हमारे प्रवासी भारतीयों ने विश्व स्तर पर सफलता प्राप्त की है और इससे हम सभी बहुत गौरवान्वित महसूस करते हैं: प्रधानमंत्री
हमारे लिए, पूरा विश्व एक परिवार है: प्रधानमंत्री
भारत और नाइजीरिया लोकतांत्रिक सिद्धांतों, विविधता के उत्सव और जनसांख्यिकी की प्रतिबद्धता से आपस में जुड़े हुए हैं: प्रधानमंत्री
भारत की प्रगति की विश्व स्तर पर प्रशंसा हो रही है, भारत के लोगों ने राष्ट्र को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया है: प्रधानमंत्री
भारतीयों ने अपने आराम की चारदीवारी से बाहर निकलकर अद्भुत काम किए हैं, स्टार्टअप क्षेत्र इसका एक उदाहरण है: प्रधानमंत्री
जब विकास, समृद्धि और लोकतंत्र को आगे बढ़ाने की बात आती है, तो भारत दुनिया के लिए आशा की एक किरण है, हमने हमेशा मानवीय भावना को आगे बढ़ाने के लिए काम किया है: प्रधानमंत्री
भारत ने सभी वैश्विक मंचों पर अफ्रीका को प्रमुखता देने का हमेशा समर्थन किया है: प्रधानमंत्री

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आज नाइजीरिया के अबुजा में भारतीय समुदाय द्वारा उनके सम्मान में आयोजित एक कार्यक्रम में प्रवासी भारतीयों को संबोधित किया। प्रधानमंत्री ने भारतीय समुदाय द्वारा गर्मजोशी और उत्साह के साथ किए गए उनके भव्य स्वागत पर प्रसन्नता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि समुदाय से मिला प्रेम और मित्रता उनके लिए बहुत बड़ी पूंजी है।

जनसमूह को यह बताते हुए कि प्रधानमंत्री के रूप में यह नाइजीरिया की उनकी पहली यात्रा है, श्री मोदी ने कहा कि उन्हें करोड़ों भारतीयों की शुभकामनाएं मिली हैं। उन्होंने कहा कि नाइजीरिया में भारतीयों की प्रगति पर हर भारतीय को गर्व है। उन्हें ग्रैंड कमांडर ऑफ द ऑर्डर ऑफ द नाइजर पुरस्कार से सम्मानित करने के लिए राष्ट्रपति टीनुबू और नाइजीरिया के लोगों के प्रति आभार व्यक्त करते हुए श्री मोदी ने पूरी विनम्रता के साथ इस पुरस्कार को करोड़ों भारतीयों को समर्पित किया।

प्रधानमंत्री ने उल्लेख किया कि राष्ट्रपति टीनुबू के साथ हुई बातचीत के दौरान, राष्ट्रपति ने नाइजीरिया में भारतीयों के प्रयासों की प्रशंसा की, जिससे उन्हें गर्व महसूस हुआ। श्री मोदी ने कहा कि जब बच्चे अपने करियर में आगे बढ़ते हैं, तो माता-पिता को जैसी खुशी और गर्व महसूस होता है, उन्हें भी उसी तरह की खुशी और गर्व का अनुभव हुआ। प्रधानमंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि यहाँ रहने वाले भारतीय समुदाय नाइजीरिया के साथ हर अच्छे-बुरे समय में हमेशा खड़े रहे हैं। उन्होंने कहा कि नाइजीरिया में 40 से 60 वर्ष की आयु के कई भारतीय हैं, जिन्हें कभी किसी भारतीय शिक्षक ने पढ़ाया होगा। श्री मोदी ने यह भी कहा कि कई भारतीय डॉक्टर हैं, जो नाइजीरिया में निस्वार्थ भाव से सेवा कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि कई भारतीय व्यवसायी हैं, जिन्होंने अपना व्यवसाय स्थापित किया है और वे नाइजीरिया की विकास गाथा का सक्रिय हिस्सा रहे हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि स्वतंत्रता प्राप्ति से पहले भी, श्री किशनचंद झेलाराम जी नाइजीरिया आ गए थे और उन्होंने व्यवसाय स्थापित किया था, जो नाइजीरिया के सबसे बड़े व्यापारिक घरानों में से एक बन गया है। उन्होंने कहा कि आज कई भारतीय कंपनियाँ नाइजीरिया की अर्थव्यवस्था को मजबूत कर रही हैं। श्री मोदी ने कहा कि तुलसीचंद्र फाउंडेशन नाइजीरियाई लोगों के जीवन में रोशनी ला रहा है। नाइजीरिया की प्रगति में कंधे से कंधा मिलाकर चलने के लिए भारतीय समुदाय की सराहना करते हुए श्री मोदी ने कहा कि यह भारतीयों की सबसे बड़ी ताकत है और यह भारतीयों की संस्कृति का भी प्रतीक है। उन्होंने कहा कि भारतीय कभी भी सबके कल्याण के आदर्श को नहीं भूलते और हमेशा इस विश्वास के साथ जीते हैं कि पूरा विश्व एक परिवार है।

