प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने उद्योग और अंतर्राष्ट्रीय व्यापार विभाग तथानीति आयोग द्वारा उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना के बारे मेंआयोजित वेबिनार को वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से संबोधित किया।
व्यापार और उद्योग को बढ़ावा देने के लिए इस वर्ष के केंद्रीय बजट में उठाए गए कदमों के बारे में प्रधानमंत्री ने कहा कि पिछले 6-7 वर्षों के दौरान मेक इन इंडिया को प्रोत्साहन देने के लिए विभिन्न स्तरों पर अनेक सफल प्रयास किए गए हैं। उन्होंने विनिर्माण को बढ़ावा देने के लिए एक बड़ी छलांग लगाने, गति और पैमाने को बढ़ाने की जरूरत पर जोर दिया। उन्होंने दुनिया के ऐसे उदाहरणों का हवाला दिया जहां देशों ने अपनी विनिर्माण क्षमताओं को बढ़ाकर अपने देश के विकास को गति प्रदान की है। उन्होंने कहा कि विनिर्माण की क्षमताओं केबढ़ने से देश में आनुपातिक रूप से रोजगार सृजन भी बढ़ेगा।
प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार की सोच स्पष्ट है जो - न्यूनतम सरकार, अधिकतम शासन और जीरो इफेक्ट, जीरो डिफेक्टकी अपेक्षा करती है। उन्होंने कहा कि सरकार उद्योग को बढ़ावा देने के लिए हर स्तर पर ‘ईज ऑफ डूइंग’ बिजनेस, अनुपालन भार कम करने, लॉजिस्टिक्स लागत को कम करने के लिए बहुआयामी बुनियादी ढांचे का सृजन करने और जिला स्तर पर निर्यात केंद्र के निर्माण जैसे कार्य कर रही है। उन्होंने कहा कि सरकार का विश्वास है कि हर चीज में सरकार का हस्तक्षेप समाधान के बजाय और अधिक समस्याओं को पैदा करता है। इसलिए ‘सेल्फ-रेगुलेशन’, ‘सेल्फ-अटेस्टिंग’, ‘सेल्फ-सर्टिफिकेशन’ पर जोर दिया जा रहा है। उन्होंने भारतीय कंपनियों और भारत में किए जा रहे विनिर्माण को वैश्विक रूप से प्रतिस्पर्धी बनाने और हमारी उत्पादन लागत, उत्पादोंकी गुणवत्ता और दक्षता के लिए वैश्विक स्तर पर पहचान बनाने की जरूरत पर जोर दिया। उन्होंने कहा, "हमें अपनी मुख्य योग्यता से संबंधित क्षेत्रों में अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी और अधिकतम निवेश को आकर्षित करना है।"
प्रधानमंत्री ने कहा, पहले की योजनाओं और मौजूदा सरकार की योजनाओं के बीच अंतर को रेखांकित करते हुए कहा किपहलेऔद्योगिक प्रोत्साहन खुली निवेश आधारित सब्सिडियां हुआ करते थे, लेकिनअब इन्हें प्रतिस्पर्धी प्रक्रिया के माध्यम से लक्षित और कार्य प्रदर्शन आधारित बनाया गया है। प्रधानमंत्री ने कहा कि 13 क्षेत्रों को पहली बार उत्पादन से जुड़े प्रोत्साहनों के तहत लाया गया है। पीएलआई क्षेत्र से जुड़े पूरे ईकोसिस्टम को लाभान्वित कर रही है। ऑटो और फार्मा में पीएलआई से ऑटो पार्ट्स, चिकित्सा उपकरण और दवाओं के कच्चे माल से संबंधित विदेशी निर्भरता बहुत कम जो जाएगी। उन्होंने कहा कि देश में एडवांस सेल बैटरियों, सोलर पीवी मॉड्यूल्स और स्पेशलिटी स्टील की मदद से ऊर्जा क्षेत्र का आधुनिकीकरण किया जाएगा। इसी तरह, कपड़ा और खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र के लिए पीएलआई से पूरे कृषि क्षेत्र को लाभ मिलेगा।
