Quoteजहान-ए-खुसरो के इस आयोजन में एक अनूठी खुशबू है, यह खुशबू हिंदुस्तान की मिट्टी की है, वो हिंदुस्तान, जिसकी तुलना हजरत अमीर खुसरो ने जन्नत से की थी: प्रधानमंत्री
Quoteभारत में सूफी परंपरा ने अपनी एक अलग पहचान बनाई है: प्रधानमंत्री
Quoteकिसी भी देश की सभ्यता और तहजीब को स्वर उसके संगीत एवं गीतों से मिलते हैं: प्रधानमंत्री
Quoteहजरत खुसरो ने भारत को उस दौर की दुनिया के सभी बड़े देशों से महान बताया, वह संस्कृत को दुनिया की सर्वश्रेष्ठ भाषा मानते थे: प्रधानमंत्री
Quoteहजरत खुसरो भारत के मनीषियों को बड़े-बड़े विद्वानों से भी महान मानते थे: प्रधानमंत्री

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आज नई दिल्ली स्थित सुंदर नर्सरी में आयोजित सूफी संगीत समारोह, जहान-ए-खुसरो 2025 में भाग लिया।

जहान-ए-खुसरो में सभा को संबोधित करते हुए, प्रधानमंत्री ने कहा कि हजरत अमीर खुसरो की समृद्ध विरासत की मौजूदगी में खुशी महसूस करना स्वाभाविक है। उन्होंने कहा कि वसंत का मौसम, जिसके खुसरो दीवाने थे, वह सिर्फ मौसम ही नहीं है, बल्कि आज दिल्ली में जहान-ए-खुसरो की आबोहवा में भी मौजूद है।

श्री मोदी ने देश की कला और संस्कृति के लिए जहां-ए-खुसरो जैसे आयोजनों की प्रासंगिकता पर जोर देते हुए कहा कि ये महत्व और सुकून, दोनों प्रदान करते हैं। उन्होंने इस तथ्य को रेखांकित किया कि इस आयोजन ने, जो अब 25 वर्ष पूरे कर रहा है, लोगों के जेहन में एक अहम जगह बना ली है। उन्होंने इसे एक बड़ी उपलब्धि के रूप में निरूपित किया। प्रधानमंत्री ने डॉ. कर्ण सिंह, मुजफ्फर अली, मीरा अली और अन्य सहयोगियों को उनके योगदान के लिए बधाई दी। उन्होंने रूमी फाउंडेशन और जहान-ए-खुसरो से जुड़े सभी लोगों को भविष्य में इस सफलता को जारी रखने की शुभकामनाएं दीं। इस अवसर पर, प्रधानमंत्री ने रमज़ान के मुबारक महीने के करीब होने पर सभी उपस्थित लोगों और देश के नागरिकों को रमज़ान की शुभकामनाएं भी दीं। श्री मोदी ने महामहिम प्रिंस करीम आगा खान के योगदानों को याद किया, जिनका सुंदर नर्सरी को आगे बढ़ाने का प्रयास लाखों कला प्रेमियों के लिए एक वरदान बन गया है।

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प्रधानमंत्री ने गुजरात की सूफी परंपरा में सरखेज रोजा की महत्वपूर्ण भूमिका के बारे में बात की। उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि, अतीत में, इस स्थल की स्थिति खराब हो गई थी, लेकिन मुख्यमंत्री के रूप में, उन्होंने इसके जीर्णोद्धार पर ध्यान केन्द्रित किया। प्रधानमंत्री ने उस समय को भी याद किया जब सरखेज रोजा में भव्य कृष्ण उत्सव समारोह का आयोजन किया जाता था और उसमें अच्छी संख्या में लोग शामिल होते थे। उन्होंने कहा कि आज भी वातावरण में कृष्ण भक्ति का रस मौजूद है। श्री मोदी ने कहा, “मैं सरखेज रोजा में आयोजित वार्षिक सूफी संगीत समारोह में नियमित रूप से भाग लेता था।“ उन्होंने जोर देकर कहा, “सूफी संगीत एक ऐसी साझी विरासत है, जो जीवन के सभी क्षेत्र से जुड़े लोगों को एकजुट करता है। नजर-ए-कृष्णा की प्रस्तुति ने भी इसी साझी सांस्कृतिक विरासत को दर्शाया।”

प्रधानमंत्री ने कहा कि जहान-ए-खुसरो के इस आयोजन में एक अनूठी खुशबू है और यह खुशबू हिंदुस्तान की मिट्टी की है। उन्होंने इस तथ्य को याद किया कि कैसे हजरत अमीर खुसरो ने हिंदुस्तान की तुलना जन्नत से की थी और देश को सभ्यता का ऐसा बगीचा बताया था जहां संस्कृति का हर पहलू फला-फूला है। श्री मोदी ने कहा, “भारत की मिट्टी का मिजाज ही कुछ खास है और जब सूफी परंपरा यहां पहुंची, तो उसे इस भूमि से एक रिश्ता महसूस हुआ। बाबा फरीद की रूहानी बातें, हज़रत निज़ामुद्दीन की महफिल से प्रज्वलित हुआ प्रेम और हजरत अमीर खुसरो के छंदों से पैदा हुए नए रत्न सामूहिक रूप से भारत की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत के सार हैं।”

