"शिंजो आबे आने वाले वर्षों तक भारतीयों के दिलों में रहेंगे"
अरुण जेटली का व्यक्तित्व विविधता से भरा था और उनका स्वभाव सर्वमित्र था, हर कोई उसकी कमी महसूस करता है"
"सरकार के प्रमुख के रूप में 20 वर्षों के मेरे अनुभवों का सार यह है कि- समावेशिता के बिना, वास्तविक विकास और विकास के बिना समावेशिता का लक्ष्य पूरा नहीं किया जा सकता है"
"पिछले 8 वर्षों में समावेश की गति और पैमाना अभूतपूर्व रहा है"
"आज का भारत 'मजबूरी से सुधार' की बजाय 'विश्वास से सुधार' के साथ अगले 25 वर्षों के लिए एक रोडमैप तैयार कर रहा है"
"हम सुधारों को एक कमी नहीं बल्कि एक जीत के विकल्प के रूप में देखते हैं"
"हमारा नीति-निर्माण लोगों के मनोभावों पर आधारित है"
"हमने नीति को लोकलुभावन आवेगों के दबाव में नहीं आने दिया"
"अब समय आ गया है कि सरकार को निजी क्षेत्र को एक भागीदार के रूप में प्रोत्साहित करना चाहिए और हम इस दिशा में आगे बढ़ रहे हैं"

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आज नई दिल्ली में सिंगापुर सरकार के वरिष्ठ मंत्री श्री थरमन शनमुगरत्नम द्वारा आयोजित पहले 'अरुण जेटली मेमोरियल लेक्चर' (एजेएमएल) में भाग लिया। कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री ने सभा को संबोधित भी किया।

इस अवसर पर अपने संबोधन में, प्रधानमंत्री ने जापान के पूर्व प्रधान मंत्री श्री शिंजो आबे के साथ अपनी घनिष्ठ मित्रता को याद किया, जिनका आज निधन हो गया। श्री आबे को श्रद्धांजलि देते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि आज का दिन उनके लिए अपूरणीय क्षति और असहनीय पीड़ा का दिन है। श्री आबे को भारत का विश्वसनीय मित्र बताते हुए, प्रधानमंत्री ने श्री शिंजो आबे के कार्यकाल के दौरान दोनों देशों की साझा विरासत के आधार पर भारत-जापान संबंधों के विकास को रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि जापान की सहायता से शुरू की जा रही परियोजनाओं के माध्यम से श्री आबे आने वाले वर्षों तक भारतीयों के दिलों में रहेंगे।

प्रधानमंत्री ने अपने दूसरे मित्र श्री अरुण जेटली को भी हदय से स्मरण किया जिनकी स्मृति में आज का कार्यक्रम आयोजित किया गया था। प्रधानमंत्री ने कहा कि जब हम बीते दिनों को याद करते हैं तो मुझे उनके बारे में बहुत सी बातें, उनसे जुड़ी कई घटनाएं याद आती हैं। हम सभी उनकी वक्तृत्व कला के कायल थे। उनका व्यक्तित्व विविधता से भरा था, उनका स्वभाव सभी के लिए मित्रवत था। प्रधानमंत्री ने श्री जेटली के वन-लाइनर्स को याद करते हुए उन्हें श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि हर कोई उनकी अनुपस्थिति को महसूस करता है।

प्रधानमंत्री ने सिंगापुर सरकार के वरिष्ठ मंत्री श्री थरमन शनमुगरत्नम को 'अरुण जेटली स्मृति व्याख्यान' के लिए धन्यवाद दिया। प्रधानमंत्री ने बौद्धिक गहराई, शोध और इस शोध में स्थानीय भाव को शामिल करने के लिए उनकी प्रशंसा की। प्रधानमंत्री ने कहा कि आज के व्याख्यान का विषय “समावेशिता से विकास, विकास से समावेशिता” सरकार की विकास नीति का आधार है। उन्होंने कहा कि साधारण शब्दों में, उनके अनुसार यह विषय सबका साथ सबका विकास है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि यह विषय आज के नीति निर्माताओं की चुनौतियों और दुविधाओं को दर्शाता है। प्रधानमंत्री ने प्रश्न पूछते हुए कहा कि क्या समावेश के बिना सही विकास संभव है? क्या विकास के बिना समावेशन के बारे में सोचा जा सकता है? प्रधानमंत्री ने उत्तर दिया कि सरकार के प्रमुख के रूप में 20 वर्षों के उनके अनुभवों का सार यह है कि- समावेशिता के बिना, वास्तविक विकास संभव नहीं है और विकास के बिना समावेशिता का लक्ष्य भी पूरा नहीं किया जा सकता है। उन्होंने कहा इसलिए हमने समावेशिता के जरिए विकास का रास्ता अपनाया और सभी को शामिल करने का प्रयास किया।

