प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आज नई दिल्ली स्थित होटल ताज पैलेस में रिपब्लिक समिट को संबोधित किया।
सभा को संबोधित करते हुए, प्रधानमंत्री ने रिपब्लिक समिट का हिस्सा बनने के लिए आभार व्यक्त किया और पूरी टीम को अगले महीने 6 वर्ष पूरे होने की बधाई दी। वर्ष 2019 में ‘भारत का क्षण’ विषय के साथ रिपब्लिक समिट में अपनी भागीदारी को याद करते हुए, प्रधानमंत्री ने कहा कि इसकी पृष्ठभूमि में जनता से मिला जनादेश था जब लोगों ने लगातार दूसरी बार प्रचंड बहुमत वाली स्थिर सरकार को चुना था। प्रधानमंत्री ने कहा, “देश ने यह महसूस किया कि भारत का क्षण अब आ गया है।” इस वर्ष के विषय ‘बदलाव का समय’ पर प्रकाश डालते हुए, प्रधानमंत्री ने कहा कि लोग अब उस बदलाव को जमीन पर देख सकते हैं जिसकी कल्पना 4 वर्ष पहले की गई थी।
प्रधानमंत्री ने कहा कि देश की दिशा को मापने का पैमाना उसके विकास की गति है। उन्होंने कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था को 1 ट्रिलियन तक पहुंचने में 60 वर्ष लगे और 2014 तक हम किसी तरह से 2 ट्रिलियन तक पहुंच पाए थे यानी सात दशकों में 2 ट्रिलियन की अर्थव्यवस्था और आज सिर्फ 9 वर्ष बाद भारत लगभग साढ़े तीन ट्रिलियन की अर्थव्यवस्था वाला देश हो गया है। उन्होंने कहा कि पिछले 9 वर्षों में भारत 10वें नंबर की अर्थव्यवस्था से छलांग लगाकर 5वें नंबर की अर्थव्यवस्था बन गया, वह भी सदी में एक बार आने वाली महामारी के बीच। उन्होंने कहा कि जिस दौर में अन्य अर्थव्यवस्थाएं फंसी हुई हैं, भारत न केवल संकट से उबर गया है बल्कि तेज गति से आगे भी बढ़ रहा है।
राजनीति के प्रभाव के आयामों के बारे में बात करते हुए, प्रधानमंत्री ने कहा कि किसी भी नीति का पहला लक्ष्य पहला परिणाम होता है और यह बहुत कम समय में दिखाई देता है। हालांकि, हर नीति का दूसरा या तीसरा परिणाम भी होता है जो गहरा होता है लेकिन इसके सामने आने में समय लगता है। प्रधानमंत्री ने कहा कि स्वतंत्रता के बाद अपनाई गई नीतियों ने ऐसी स्थिति पैदा की जहां सरकार नियंत्रक बन गई और प्रतिस्पर्धा को खत्म कर दिया गया तथा निजी उद्योग और एमएसएमई को आगे बढ़ने नहीं दिया गया। इन नीतियों का पहला परिणाम अत्यधिक पिछड़ापन हुआ तथा इनका दूसरा परिणाम और भी बुरा हुआ अर्थात भारत की उपभोग वृद्धि बाकी दुनिया की तुलना में बहुत कम रह गई। मैन्यूफैक्चरिंग सेक्टर कमजोर हुआ और हमने निवेश के कई मौके गंवाए। श्री मोदी ने कहा कि इनका तीसरा प्रभाव यह हुआ कि भारत में नवाचार इकोसिस्टम की अनुपस्थिति के कारण कम संख्या में नए उद्यम लगे और कम रोजगार सृजित हुए। युवा सिर्फ सरकारी नौकरी के भरोसे रह गए और प्रतिभाओं का पलायन हो गया।
प्रधानमंत्री ने बताया कि 2014 के बाद वर्तमान सरकार द्वारा बनाई गई नीतियों में शुरुआती लाभों के अलावा दूसरे और तीसरे क्रम के प्रभावों पर भी ध्यान दिया गया है। उन्होंने कहा कि पीएम आवास योजना के तहत लोगों को सौंपे गए घरों की संख्या पिछले 4 वर्षों में 1.5 करोड़ से बढ़कर 3.75 करोड़ से अधिक हो गई है, जबकि इन घरों का मालिकाना हक महिलाओं के नाम पर है। उन्होंने इस बात अपर संतोष व्यक्त किया कि करोड़ों गरीब महिलाएं अब ‘लखपति दीदी’ बन गई हैं, क्योंकि इन घरों के निर्माण की लागत कई लाख है। प्रधानमंत्री ने इस तथ्य की ओर भी ध्यान आकर्षित किया कि इस योजना ने रोजगार के कई अवसर सृजित किए। प्रधानमंत्री ने कहा, “पीएम आवास योजना ने गरीबों और वंचितों के आत्मविश्वास को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया है।”
