भाजपा राष्ट्रीय सदस्यता अभियान एक औपचारिकता भर न होकर हमारे परिवार का विस्तार है: पीएम मोदी
हमने दीवारों पर इस विश्वास के साथ कमल पेंट किया कि एक दिन यह निशान दिलों पर भी पेंट होगा: पीएम मोदी
पार्टी की स्थापना के बाद से ही भारी कठिनाइयों का सामना करते हुए हमारे कार्यकर्ताओं ने इसे एक महान मुकाम पर पहुंचाने के लिए दृढ़ संकल्पित होकर काम किया है: पीएम मोदी
हम सिर्फ चुनावी मशीन नहीं हैं। हम वो खाद-पानी हैं जो देशवासियों के सपनों को सींचा करते हैं: पीएम मोदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को भाजपा के राष्ट्रीय सदस्यता अभियान की शुरुआत की। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि जनसंघ के जमाने में बड़े उत्साह के साथ कार्यकर्ता दीवारों पर दीपक पेंट किया करते थे। तब कई राजनीतिक दलों के नेता मजाक उड़ाया करते थे कि दीवारों पर दीपक पेंट करने से सत्ता के गलियारों तक नहीं पहुंचा जा सकता है! उन्होंने कहा कि हम वो लोग हैं, जो बहुत श्रद्धा से दीवारों पर कमल पेंट किया करते थे। दिलों में पक्का विश्वास था कि दीवारों पर पेंट किया गया कमल कभी न कभी लोगों के दिलों पर भी पेंट हो जाएगा। पीएम ने कहा कि भारतीय जनसंघ से लेकर के अब तक, हमने देश में एक नई राजनीतिक संस्कृति लाने का भरसक प्रयास किया है। भाजपा कार्यकर्ताओं का विश्वास आज भी पंडित दीनदयाल उपाध्याय जी के मंत्र ‘चरैवेति-चरैवेति’ से जुड़ा हुआ है। आज 18 से 25 साल के नौजवानों को हमें ‘नेशन फर्स्ट’ के विचार से जोड़ना है, क्योंकि उनमें विकसित भारत के सपने को पूरा करने का सामर्थ्य है।

भाजपा की यात्रा का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि यह दल ऐसे ही यहां तक नहीं पहुंचा है। इसमें अनेकों पीढ़ियां खप गई हैं। वर्तमान पीढ़ी के अनेक कार्यकर्ता जिनके नाम भी नहीं जानते होंगे, ऐसे लोगों के जीवन खपाने से यह दल लोगों के दिलों में जगह बना पाया है। एक समय था, जब हमारे कार्यकर्ताओं के लिए कहा जाता था कि उनका एक पैर रेल में और दूसरा जेल में होता है। रेल में इसलिए कि भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ता निरंतर भ्रमण और प्रवास पर करते रहते थे। समाज की समस्याओं के समाधान के लिए, सत्ता पर बैठे हुए लोगों के सामने संघर्ष के चलते वह कभी जेल, तो कभी बाहर, ये स्थिति बनी रहती थी। उन्होंने कई जुल्म सहने के बाद पार्टी यहां तक पहुंचाया है। जुल्म करने वाले लोग, एक छोटे से जुलूस को भी स्वीकार करने को तैयार नहीं होते थे और सत्ता के नशे में जेल में बंद कर दिया करते थे।

भाजपा के सदस्यता अभियान का जिक्र करते हुए पीएम ने कहा कि यह हमारे लिए कोई कर्मकांड नहीं है। हमारे लिए सदस्यता यानी, अपने परिवार का विस्तार है। बीजेपी में जब कोई नया सदस्य बनता है तो परिवार के विस्तार जैसा ही आनंद होता है। यह सदस्यता अभियान आंकड़ों का खेल नहीं है। यह पूर्ण रूप से वैचारिक और भावनात्मक आंदोलन भी है। हमें संगठन की गाड़ी को उस पटरी पर दौड़ाना है, जिसमें वैचारिक धार के साथ-साथ देशभक्ति की भावना भी भरपूर हो।

आकांक्षी जिलों की बात करते हुए पीएम ने कहा कि पूरे विश्व के लिए, खास करके ग्लोबल साउथ के देशों के लिए हमने एक मॉडल के रूप में काम किया है। यह इतना सुखद अनुभव रहा है कि एस्पिरेशनल डिस्ट्रिक्ट में गवर्नेंस पर फोकस और जन भागीदारी के कारण आज देश की एस्पिरेशनल डिस्ट्रिक्ट स्टेट के टॉप जिलों की बराबरी करने लग गए हैं। उन्होंने कहा कि भाजपा कार्यकर्ता एस्पिरेशनल डिस्ट्रिक्ट से लेकर इनके ब्लॉक तक विशेष अभियान चला करके हर पोलिंग बूथ पर अपना झंडा गाड़ सकते हैं। इसी तरह सीमावर्ती राज्यों के पहले गांव में सबसे पहले मेंबरशिप अभियान चलाकर भाजपा कार्यकर्ता अपने किलों को और मजबूत कर सकते हैं। सीमा के आखिरी छोर का गांव, जब भाजपा का किला बनता है तो वह अपने-आप भारत का किला भी बन जाता है। मेरे लिए सदस्यता सिर्फ पार्टी का नंबर बढ़ाना नहीं है, बल्कि देश को मजबूत बनाना है।

