प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी आज जीएमसी बालयोगी सभागार में उपराष्ट्रपति श्री एम. वेंकैया नायडु के विदाई समारोह में शामिल हुए।
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इस अवसर पर अपने संबोधन में, प्रधानमंत्री ने श्री वेंकैया नायडु की हमेशा सक्रिय और व्यस्त रहने के गुण की ओर संकेत करते हुए कहा कि यह एक ऐसा गुण है जो उन्हें हमेशा सार्वजनिक जीवन की गतिविधियों से जोड़े रखेगा। श्री मोदी ने श्री वेंकैया नायडु के साथ अपने लंबे जुड़ाव के बारे में बताया और वाजपेयी सरकार में मंत्री के रूप में श्री नायडु के चयन के समय ग्रामीण विकास के लिए उनकी प्राथमिकता को याद किया। प्रधानमंत्री ने यह भी बताया कि श्री नायडु ने दोनों विभागों - ग्रामीण विकास के साथ-साथ शहरी विकास की देखरेख की है। प्रधानमंत्री ने उपराष्ट्रपति के राज्यसभा के सभापति और उपराष्ट्रपति बनने वाले पहले राज्यसभा सदस्य होने के दुर्लभ गौरव मिलने के बारे में भी चर्चा की। प्रधानमंत्री ने कहा कि उनके इस अनुभव और संसदीय कार्य मंत्री के अनुभव ने उन्हें व्यापक नियंत्रण और सहजता से सदन चलाने में मदद की।
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प्रधानमंत्री ने सदन, सदस्यों और समितियों की क्षमताओं को सशक्त बनाने और बढ़ाने के लिए श्री नायडु के प्रयासों की भी सराहना की। प्रधानमंत्री ने कहा कि यह महत्वपूर्ण है कि सभी सांसदों से उनकी जो अपेक्षाएं हैं, उन्हें हम हमेशा पूरा करने का प्रयास करें।
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प्रधानमंत्री ने श्री नायडु के समय-प्रबंधन के अनुशासन की प्रशंसा करते हुए यह भी कहा कि कैसे कोरोना प्रतिबंधों के समय, उपराष्ट्रपति 'टेली-यात्रा' के माध्यम से उन लोगों के साथ फोन द्वारा जुड़े रहे, जो उनके लंबे सार्वजनिक जीवन में उनके संपर्क में आए थे। उन्होंने उस कठिन समय के दौरान लोगों को सांत्वना और प्रोत्साहन प्रदान किया। इसी तरह वे महामारी के दौरान सभी सांसदों के संपर्क में रहे। प्रधानमंत्री ने उस घटना को भी याद किया जब बिहार की यात्रा के दौरान, श्री नायडु के हेलीकॉप्टर को अचानक लैंडिंग करना पड़ा और एक किसान ने उनकी मदद की। प्रधानमंत्री ने कहा कि श्री नायडु ने आज तक उस किसान और उनके परिवार से संपर्क बनाए रखा है। प्रधानमंत्री ने आशा व्यक्त करते हुए कहा कि वे आने वाले बहुत लंबे समय तक उसी समर्पण और ज्ञान के साथ सार्वजनिक जीवन में लोगों का मार्गदर्शन करते रहेंगे।
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मातृभाषा के प्रति श्री नायडु के सम्मान को स्वीकार करते हुए, प्रधानमंत्री ने भाषिणी के बारे में चर्चा की, जो आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और अन्य उभरती प्रौद्योगिकियों की शक्ति से परिपूर्ण, नागरिकों के लिए सेवाओं और उत्पादों को विकसित करने की दिशा में भाषाओं के लिए एक राष्ट्रीय सार्वजनिक डिजिटल प्लेटफॉर्म है। उन्होंने दोनों सदनों के सदस्यों को इसकी और ध्यान देने को कहा। उन्होंने राज्यसभा के सभापति और उप सभापति से मातृभाषा में बहस के कारण उभरे अच्छे नए शब्दों को एकत्र करने और देश की भाषाओं को समृद्ध करने के लिए उन्हें जोड़ने के लिए भी कहा। उन्होंने कहा कि अच्छे शब्दों के संग्रह को जारी करने की वार्षिक परंपरा की शुरुआत करके हम वेंकैया जी की मातृभाषा के प्रति प्रेम की विरासत को आगे बढ़ाएंगे।
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