सूक्ष्म और लघु उद्यमियों को वित्तीय सहायता प्रदान करने वाली मुद्रा योजना के बारे में बोलते हुए, प्रधानमंत्री ने बताया कि इस योजना को कुछ समय पहले 8 वर्ष पूरे हुए हैं। उन्होंने बताया कि मुद्रा योजना के तहत 40 करोड़ से अधिक ऋण वितरित किए गए, जिसमें 70 प्रतिशत लाभार्थी महिलाएं हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि इस योजना का पहला प्रभाव रोजगार और स्वरोजगार के अवसरों में बढ़ोतरी के रूप में सामने आया। उन्होंने इस तथ्य को रेखांकित किया कि महिलाओं के लिए जन धन खाते खोलकर या स्वयं सहायता समूहों को प्रोत्साहित करके हम एक सामाजिक परिवर्तन देख सकते हैं। इन योजनाओं के माध्यम से परिवार में महिलाओं के निर्णय लेने के अधिकार को स्थापित किया गया है। उन्होंने कहा कि देश की महिलाएं रोजगारों की सृजनकर्ता बनकर देश की अर्थव्यवस्था को मजबूत कर रही हैं।
प्रधानमंत्री ने पीएम स्वामित्व योजना में पहले, दूसरे और तीसरे क्रम के प्रभाव के बारे में भी विस्तार से बताया। प्रौद्योगिकी के उपयोग के जरिए बने संपत्ति कार्डों ने संपत्ति की सुरक्षा का भरोसा पैदा किया। इसका एक अन्य प्रभाव बढ़ी हुई मांग के जरिए ड्रोन क्षेत्र में हुआ विस्तार है। इसके अलावा, संपत्ति कार्डों ने संपत्ति विवाद के मामलों में कमी लाई है और पुलिस एवं न्यायिक व्यवस्था पर दबाव को कम किया है। इसके अलावा, कागजात वाली संपत्ति को गांवों में स्थित बैंकों से मदद मिलना संभव हुआ है।
प्रधानमंत्री ने डीबीटी, बिजली और पानी की सुविधा जैसी योजनाओं का जिक्र किया जिन्होंने जमीनी स्तर पर एक क्रांति ला दी है। श्री मोदी ने कहा, “यह देश में पहली बार हुआ है कि गरीबों को सुरक्षा के साथ-साथ सम्मान भी मिला है।" उन्होंने तथ्य को रेखांकित किया कि जिन्हें कभी बोझ समझा जाता था, वे अब देश के विकास को गति दे रहे हैं। उन्होंने कहा, “ये योजनाएं अब विकसित भारत के निर्माण का आधार बन गई हैं।”
श्री मोदी ने कहा कि पिछले 9 वर्षों में दलित, वंचित, आदिवासी, महिला, गरीब, मध्यम वर्ग हर कोई बदलाव का अनुभव कर रहा है। देश मिशन मोड में व्यवस्थित कार्य का साक्षी बन रहा है। उन्होंने कहा, “हमने सत्ता की मानसिकता को सेवा की मानसिकता में बदल दिया, हमने गरीबों के कल्याण को अपना माध्यम बनाया। हमने ‘तुष्टिकरण’ के बजाय ‘संतुष्टिकरण’ को अपना आधार बनाया। इस दृष्टिकोण ने मध्यम वर्ग के लिए एक सुरक्षा कवच तैयार किया है।” उन्होंने आयुष्मान योजना, सस्ती दवा, मुफ्त टीकाकरण, मुफ्त डायलिसिस और करोड़ों परिवारों के लिए दुर्घटना बीमा जैसी योजनाओं से हुई बचत के बारे में बात की।
पीएम गरीब कल्याण अन्न योजना पर बोलते हुए, प्रधानमंत्री ने कहा कि यह एक बहुत बड़ी आबादी के लिए एक और सुरक्षा कवच है जिसने कोरोना महामारी के संकट काल में किसी भी परिवार को भूखे नहीं सोने दिया। उन्होंने बताया कि सरकार इस अन्न योजना पर 4 लाख करोड़ रुपये खर्च कर रही है। चाहे वह ‘वन नेशन वन राशन कार्ड’ हो या जेएएम की तिकड़ी, ये सभी सुरक्षा कवच का ही हिस्सा हैं। उन्होंने इस तथ्य को रेखांकित किया कि सच्चे अर्थों में सामाजिक न्याय तभी है जब गरीबों को सरकार से उनका सही हक मिले। प्रधानमंत्री ने कहा कि आईएमएफ के हाल के एक वर्किंग पेपर के अनुसार, ऐसी नीतियों के कारण कोरोना काल में भी घोर गरीबी खत्म होने की कगार पर है।
