प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आज मध्य प्रदेश के ग्वालियर में ‘द सिंधिया स्कूल’ के 125वें संस्थापक दिवस के उपलक्ष्य में आयोजित कार्यक्रम को संबोधित किया। इस कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री ने स्कूल में ‘बहुउद्देशीय खेल परिसर’ की आधारशिला रखी और विशिष्ट पूर्व विद्यार्थियों एवं शीर्ष उपलब्धि हासिल करने वालों को स्कूल के वार्षिक पुरस्कार प्रदान किए। सिंधिया स्कूल की स्थापना वर्ष 1897 में हुई थी और यह ऐतिहासिक ग्वालियर किले के शीर्ष पर स्थित है। प्रधानमंत्री ने इस अवसर पर एक स्मारक डाक टिकट भी जारी किया।
प्रधानमंत्री ने शिवाजी महाराज की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित की। उन्होंने इस अवसर पर आयोजित विशिष्ट प्रदर्शनी का अवलोकन भी किया।
इस दौरान उपस्थित गणमान्यजनों को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने सिंधिया स्कूल की 125वीं वर्षगांठ के अवसर पर सभी को बधाई दी। उन्होंने ‘आजाद हिंद सरकार’ के स्थापना दिवस पर भी देशवासियों को बधाई दी। प्रधानमंत्री ने सिंधिया स्कूल और ग्वालियर शहर के प्रतिष्ठित इतिहास के उत्सव का हिस्सा बनने का अवसर मिलने के लिए आभार व्यक्त किया। उन्होंने ऋषि ग्वालिपा, महान संगीतज्ञ तानसेन, महाद जी सिंधिया, राजमाता विजया राजे, अटल बिहारी वाजपेयी और उस्ताद अमजद अली खान का उल्लेख किया और उन्होंने कहा कि ग्वालियर की धरती पर हमेशा ही ऐसे लोगों का जन्म हुआ है जो दूसरों के लिए प्रेरणा बनते हैं। प्रधानमंत्री ने कहा, ‘यह नारी शक्ति और वीरता की भूमि है’। प्रधानमंत्री ने इस बात का उल्लेख किया कि इसी भूमि पर महारानी गंगाबाई ने स्वराज हिंद फौज को आवश्यक निधि देने के लिए अपने आभूषण बेच दिए थे। प्रधानमंत्री ने कहा, ‘ग्वालियर आने से सदैव ही सुखद अनुभव होता है।’ प्रधानमंत्री ने भारत और वाराणसी की संस्कृति के संरक्षण में सिंधिया परिवार के व्यापक योगदान का भी उल्लेख किया। उन्होंने इस परिवार द्वारा काशी में बनवाए गए कई घाटों और बीएचयू में बहुमूल्य योगदान को स्मरण किया। उन्होंने कहा कि काशी में आज की विकास परियोजनाओं पर इस परिवार के दिग्गजों को अवश्य ही अत्यंत संतोष होगा। प्रधानमंत्री ने यह भी उल्लेख किया कि श्री ज्योतिरादित्य सिंधिया गुजरात के दामाद हैं और उन्होंने गुजरात में अपने मूल निवास स्थान पर गायकवाड़ परिवार के बहुमूल्य योगदान का भी उल्लेख किया।
प्रधानमंत्री ने कहा कि कर्तव्यनिष्ठ व्यक्ति क्षणिक लाभ के बजाय सदैव ही आने वाली पीढ़ियों के कल्याण के लिए काम करता है। शैक्षणिक संस्थानों की स्थापना के दीर्घकालिक लाभों पर विशेष जोर देते हुए प्रधानमंत्री ने महाराजा माधो राव-प्रथम को श्रद्धांजलि अर्पित की। श्री मोदी ने इस बेहद कम जाने-पहचाने तथ्य का भी उल्लेख किया कि महाराजा ने एक सार्वजनिक परिवहन प्रणाली भी स्थापित की थी जो अभी भी दिल्ली में डीटीसी के रूप में कार्य कर रही है। प्रधानमंत्री मोदी ने जल संरक्षण और सिंचाई के लिए उनकी ओर से की गई विशिष्ट पहल का भी जिक्र किया और बताया कि हरसी बांध यहां तक कि 150 साल बाद भी एशिया का सबसे बड़ा मिट्टी का बांध है। प्रधानमंत्री ने कहा कि उनका दृष्टिकोण हमें लंबी अवधि के लिए काम करना और इसके साथ ही जीवन के हर क्षेत्र में शॉर्टकट से बचना सिखाता है।