प्रधानमंत्री ने कहा की यह हमारे लिए गर्व कीबात है कि भारत के प्रस्ताव का पालन करते हुए संयुक्त राष्ट्र ने वर्ष 2023 को अंतर्राष्ट्रीय मिलेट्स दिवस के रूप में मनाने की घोषणा की है। उन्होंने कहा कि 70 से अधिक देशों ने भारत के प्रस्ताव का समर्थन किया और संयुक्त राष्ट्र महासभा में इसे सर्वसम्मति से स्वीकार किया गया है। उन्होंने कहा कि यह हमारे किसानों के लिए भी एक बड़ा अवसर है। प्रधानमंत्री ने वर्ष 2023 में मिलेट्स (बाजरा) या मोटे अनाजों की पोषण क्षमता के बारे में विश्वव्यापी अभियान शुरू करने का अनुरोध किया ताकि लोगों को बीमार होने से बचाया जा सके। उन्होंने कहा कि संयुक्त राष्ट्र द्वारा 2023 को अंतर्राष्ट्रीय मिलेट्स वर्ष के रूप में मनाने की घोषणा से देश और विदेशों में मिलेट्स की मांग में तेजी से बढ़ोतरी होगी और इससे हमारे किसानों को बहुत लाभ होगा। उन्होंने कृषि और खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र से भी इस अवसर का पूरा लाभ उठाने का आग्रह किया।
प्रधानमंत्री ने कहा कि इस वर्ष के बजट मेंपीएलआई योजना से संबंधित योजनाओं के लिए लगभग 2 लाख करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। उत्पादन काऔसतन 5 प्रतिशत प्रोत्साहन के रूप में दिया जाता है। इसका अर्थ है कि पीएलआई योजनाओं से भारत में अगले पांच वर्षों में 520 बिलियन डॉलर मूल्य के उत्पादन को बढावा मिलेगा। यह भी अनुमान लगाया गया है कि जिन क्षेत्रों के लिए पीएलआई योजना का सृजन किया गया है उनमें कर्मचारियों की संख्या भी दोगुनी हो जाएगी।
प्रधानमंत्री ने कहा कि पीएलआईसे संबंधित घोषणाएं तेजी से लागू की जा रही हैं। उन्होंने कहा कि हाल ही में आईटी हार्डवेयर और दूरसंचार उपकरण विनिर्माण में पीएलआई योजनाओं को अभी हाल में दी गई मंजूरी से उत्पादन और घरेलू मूल्य संवर्द्धन में व्यापक बढोतरी होगी। 4 वर्षों में आईटी हार्डवेयर द्वारा 3 ट्रिलियन रूपए मूल्य के उत्पादन को अर्जित कर लेने का अनुमान है। इसके अलावा घरेलू मूल्यसंवर्धन भी 5 वर्षों में मौजूदा 5-10 प्रतिशत से बढ़कर 20-25 प्रतिशत होने का अनुमान है। इसी प्रकार दूरसंचार उपकरण विनिर्माण में भी 5 वर्षों में लगभग 2.5 लाख करोड़ रुपये की बढोतरी होगी। प्रधानमंत्री ने कहा कि इससे हमें 2 लाख करोड़ रुपये मूल्य का निर्यात करने की स्थिति में होना चाहिए।
फार्मा क्षेत्र मेंप्रधानमंत्री ने अगले 5-6 वर्षों में पीएलआई के तहत 15 हजार करोड़ रुपये से अधिक के निवेश की उम्मीद जताई है, जिससे फार्मा की बिक्री और निर्यात में 3 लाख करोड़ रुपये और निर्यात में 2 लाख करोड़ रुपए की वृद्धि होने का अनुमान है।
प्रधानमंत्री ने जोर देकर कहा कि आज भारत जिस तरह से मानवता की सेवा कर रहा है, उससे भारत पूरी दुनिया में एक बड़ा ब्रांड बन गया है। भारत की विश्वसनीयता और भारत की पहचान लगातार नई ऊंचाइयों पर पहुंच रही है। उन्होंने कहा कि भारत का ब्रांड भी लगातार नई ऊंचाइयों को छू रहा है। उन्होंने कहा कि पूरी दुनिया में हमारी दवाओं, हमारे चिकित्सा पेशेवरों और हमारे चिकित्सा उपकरणों के प्रति विश्वास बढ़ा है। उन्होंने फार्मा क्षेत्र से इस विश्वास का सम्मान करने और इसका लाभ उठाने के लिए दीर्घकालिक रणनीति बनाने के लिए काम करने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि भारत में मोबाइल फोन और इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों के विनिर्माण को प्रोत्साहित देने के लिए पिछले वर्ष पीएलआई योजना शुरू की गई थी। महामारी के दौरान भीइस क्षेत्र ने पिछले साल 35000 करोड़ रुपये मूल्य के सामान का निर्माण किया और इसमें लगभग 1300 करोड़ रुपये का नया निवेश हुआ और इस क्षेत्र में हजारों नए रोजगार जुटाए गए।