 

उन्होंने कहा कि पिछले 8 वर्षों में समावेशन की गति और पैमाना दुनिया में अभूतपूर्व रहा है। अपने वक्तव्य को स्पष्ट करने के लिए, प्रधानमंत्री ने 9 करोड़ से अधिक महिलाओं को गैस कनेक्शन प्रदान करने, गरीबों के लिए 10 करोड़ से अधिक शौचालय, 45 करोड़ से अधिक जन धन खाते, घर गरीबों को 3 करोड़ पक्के उपलब्ध कराने जैसे उपायों को सूचीबद्ध किया। उन्होंने कहा कि आयुष्मान योजना के तहत 50 करोड़ लोगों के लिए 5 लाख रुपये तक का निःशुल्क इलाज और पिछले 4 वर्षों में 3.5 करोड़ से अधिक रोगियों का निःशुल्क इलाज सुनिश्चित करके समावेशिता पर ध्यान केंद्रित किया गया, लेकिन इसकी मांग में वृद्धि हुई और अत्य़धिक बेहतर विकास और अवसरों की प्राप्ति के साथ भारत की लगभग एक तिहाई आबादी गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवा के दायरे में आ चुकी है। आयुष्मान भारत ने देश में स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र को बदल दिया है, उन्होंने स्वास्थ्य सेवा के बुनियादी ढांचे में हुई प्रगति का भी वर्णन किया। उन्होंने कहा कि 2014 से पहले, हमारे देश का औसत यह था कि 10 वर्षों में 50 मेडिकल कॉलेज बनाए गए थे जबकि पिछले 7-8 वर्षों में भारत में 209 नए मेडिकल कॉलेजों का निर्माण किया गया हैं, जो पहले की तुलना में 4 गुना अधिक हैं। इसके अलावा पिछले 7-8 वर्षों में भारत में स्नातक चिकित्सा सीटों में 75 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। अब भारत में वार्षिक कुल मेडिकल सीटों की संख्या लगभग दोगुनी हो गई है। प्रधानमंत्री ने कहा कि इन आंकड़ों के जरिए हम इस क्षेत्र के विकास पर समावेशी योजना के प्रभाव को देख सकते हैं।

 

प्रधानमंत्री ने कहा कि 5 लाख कॉमन सर्विस सेंटर, यूपीआई और पीएम स्वनिधि योजना के माध्यम से रेहड़ी-पटरी वालों के लिए समावेशिता का दायरा बढ़ाया गया है। इसी तरह, आकांक्षात्मक जिला और एनईपी में मातृभाषा में शिक्षा, हवाई यात्रा को सुलभ बनाने के लिए उड़ान योजना समावेश और विकास दोनों के लिए अग्रणी है। उन्होंने नल के माध्यम से जल के लिए 6 करोड़ कनेक्शन उपलब्ध कराकर हर घर जल के माध्यम से बड़े पैमाने पर समावेशन की भी चर्चा की। स्वामित्व योजना के माध्यम से सबसे कमजोर वर्गों के संपत्ति अधिकार सुनिश्चित किए जा रहे हैं। पहले ही 80 लाख संपत्ति कार्ड जारी किए जा चुके हैं, जिससे वे वित्त लाभ उठा सकें।

