प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आज राष्ट्रीय एकता दिवस के अवसर पर विभिन्न कार्यक्रमों में भागीदारी की। प्रधानमंत्री ने सरदार पटेल की जयंती पर स्टैच्यू ऑफ यूनिटी पर उन्हें श्रद्धा सुमन अर्पित किए। श्री मोदी ने राष्ट्रीय एकता दिवस परेड को भी देखा। इस परेड में बीएसएफ और विभिन्न राज्य पुलिस की टुकड़ियों, सीआरपीएफ की महिला बाइकर्स के साहसिक शो, बीएसएफ का महिला पाइप बैंड, गुजरात महिला पुलिस द्वारा कोरियोग्राफ किया गया कार्यक्रम, विशेष एनसीसी शो, स्कूल बैंड प्रदर्शन और जीवंत गांवों की आर्थिक व्यवहार्यता को दर्शाते हुए भारतीय वायु सेना का फ्लाई पास्ट प्रदर्शन शामिल था।
इस अवसर पर एक सभा को संबोधित करते हुए, प्रधानमंत्री ने कहा कि राष्ट्रीय एकता दिवस भारत के युवाओं और उसके योद्धाओं की एकता की शक्ति का उत्सव मनाता है। प्रधानमंत्री ने कहा कि वह इसमें एक प्रकार से लघु भारत का स्वरूप देख सकते हैं। उन्होंने कहा कि भले ही भाषाएं, राज्य और परंपराएं पृथक हों, लेकिन देश का हर व्यक्ति एकता के मजबूत सूत्र में बंधा हुआ है। उन्होंने कहा कि मोती अनेक हैं परन्तु माला एक है। भले ही हम विविध हैं पर हम एकजुट हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि जिस तरह 15 अगस्त और 26 जनवरी को स्वतंत्रता और गणतंत्र दिवस के रूप में मान्यता दी जाती है, उसी तरह से 31 अक्टूबर भी पूरे देश में एकता का पर्व बन चुका है। उन्होंने कहा कि लाल किले पर स्वतंत्रता दिवस का पर्व, कर्तव्य पथ पर गणतंत्र दिवस परेड और मां नर्मदा के तट पर स्टैच्यू ऑफ यूनिटी के सानिध्य में राष्ट्रीय एकता दिवस का उत्सव राष्ट्रीय उत्थान की त्रिशक्ति बन गया है। प्रधानमंत्री ने कहा कि एकता नगर की यात्रा करने वाले आगंतुक न सिर्फ स्टैच्यू ऑफ यूनिटी का अवलोकन करते हैं बल्कि उन्हें सरदार साहब के जीवन और भारत की राष्ट्रीय एकता में उनके योगदान की झलक भी यहां मिलती है। श्री मोदी ने कहा कि स्टैच्यू ऑफ यूनिटी एक भारत, श्रेष्ठ भारत के आदर्शों का प्रतिनिधित्व करती है। उन्होंने प्रतिमा के निर्माण में नागरिकों के योगदान का उल्लेख करते हुए उन किसानों का उदाहरण दिया जिन्होंने इसके लिए अपने उपकरण दान किए। उन्होंने एकता दीवार के निर्माण के लिए भारत के विभिन्न हिस्सों की मिट्टी के मिश्रण का भी उल्लेख किया। प्रधानमंत्री ने कहा कि पूरे देश में 'रन फॉर यूनिटी' और अन्य सांस्कृतिक कार्यक्रमों में भाग लेकर करोड़ों नागरिक राष्ट्रीय एकता दिवस के समारोह से जुड़े हुए हैं। प्रधानमंत्री ने सरदार पटेल को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए नागरिकों को राष्ट्रीय एकता दिवस की बधाई देते हुए कहा कि सरदार साहब के आदर्श 140 करोड़ नागरिकों का आधार हैं जो एक भारत, श्रेष्ठ भारत की भावना का महोत्सव मनाने के लिए एकजुट होते हैं।
प्रधानमंत्री ने दोहराया कि अगले 25 वर्ष देश के लिए इस सदी के सबसे महत्वपूर्ण 25 वर्ष हैं क्योंकि इस अवधि के दौरान भारत को एक समृद्ध और विकसित देश बनना है। उन्होंने देश के लिए समर्पण की उसी भावना का आह्वान किया जो आजादी से ठीक पहले 25 वर्षों में देखी गई थी। उन्होंने विश्व में भारत की बढ़ती प्रतिष्ठा का उल्लेख किया। प्रधानमंत्री ने कहा कि यह हमारे लिए गर्व का विषय है कि हम सबसे बड़े लोकतंत्र की प्रतिष्ठा को एक नए मुकाम पर ले जा रहे हैं। उन्होंने सुरक्षा, अर्थव्यवस्था, विज्ञान, स्वदेशी रक्षा उत्पादन और प्रमुख वैश्विक कंपनियों एवं खेलों में भारतीयों द्वारा प्रदान किए जा रहे वैश्विक कॉर्पोरेट नेतृत्व में भारत की मजबूत स्थिति का भी उल्लेख किया।
