प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने आज वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से आईआईटी गुवाहाटी के दीक्षांत समारोह को संबोधित किया।
ज्ञानम् विज्ञान सहितम् यत् ज्ञात्वा मोक्ष्यसे अशुभात् श्लोक उद्धृत करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि, विज्ञान सहित ज्ञान सभी समस्याओं को हल करने का एक प्रमुख साधन है।
श्री मोदी ने गर्व से कहा कि, आज आईआईटी जैसे संस्थान लगातार आगे बढ़ते हुए तरक्की कर रहे हैं और सेवा करने के लिए नवाचार की इस ऊर्जा ने हमारे देश को हजारों वर्षों तक जीवित रखा है।
प्रधानमंत्री ने युवाओं से भविष्य के लिए तैयार रहने और भविष्य के लिए स्वस्थ रहने का आह्वान करते हुए कहा कि यह उनके सपने और आकांक्षाएं ही हैं जो भारत के भविष्य को आकार देते हैं। उन्होंने खुशी जताई कि आईआईटी गुवाहाटी ने पहले ही इस दिशा में काम करना शुरू कर दिया है।
प्रधानमंत्री ने इस महामारी के दौरान शैक्षणिक सत्रों को संचालित करने और अनुसंधान कार्य जारी रखने में कठिनाई होने के बावजूद देश को आत्मनिर्भर बनाने में संस्थान के योगदान की सराहना की।
प्रधानमंत्री ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 21वीं सदी की जरूरतों और भारत को विज्ञान तथा प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में वैश्विक रूप से अग्रणी बनाने के लिए ही है। श्री मोदी ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 को बहु-विषयक बना दिया गया है, जो कि विभिन्न पाठ्यक्रमों को चुनने की सुविधा प्रदान करता है और कई प्रवेश और निकास बिंदुओं की अनुमति भी देता है।
प्रधानमंत्री ने बताया कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति राष्ट्रीय अनुसंधान संस्थान को सभी फंडिंग एजेंसियों के साथ बेहतर समन्वय करने का प्रस्ताव देता है, जिससे सभी विषयों के लिए धन प्रदान किया जा सकता है, चाहे वह विज्ञान या मानविकी हो।
प्रधानमंत्री ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति विदेशी विश्वविद्यालयों को भारत में अपने परिसरों को स्थापित करने की अनुमति देती है, जो भारतीय छात्रों को वैश्विक वातावरण प्रदान करेगा। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति भारत को विश्व के लिए प्रमुख शिक्षा गंतव्य के रूप में स्थापित करेगा।
श्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि पूर्वोत्तर क्षेत्र भारत की एक्ट ईस्ट नीति का केंद्र है और दक्षिण पूर्व एशिया के साथ भारत के संबंधों का प्रवेश द्वार भी है। इन देशों के साथ संबंधों का मुख्य आधार संस्कृति, वाणिज्य, कनेक्टिविटी और क्षमता रहा है। उन्होंने कहा कि शिक्षा एक और नया माध्यम बनने जा रहा है और आईआईटी गुवाहाटी इसका प्रमुख केंद्र बन सकता है। इससे पूर्वोत्तर क्षेत्र को भी एक नई पहचान मिलेगी और और जलमार्ग के क्षेत्र में बुनियादी ढांचे के विकास के लिए बहुत जोर दिया जा रहा है।
प्रधानमंत्री ने दीक्षांत समारोह में पीएचडी से सम्मानित किए जा रहे 300 युवा छात्रों पर प्रसन्नता व्यक्त की और उनसे अनुरोध किया कि वे देश की भलाई के लिए अपना शोध कार्य जारी रखें। श्री मोदी ने छात्रों से यह सोचने का आग्रह किया कि उनके शोध को इस क्षेत्र के विकास की संभावनाओं से किसी प्रकार से जोड़ा जा सकता है।
प्रधानमंत्री ने आईआईटी गुवाहाटी से आपदा प्रबंधन और जोखिम में कमी लाने के लिए एक केंद्र स्थापित करने का आग्रह किया ताकि यह क्षेत्र की आपदाओं से निपटने में विशेषज्ञता प्रदान कर सके।
मेरा स्पष्ट मानना है:
— PMO India (@PMOIndia) September 22, 2020
The future of a nation is what its youth think today.