प्रधानमंत्री ने कहा कि आज का भारत मजबूरी में सुधारों की बजाय दृढ़ विश्वास के साथ सुधारों के साथ आने वाले 25 वर्षों के लिए एक रोडमैप तैयार कर रहा है। इससे पहले, भारत में बड़े सुधार तभी हुए जब पहले की सरकारों के पास कोई अन्य विकल्प नहीं बचा था। हम सुधारों को एक आवश्यक बुराई नहीं बल्कि जीत के एक विकल्प के रूप में देखते हैं, जिसमें राष्ट्रीय हित और जनहित है। प्रधानमंत्री ने सुधारों के लिए सरकार के दृष्टिकोण का उल्लेख करते हुए कहा कि हमारा नीत-निर्माण लोगों के मनोभावों पर आधारित है। हम ज्यादा से ज्यादा लोगों की सुनते हैं, उनकी जरूरतों और उनकी आकांक्षाओं को समझते हैं। इसलिए हमने नीति को लोकलुभावन आवेगों के दबाव में नहीं आने दिया।

प्रधानमंत्री ने कहा कि न्यूनतम सरकार और अधिकतम शासन का दृष्टिकोण अच्छे परिणाम दे रहा है। उन्होंने कोविड के टीके के विकास में निजी और सार्वजनिक क्षेत्र की भागीदारी का उदाहरण दिया। प्रधानमंत्री ने कहा कि हमारे देश के निजी क्षेत्र ने बहुत अच्छा काम किया है लेकिन उनके पीछे प्रगति में भागीदार के रूप में सरकार भी पूरी ताकत के साथ खड़ी थी। आज भारत पूरी दुनिया में सबसे विश्वसनीय और अत्याधुनिक अंतरिक्ष सेवा प्रदाताओं में से एक है। हमारे निजी क्षेत्र का पारिस्थितिकी तंत्र इस क्षेत्र में भी बहुत बेहतर रूप से कार्य कर रहा है लेकिन उनके पीछे भी, 'प्रगति में भागीदार' के रूप में, सरकार पूरी शक्ति के साथ खड़ी है। उन्होंने कहा कि अब केवल निजी क्षेत्र या सरकार के वर्चस्व वाले मॉडल अप्रचलित हो गए हैं। अब समय आ गया है कि सरकार निजी क्षेत्र को भागीदार के रूप में प्रोत्साहित करे और हम इस दिशा में आगे बढ़ रहे हैं।

प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत में पर्यटन के संदर्भ में भी सोच का विस्तार हो रहा है। उन्होंने कहा कि हाल ही में 75 प्रतिष्ठित स्थलों पर योग दिवस समारोहों ने लोगों को पर्यटन के कई नए स्थानों के बारे में जागरूक किया।

प्रधानमंत्री ने कहा कि आजादी का अमृत काल देश के लिए कई अवसर लेकर आ रहा है और उन्हें हासिल करने का हमारा संकल्प अटल है।

पहले एजेएमएल में सिंगापुर सरकार के वरिष्ठ मंत्री श्री थरमन शनमुगरत्नम द्वारा "समावेशिता के माध्यम से विकास, विकास के माध्यम से समावेशिता" पर मुख्य संभाषण दिया गया। व्याख्यान के बाद श्री माथियास कॉर्मन (ओईसीडी महासचिव) और श्री अरविंद पनगढ़िया (प्रोफेसर, कोलंबिया विश्वविद्यालय) द्वारा पैनल चर्चा हुई।

वित्त मंत्रालय के आर्थिक मामले विभाग ने राष्ट्र के लिए श्री अरुण जेटली के अमूल्य योगदान को मान्यता देते हुए पहले 'अरुण जेटली स्मृति व्याख्यान' का आयोजन किया।

प्रधानमंत्री ने 8 से 10 जुलाई तक आयोजित होने वाले तीन दिवसीय कार्यक्रम कौटिल्य आर्थिक सम्मेलन (केईसी) में भाग लेने वाले प्रतिनिधियों के साथ भी वार्तालाप किया।

 

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PM Modi congratulates hockey team for winning Women's Asian Champions Trophy
November 21, 2024

The Prime Minister Shri Narendra Modi today congratulated the Indian Hockey team on winning the Women's Asian Champions Trophy.

Shri Modi said that their win will motivate upcoming athletes.

The Prime Minister posted on X:

"A phenomenal accomplishment!

Congratulations to our hockey team on winning the Women's Asian Champions Trophy. They played exceptionally well through the tournament. Their success will motivate many upcoming athletes."