प्रधानमंत्री ने 2014 में भारत के प्रधानमंत्री पद का दायित्व संभालने के बाद तत्काल परिणामों के लिए काम करने या दीर्घकालिक दृष्टिकोण अपनाने के दो विकल्पों पर प्रकाश डाला। उन्होंने इस तथ्य को रेखांकित किया कि सरकार ने 2, 5, 8, 10, 15 और 20 वर्ष से लेकर विभिन्न समय बैंड के साथ काम करने का निर्णय लिया और अब जब सरकार 10 वर्ष पूरे करने के करीब है, तो दीर्घकालिक दृष्टिकोण के साथ कई लंबित निर्णय लिए गए हैं। श्री मोदी ने विभिन्न उपलब्धियां गिनाईं और जम्मू एवं कश्मीर में अनुच्छेद 370 को हटाने की छह दशक पुरानी मांग, सेना के पूर्व सैनिकों को वन रैंक वन पेंशन देने की चार दशक पुरानी मांग, जीएसटी एवं तीन तलाक कानून की चार दशक पुरानी मांग का उल्लेख किया। उन्होंने हाल ही में संसद में पारित नारी शक्ति वंदन अधिनियम का भी उल्लेख किया। श्री मोदी ने इस तथ्य को रेखांकित किया कि वर्तमान सरकार युवा पीढ़ी के लिए ऐसा सकारात्मक माहौल बनाने का प्रयास कर रही है जहां अवसरों की कोई कमी न हो। यदि यह सरकार नहीं होती, तो अगली पीढ़ी के हित में इन लंबित निर्णयों को आगे न बढ़ाया गया होता। प्रधानमंत्री ने छात्रों से कहा, “बड़े सपने देखें और बड़ी उपलब्धियां हासिल करें।” उन्होंने कहा कि जब भारत की आजादी के 100 वर्ष पूरे होंगे तो सिंधिया स्कूल भी अपने 150 वर्ष पूरे करेगा। प्रधानमंत्री ने विश्वास के साथ कहा कि अगले 25 वर्षों में युवा पीढ़ी भारत को एक विकसित राष्ट्र बनाएगी। प्रधानमंत्री ने कहा, “मुझे युवाओं और उनकी क्षमताओं पर पूरा भरोसा है।” उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि ये युवा राष्ट्र द्वारा लिए गए संकल्प को पूरा करेंगे। उन्होंने इस बात को दोहराया कि अगले 25 वर्ष छात्रों के लिए उतने ही महत्वपूर्ण हैं जितने भारत के लिए। उन्होंने जोर देकर कहा, “सिंधिया स्कूल के प्रत्येक छात्र को भारत को एक विकसित भारत बनाने के लिए प्रयास करना चाहिए, चाहे वह प्रोफेशनल दुनिया में हो या किसी अन्य स्थान पर।”
प्रधानमंत्री ने कहा कि सिंधिया स्कूल के पूर्व छात्रों के साथ उनकी बातचीत ने विकसित भारत के लक्ष्य को पूरा करने की उनकी क्षमता में उनके विश्वास को मजबूत किया है। उन्होंने केन्द्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह, रेडियो के दिग्गज अमीन सयानी, प्रधानमंत्री द्वारा लिखित गरबा प्रस्तुत करने वाले मीत बंधुओं, सलमान खान और गायक नितिन मुकेश का उल्लेख किया।
प्रधानमंत्री मोदी ने भारत की बढ़ती वैश्विक छवि पर जोर दिया। उन्होंने चंद्रयान-3 की चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर सफल लैंडिंग और जी-20 के सफल आयोजन का जिक्र किया। श्री मोदी ने भारत को सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था बताया। उन्होंने कहा कि फिनटेक को अपनाने की दर, रीयल-टाइम डिजिटल लेनदेन और स्मार्टफोन डेटा उपयोग में भारत पहले स्थान पर है। प्रधानमंत्री ने बताया कि इंटरनेट यूजर्स की संख्या और मोबाइल विनिर्माण के मामले में भारत दूसरे स्थान पर है। श्री मोदी ने कहा कि भारत के पास तीसरा सबसे बड़ा स्टार्टअप इकोसिस्टम है और यह दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा ऊर्जा उपभोक्ता है। उन्होंने अंतरिक्ष स्टेशन के लिए भारत की तैयारी और आज ही किए गए गगनयान संबंधी सफल परीक्षण का जिक्र किया। उन्होंने तेजस और आईएनएस विक्रांत का भी जिक्र किया और कहा, “भारत के लिए कुछ भी असंभव नहीं है।"