Your dreams are going to shape the reality of India.
इसलिए, ये time future ready होने का है, ये time अभी से future fit होने का है: PM
मुझे भलीभाँति अहसास है कि इस pandemic के दौरान
— PMO India (@PMOIndia) September 22, 2020
academic sessions को conduct करना, research work को जारी रखना, कितना कठिन रहा है।
लेकिन फिर भी आपने ये सफलता पाई।
आपके इस effort के लिए, देश को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में आपके इस contribution के लिए मैं आपको बधाई देता हूँ: PM
राष्ट्रीय शिक्षा नीति को multi-disciplinary बनाया गया है, subjects की flexibility दी गई है, multiple entry-exit के अवसर दिये गए हैं।
— PMO India (@PMOIndia) September 22, 2020
राष्ट्रीय शिक्षा नीति education को technology से जोड़ेगी
यानि, students technology के बारे में भी पढ़ेंगे, और technology के जरिए भी पढ़ेंगे: PM
राष्ट्रीय शिक्षा नीति को multi-disciplinary बनाया गया है, subjects की flexibility दी गई है, multiple entry-exit के अवसर दिये गए हैं।
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राष्ट्रीय शिक्षा नीति education को technology से जोड़ेगी
यानि, students technology के बारे में भी पढ़ेंगे, और technology के जरिए भी पढ़ेंगे: PM
देश में research culture को enrich करने के लिए NEP में एक National Research Foundation का भी प्रस्ताव किया गया है।
— PMO India (@PMOIndia) September 22, 2020
NRF research funding को लेकर सभी funding agencies के साथ coordinate करेगा और सभी disciplines, चाहे वो science हो या humanities, सभी के लिए fund provide करेगा: PM
मुझे खुशी है कि आज इस convocation में हमारे करीब 300 युवा साथियों को PhD award की जा रही है, और ये एक बहुत positive trend है।
— PMO India (@PMOIndia) September 22, 2020
मुझे विश्वास है कि आप सब यहीं नहीं रुकेंगे, बल्कि research आपके लिए एक habit हो जाएगी, आपके Thought Process का part बनी रहेगी: PM
मुझे खुशी है कि आज इस convocation में हमारे करीब 300 युवा साथियों को PhD award की जा रही है, और ये एक बहुत positive trend है।
— PMO India (@PMOIndia) September 22, 2020
मुझे विश्वास है कि आप सब यहीं नहीं रुकेंगे, बल्कि research आपके लिए एक habit हो जाएगी, आपके Thought Process का part बनी रहेगी: PM
NEP देश के education sector को open up करने की बात करती है।
— PMO India (@PMOIndia) September 22, 2020
मकसद है कि foreign universities के campus देश में खुलें और global exposure हमारे students को यहीं पर मिले।
Indian और global institutions के बीच research collaboration और exchange programs को promote किया जाएगा: PM
पूर्वोत्तर का ये क्षेत्र, भारत की एक्ट ईस्ट पॉलिसी का केंद्र भी है।
— PMO India (@PMOIndia) September 22, 2020
यही क्षेत्र, साउथ ईस्ट एशिया से भारत के संबंध का gateway भी है,
इन देशों से संबंधों का मुख्य आधार, Culture, Commerce, Connectivity और Capacity रहा है।
अब education एक और नया माध्यम बनने जा रही है: PM
मैं IIT गुवाहाटी से ये भी अनुरोध करूंगा कि आप एक Center for disaster management and risk reduction की स्थापना भी करें।
— PMO India (@PMOIndia) September 22, 2020
ये center इस इलाके की आपदाओं से निपटने की expertise भी provide कराएगा, और आपदाओं को अवसर में भी बदलेगा: PM