प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आज गांधीनगर के महात्मा मंदिर में भारत में सुजुकी के 40 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित किया। इस अवसर पर भारत में जापान के राजदूत महामहिम श्री सतोशी सुजुकी, गुजरात के मुख्यमंत्री श्री भूपेन्द्र पटेल, सासंद श्री सी. आर. पाटिल, राज्यमंत्री श्री जगदीश पांचाल, सुजुकी मोटर कॉर्पोरेशन के पूर्व अध्यक्ष श्री ओ. सुजुकी, सुजुकी मोटर कॉर्पोरेशन के अध्यक्ष श्री टी. सुजुकी और मारुति-सुजुकी के चेयरमैन श्री आरसी भार्गव उपस्थित थे। हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये कार्यक्रम को संबोधित किया। इस कार्यक्रम के दौरान जापान के प्रधानमंत्री महामहिम श्री फुमियो किशिदा का वीडियो संदेश भी प्रसारित किया गया।
जापान के प्रधानमंत्री किशिदा ने इस अवसर पर अपनी शुभकामनाएं दीं और कहा कि चार दशक से ज्यादा समय के दौरान मारुति-सुजुकी की तरक्की भारत और जापान के बीच मजबूत आर्थिक संबंधों का प्रतीक है। उन्होंने भारतीय बाजार की क्षमता को पहचानने के लिए सुजुकी प्रबंधन की सराहना की। उन्होंने कहा, “मेरा मानना है कि हमारी इस सफलता का श्रेय भारत के लोगों और यहां की सरकार की समझ एवं समर्थन को जाता है। प्रधानमंत्री मोदी के मजबूत नेतृत्व में विनिर्माण क्षेत्र की मदद के लिए किए गए विभिन्न उपायों के कारण भारत के आर्थिक विकास में और तेजी आई है।” उन्होंने बताया कि कई जापानी कंपनियों ने भारत में निवेश करने की इच्छा व्यक्त की है। उन्होंने इस वर्ष के महत्व को भी रेखांकित किया, जिसमें भारत और जापान आपसी संबंधों के 70 वर्ष पूरे कर रहे हैं। उन्होंने कहा, “प्रधानमंत्री मोदी के साथ मिलकर मैं 'जापान-भारत सामरिक एवं वैश्विक साझेदारी' को और विकसित करने तथा 'स्वतंत्र एवं खुले इंडो-पैसिफिक' को साकार करने का प्रयास करने के लिए दृढ़-संकल्पित हूं।”
सभा को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने सुजुकी कॉर्पोरेशन से जुड़े सभी लोगों को बधाई दी। उन्होंने कहा, “भारत के परिवारों के साथ सुजुकी का जुड़ाव अब 40 साल का हो गया है।” प्रधानमंत्री ने कहा, “मारुति-सुजुकी की सफलता भारत-जापान की मजबूत साझेदारी का प्रतीक है। पिछले आठ वर्षों में दोनों देशों के बीच संबंध नई ऊंचाइयों पर पहुंचे हैं। आज गुजरात-महाराष्ट्र में बुलेट ट्रेन से लेकर यूपी के बनारस में रुद्राक्ष केंद्र तक कई विकास परियोजनाएं भारत-जापान मित्रता की मिसाल हैं।” प्रधानमंत्री ने आगे कहा, “और जब इस दोस्ती की बात आती है, तो हर भारतीय निश्चित तौर पर हमारे मित्र पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय शिंजो आबे को याद करता है।” आबे सान के गुजरात आने और यहां वक्त बिताने को याद करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि इसे गुजरात के लोग प्यार से याद करते हैं। उन्होंने कहा, “आज प्रधानमंत्री किशिदा दोनों देशों को करीब लाने के लिए किए गए प्रयासों को आगे बढ़ा रहे हैं।”
प्रधानमंत्री ने 13 साल पहले गुजरात में सुजुकी के आगमन और खुद को गवर्नेंस के एक अच्छे मॉडल के रूप में पेश करने के गुजरात के भरोसे को याद किया। उन्होंने कहा, “मुझे खुशी है कि गुजरात ने सुजुकी के साथ अपना वादा निभाया और सुजुकी ने भी गुजरात की इच्छाओं को वही सम्मान दिया। गुजरात दुनिया में एक शीर्ष मोटर वाहन विनिर्माण केंद्र के रूप में उभरा है।” गुजरात और जापान के बीच मौजूदा संबंधों पर जोर देते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि ये राजनयिक आयामों से भी ऊंचे रहे हैं। प्रधानमंत्री ने कहा, “मुझे याद है