी मुक्ति और मोक्ष की नगरी है।" उस समय को याद करते हुए जब तेलुगु लोग काशी पहुंचने के लिए हजारों किलोमीटर पैदल चलते थे, प्रधानमंत्री ने कहा कि आधुनिक समय में अब वो परिस्थितियां तेजी से बदल रही हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि आज एक ओर विश्वनाथ धाम का दिव्य वैभव है, तो दूसरी ओर गंगा के घाटों की भव्यता भी है। आज एक ओर काशी की गलियां है, तो दूसरी ओर नई सड़कों और हाईवे का नेटवर्क भी है। उन्होंने कहा कि आंध्र प्रदेश और तेलंगाना से जो लोग पहले काशी आ चुके हैं, वो अब काशी में हो रहे इस बदलाव को महसूस कर रहे होंगे। प्रधानमंत्री ने यह भी बताया कि एक समय था जब एयरपोर्ट से दशाश्वमेध घाट तक पहुंचने में घंटों लग जाया करते थे, किंतु आज नया हाईवे बनने से अब लोगों का बहुत समय बच रहा है। शहर में के बारे में चर्चा करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि एक समय था, जब काशी की सड़कें बिजली के तारों से भरी रहती थीं। अब काशी में ज्यादातर जगहों पर बिजली के तार भी अंडरग्राउंड हो चुके हैं। श्री मोदी ने कहा कि आज काशी के अनेकों कुंड हों, मंदिरों तक आने-जाने का रास्ता हो, काशी के सांस्कृतिक स्थल हों, सभी का कायाकल्प हो रहा है और अब तो गंगा जी में सीएनजी वाली नावें भी चलने लगी हैं। उन्होंने यह भी कहा कि वो दिन भी दूर नहीं जब बनारस आने-जाने वालों को रोप-वे की सुविधा भी मिल जाएगी। प्रधानमंत्री ने कहा कि चाहे स्वच्छता का अभियान हो, काशी के घाटों की साफ-सफाई हो, बनारस के लोगों ने, वहां के युवाओं ने इसे जनआंदोलन बना दिया है।

प्रधानमंत्री ने विश्वास जताया कि काशी के लोग अतिथियों की सेवा और स्वागत में कोई कमी नहीं छोड़ेंगे। प्रधानमंत्री ने कहा, “बाबा का आशीर्वाद, काल भैरव और माँ अन्नपूर्णा के दर्शन अपने आप में अद्भुत है। गंगा जी में एक डुबकी, आपकी आत्मा को प्रसन्न कर देगी।” उन्होंने उल्लेख किया कि लस्सी, ठंडाई, चाट, लिट्टी-चोखा और बनारसी पान जैसे खान-पान यात्रा को और भी यादगार बना देंगे। प्रधानमंत्री ने वाराणसी के लकड़ी के खिलौनों पर भी प्रकाश डाला, जो एटिकोपाका के खिलौने जैसे हैं। उन्होंने कहा, आंध्र प्रदेश और तेलंगाना के अतिथि बनारसी साड़ियों को अपने साथ ले जा सकते हैं।

प्रधानमंत्री ने कहा, "हमारे पूर्वजों ने भारत की चेतना को विभिन्न केंद्रों में स्थापित किया है, जो एक साथ मिलकर भारत माता का सम्पूर्ण रूप बनाते हैं।" उन्होंने काशी में बाबा विश्वनाथ और विशालाक्षी शक्तिपीठ, आंध्र में मल्लिकार्जुन, तेलंगाना में भगवान राज-राजेश्वर, आंध्र में मां भ्रामराम्बा और तेलंगाना में राज राजेश्वरी पर प्रकाश डालते हुए कहा कि ऐसे सभी पवित्र स्थान भारत और इसकी सांस्कृतिक पहचान के महत्वपूर्ण केंद्र हैं। संबोधन का समापन करते हुए, प्रधानमंत्री ने रेखांकित किया कि भारत की पूर्णता और पूर्ण क्षमता की प्राप्ति तभी हो सकती है, जब हम देश की विविधता को उसकी समग्रता में देखेंगे। श्री मोदी ने कहा, "तभी हम अपनी पूरी क्षमता को जगा पाएंगे।" उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि गंगा-पुष्करालु जैसे त्योहार राष्ट्रसेवा के इस संकल्प को आगे बढ़ाते रहेंगे।

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  • Reena chaurasia September 06, 2024