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प्रधानमंत्री ने भारत में सूफी परंपरा की विशिष्ट पहचान पर जोर दिया, जहां सूफी संतों ने कुरान की शिक्षाओं को वैदिक सिद्धांतों और भक्ति संगीत के साथ मिश्रित किया। उन्होंने अपने सूफी गीतों के माध्यम से विविधता में एकता को व्यक्त करने के लिए हजरत निज़ामुद्दीन औलिया की प्रशंसा की। श्री मोदी ने कहा, “जहान-ए-खुसरो अब इस समृद्ध एवं समावेशी परंपरा की आधुनिक पहचान बन गया है।”

श्री मोदी ने इस तथ्य को रेखांकित किया कि किसी भी देश की सभ्यता और संस्कृति को स्वर उसके संगीत और गीतों से मिलते हैं। उन्होंने कहा, “जब सूफी और शास्त्रीय संगीत परंपराओं का मिलन हुआ, तो उन्होंने प्रेम और भक्ति की नई अभिव्यक्तियों को जन्म दिया, जो हजरत खुसरो की कव्वालियों, बाबा फरीद के छंदों, बुल्ला शाह, मीर, कबीर, रहीम और रस खान की कविताओं में स्पष्ट है। इन संतों और मनीषियों ने भक्ति को एक नया आयाम दिया।”

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श्री मोदी ने कहा कि आप चाहे सूरदास, रहीम, रस खान को पढ़ें या हजरत खुसरो को सुनें, ये सभी अभिव्यक्तयां उसी आध्यात्मिक प्रेम की ओर ले जाती हैं, जहां इंसानी बंदिशें टूट जाती हैं, और इंसान एवं भगवान का मिलन महसूस होता है। श्री मोदी ने कहा, “रस खान, मुस्लिम होने के बावजूद, भगवान कृष्ण के एक समर्पित अनुयायी थे, जो प्रेम और भक्ति की सार्वभौमिक प्रकृति को दर्शाता है, जैसा कि उनकी कविता में व्यक्त किया गया है। इस कार्यक्रम में पेश की गई भव्य प्रस्तुति ने भी आध्यात्मिक प्रेम की इसी गहरी भावना को दर्शाया।”

प्रधानमंत्री ने इस तथ्य को रेखांकित किया कि सूफी परंपरा ने न केवल इंसानों की रूहानी दूरियों को कम किया है बल्कि विभिन्न राष्ट्रों के बीच की दूरियों को भी कम किया है। उन्होंने 2015 में अफगान संसद की अपनी यात्रा को याद किया, जहां उन्होंने रूमी के बारे में भावनात्मक रूप से बात की थी, जिनका जन्म आठ शताब्दी पहले अफगानिस्तान के बल्ख में हुआ था। श्री मोदी ने रूमी के उस विचार को साझा किया जो भौगोलिक सीमाओं से परे है: “मैं न तो पूरब का हूं और न ही पश्चिम का, न मैं समुद्र या जमीन से निकला हूं, मेरी कोई जगह नहीं है, मैं हर जगह हूं।” प्रधानमंत्री ने इस दर्शन को भारत की प्राचीन मान्यता "वसुधैव कुटुंबकम" (दुनिया एक परिवार है) से जोड़ा और अपने वैश्विक कार्यक्रमों के दौरान ऐसे विचारों से ताकत हासिल की। श्री मोदी ने ईरान में एक संयुक्त संवाददाता सम्मेलन के दौरान मिर्ज़ा ग़ालिब के एक शेर को पढ़ने को भी याद किया, जो भारत के सार्वभौमिक और समावेशी मूल्यों को दर्शाता है।

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श्री मोदी ने हजरत अमीर खुसरो के बारे में बात की, जो 'तूती-ए-हिंद' के नाम से प्रसिद्ध हैं। उन्होंने इस तथ्य को रेखांकित किया कि खुसरो ने अपनी रचनाओं में भारत की महानता एवं आकर्षण की प्रशंसा की, जैसा कि उनकी पुस्तक नुह-सिप्हर में देखने को मिलता है। प्रधानमंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि खुसरो ने भारत को उस दौर की दुनिया के सभी बड़े देशों से महान बताया और वह संस्कृत को दुनिया की सर्वश्रेष्ठ भाषा मानते थे। श्री मोदी ने स्वीकार किया कि खुसरो भारत के मनीषियों को बड़े-बड़े विद्वानों से भी महान मानते थे। श्री मोदी ने कहा, “'खुसरो को इस बात पर भी गर्व था कि कैसे भारत का शून्य, गणित, विज्ञान और दर्शन का ज्ञान दुनिया के बाकी हिस्सों में फैल गया, खासकर कैसे भारतीय गणित अरबों तक पहुंचा और ‘हिंदसा’ के नाम से जाना जाने लगा। प्रधानमंत्री ने आगे बताया कि औपनिवेशिक शासन की लंबी अवधि और उसके बाद हुई तबाही के बावजूद, हजरत खुसरो के लेखन ने भारत के समृद्ध अतीत को संरक्षित करने और इसकी विरासत को जीवित रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

