कई प्रौद्योगिकी पहलों - डिजिटल सर्वोच्‍च न्‍यायालय रिपोर्ट, डिजिटल कोर्ट 2.0 और सर्वोच्‍च न्‍यायालय की नई वेबसाइट का शुभारंभ
"सर्वोच्‍च न्‍यायालय ने भारत के जीवंत लोकतंत्र को सुदृढ किया है"
"भारत की आज की आर्थिक नीतियां ही कल के उज्ज्वल भारत का आधार बनेंगी"
"आज भारत में जो कानून बन रहे हैं, वे भविष्‍य के उज्ज्वल भारत को और सुदृढ बनाएंगे"
"न्याय में आसानी प्रत्येक भारतीय नागरिक का अधिकार और भारत का सर्वोच्‍च न्यायालय इसका माध्यम"
"मैं देश में न्याय - सुगमता में सुधार के प्रयासों के लिए मुख्य न्यायाधीश की सराहना करता हूं"
"देश में अदालतों के भौतिक बुनियादी ढांचे के लिए 2014 के बाद 7000 करोड़ रुपये वितरित किए गए"
"सर्वोच्‍च न्‍यायालय कॉम्प्लेक्स के विस्तारीकरण के लिए पिछले सप्ताह 800 करोड़ रुपये स्वीकृत किए गए"
"एक सशक्‍त न्याय व्‍यवस्‍था विकसित भारत का मुख्य आधार है"
"ई-कोर्ट मिशन परियोजना के तीसरे चरण में दूसरे चरण की तुलना में चार गुना अधिक धनराशि होगी"
"सरकार वर्तमान स्थिति और सर्वोत्तम प्रथाओं के अनुरूप कानूनों को आधुनिक बनाने पर अनवरत रूप से कार्यरत "
"पुराने कानूनों से नए कानूनों में परिवर्तन निर्बाध होना चाहिए"
"जस्टिस फातिमा बीवी को पद्म सम्मान हमारे लिए गर्व की बात है"

प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी ने आज 28 जनवरी को दिल्ली के सर्वोच्‍च न्‍यायालय सभागार में सर्वोच्‍च न्यायालय के हीरक जयंती समारोह का उद्घाटन किया। उन्होंने नागरिक-केंद्रित सूचना और प्रौद्योगिकी पहल का भी शुभारंभ किया, जिसमें डिजिटल सुप्रीम कोर्ट रिपोर्ट (डिजी एससीआर), डिजिटल कोर्ट 2.0 और सर्वोच्‍च न्‍यायालय की एक नई वेबसाइट शामिल है।

 

सभा को संबोधित करते हुए, प्रधानमंत्री ने सभी को शुभकामनाएं दी और सर्वोच्‍च न्यायालय के 75वें वर्ष के पदार्पण के अवसर पर उपस्थित रहने के लिए आभार व्यक्त किया। उन्‍होंने दो दिन पहले भारत के संविधान के 75वें वर्ष में प्रवेश का भी उल्लेख किया ।

 

प्रधानमंत्री ने कहा कि भारतीय संविधान निर्माताओं ने स्वतंत्रता, समानता और न्याय पर आधारित स्वतंत्र भारत का स्‍वप्‍न देखा था। उच्चतम न्यायालय ने इन सिद्धांतों के संरक्षण का निरंतर प्रयास किया है। प्रधानमंत्री ने कहा, ''चाहे अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता हो, व्यक्तिगत स्वतंत्रता हो या सामाजिक न्याय हो, सुप्रीम कोर्ट ने भारत के जीवंत लोकतंत्र को सशक्‍त किया है।'' प्रधानमंत्री ने व्यक्तिगत अधिकारों और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर महत्‍वपूर्ण फैसलों का उल्लेख किया, जिन्होंने देश के सामाजिक-राजनीतिक माहौल को एक नई दिशा दी है।

 

प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी ने सरकार की प्रत्‍येक शाखा के लिए अगले 25 वर्षों के लक्ष्यों के मापदंडों को दोहराया और कहा कि आज की आर्थिक नीतियां भविष्‍य के जीवंत भारत का आधार बनेंगी। प्रधानमंत्री ने कहा, ''आज जो कानून बनाए जा रहे हैं, वे भारत के उज्ज्वल भविष्य को सुदृढ़ करेंगे।''

 

वैश्विक भू-राजनीति के बदलते परिदृश्य के बीच प्रधानमंत्री ने रेखांकित किया कि विश्‍व की नजरें भारत पर हैं और भारत पर भरोसा लगातार बढ़ रहा है। प्रधानमंत्री ने हमारे रास्ते में आने वाले सभी अवसरों का लाभ उठाने की आवश्यकता पर बल दिया और जीवन में आसानी, व्यापार करने में सरलता, यात्रा, संचार और आसानी से न्याय उपलब्‍ध कराने का उल्लेख करते हुए इन्‍हें राष्‍ट्र की सर्वोच्च प्राथमिकता बताया। प्रधानमंत्री ने कहा, "न्याय में आसानी प्रत्येक भारतीय नागरिक का अधिकार है और भारत का सर्वोच्च न्यायालय इसका प्रमुख माध्यम है।"