उन्होंने पीएम जन-मन योजना का जिक्र करते हुए कहा कि इस योजना के साथ हमने स्पेशल एफर्ट शुरू किया है। हमारे आदिवासी क्षेत्रों में ऐसे-ऐसे इलाके और समूह हैं, जहां इतने सालों बाद भी सरकारी सुविधाओं नहीं पहुंच पाई थीं। हमारी यह योजना अब उनका सहारा बन रही है। उनमें पॉलिटिकल वोट बैंक बनने की ताकत नहीं है, क्योंकि उनकी संख्या कम है। लेकिन जैसे उंगली का नाखून पकने पर पूरे शरीर में दर्द होता है। वैसे ही उनके दुख-दर्द से मुझे पीड़ा होती है। जब ऐसी पीड़ा का अनुभव करते हैं, तब पीएम जन-मन योजना जन्म लेती है। प्रधानमंत्री ने कहा कि हमने ऐसे चार करोड़ परिवारों को एड्रेस दिया है, जो झुग्गी-झोंपड़ी और फुटपाथ पर जिंदगी गुजारते थे। जब जिंदगी में घर का पता तय हो जाता है तो मंजिल का पता अपने-आप लग जाता है। भाजपा कार्यकर्ताओं को ऐसे लोगों की लिस्ट लेकर उनके पास जाना चाहिए। उनको लगना चाहिए कि जिस कमल ने उनके घर की दीवारें बनाई हैं। उस कमल को अब दिल के अंदर जगह देनी चाहिए।

युवाशक्ति पर फोकस करते हुए पीएम ने कहा कि आज जो 18-20 साल के युवा हैं, उन्हें पता नहीं है कि 10-11 साल पहले देश के क्या हालात थे। उन्हें यह भी नहीं पता कि उनके माता-पिता ने कितने बुरे दिन देखे थे। इन युवाओं ने तो एक नया हिंदुस्तान देखा है और इसलिए उसके सपने भी वहीं से शुरू हो जाते हैं। ऐसे में हमारी जिम्मेदारी अनेक गुना बढ़ जाती है। पीएम मोदी ने कहा कि आज 18-25 साल का नौजवान, मेरे 2047 के विकसित भारत के सपने का सबसे बड़ी शक्ति का स्रोत है। आज के युवा उस समय करीब 50 साल के होंगे। उनका सामर्थ्य हमें विकसित भारत के सपने को पूरे करने में काम आएगा।

प्रधानमंत्री मोदी ने अपने संबोधन के अंत में कहा कि आज देश के गरीब का सबसे अधिक विश्वास हमारी नीतियों और निर्णयों में है। इसलिए हमें पूरे सामर्थ्य के साथ आगे बढ़ना है और गरीबों का कल्याण करना है। उन्होंने कहा कि हमारी पार्टी लोकतांत्रिक मूल्यों को जीने वाली पार्टी है। हम व्यवस्था में भी लोकतंत्र को स्वीकार करते हैं। हम विचार में भी लोकतंत्र को स्वीकार करते हैं। हम संस्कार में भी लोकतंत्र को स्वीकार करते हैं। हमारा ये सदस्यता अभियान नई ऊंचाइयों को पार करने वाला होगा। उन्होंने कहा कि आप अपने इलाके में जिसे सी ग्रेड पोलिंग बूथ मानते हैं, वहीं से सदस्यता अभियान शुरू करिए। क्योंकि चुनौती को चुनौती देना ही भाजपा कार्यकर्ताओं की रगों में है और जहां चुनौती है, वहीं दिलों में कमल खिलाना है।

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प्रधानमंत्री ने प्रवासी भारतीयों से भारत को जानिए प्रश्नोनत्तरी में भाग लेने का आग्रह किया
November 23, 2024

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आज प्रवासी भारतीयों और अन्य देशों के मित्रों से भारत को जानिए प्रश्‍नोत्तरी में भाग लेने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि यह प्रश्‍नोत्तरी भारत और विश्‍व भर में फैले प्रवासी भारतीयों के बीच संबंधों को और मजबूत करता है और यह हमारी समृद्ध विरासत और जीवंत संस्कृति को पुन: जानने का एक अच्‍छा माध्‍यम भी है।

उन्होंने एक्स पर एक संदेश पोस्ट किया:

“हमारे प्रवासी भारतीयों के साथ संबंधों को मजबूत करना!

विदेश में रहने वाले भारतीय समुदाय और अन्य देशों के मित्रों से #भारतकोजानिए प्रश्‍नोत्तरी में भाग लेने का आग्रह करता हूँ!

bkjquiz.com

यह प्रश्‍नोत्तरी भारत और विश्‍व भर में फैले प्रवासियों के मध्‍य संबंधों को और गहरा करता है। यह हमारी समृद्ध विरासत और जीवंत संस्कृति को पुन: जानने का एक अच्‍छा माध्‍यम भी है।

विजेताओं को #अतुल्यभारत के आश्‍चर्यों का अनुभव करने का अवसर मिलेगा।”