प्रधानमंत्री ने जहान-ए-खुसरो के प्रयासों पर संतोष व्यक्त किया, जो 25 वर्षों से भारत की सांस्कृतिक विरासत को सफलतापूर्वक बढ़ावा दे रहा है और उसे समृद्ध कर रहा है। श्री मोदी ने स्वीकार किया कि इस पहल को एक चौथाई सदी तक बनाए रखना कोई छोटी उपलब्धि नहीं है। प्रधानमंत्री श्री मोदी ने इस उत्सव का आनंद लेने के अवसर के लिए आभार व्यक्त करते हुए और इस कार्यक्रम से जुड़े सभी लोगों के प्रति अपनी हार्दिक सराहना व्यक्त करते हुए अपना संबोधन समाप्त किया।

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पृष्ठभूमि

प्रधानमंत्री देश की विविध कला और संस्कृति को बढ़ावा देने के प्रबल समर्थक रहे हैं। इसके अनुरूप, उन्होंने जहान-ए-खुसरो में भाग लिया जो सूफी संगीत, कविता और नृत्य को समर्पित एक अंतरराष्ट्रीय समारोह है। यह समारोह अमीर खुसरो की विरासत का उत्सव मनाने के लिए दुनिया भर के कलाकारों को एक साथ ला रहा है। रूमी फाउंडेशन द्वारा आयोजित तथा प्रसिद्ध फिल्म निर्माता एवं कलाकार मुजफ्फर अली द्वारा 2001 में शुरू किया गया यह समारोह इस वर्ष अपनी 25वीं वर्षगांठ मनाएगा और 28 फरवरी से 2 मार्च के दौरान आयोजित किया जा रहा है।

पूरा भाषण पढ़ने के लिए यहां क्लिक कीजिए

  • Yogendra Nath Pandey Lucknow Uttar vidhansabha March 26, 2025

    modi ji
  • AK10 March 24, 2025

    SUPER PM OF INDIA NARENDRA MODI!
  • கார்த்திக் March 22, 2025

    Jai Shree Ram🌺Jai Shree Ram🌺Jai Shree Ram🌺Jai Shree Ram🌺Jai Shree Ram🌺Jai Shree Ram🌺Jai Shree Ram🌺Jai Shree Ram🌺Jai Shree Ram🌺Jai Shree Ram🌺Jai Shree Ram🌺Jai Shree Ram🌺
  • Jitendra Kumar March 17, 2025

    🙏🇮🇳❤️
  • Prasanth reddi March 17, 2025

    జై బీజేపీ 🪷🪷🤝
  • ram Sagar pandey March 14, 2025

    🌹🌹🙏🙏🌹🌹🌹🙏🏻🌹जय श्रीराम🙏💐🌹🌹🌹🙏🙏🌹🌹जय माँ विन्ध्यवासिनी👏🌹💐ॐनमः शिवाय 🙏🌹🙏जय कामतानाथ की 🙏🌹🙏🌹🌹🙏🙏🌹🌹जय श्रीकृष्णा राधे राधे 🌹🙏🏻🌹🌹🌹🙏🙏🌹🌹🌹🙏🏻🌹जय श्रीराम🙏💐🌹जय माता दी 🚩🙏🙏🌹🌹🙏🙏🌹🌹🌹🙏🏻🌹जय श्रीराम🙏💐🌹
  • khaniya lal sharma March 12, 2025

    💐💐💐💐💐💐💐💐💐💐
  • दिनेश केवट March 11, 2025

    मोदी है तो सब कुछ मुमकिन है
  • Vishal Tiwari March 11, 2025

    Jai Shree Ram 🌺💐🚩🙏🏻
  • SUNIL CHAUDHARY KHOKHAR BJP March 10, 2025

    10/03/2025
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प्रधानमंत्री ने युवाओं को सीखने और व्यक्तिगत विकास के लिए गर्मियों की छुट्टियों का लाभ उठाने के लिए प्रोत्साहित किया
April 01, 2025

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आज देश भर के युवा मित्रों को उनकी गर्मी की छुट्टियों के लिए शुभकामनाएं देते हुए उन्हें इस समय का उपयोग आनंद, सीखने और व्यक्तिगत विकास के लिए करने के लिए प्रोत्साहित किया।

एक्स पर लोकसभा सांसद श्री तेजस्वी सूर्या की एक पोस्ट का जवाब देते हुए प्रधानमंत्री ने लिखा:

मैं अपने सभी युवा मित्रों को एक समृद्ध अनुभव और आनंदमय छुट्टियों की शुभकामनाएं देता हूँ। जैसा कि मैंने पिछले रविवार को #मनकीबात में कहा था, गर्मी की छुट्टियां आनंद लेने, सीखने और आगे बढ़ने का एक शानदार अवसर प्रदान करती हैं। इस दिशा में ऐसे प्रयास बहुत अच्छे हैं।