    राम
  • Digvijay n baria March 31, 2024

    modi
  • shafayat Hussain dar May 01, 2023

    Man Ki Baat
  • shafayat Hussain dar May 01, 2023

    Jay Hind Jay Bharat
  • Kuldeep Yadav May 01, 2023

    આદરણીય પ્રધામંત્રીશ્રી નરેન્દ્ર મોદીજી ને મારા નમસ્કાર મારુ નામ કુલદીપ અરવિંદભાઈ યાદવ છે. મારી ઉંમર ૨૪ વર્ષ ની છે. એક યુવા તરીકે તમને થોડી નાની બાબત વિશે જણાવવા માંગુ છું. ઓબીસી કેટેગરી માંથી આવતા કડીયા કુંભાર જ્ઞાતિના આગેવાન અરવિંદભાઈ બી. યાદવ વિશે. અમારી જ્ઞાતિ પ્યોર બીજેપી છે. છતાં અમારી જ્ઞાતિ ના કાર્યકર્તાને પાર્ટીમાં સ્થાન નથી મળતું. એવા એક કાર્યકર્તા વિશે જણાવું. ગુજરાત રાજ્ય ના અમરેલી જિલ્લામાં આવેલ સાવરકુંડલા શહેર ના દેવળાના ગેઈટે રહેતા અરવિંદભાઈ યાદવ(એ.બી.યાદવ). જન સંઘ વખત ના કાર્યકર્તા છેલ્લાં ૪૦ વર્ષ થી સંગઠનની જવાબદારી સંભાળતા હતા. ગઈ ૩ ટર્મ થી શહેર ભાજપના મહામંત્રી તરીકે જવાબદારી કરેલી. ૪૦ વર્ષ માં ૧ પણ રૂપિયાનો ભ્રષ્ટાચાર નથી કરેલો અને જે કરતા હોય એનો વિરોધ પણ કરેલો. આવા પાયાના કાર્યકર્તાને અહીંના ભ્રષ્ટાચારી નેતાઓ એ ઘરે બેસાડી દીધા છે. કોઈ પણ પાર્ટીના કાર્યકમ હોય કે મિટિંગ એમાં જાણ પણ કરવામાં નથી આવતી. એવા ભ્રષ્ટાચારી નેતા ને શું ખબર હોય કે નરેન્દ્રભાઇ મોદી દિલ્હી સુધી આમ નમ નથી પોચિયા એની પાછળ આવા બિન ભ્રષ્ટાચારી કાર્યકર્તાઓ નો હાથ છે. આવા પાયાના કાર્યકર્તા જો પાર્ટી માંથી નીકળતા જાશે તો ભવિષ્યમાં કોંગ્રેસ જેવો હાલ ભાજપ નો થાશે જ. કારણ કે જો નીચે થી સાચા પાયા ના કાર્યકર્તા નીકળતા જાશે તો ભવિષ્યમાં ભાજપને મત મળવા બોવ મુશ્કેલ છે. આવા ભ્રષ્ટાચારી નેતાને લીધે પાર્ટીને ભવિષ્યમાં બોવ મોટું નુકશાન વેઠવું પડશે. એટલે પ્રધામંત્રીશ્રી નરેન્દ્ર મોદીજી ને મારી નમ્ર અપીલ છે કે આવા પાયા ના અને બિન ભ્રષ્ટાચારી કાર્યકર્તા ને આગળ મૂકો બાકી ભવિષ્યમાં ભાજપ પાર્ટી નો નાશ થઈ જાશે. એક યુવા તરીકે તમને મારી નમ્ર અપીલ છે. આવા કાર્યકર્તાને દિલ્હી સુધી પોચડો. આવા કાર્યકર્તા કોઈ દિવસ ભ્રષ્ટાચાર નઈ કરે અને લોકો ના કામો કરશે. સાથે અતિયારે અમરેલી જિલ્લામાં બેફામ ભ્રષ્ટાચાર થઈ રહીયો છે. રોડ રસ્તા ના કામો સાવ નબળા થઈ રહિયા છે. પ્રજાના પરસેવાના પૈસા પાણીમાં જાય છે. એટલા માટે આવા બિન ભ્રષ્ટાચારી કાર્યકર્તા ને આગળ લાવો. અમરેલી જિલ્લામાં નમો એપ માં સોવ થી વધારે પોઇન્ટ અરવિંદભાઈ બી. યાદવ(એ. બી.યાદવ) ના છે. ૭૩ હજાર પોઇન્ટ સાથે અમરેલી જિલ્લામાં પ્રથમ છે. એટલા એક્ટિવ હોવા છતાં પાર્ટીના નેતાઓ એ અતિયારે ઝીરો કરી દીધા છે. આવા કાર્યકર્તા ને દિલ્હી સુધી લાવો અને પાર્ટીમાં થતો ભ્રષ્ટાચારને અટકાવો. જો ખાલી ભ્રષ્ટાચાર માટે ૩૦ વર્ષ નું બિન ભ્રષ્ટાચારી રાજકારણ મૂકી દેતા હોય તો જો મોકો મળે તો દેશ માટે શું નો કરી શકે એ વિચારી ને મારી નમ્ર અપીલ છે કે રાજ્ય સભા માં આવા નેતા ને મોકો આપવા વિનંતી છે એક યુવા તરીકે. બાકી થોડા જ વર્ષો માં ભાજપ પાર્ટી નું વર્ચસ્વ ભાજપ ના જ ભ્રષ્ટ નેતા ને લીધે ઓછું થતું જાશે. - અરવિંદ બી. યાદવ (એ.બી યાદવ) પૂર્વ શહેર ભાજપ મહામંત્રી જય હિન્દ જય ભારત જય જય ગરવી ગુજરાત આપનો યુવા મિત્ર લી.. કુલદીપ અરવિંદભાઈ યાદવ
  • Babaji Namdeo Palve May 01, 2023

    Jai Hind Jai Bharat
  • Vanita rana April 30, 2023

    vanita rana
  • Umakant Mishra April 30, 2023

    namo namo
  • Aditya Bajpai April 30, 2023

    जय श्री राम
  • Akash Gupta BJP April 30, 2023

    PM addresses Ganga Pushkaralu Utsav in Kashi, Uttar Pradesh
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प्रधानमंत्री ने रमज़ान के पवित्र महीने की शुभकामनाएं दीं
March 02, 2025

रमज़ान का पवित्र महीना शुरू हो गया है। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने इस पवित्र अवसर पर सभी को हार्दिक शुभकामनाएँ दीं।

उन्होंने एक्स पर पोस्ट में लिखा:

“रमज़ान का पवित्र महीना शुरू हो रहा है, यह हमारे समाज में शांति और सद्भाव लाए। यह पवित्र महीना चिंतन, कृतज्ञता और भक्ति का प्रतीक है, साथ ही हमें करुणा, दया और सेवा के मूल्यों की भी याद दिलाता है।

रमज़ान मुबारक!”