ई-कोर्ट परियोजना के तहत अनेक नई पहलों का शुभारंभ किया
26/11 के आतंकी हमले के पीड़ितों को श्रद्धांजलि अर्पित की
“भारत पूरी शक्ति के साथ आगे बढ़ रहा है और अपनी विविधता पर उसे अत्यंत गर्व है”
“प्रस्तावना में ‘वी द पीपुल’ एक आह्वान है, एक प्रतिज्ञा है, एक विश्वास है”
“आधुनिक युग में, संविधान ने राष्ट्र की समस्त सांस्कृतिक और नैतिक भावनाओं को अंगीकार कर लिया है”
“लोकतंत्र की जननी के रूप में भारत की अस्मिता को और मजबूत करने की आवश्यकता है”
“आजादी का यह अमृतकाल देश के लिये ‘कर्तव्यकाल’ है”
“चाहे व्यक्ति हों या संस्थायें, हमारे दायित्व ही आज हमारी पहली प्राथमिकता हैं”
“जी-20 के अध्यक्षता-काल के दौरान भारत की प्रतिष्ठा और सम्मान को एक टीम के रूप में विश्व में प्रोत्साहित करें”
“हमारे संविधान की मूल भावना युवा-केंद्रित है”
“संविधान सभा की महिला सदस्यों के योगदान के बारे में हमें और अधिक बात करनी चाहिये”

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी आज सर्वोच्च न्यायालय में संविधान दिवस समारोह में सम्मिलित हुये और उपस्थितजनों को सम्बोधित किया। वर्ष 1949 में संविधान सभा द्वारा भारतीय संविधान को अंगीकार किये जाने के उपलक्ष्य में 2015 से संविधान दिवस 26 नवंबर को मनाया जाता है। प्रधानमंत्री ने कार्यक्रम के दौरान ई-कोर्ट परियोजना के तहत अनेक नई पहलों का शुभारंभ किया, जिसमें वर्चुअल जस्टिस क्लॉक, जस्टिस मोबाइल एप्प 2.0, डिजिटल कोर्ट और एस3वीएएएस वेबसाइट शामिल हैं।

संविधान दिवस पर बधाई देते हुये प्रधानमंत्री ने स्मरण किया कि 1949 में इसी दिन, स्वतंत्र भारत ने अपने नये भविष्य की आधारशिला रखी थी। प्रधानमंत्री ने आजादी के अमृत महोत्सव के क्रम में इस वर्ष संविधान दिवस मनाये जाने की महत्ता का भी उल्लेख किया। उन्होंने बाबासाहेब डॉ. बी.आर. अम्बेडकर और संविधान सभा के समस्त सदस्यों को श्रद्धांजलि अर्पित की।

प्रधानमंत्री ने पिछले 70 दशकों में विकास-यात्रा तथा भारतीय संविधान के विस्तार में विधायिका, न्यायपालिका और कार्यपालिका की अनेक हस्तियों के योगदानों को रेखांकित किया तथा इस विशेष अवसर पर पूरे राष्ट्र की तरफ से उन सबको धन्यवाद ज्ञापित किया।

प्रधानमंत्री ने उस 26 नवंबर को याद किया, जिसे भारत के इतिहास में काला दिवस के रूप में जाना जाता है, क्योंकि उस दिन भारत पर इतिहास का सबसे बड़ा आतंकी हमला हुआ था, जिसे मानवता के दुश्मनों ने अंजाम दिया था। श्री मोदी ने कायरतापूर्ण मुम्बई आंतकी हमलों में अपने प्राण खो देने वाले सभी लोगों के प्रति श्रद्धांजलि अर्पित की।

प्रधानमंत्री ने स्मरण कराया कि वर्तमान वैश्विक परिदृश्य में भारत की विकसित होती अर्थव्यवस्था और उसकी अंतर्राष्ट्रीय छवि के प्रकाश में पूरा विश्व उसे आशा के साथ देख रहा है। उन्होंने कहा कि अपनी स्थिरता के बारे में शुरूआती संशयों को दूर करते हुये भारत पूरी शक्ति से आगे बढ़ रहा है तथा अपनी विविधता पर उसे अत्यंत गर्व है। उन्होंने इस सफलता के लिये संविधान को श्रेय दिया। प्रधानमंत्री ने इस क्रम को आगे बढ़ाते हुये प्रस्तावना के पहले तीन शब्दों ‘वी द पीपुल’ का उल्लेख किया, और कहा, “‘वी द पीपुल’ एक आह्वान है, एक प्रतिज्ञा है, एक विश्वास है। संविधान की यह भावना, उस भारत की मूल भावना है, जो दुनिया में लोकतंत्र की जननी रहा है।” उन्होंने कहा, “आधुनिक युग में, संविधान ने राष्ट्र की समस्त सांस्कृतिक और नैतिक भावनाओं को अंगीकार कर लिया है।”