 

यह देखते हुए कि देश की संपूर्ण न्याय प्रणाली भारत के सर्वोच्च न्यायालय के दिशा-निर्देशों और मार्ग निर्देशों द्वारा प्रशासित और निर्देशित होती है, प्रधानमंत्री ने बल दिया कि यह हमारा कर्तव्‍य है कि सर्वोच्‍च न्यायालय की पहुंच दूरदराज के हिस्सों तक हो और यही इस सरकार की प्राथमिकता है। इसी सोच के साथ ई-कोर्ट मिशन परियोजना के तीसरे चरण को स्वीकृति देने का उल्लेख किया। उन्होंने बताया कि तीसरे चरण के लिए धन आवंटन दूसरे चरण की तुलना में चार गुना अधिक बढ़ाया गया है। प्रधानमंत्री ने इस बात पर प्रसन्‍नता व्‍यक्‍त कि देश की सभी अदालतों के डिजिटलीकरण की निगरानी भारत के प्रधान न्यायाधीश स्‍वयं कर रहे हैं और इन प्रयासों के लिए उन्हें शुभकामनाएं दी।

 

अदालतों के बुनियादी ढांचे में सुधार के लिए सरकार की प्रतिबद्धता दोहराते हुए, प्रधानमंत्री ने बताया कि 2014 के बाद, इस उद्देश्य के लिए 7000 करोड़ रुपये से अधिक पहले ही वितरित किए जा चुके हैं। वर्तमान सर्वोच्‍च न्‍यायालय भवन की समस्याओं को स्वीकार करते हुए, प्रधानमंत्री ने बताया कि सर्वोच्‍च न्‍यायालय भवन परिसर के विस्तार के लिए पिछले सप्ताह 800 करोड़ रुपये स्‍वीकृत किए गए हैं।

 

आज शुरू की गई सर्वोच्‍च न्‍यायालय की डिजिटल पहल पर टिप्पणी करते हुए, प्रधानमंत्री ने डिजिटल प्रारूप में निर्णयों की उपलब्धता और स्थानीय भाषा में सर्वोच्‍च न्‍यायालय के फैसलों के अनुवाद की योजना के शुभारंभ पर प्रसन्‍नता व्यक्त की। उन्होंने देश की अन्य अदालतों में भी ऐसी ही व्यवस्था की उम्मीद व्‍यक्‍त की।

 

प्रधानमंत्री ने कहा कि आज का अवसर न्यायिक सुगमता में प्रौद्योगिकी के सहायक होने का आदर्श उदाहरण है। उन्‍होंने बताया कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की मदद से उनके संबोधन का वास्तविक समय में अंग्रेजी में अनुवाद किया जा रहा है और इसे भाषिनी ऐप के माध्यम से भी सुना जा सकता है। उन्होंने कहा कि आरंभ में कुछ मुद्दे हो सकते हैं लेकिन इससे प्रौद्योगिकी के उपयोग का दायरा भी बढ़ता है। प्रधानमंत्री ने कहा कि आम लोगों का जीवन आसान बनाने के लिए हमारे न्यायालयों में भी इस तरह की तकनीक को लागू किया जा सकता है। लोगों की बेहतर समझ के लिए सरल भाषा में कानूनों का मसौदा तैयार करने के अपने सुझावों का स्‍मरण करते हुए, प्रधानमंत्री ने न्‍यायालयों के फैसलों और आदेशों का मसौदा तैयार करने के लिए ऐसा ही दृष्टिकोण अपनाने का सुझाव दिया।

 

हमारे कानूनी ढांचे में भारतीय मूल्यों और आधुनिकता के सार को रेखांकित करते हुए, प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी ने हमारे कानूनों में भारतीय लोकाचार और समकालीन प्रथाओं - दोनों को प्रतिबिंबित करने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने कहा, "हमारे कानूनों में भारतीय मूल्यों और आधुनिकता का सम्मिश्रण भी उतना ही आवश्यक है।" प्रधानमंत्री ने कहा कि, "सरकार वर्तमान स्थिति और सर्वोत्तम प्रथाओं के अनुरूप कानूनों को आधुनिक बनाने पर सक्रिय रूप से कार्य कर रही है।"

 

प्रधानमंत्री ने पुराने औपनिवेशिक आपराधिक कानूनों को समाप्‍त करने और भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता, भारतीय न्याय संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम जैसे नए कानून पेश करने में सरकार की पहल का उल्‍लेख किया। उन्होंने कहा, "इन परिवर्तनों के माध्यम से, हमारी कानूनी, पुलिस व्‍यवस्‍था और जांच प्रणाली ने एक नए युग में प्रवेश किया है।" सदियों पुराने कानूनों से नए कानूनों में बदलाव के महत्व पर बल देते हुए, प्रधानमंत्री ने कहा, "पुराने कानूनों से नए कानूनों में बदलाव सहज होना चाहिए, यह आवश्‍यक है।" इस संबंध में, उन्होंने परिवर्तन को सुविधाजनक बनाने के लिए सरकारी अधिकारियों के लिए प्रशिक्षण और क्षमता निर्माण पहल की शुरुआत का उल्लेख किया। प्रधानमंत्री ने सुप्रीम कोर्ट से आग्रह किया कि वे सभी हितधारकों के लिए क्षमता निर्माण में शामिल हो।