प्रधानमंत्री मोदी ने निरंतर उन्नति करते हुए गुलामी की मानसिकता को त्यागने के संकल्प का उल्लेख करते हुए कहा कि भारत विकास के साथ-साथ अपनी विरासत का संरक्षण भी कर रहा है। प्रधानमंत्री ने नौसेना ध्वज से औपनिवेशिक प्रतीक चिन्ह के अलावा औपनिवेशिक काल के अनावश्यक कानूनों को हटाने, आईपीसी को प्रतिस्थापित करने और इंडिया गेट पर औपनिवेशिक प्रतिनिधियों के स्थान पर नेताजी की प्रतिमा स्थापित किए जाने का उल्लेख किया।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि आज भारत की पहुंच से परे कोई लक्ष्य नहीं है। सबका प्रयास की शक्ति का उल्लेख करते हुए उन्होंने धारा 370 को हटाए जाने का जिक्र किया और कहा कि आज कश्मीर और देश के बाकी हिस्से के बीच खड़ी धारा 370 की दीवार ढह चुकी है और इससे सरदार साहब, जहां भी होंगे, अत्यंत प्रसन्न हुए होंगे।
लंबे समय से लंबित मुद्दों की बात करते हुए, प्रधानमंत्री ने सरदार सरोवर बांध का भी उल्लेख किया जो पिछले 5-6 दशकों से लंबित था लेकिन पिछले कुछ वर्षों में इसे पूरा किया गया। उन्होंने कहा कि केवड़िया-एकता नगर का बदलाव संकल्प से सिद्धि का उदाहरण है। प्रधानमंत्री ने कहा कि आज एकता नगर को वैश्विक हरित शहर के रूप में पहचाना जाता है। प्रधानमंत्री ने कहा कि विभिन्न पर्यटक आकर्षणों के अलावा, पिछले 6 महीनों में ही एकता नगर में 1.5 लाख से अधिक का वृक्षारोपण किया गया है। इस क्षेत्र में पहले से ही स्थापित सक्षम सौर ऊर्जा उत्पादन और शहरी गैस वितरण की चर्चा करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि आज एकता नगर में एक हेरिटेज ट्रेन का भी आकर्षण जुड़ जाएगा। उन्होंने कहा कि यहां पिछले 5 वर्षों में 1.5 करोड़ से अधिक पर्यटकों का आगमन हुआ है, जिससे स्थानीय जनजातीय समुदायों को रोजगार के अवसर मिलने में सहायता मिली है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि आज पूरी दुनिया भारत के अटूट संकल्प और यहां के लोगों के साहस और सौम्यता को स्वीकार करती है। आज दुनिया भारत के इस संकल्प से प्रेरणा ले रही है। वर्तमान में दुनिया में भू-राजनीतिक अस्थिरता के कुछ रुझानों के प्रति आगाह करते, प्रधानमंत्री ने कोविड महामारी के बाद कई देशों की कमजोर होती अर्थव्यवस्थाओं का उल्लेख किया, जहां मुद्रास्फीति और बेरोजगारी पिछले 30-40 वर्षों में अपने चरम पर है। प्रधानमंत्री ने कहा कि ऐसे में भी भारत नये कीर्तिमान स्थापित करने के साथ संकल्पों को सिद्ध करते हुए निरंतर आगे बढ़ रहा है। प्रधानमंत्री ने कहा कि पिछले 9 वर्षों में सरकार की नीतियों और लिए गए निर्णयों का सकारात्मक प्रभाव आज देखा जा सकता है। उन्होंने बताया कि पिछले 5 वर्षों में ही 13.5 करोड़ से अधिक भारतीय गरीबी से बाहर आये हैं। प्रधानमंत्री ने नागरिकों से देश में स्थिरता बनाए रखने का आग्रह करते हुए कहा कि भारत को विकास के मार्ग पर लाने वाले 140 करोड़ नागरिकों के प्रयास व्यर्थ नहीं जाने चाहिए। उन्होंने कहा कि हमें भविष्य पर ध्यान रखते हुए अपने राष्ट्रीय लक्ष्यों को पूर्ण करने के अपने संकल्प को जारी रखना चाहिए।