प्रधानमंत्री ने प्रसन्नता व्यक्त की कि लोकतंत्र की जननी होने के नाते, देश संविधान के आदर्शों को मजबूत बना रहा है तथा जन-अनुकूल नीतियां देश के निर्धनों व महिलाओं को अधिकार सम्पन्न कर रही हैं। उन्होंने बताया कि आम नागरिकों के लिये कानूनों को सरल और सुगम बनाया जा रहा है तथा न्यायपालिका समय पर न्याय सुनिश्चित करने के लिये अनेक पहलें कर रही है।

स्वतंत्रता दिवस के अपने व्याख्यान में कर्तव्यों पर जोर दिये जाने का उल्लेख करते हुये प्रधानमंत्री ने कहा कि यह संविधान की भावना का प्रकटीकरण है। अमृतकाल को ‘कर्तव्यकाल’ के रूप में उल्लेख करते हुये प्रधानमंत्री ने जोर देते हुये कहा कि आजादी के अमृत काल में जब देश अपनी स्वतंत्रता के 75 वर्ष पूरे कर रहा है और हम विकास के अगले 25 वर्षों की यात्रा पर निकल रहे हैं, तब राष्ट्र के प्रति कर्तव्य का मंत्र ही सर्वोपरि है। प्रधानमंत्री ने कहा, “आजादी का अमृत काल देश के प्रति कर्तव्य का काल है। चाहे वह लोग हों या संस्थायें, हमारे दायित्व ही हमारी पहली प्राथमिकता हैं।” उन्होंने कहा कि अपने ‘कर्तव्य पथ’ पर चलते हुये ही हम देश को विकास की नई ऊंचाई पर ले जा सकते हैं।

प्रधानमंत्री ने बताया कि सप्ताह भर में भारत को जी-20 का अध्यक्ष पद मिल रहा है। उन्होंने जोर देकर कहा कि हम भारत की प्रतिष्ठा और सम्मान को एक टीम के रूप में विश्व में प्रोत्साहित करें। उन्होंने कहा, “यह हमारी सामूहिक जिम्मेदारी है।” उन्होंने आगे कहा, “लोकतंत्र की जननी के रूप में भारत की अस्मिता को और मजबूत करने की आवश्यकता है।”

युवा-केंद्रित भावना को रेखांकित करते हुये प्रधानमंत्री ने कहा कि संविधान अपने खुलेपन, दूरंदेशी और अपने आधुनिक दृष्टिकोण के लिये जाना जाता है। उन्होंने भारत की विकास-यात्रा के सभी पक्षों में युवा शक्ति के योगदान व उसकी भूमिका को स्वीकार किया।

युवाओं में समानता और सशक्तिकरण जैसे विषयों पर बेहतर समझ पैदा करने के लिये संविधान के प्रति जागरूकता बढ़ाने की आवश्यकता पर बल देते हुये प्रधानमंत्री ने उस समय का स्मरण किया जब हमारे संविधान का मसौदा लिखा गया था तथा देश के सामने कैसी परिस्थितियां थीं। उन्होंने कहा, “उस काल में संविधान सभा की बहस में क्या होता था, हमारे युवाओं को इन सभी विषयों के प्रति जागरूक होना चाहिये।” उन्होंने आगे कहा कि इससे संविधान के प्रति उनकी रुचि बढ़ेगी। प्रधानमंत्री ने संविधान सभा की 15 महिला सदस्यों का उदाहरण दिया और कहा कि दक्षिणायणी वेलायुधन जैसी महिलायें उनमें शामिल थीं, जो वंचित समाज से निकलकर वहां तक पहुंची थीं। प्रधानमंत्री ने खेद व्यक्त किया कि दक्षिणायणी वेलायुधन जैसी महिलाओं के योगदानों पर शायद ही कभी चर्चा की जाती है। उन्होंने बताया कि दक्षिणायणी वेलायुधन ने दलितों और श्रमिकों से जुड़े कई मुद्दों पर महत्त्वपूर्ण विचार दिये हैं। प्रधानमंत्री ने दुर्गाबाई देशमुख, हंसा मेहता और राजकुमारी अमृत कौर तथा अन्य महिला सदस्यों के उदाहरण दिये, जिन्होंने महिलाओं से जुड़े मुद्दों पर महत्त्वपूर्ण योगदान किये हैं। उन्होंने कहा, “जब हमारे युवाओं को इन तथ्यों का पता चलेगा, तो उन्हें अपने सवालों के जवाब मिल जायेंगे।” उन्होंने आगे कहा, “इससे संविधान के प्रति निष्ठा बढ़ेगी, जिससे हमारा लोकतंत्र, हमारा संविधान और देश का भविष्य मजबूत होगा।” प्रधानमंत्री ने अपने वक्तव्य का समापन करते हुये कहा, “आजादी के अमृत काल में, यह देश की आवश्यकता है। मैं आशा करता हूं कि यह संविधान दिवस इस दिशा में हमारे संकल्पों को और ऊर्जावान बनायेगा।”