विद्यार्थियों को यह बताते हुए कि दुनिया उनकी सीप है, प्रधानमंत्री ने उन्हें अंतरिक्ष और रक्षा क्षेत्रों सहित उनके लिए खोले गए नए रास्तों के बारे में बताया। प्रधानमंत्री ने विद्यार्थियों से लीक से हटकर सोचने के लिए कहा और उन्हें याद दिलाया कि पूर्व रेल मंत्री श्री माधवराव सिंधिया द्वारा शताब्दी एक्सप्रेस रेलगाड़ियों को शुरू करने जैसी पहल को तीन दशकों तक दोहराया नहीं गया और अब देश वंदे भारत और नमो भारत रेलगाड़ियों की शुरुआत होते हुए देख रहा है।
प्रधानमंत्री ने स्वराज के संकल्पों के आधार पर सिंधिया स्कूल के सदनों के नाम पर प्रकाश डाला और कहा कि यह प्रेरणा का बहुत बड़ा स्रोत है। उन्होंने शिवाजी हाउस, महाद जी हाउस, राणो जी हाउस, दत्ता जी हाउस, कानरखेड हाउस, नीमा जी हाउस और माधव हाउस का उल्लेख करते हुए कहा कि यह सप्त ऋषियों की ताकत की तरह है। श्री मोदी ने विद्यार्थियों को 9 कार्य भी सौंपे और उन्हें इस प्रकार सूचीबद्ध किया: जल सुरक्षा के लिए जागरूकता अभियान चलाना, डिजिटल भुगतान के बारे में जागरूकता पैदा करना, ग्वालियर को भारत का सबसे स्वच्छ शहर बनाने का प्रयास करना, मेड इन इंडिया उत्पादों को प्रोत्साहन देना और वोकल फॉर लोकल दृष्टिकोण अपनाना, विदेश जाने से पहले भारत का अन्वेषण करें और देश के भीतर यात्रा करें, क्षेत्रीय किसानों के बीच प्राकृतिक खेती के बारे में जागरूकता पैदा करें, दैनिक आहार में मोटे अनाज को शामिल करें, खेल, योग या किसी भी प्रकार की फिटनेस को जीवनशैली का अभिन्न अंग बनाएं, और अंततः कम से कम एक गरीब परिवार का हाथ थामने को कहा। उन्होंने कहा कि इस रास्ते पर चलकर पिछले पांच वर्ष में 13 करोड़ लोग गरीबी से बाहर आये हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत आज जो कुछ भी कर रहा है, वह बड़े पैमाने पर कर रहा है।" उन्होंने विद्यार्थियों से अपने सपनों और संकल्पों के बारे में बड़ा सोचने का आग्रह किया। उन्होंने कहा “आपका सपना मेरा संकल्प है”, और विद्यार्थियों को नमो ऐप के माध्यम से उनके साथ अपने विचार साझा करने या व्हाट्सएप पर उनसे जुड़ने का सुझाव दिया।
प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन का समापन करते हुए कहा, “सिंधिया स्कूल सिर्फ एक संस्था नहीं बल्कि एक विरासत है।'' उन्होंने कहा कि आजादी से पहले और आजादी के बाद भी स्कूल ने महाराज माधोराव जी सिंधिया के संकल्पों को लगातार आगे बढ़ाया है। श्री मोदी ने थोड़ी देर पहले पुरस्कृत किए गए विद्यार्थियों को एक बार फिर बधाई दी और बेहतर भविष्य के लिए सिंधिया स्कूल को शुभकामनाएं दीं।
इस अवसर पर अन्य लोगों के अलावा मध्य प्रदेश के राज्यपाल, श्री मंगूभाई पटेल, मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री, श्री शिवराज सिंह चौहान और केंद्रीय मंत्री श्री ज्योतिरादित्य सिंधिया, नरेन्द्र सिंह तोमर और जितेंद्र सिंह उपस्थित थे।
Maharaja Madho Rao Scindia-I Ji was a visionary who had a dream of creating a brighter future for generations to come. pic.twitter.com/KoGN84EcuJ
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Over the past decade, the nation's unprecedented long-term planning has resulted in groundbreaking decisions. pic.twitter.com/OOR7TYm0xO
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A few weeks ago, the Nari Shakti Vandan Adhiniyam was successfully passed, ending decades of delay. pic.twitter.com/1YeZVdlg28
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Our endeavour is to create a positive environment in the country for today's youth to prosper: PM @narendramodi pic.twitter.com/3jYQV7GBjy
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