मनरेगा की बात करते हुए, प्रधानमंत्री ने विभिन्न अनियमितताओं और 2014 से पहले किसी भी स्थायी परिसंपत्ति के विकास की अनुपस्थिति का उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि अब सीधे खाते में पैसा भेजने और गांवों में घरों, नहरों, तालाबों जैसे संसाधनों के निर्माण में पारदर्शिता आई है। उन्होंने कहा, “अधिकांश भुगतान अब 15 दिनों में कर दिए जाते हैं और 90 प्रतिशत से अधिक श्रमिकों के आधार कार्ड लिंक किए जा चुके हैं, जिससे जॉब कार्ड में होने वाले फर्जीवाड़े में कमी आई है, जिससे लगभग 40 हजार करोड़ रुपये की चोरी को रोका जा सका है।”
प्रधानमंत्री ने कहा, “बदलाव की यह यात्रा समकालीन होने के साथ-साथ भविष्यवादी भी है।" उन्होंने कहा कि आने वाले कई दशकों के लिए तैयारी पहले से ही चल रही है। प्रधानमंत्री ने उस समय को याद किया जब नई तकनीक सालों या दशकों बाद पहुंचती थी। उन्होंने कहा कि भारत ने पिछले नौ वर्षों में इस रुझान को तोड़ा है और तकनीक को हासिल करने के लिए उठाए गए विभिन्न कदमों को रेखांकित किया। उन्होंने प्रौद्योगिकी से संबंधित क्षेत्रों को सरकार के नियंत्रण से मुक्त करने, देश की जरूरतों के अनुसार भारत में प्रौद्योगिकी विकसित करने पर जोर देने और अंत में भविष्य की प्रौद्योगिकी के लिए अनुसंधान और विकास के लिए एक मिशन-मोड दृष्टिकोण अपनाने का उल्लेख किया। उन्होंने 5जी तकनीक का उदाहरण देते हुए कहा कि भारत ने अपने विकास में जो तेजी दिखाई है, उसकी चर्चा पूरी दुनिया में हो रही है।
प्रधानमंत्री ने कोरोना महामारी को याद किया और इस तथ्य को रेखांकित किया कि भारत ने संकट की घड़ी में भी ‘आत्मनिर्भरता’ का रास्ता चुना। प्रधानमंत्री ने स्वदेशी रूप से बनाए गए प्रभावी टीकों पर प्रकाश डाला जो बहुत कम समय में तैयार किए गए। उन्होंने दुनिया के सबसे बड़े और सबसे सफल टीकाकरण अभियान पर भी प्रकाश डाला। प्रधानमंत्री ने उस समय को याद करते हुए कहा, “यह वह समय भी था जब कुछ लोग मेड इन इंडिया टीकों को नकार रहे थे और विदेशी टीकों के आयात की वकालत कर रहे थे।”
प्रधानमंत्री ने कहा कि विभिन्न बाधाओं और इसे पटरी से उतारने के प्रयासों के बावजूद हर जगह डिजिटल इंडिया अभियान की बात हो रही है। उन्होंने जेएएम की तिकड़ी रोकने के प्रयासों और छद्म-बुद्धिजीवियों द्वारा डिजिटल भुगतान का मज़ाक उड़ाए जाने को भी याद किया। उन्होंने कहा कि आज भारत में सबसे ज्यादा डिजिटल भुगतान हो रहे हैं।