इस अवसर पर, भारत के मुख्य न्यायाधीश डॉ. डी.वाई. चंद्रचूड़, केंद्रीय विधि और न्याय मंत्री श्री किरेन रिजिजू, सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश न्यायमूर्ति संजय किशन कॉल और न्यायमूर्ति एस. अब्दुल नजीर, केंद्रीय विधि और न्याय राज्यमंत्री प्रो. एस.पी. बघेल, भारत के अटॉर्नी जनरल श्री आर. वेंकटारमानी, भारत के सॉलीसिटर जनरल श्री तुषार मेहता तथा सुप्रीम कोर्ट बार एसोसियेशन के अध्यक्ष श्री विकास सिंह उपस्थित थे।

पृष्ठभूमि

परियोजना वादकारियों, वकीलों और न्यायपालिका को आईसीटी आधारित अदालतों के जरिये सेवायें प्रदान करने का प्रयास है। इन गतिविधियों की शुरूआत प्रधानमंत्री ने की है, जिनमें वर्चुअल जस्टिस क्लॉक, जस्टिस मोबाइ एप्प 2.0, डिजिटल कोर्ट और एस3डब्लूएएएस वेबसाइट शामिल हैं।

वर्चुअल क्लॉक अदालत के स्तर पर न्याय आपूर्ति प्रणाली के लिये जरूरी आंकड़ों को दर्शाने की पहल है, जिसमें मुकदमों का विवरण, मुकदमों के निस्तारण और अदालती स्तर पर एक दिन/सप्ताह/महीने के आधार पर लंबित मुकदमों की जानकारी मिलेगी। यह प्रयास अदालती कामकाज को जवाबदार और पारदर्शी बनाने के लिये हैं। इसमें अदालतों द्वारा निस्तारित मुकदमों की स्थित की जानकारी लोगों को उपलब्ध रहेगी। कोई भी व्यक्ति जिला न्यायालय की वेबसाइट में दर्ज किसी भी अदालत के बारे में वर्चुअल जस्टिस क्लॉक का अवलोकन कर सकता है।

जस्टिस मोबाइल एप्प 2.0 न्यायिक अधिकारियों के लिये है, जिसकी सहायता से वे न केवल अपनी अदालत में लंबित और निस्तारित मुकदमों की स्थिति जान सकते हैं व उसका प्रबंध कर सकते हैं, बल्कि अपने अधीन कार्यरत न्यायिक अधिकारियों की अदालतों के बारे में भी जान सकते हैं। यह एप्प उच्च न्यायालय और सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीशों के लिये उपलब्ध है, जो अपने अधीन राज्यों व जिला अदालतों में लंबित व निस्तारित मामलों की जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।

डिजिटल कोर्ट की पहल के तहत न्यायाधीश के लिये अदालती दस्तावेजों को डिजिटल रूप में देखने की व्यवस्था है, जिससे पेपरलैस अदालतों की शुरूआत हो जायेगी।

एस3डब्लूएएएस वेबसाइट एक प्रारूप है, जिसके तहत सम्बंधित जिला न्यायालय के मद्देनजर विशेष सूचना और सेवाओं के बारे में वेबासइट पर हर जानकारी मिलेगी। इसके तहत सूचनाओं-सेवाओं का सृजन, उन्हें दुरुस्त करने, उनकी जानकारी देने और उनके प्रबंधन से जुड़े काम किये जायेंगे। एस3डब्लूएएएस एक क्लाउड सेवा है, जिसे सरकारी निकायों के लिये विकसित किया गया है, ताकि वे सुरक्षित, सुगम्य वेबसाइटों को तैयार कर सकें। यह बहुभाषी, नागरिक-अनुकूल और दिव्यांग-अनुकूल है।

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PM Modi congratulates hockey team for winning Women's Asian Champions Trophy
November 21, 2024

The Prime Minister Shri Narendra Modi today congratulated the Indian Hockey team on winning the Women's Asian Champions Trophy.

Shri Modi said that their win will motivate upcoming athletes.

The Prime Minister posted on X:

"A phenomenal accomplishment!

Congratulations to our hockey team on winning the Women's Asian Champions Trophy. They played exceptionally well through the tournament. Their success will motivate many upcoming athletes."