भारत सभी बाधाओं को पार करने, नवाचार (इनोवेट) करने, और विकास करने में सफ़लता प्राप्त करने में इजरायल के लोगों की सराहना की: पीएम मोदी
इजरायल नवाचार, जल और कृषि तकनीक के क्षेत्र में अग्रणी देशों में से एक; इससे भारत को लाभ मिल सकता है: प्रधानमंत्री मोदी
प्रधानमंत्री मोदी ने आतंकवाद, कट्टरपंथ और हिंसा का मजबूती से विरोध करने का अह्वान किया

महामहिम प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतनयाहू,

मीडिया के सदस्‍यों, 

मेरे भव्‍य स्‍वागत में आपने जो शब्‍द कहे, और मेरी आपके साथ मुलाकात के दौरान आपने जो अनूठी सहृदयता और मित्रता का भाव दिखाया, मैं उसके लिए महामहिम प्रधान मंत्री जी का धन्‍यवाद करता हूं। श्रीमती नेतनयाहू और आपके द्वारा कल मुझे दिए गए शानदार रात्रि भोज को मैं हमेशा याद रखूंगा। पिछली रात्रि को हमारी बातचीत, श्रीमती नेतनयाहू के साथ मेरी मुलाकात, आपके परिवार के बारे में मिली जानकारी, विशेष रूप से आपने जो अपने पिता के बारे में मुझे बताया, से आपके खूबसूरत देश के बारे में मेरा अनुभव एक नए मुकांम पर पहुंचा चुका है। मुसीबतों से निपटकर प्रगति की राह पर चलने में, इनोवेशन तथा प्रत्‍येक समस्‍या का हल ढूंढ लेने में भारत आपके नागरिकों की सफलता की प्रशंसा करता है। इस अदभुत यात्रा के दौरान मैं इजराइल आकर गौरवान्वित हुआ हूं। हालांकि, आधुनिक यात्रा में हमारे मार्ग अलग-अलग रहे हों, लेकिन लोकतांत्रिक मूल्‍यों और आर्थिक प्रगति में हमारा विश्‍वास एक जैसा ही रहा है। 

दोस्‍तो, 

यह यात्रा एक अवसर है :

   हमारी मित्रता की जड़ों को और गहरा करने के लिए;

   हमारे संबंधों में एक नया अध्‍याय जोड़ने के लिए; और

   हमारे सहयोग के नए आयामों की दिशा में एक साथ आगे बढ़ने के लिए। 

प्रधानमंत्री नेतनयाहू और मैंने अनेक मुद्दों पर काफी सकारात्‍मक चर्चाएं कीं। हमारी चर्चा न केवल द्विपक्षीय अवसरों के क्षेत्रों पर आधारित थी, बल्कि हमने इस बात पर भी चर्चा की कि वैश्विक शांति और स्थिरता बनाए रखने में हमारा सहयोग किस प्रकार सहायक हो सकता है। हमारा लक्ष्‍य एक ऐसा संबंध स्‍थापित करना है, जो हमारी साझा प्राथमिकताओं का दर्शाए और हमारे लोगों के बीच एक गहरा नाता जोड़े।

दोस्‍तो, 

इजराइल उन प्रमुख देशों में शुमार है, जिनके पास इनोवेशन, जल और कृषि प्रौद्योगिकी में काफी विशेषज्ञता प्राप्‍त है। भारत के विकास में ये क्षेत्र मेरे प्राथमिकता के क्षेत्र हैं। हमने इस बात पर सहमति जताई है कि जल दक्षता तथा संसाधन उपयोग; जल संरक्षण और इसका परिष्‍करण; कृषि में उत्‍पादकता में वृद्धि हमारे द्विपक्षीय सहयोग को मजबूती प्रदान करने की दिशा में प्रमुख क्षेत्र हैं। हम दोनों देशों की एक ही सोच है कि हमारे वैज्ञानिक और अनुसंधानकर्ता एक साथ मिलकर उपरोक्‍त क्षेत्रों में दोनों देशों के हित में सोल्‍यूशन विकसित, निर्मित और कार्यान्वित करेंगे। औद्योगिक विकास में अनुसंधान के लिए US $ 40 की लागत पर एक द्विपक्षीय टेक्‍नोलाजी इनोवेशन फंड स्‍थापित करने का हमारा निर्णय हमें इस लक्ष्‍य को हासिल करने में सहायता देगा। एक मजबूत भागीदारी के आधार के लिए, हम फलते-फूलते द्विपक्षीय व्‍यापार और इनवेस्‍टमेंट फ्लो का समर्थन करते हैं। प्रधान मंत्री नेतनयाहू और मैंने इस दिशा में और अधिक कार्य करने की आवश्‍यकता पर सहमति जताई है। इस प्रकार के प्रयासों से दोनों देशों में व्‍यापर प्रमुखता से बढ़ना चाहिए। कल CEO Forum
के लिए भी हमारा यही संदेश होगा। 