प्रधानमंत्री ने कहा कि पीएलआई योजना देश के प्रत्येक क्षेत्र में प्रमुख इकाइयों के सृजन द्वारा देश के एमएसएमई ईकोसिस्टम के लिए बड़ा प्रभाव डालेगी। जिसके लिए पूरी मूल्य श्रृंखला में नए आपूर्तिकर्ता आधार की जरूरत होगी। उन्होंने उद्योग से पीएलआई योजना में शामिल होने और इसका लाभ उठाने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि उद्योग का फोकस देश और दुनिया के लिए श्रेष्ठ गुणवत्ता युक्त वस्तुओं के निर्माण पर होना चाहिए। उन्होंने उद्योग जगत से तेजी से बदलते हुए विश्व की जरूरतों के अनुसार नवाचार करने, अनुसंधान और विकास में भागीदारी बढ़ाने, जनशक्ति कौशल को उन्नत करने एवं नई प्रौद्योगिकी का उपयोग करने का आग्रह किया।
हमारे सामने दुनियाभर से उदाहरण हैं जहां देशों ने अपनी Manufacturing Capabilities को बढ़ाकर, देश के विकास को गति दी है।
— PMO India (@PMOIndia) March 5, 2021
बढ़ती हुई Manufacturing Capabilities, देश में Employment Generation को भी उतना ही बढ़ाती हैं: PM @narendramodi
हमारी नीति और रणनीति, हर तरह से स्पष्ट है।
— PMO India (@PMOIndia) March 5, 2021
हमारी सोच है- Minimum Government, Maximum Governance
और हमारी अपेक्षा है Zero Effect, Zero Defect: PM @narendramodi
हमारी सरकार मानती है कि हर चीज़ में सरकार का दखल समाधान के बजाय समस्याएं ज्यादा पैदा करता है।
— PMO India (@PMOIndia) March 5, 2021
इसलिए हम Self-Regulation, Self-Attesting, Self-Certification पर जोर दे रहे हैं: PM @narendramodi
Advanced Cell Batteries, Solar PV modules और Speciality Steel को मिलने वाली मदद से देश में Energy सेक्टर आधुनिक होगा।
— PMO India (@PMOIndia) March 5, 2021
इसी तरह textile और food processing सेक्टर को मिलने वाली PLI से हमारे पूरे एग्रीकल्चर सेक्टर को लाभ होगा: PM @narendramodi
ये PLI जिस सेक्टर के लिए है, उसको तो लाभ हो ही रहा है, इससे उस सेक्टर से जुड़े पूरे इकोसिस्टम को फायदा होगा।
— PMO India (@PMOIndia) March 5, 2021
Auto और pharma में PLI से, Auto parts, Medical Equipments और दवाओं के रॉ मटीरियल से जुड़ी विदेशी निर्भरता बहुत कम होगी: PM @narendramodi
आपने कल ही देखा है कि भारत के प्रस्ताव के बाद, संयुक्त राष्ट्र ने वर्ष 2023 को International Year of Millets घोषित किया है।
— PMO India (@PMOIndia) March 5, 2021
भारत के इस प्रस्ताव के समर्थन में 70 से ज्यादा देश आए थे।
और फिर U.N. General Assembly में ये प्रस्ताव, सर्वसम्मति से स्वीकार किया गया: PM @narendramodi
इस वर्ष के बजट में PLI स्कीम से जुड़ी इन योजनाओं के लिए करीब 2 लाख करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है।
— PMO India (@PMOIndia) March 5, 2021
Production का औसतन 5 प्रतिशत incentive के रूप में दिया गया है: PM @narendramodi
भारत आज जिस तरह मानवता की सेवा कर रहा है, उससे पूरी दुनिया में भारत एक बहुत बड़ा ब्रांड बन गया है।
— PMO India (@PMOIndia) March 5, 2021
भारत की साख, भारत की पहचान निरंतर नई ऊंचाई पर पहुंच रही है: PM @narendramodi