श्री मोदी ने कहा कि भारतीयों द्वारा अपनी संस्कृति के प्रति अर्जित सम्मान हर जगह स्पष्ट रूप से दिखाई देता है। उन्होंने कहा कि योग नाइजीरिया के लोगों के बीच लगातार लोकप्रिय हो रहा है। उन्होंने नाइजीरिया में भारतीयों से नियमित रूप से योग का अभ्यास करने का आग्रह किया। प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि नाइजीरिया के राष्ट्रीय टेलीविजन चैनल पर योग पर एक साप्ताहिक कार्यक्रम प्रसारित होता है। श्री मोदी ने यह भी कहा कि हिंदी और भारतीय फिल्में भी नाइजीरिया में लोकप्रिय हो रही हैं।

 

इस बात पर प्रकाश डालते हुए कि गांधीजी ने अफ्रीका में काफी समय बिताया था, श्री मोदी ने कहा कि भारत और नाइजीरिया के लोगों ने अपने स्वतंत्रता संघर्ष में कोई कसर नहीं छोड़ी। उन्होंने कहा कि भारतीय स्वतंत्रता ने नाइजीरिया के स्वतंत्रता संघर्ष को और प्रेरित किया। श्री मोदी ने कहा कि स्वतंत्रता संग्राम के दिनों से लेकर आज तक भारत और नाइजीरिया लगातार प्रगति कर रहे हैं। श्री मोदी ने कहा, “भारत लोकतंत्र की जननी है, जबकि नाइजीरिया अफ्रीका का सबसे बड़ा लोकतंत्र है।” उन्होंने कहा कि दोनों देशों में लोकतंत्र, विविधता और जनसांख्यिकी का सामर्थ्य समान कारक हैं। नाइजीरिया की विविधता का जिक्र करते हुए श्री मोदी ने कहा कि वह मंदिरों के निर्माण में सहयोग के लिए नाइजीरियाई सरकार के प्रति भारतीयों की ओर से आभार व्यक्त करते हैं।

इस बात पर जोर देते हुए कि भारत दुनिया भर में चर्चा का विषय है, श्री मोदी ने स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद भारत द्वारा सामना की गयी कई चुनौतियों का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि चंद्रयान, मंगलयान, मेड इन इंडिया लड़ाकू विमान आदि जैसी भारत की उपलब्धियों पर प्रत्येक हर भारतीय को गर्व है। श्री मोदी ने कहा, “भारत अंतरिक्ष से लेकर विनिर्माण क्षेत्र और डिजिटल प्रौद्योगिकी से लेकर स्वास्थ्य सेवा तक वैश्विक शक्तियों के साथ प्रतिस्पर्धा कर रहा है।” इस बात पर प्रकाश डालते हुए कि भारत ने स्वतंत्रता के 6 दशकों के बाद केवल 1 ट्रिलियन डॉलर का आंकड़ा पार किया है, श्री मोदी ने टिप्पणी की कि भारत ने पिछले दशक में ही 2 ट्रिलियन डॉलर जोड़े हैं, जिससे यह आज दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया है। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि भारत बहुत जल्द 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बन जाएगा और दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था भी हो जाएगा।