दोस्‍तो, 

भारत और इजराइल दोनों जटिल भौगोलिक क्षेत्रों में बसे हैं। हम क्षेत्रीय शांति और स्थिरता के के रणनीतिक खतरों से भली भांति अवगत हैं। हम क्षेत्रीय शांति और स्थिरता की दिशा में रणनीतिक खतरों से भली भांति अवगत हैं। भारत को आंतकवादी हिंसा और कट्टरवादी फैलाव का सामना पहले करना पड़ा है। ऐसी ही स्थिति इजराइल की है। प्रधान मंत्री नेतनयाहू और मैंने हमारे सामरिक हितों को संरक्षित करने तथा साइबर स्‍पेस सहित बढ़ते कट्टरवाद और आतंकवाद से निपटने हेतु एक साथ मिलकर अधिक प्रयास करने और सहयोग करने पर सहमति जताई है। हमने पश्चिमी एशिया और अन्‍य क्षेत्रों में स्थिति पर भी चर्चा की। भारत ऐसी उम्‍मीद करता है कि इस क्षेत्र में शांति, वार्ता और संयम का माहौल बना रहेगा।

दोस्‍तो, 

हमारे नागरिकों में एक दूसरे के प्रति बंधुत्‍व और सौहार्द का रिश्‍ता है। भारतीय मूल के यहूदी समुदाय हमें ऐसे रिश्‍तों की याद दिलाता है। यह हमारे साझा भविष्‍य का एक पुल भी है। हाल ही के वर्षों में, हमने देखा कि इजराइली पर्यटक बड़ी संख्‍या में भारत आ रहे हैं। दूसरी ओर, भारत के अनेक छात्र आपके सर्वश्रेष्‍ठ विश्‍वविद्यालयों में उच्‍च शैक्षणिक और अनुसंधानिक शिक्षा ग्रहण करने का विकल्‍प चुन रहे हैं। 

मुझे विश्‍वास है कि पुराने और आज के रिश्‍तों की मजबूती हमारे हमें एक दूसरे के साथ बांधे रखेंगे क्‍योंकि हमने 21वी शताब्‍दी के लिए भागीदारी करने में अपनी प्रतिबद्धता तय कर दी है।


दोस्‍तो, 

यहां से लगभग 150 किलोमीटर दूर इजराइल के हाइफा शहर का इतिहास मेरे देश के इतिहास से काफी मिलता-जुलता है। यह वह स्‍थान है जहां 44 भारतीय सैनिक पहले विश्‍व युद्ध के दौरान इस शहर को स्‍वतंत्र करने के लिए शहीद हो गए थे। अपने बहादुर सैनिकों को श्रद्धांजलि अर्पित करने के लिए मैं आज हाइफा जाऊंगा ।

महामहिम नेतनयाहू, 

इजराइल में मेरी 24 घंटों की यात्रा काफी सकारात्‍मक और यादगार रही है। मुझे विश्‍वास है कि मेरी शेष यात्रा भी अच्‍छी रहेगी। मैं आपको और श्रीमती नेतनयाहू तथा आपके परिवार को भारत की यात्रा करने का आमंत्रण देता हूं। इजराइल में मेरे भव्‍य स्‍वागत और आतिथेय के लिए मैं आपका पुन: धन्‍यवाद करता हूं। 

धन्‍यवाद।

धन्‍यवाद, शलोम।

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प्रधानमंत्री 23 दिसंबर को नई दिल्ली के सीबीसीआई सेंटर में कैथोलिक बिशप्स कॉन्फ्रेंस ऑफ इंडिया द्वारा आयोजित क्रिसमस समारोह में शामिल होंगे
December 22, 2024
प्रधानमंत्री कार्डिनल और बिशप सहित ईसाई समुदाय के प्रमुख नेताओं से बातचीत करेंगे
यह पहली बार होगा, जब कोई प्रधानमंत्री भारत में कैथोलिक चर्च के मुख्यालय में इस तरह के कार्यक्रम में भाग लेंगे

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी 23 दिसंबर को शाम 6:30 बजे नई दिल्ली स्थित सीबीसीआई सेंटर परिसर में कैथोलिक बिशप्स कॉन्फ्रेंस ऑफ इंडिया (सीबीसीआई) द्वारा आयोजित क्रिसमस समारोह में भाग लेंगे।

प्रधानमंत्री ईसाई समुदाय के प्रमुख नेताओं के साथ बातचीत करेंगे, जिनमें कार्डिनल, बिशप और चर्च के प्रमुख नेता शामिल होंगे।

यह पहली बार होगा, जब कोई प्रधानमंत्री भारत में कैथोलिक चर्च के मुख्यालय में इस तरह के कार्यक्रम में भाग लेंगे।

कैथोलिक बिशप्स कॉन्फ्रेंस ऑफ इंडिया (सीबीसीआई) की स्थापना 1944 में हुई थी और ये संस्था पूरे भारत में सभी कैथोलिकों के साथ मिलकर काम करती है।