अपने आलोचकों की उनके प्रति नाराजगी पर चर्चा करते हुए, प्रधानमंत्री ने कहा कि इस संलाप के पीछे का कारण इन लोगों के काले धन के स्रोतों को हमेशा के लिए बंद किया जाना है और भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई में कोई आधा-अधूरा एवं अलग-थलग दृष्टिकोण नहीं होता है। प्रधानमंत्री ने कहा, “अब, एक एकीकृत एवं संस्थागत दृष्टिकोण है। यह हमारी प्रतिबद्धता है।” उन्होंने कहा कि जेएएम की तिकड़ी के कारण सरकारी योजनाओं के लगभग 10 करोड़ फर्जी लाभार्थियों को जड़ से खत्म कर दिया गया है, जो दिल्ली, पंजाब और हरियाणा की कुल आबादी से भी अधिक है। उन्होंने आगे कहा कि अगर मौजूदा सरकार ने सिस्टम से इन 10 करोड़ फर्जी नामों को नहीं हटाया होता तो स्थिति और भी खराब हो सकती थी। उन्होंने इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए उठाए गए विभिन्न कदमों का उल्लेख किया और आधार को संवैधानिक दर्जा देने और 45 करोड़ से अधिक जन धन बैंक खाते खोने जाने का उल्लेख किया। प्रधानमंत्री ने बताया कि अब तक डीबीटी के माध्यम से करोड़ों लाभार्थियों को 28 लाख करोड़ रुपये हस्तांतरित किए जा चुके हैं। श्री मोदी ने कहा, “डीबीटी का मतलब है कमीशन बंद, लीकेज बंद। इस एक व्यवस्था से ही दर्जनों योजनाओं और कार्यक्रमों में पारदर्शिता आई है।”
उन्होंने आगे कहा कि सरकारी खरीद भी इसी तरह देश में भ्रष्टाचार का एक बड़ा स्रोत थी। अब जीईएम पोर्टल ने इसे बदल दिया है। फेसलेस कराधान और जीएसटी ने भ्रष्ट प्रथाओं को रोक दिया है। उन्होंने कहा, “जब इस तरह की ईमानदारी का बोलबाला होता है तो भ्रष्टाचारियों को असहजता महसूस होना स्वाभाविक है और वे ईमानदार व्यवस्था को खत्म करने की योजना बनाते हैं। यह अकेले मोदी के खिलाफ होता तो शायद सफल भी हो जाता, लेकिन वे जानते हैं कि उनका सामना आम नागरिकों से है। प्रधानमंत्री ने कहा, “ये भ्रष्ट लोग कितना भी बड़ा गठबंधन बना लें, भ्रष्टाचार पर प्रहार जारी रहेगा।”
अपने संबोधन का समापन करते हुए, प्रधानमंत्री ने कहा, “यह अमृत काल 'सबका प्रयास’ का काल है । जब हरेक भारतीय की मेहनत और शक्ति लगेगी, तो हम जल्द ही ‘विकसित भारत’ के सपने को साकार कर पायेंगे।”
At a time when the world's biggest economies were stuck, India came out of the crisis and is moving forward at a fast pace. pic.twitter.com/m2JRjnhdx1
— PMO India (@PMOIndia) April 26, 2023
In the policies our government made after 2014, not only the initial benefits were taken care of, but second and third order effects were also given priority. pic.twitter.com/oGtCUDnsor
— PMO India (@PMOIndia) April 26, 2023
For the first time in the country, the poor have got security as well as dignity. pic.twitter.com/iAIfmRNQw3
— PMO India (@PMOIndia) April 26, 2023
आज देश में बहुत systematic approach के साथ काम हो रहा है, mission mode पर काम हो रहा है। pic.twitter.com/CbCH92igyn
— PMO India (@PMOIndia) April 26, 2023
PM Garib Kalyan Anna Yojana is a protective shield for a large section of people in the country. pic.twitter.com/ZxIqDtnC0w
— PMO India (@PMOIndia) April 26, 2023
We increased the budget for MGNREGA, enhanced its transparency. pic.twitter.com/IATu6uJkfy
— PMO India (@PMOIndia) April 26, 2023
India is working on three aspects... pic.twitter.com/igJ6OcFp5Q
— PMO India (@PMOIndia) April 26, 2023
In times of crisis, India chose the path of self-reliance. India launched the world's largest, most successful vaccination drive. pic.twitter.com/gKmznT6hLR
— PMO India (@PMOIndia) April 26, 2023