भारतीयों के जोखिम लेने की प्रकृति पर जोर देते हुए श्री मोदी ने कहा कि भारत विभिन्न क्षेत्रों में तेजी से आगे बढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि भारत के स्टार्ट-अप इकोसिस्टम में 1.5 लाख से अधिक पंजीकृत स्टार्टअप हैं, यह भारतीय युवाओं की अपने आराम की चारदीवारी से बाहर निकलकर कड़ी मेहनत करने का प्रत्यक्ष परिणाम है। श्री मोदी ने कहा, "पिछले 10 वर्षों में भारत में 100 से अधिक यूनिकॉर्न बने हैं।"

श्री मोदी ने कहा कि भारत अपने सेवा क्षेत्र के लिए जाना जाता है। सरकार ने अपने आराम की शासन-दिनचर्या से बाहर निकलकर विनिर्माण क्षेत्र को बढ़ावा दिया है, ताकि इसे विश्व स्तरीय विनिर्माण केंद्र बनाया जा सके। उन्होंने कहा कि यह स्पष्ट है कि भारत अब दुनिया के सबसे बड़े मोबाइल फोन निर्माताओं में से एक है और भारत में 30 करोड़ से अधिक मोबाइल फोन का निर्माण किया गया है। उन्होंने आगे कहा कि पिछले दशक में भारत के मोबाइल फोन निर्यात में 75 गुनी वृद्धि हुई है। पिछले दशक में भारत के रक्षा निर्यात का उल्लेख करते हुए श्री मोदी ने कहा कि इसमें 30 गुनी वृद्धि हुई है और भारत आज 100 से अधिक देशों को अपने रक्षा उपकरण निर्यात कर रहा है। प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत के अंतरिक्ष क्षेत्र की दुनिया भर में प्रशंसा हो रही है। उन्होंने कहा कि भारत ने अपने गगनयान में भारतीय अंतरिक्ष यात्रियों को अंतरिक्ष में भेजने का फैसला किया है। उन्होंने आगे कहा कि भारत अंतरिक्ष में एक स्पेस स्टेशन भी विकसित करने जा रहा है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत का इस समय अपने आराम की चारदीवारी से बाहर निकलकर कुछ नया करने और नए रास्ते बनाने का मिजाज बन चुका है। प्रधानमंत्री ने कहा कि पिछले 20 वर्षों में भारत ने 25 करोड़ लोगों को गरीबी से बाहर निकाला है। उन्होंने कहा कि इतने सारे लोगों का गरीबी से बाहर आना दुनिया के लिए एक बड़ी प्रेरणा है और यह हर देश को उम्मीद देता है कि अगर भारत ने यह किया है, तो हम भी ऐसा कर सकते हैं। श्री मोदी ने कहा कि भारत ने आज एक विकसित भारत के निर्माण के लक्ष्य के साथ एक नई यात्रा शुरू की है। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि प्रत्येक भारतीय 2047 तक एक विकसित भारत के लक्ष्य की दिशा में काम कर रहा है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि विकास हो, शांति हो, समृद्धि हो या लोकतंत्र, भारत दुनिया के लिए एक नई उम्मीद बनकर उभरा है। उन्होंने कहा कि नाइजीरिया में रहने वाले भारतीय प्रवासियों ने भी अनुभव किया होगा कि जब वे कहते हैं कि वे भारत से हैं तो उन्हें कितना सम्मान मिलता है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि जब भी दुनिया में कोई समस्या आती है, तो भारत विश्व बंधु के रूप में वहां कार्रवाई के लिए सबसे पहले पहुंचता है। उन्होंने कहा कि कोरोना के समय में दुनिया में बहुत हंगामा हुआ था, हर देश वैक्सीन को लेकर चिंतित था और संकट की उस घड़ी में भारत ने फैसला किया कि ज्यादा से ज्यादा देशों को वैक्सीन उपलब्ध करायी जाएगी। श्री मोदी ने कहा कि यह हमारा संस्कार है और हजारों साल पुरानी संस्कृति ने हमें यही सिखाया है। उन्होंने कहा कि इसलिए भारत ने वैक्सीन का उत्पादन बढ़ाया और दुनिया के 150 से अधिक देशों को दवाइयां और वैक्सीन भेजीं। प्रधानमंत्री ने कहा कि नाइजीरिया सहित कई अफ्रीकी देशों में भारत के इस प्रयास से हजारों लोगों की जान बचाई गई। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि आज का भारत 'सबका साथ, सबका विकास' के मंत्र में विश्वास करता है।