आंतरिक सुरक्षा के प्रति लौह पुरुष सरदार साहब की गंभीर चिंता का उल्लेख करते हुए प्रधानमंत्री ने इस संबंध में पिछले 9 वर्षों में उठाए गए कदमों को सूचीबद्ध करते हुए जानकारी दी कि किस तरह से विनाश की ताकतों को पहले जैसी सफलताओ से वंचित करते हुए चुनौतियों का दृढ़ता से मुकाबला किया जा रहा है। उन्होंने देश की एकता पर हो रहे हमलों के प्रति सतर्क रहने की आवश्यकता पर भी बल दिया।
श्री मोदी ने कहा कि भारत की विकास यात्रा में सबसे बड़ी बाधा तुष्टीकरण की राजनीति है और पिछले कई दशकों से यह देखा गया है कि तुष्टीकरण की राजनीति करने वाले लोग आतंकवाद के प्रति भी आंखें मूंद लेते हैं और मानवता के दुश्मनों के साथ खड़े हो जाते हैं। उन्होंने ऐसी सोच के प्रति देशवासियों को आगाह किया जो देश की एकता को खतरे में डालती है।
वर्तमान और आगामी चुनावों के संदर्भ में, प्रधानमंत्री ने ऐसे गठबंधनों से भी सावधान रहने की अपील की जो सकारात्मक राजनीति से पूरी तरह से रहित है और असामाजिक एवं राष्ट्र-विरोधी गतिविधियों में लिप्त है। श्री मोदी ने कहा कि हमें विकसित भारत के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए देश की एकता को बनाए रखने हेतु अपने प्रयास निरंतर जारी रखने होंगे। हम जिस भी क्षेत्र में हों, हमें उसमें अपना 100 प्रतिशत देना होगा क्योंकि आने वाली पीढ़ियों को बेहतर भविष्य देने का एकमात्र यही उपाय है।
श्री मोदी ने माईगॉव पर सरदार पटेल पर एक राष्ट्रीय प्रतियोगिता के बारे में भी जानकारी दी।
प्रधानमंत्री ने कहा कि आज का भारत नया भारत है जहां हर नागरिक आत्मविश्वास से परिपूर्ण है। उन्होंने इस विश्वास और एकता की भावना को बनाए रखने को सुनिश्चित करने पर जोर दिया। उन्होंने नागरिकों की ओर से सरदार पटेल को विनम्र श्रद्धांजलि देते हुए अपने संबोधन का समापन किया और राष्ट्रीय एकता दिवस पर अपनी शुभकामनाएं भी दीं।
पृष्ठभूमि
देश की एकता, अखंडता और सुरक्षा को बनाए रखने और दृढ़ भावना को और बढ़ावा देने के उद्देश्य से, प्रधानमंत्री ने अपने दूरदर्शी नेतृत्व में सरदार वल्लभभाई पटेल की जयंती को राष्ट्रीय एकता दिवस के रूप में मनाने का निर्णय लिया।
31 अक्टूबर का ये दिन देश के कोने-कोने में राष्ट्रीयता के संचार का पर्व बन गया है। pic.twitter.com/qoKIuXjAuM
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राष्ट्र उत्थान की त्रिशक्ति... pic.twitter.com/WSfKGthiDy
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The coming 25 years are the most important 25 years of this century for India. pic.twitter.com/eYJMMekWPj
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अमृत काल में भारत ने गुलामी की मानसिकता को त्यागकर आगे बढ़ने का संकल्प लिया है। pic.twitter.com/fyHNRnxkX4
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Today, there is no objective beyond India's reach. pic.twitter.com/7NPhrKIVfq
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Today, the entire world acknowledges the unwavering determination of India, the courage and resilience of its people. pic.twitter.com/7FT6eqvkeS
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We must persistently work towards upholding our nation's unity to realise the aspiration of a prosperous India. pic.twitter.com/FUrGGhg6n7
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हर भारतवासी आज असीम आत्मविश्वास से भरा हुआ है। pic.twitter.com/oQU8JdxvyH
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