 

प्रधानमंत्री ने विकसित भारत की आधारशिला के रूप में एक सुदृढ न्याय प्रणाली की महत्वपूर्ण भूमिका को रेखांकित किया। उन्होंने जन विश्वास विधेयक के अधिनियमन को सही दिशा में एक कदम बताते हुए एक विश्वसनीय कानूनी ढांचा बनाने के लिए सरकार के निरंतर प्रयासों की जानकारी दी, इससे लंबित मामलों की संख्या को कम करने के साथ-साथ न्यायपालिका पर अनावश्यक दबाव भी कम किया जा सकेगा। प्रधानमंत्री ने मध्यस्थता के माध्यम से वैकल्पिक विवाद समाधान के प्रावधानों की शुरूआत का भी उल्लेख किया, जिसने विशेषकर अधीनस्‍थ न्‍यायपालिका पर बोझ को कम करने में योगदान दिया है।

 

प्रधानमंत्री ने 2047 तक भारत के विकसित राष्‍ट्र बनने के दृष्टिकोण को साकार करने के लिए सभी नागरिकों की सामूहिक जिम्मेदारी दोहराई। उन्होंने अगले 25 वर्षों में देश के भविष्य को आकार देने में सर्वोच्च न्यायालय की महत्वपूर्ण भूमिका को स्वीकार करते हुए इसकी 75वीं वर्षगांठ पर शुभकामनाएं दी। प्रधानमंत्री ने देश की पहली महिला न्‍यायधीश एम. फातिमा बीवी को मरणोपरांत पद्म भूषण दिए जाने का उल्लेख किया और इस अवसर को गौरवशाली बताया।

 

देश के मुख्य न्यायाधीश, डॉ. डी. वाई. चंद्रचूड़, विधि और न्याय मंत्री श्री अर्जुन राम मेघवाल, सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश न्यायमूर्ति संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति भूषण रामकृष्ण गवई, भारत के अटॉर्नी जनरल श्री आर वेंकटरमणी, सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ आदिश सी अग्रवाल और बार काउंसिल ऑफ इंडिया के अध्यक्ष श्री मनन कुमार मिश्रा इस अवसर पर उपस्थित थे।

 

पृष्ठभूमि

सर्वोच्‍च न्‍यायालय के 75वें वर्ष (हीरक जयंती समारोह) का उद्घाटन करते हुए, प्रधानमंत्री ने नागरिक-केंद्रित सूचना और प्रौद्योगिकी पहल का शुभारंभ किया, इसमें डिजिटल सुप्रीम कोर्ट रिपोर्ट (डिजी एससीआर), डिजिटल कोर्ट 2.0 और सुप्रीम कोर्ट की नई वेबसाइट शामिल हैं।

 

डिजिटल सुप्रीम कोर्ट रिपोर्ट (एससीआर) देशवासियों को सर्वोच्‍च न्‍यायालय के फैसले नि:शुल्‍क डिजिटल रूप में उपलब्ध हो सकेंगे। डिजिटल सुप्रीम कोर्ट रिपोर्ट (एससीआर) की मुख्य विशेषता यह हैं कि 1950 के बाद से सर्वोच्‍च न्‍यायालय की रिपोर्ट के सभी 519 खंड उपलब्‍ध होंगे इनमें 36,308 मुकद्दमों का ब्‍योरा दिया गया है।

 

डिजिटल कोर्ट 2.0 एप्लिकेशन जिला अदालतों के न्यायाधीशों को डिजिटल रूप में अदालती रिकॉर्ड उपलब्ध कराने के लिए ई-कोर्ट परियोजना के अन्‍तर्गत एक हाल ही में शुरू की गई एक महत्‍वपूर्ण पहल है। इसे वास्तविक समय के आधार पर भाषण को ट्रांसक्राइब करने के लिए कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) के उपयोग के साथ जोड़ा गया है।

 

प्रधानमंत्री ने सर्वोच्‍च न्‍यायालय की नई वेबसाइट भी लॉन्च की। नई वेबसाइट अंग्रेजी और हिंदी में द्विभाषी प्रारूप में होगी और इसे उपयोगकर्ता के अनुकूल इंटरफेस के साथ फिर से डिजाइन किया गया है।

 

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PM Modi congratulates hockey team for winning Women's Asian Champions Trophy
November 21, 2024

The Prime Minister Shri Narendra Modi today congratulated the Indian Hockey team on winning the Women's Asian Champions Trophy.

Shri Modi said that their win will motivate upcoming athletes.

The Prime Minister posted on X:

"A phenomenal accomplishment!

Congratulations to our hockey team on winning the Women's Asian Champions Trophy. They played exceptionally well through the tournament. Their success will motivate many upcoming athletes."