भविष्य में अफ्रीका के विकास में नाइजीरिया को एक बड़ा केंद्र बताते हुए श्री मोदी ने कहा कि पिछले 5 वर्षों में अफ्रीका में 18 नए दूतावास शुरू किए गए हैं। उन्होंने कहा कि पिछले वर्षों में भारत ने अफ्रीका की आवाज को वैश्विक मंच पर उठाने के लिए हर संभव प्रयास किया है। पहली बार जी-20 की अध्यक्षता करने वाले भारत का उल्लेख करते हुए श्री मोदी ने कहा कि अफ्रीकी संघ को स्थायी सदस्य बनाने के लिए पुरजोर प्रयास किए गए। उन्होंने कहा कि उन्हें यह जानकर खुशी हुई कि जी-20 के प्रत्येक सदस्य देश ने भारत के इस कदम का पूरा समर्थन किया और भारत के निमंत्रण पर नाइजीरिया ने पूरे गौरव के साथ अतिथि देश के रूप में इतिहास बनते देखा है।

प्रधानमंत्री ने सभी को अगले वर्ष जनवरी में भारत आने का विशेष निमंत्रण दिया। उन्होंने कहा कि जनवरी माह में कई उत्सव एक साथ आने वाले हैं, जिनमें 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस और जनवरी के दूसरे सप्ताह में प्रवासी भारतीय दिवस शामिल है, जिसे उड़ीसा की धरती पर भगवान जगन्नाथ जी के चरणों में मनाया जाएगा। प्रधानमंत्री ने प्रयागराज में 13 जनवरी से 26 फरवरी, यानि 45 दिनों तक चलने वाले महाकुंभ के बारे में भी बताया। श्री मोदी ने कहा कि भारत आने के कई कारण हैं, इसलिए मैं प्रवासी भारतीयों से आग्रह करता हूं कि वे अपने नाइजीरियाई मित्रों के साथ इस दौरान भारत आएं। प्रधानमंत्री ने कहा कि अयोध्या में 500 वर्षों के बाद भगवान श्री राम का भव्य मंदिर बना है, जिसे उन्हें और उनके बच्चों को अवश्य देखना चाहिए। श्री मोदी ने कहा कि पहले एनआरआई दिवस, फिर महाकुंभ और उसके बाद गणतंत्र दिवस, यह एक तरह की त्रिवेणी है, भारत के विकास और विरासत से जुड़ने का एक बेहतरीन अवसर है।

अपने संबोधन के समापन पर प्रधानमंत्री ने कहा कि भले ही वे पहले भी भारत आ चुके हों और कई बार आए हों, लेकिन यह यात्रा उनके जीवन की एक अमूल्य स्मृति बन जाएगी। प्रधानमंत्री ने सभी को उनके उत्साह और गर्मजोशी भरे स्वागत के लिए धन्यवाद दिया।

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