जब 2009 में वाइब्रेंट गुजरात शिखर सम्मेलन शुरू हुआ था, तब से जापान एक भागीदार देश के रूप में इसके साथ जुड़ा हुआ है।” जापान के निवेशक गुजरात को अपना घर बना लें, इसके लिए उन्होंने गुजरात में एक छोटा जापान बनाने के अपने संकल्प को याद किया। इसे साकार करने के लिए कई छोटे-छोटे उपाय किए गए। जापानी व्यंजनों के साथ-साथ कई विश्वस्तरीय गोल्फ कोर्स और रेस्तरां के निर्माण तथा जापानी भाषा का प्रचार इसके कुछ ऐसे ही उदाहरण हैं। उन्होंने कहा, “हमारे प्रयासों ने हमेशा जापान के लिए गंभीरता दिखाई और उसका सम्मान किया, यही कारण है कि सुजुकी के साथ-साथ लगभग 125 जापानी कंपनियां गुजरात में काम कर रही हैं।” अहमदाबाद में कई कंपनियों को प्लग-एंड-प्ले सुविधाएं प्रदान करने के लिए जेट्रो सपोर्ट सेंटर चला रही है। जापान-भारत विनिर्माण संस्थान कई लोगों को प्रशिक्षण दे रहा है। प्रधानमंत्री ने गुजरात की विकास यात्रा में 'काइजन' के योगदान को याद किया। प्रधानमंत्री ने कहा कि उनके द्वारा काइजन के पहलुओं को पीएमओ और अन्य विभागों में भी लागू किया गया है।
इलेक्ट्रिक वाहनों की शानदार विशेषताओं में से एक के बारे में प्रधानमंत्री ने कहा कि इनमें आवाज़ नहीं होती, वे मौन रहते हैं। दो पहिया हो या तीन पहिया, ये कोई शोर नहीं करते। उन्होंने कहा, "यह मौन केवल इसकी इंजीनियरिंग के बारे में नहीं है, बल्कि यह देश में एक मूक क्रांति की शुरुआत भी है।" ईवी इकोसिस्टम को मजबूत करने के सरकार के प्रयासों के तहत, प्रधानमंत्री ने कहा कि इलेक्ट्रिक वाहन खरीदारों को विभिन्न प्रोत्साहन दिए जा रहे हैं। सरकार ने आयकर में छूट और ऋण प्रक्रिया को सरल बनाने जैसे कई कदम उठाए हैं। प्रधानमंत्री ने कहा, "आपूर्ति को बढ़ावा देने के लिए, मोटर वाहन और मोटर वाहन के कलपुर्जों के निर्माण के क्षेत्र में पीएलआई योजनाओं को शुरू करने के लिए भी तेजी से काम किये जा रहे हैं।" इलेक्ट्रिक वाहनों की चार्जिंग के लिए एक मजबूत अवसंरचना तैयार करने के सम्बन्ध में कई नीतिगत फैसले भी लिए गए हैं। प्रधानमंत्री ने कहा, "2022 के बजट में बैटरी अदला-बदली नीति भी पेश की गई है।" उन्होंने कहा, "यह निश्चित है कि आपूर्ति, मांग और इकोसिस्टम के मजबूत होने से ईवी क्षेत्र प्रगति की ओर आगे बढ़ेगा।"
प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत ने कॉप-26 में घोषणा की है कि देश 2030 तक अपनी स्थापित विद्युत क्षमता का 50 प्रतिशत, गैर-जीवाश्म स्रोतों से प्राप्त करेगा। प्रधानमंत्री ने कहा, "हमने 2070 के लिए 'नेट ज़ीरो' लक्ष्य निर्धारित किया है।“ प्रधानमंत्री ने इस बात पर प्रसन्नता व्यक्त की कि मारुति सुजुकी जैव इंधन, एथेनॉल मिश्रण और हाइब्रिड इलेक्ट्रिक वाहन जैसी चीजों पर भी काम कर रही है। प्रधानमंत्री ने सुझाव दिया कि सुजुकी संपीड़ित बायोमीथेन गैस से संबंधित परियोजनाओं पर काम शुरू करे। प्रधानमंत्री ने यह भी कामना की कि स्वस्थ प्रतिस्पर्धा और एक-दूसरे से सीखने के लिए बेहतर माहौल बनाया जाना चाहिए। उन्होंने कहा, "इससे देश और कारोबार दोनों को फायदा होगा।" उन्होंने कहा, "यह हमारा लक्ष्य है कि अमृत काल के अगले 25 वर्षों में भारत अपनी ऊर्जा जरूरतों में आत्मनिर्भर बन जाए। चूंकि ऊर्जा खपत का एक बड़ा हिस्सा परिवहन क्षेत्र से सम्बंधित है, इसलिए इस क्षेत्र में नवाचार और प्रयास हमारी प्राथमिकता होनी चाहिए। मुझे विश्वास है कि हम इसे हासिल करने में सक्षम होंगे।“
पृष्ठभूमि
इस कार्यक्रम के दौरान, प्रधानमंत्री ने भारत में सुजुकी समूह की दो प्रमुख परियोजनाओं की आधारशिला रखी- गुजरात के हंसलपुर में सुजुकी मोटर गुजरात इलेक्ट्रिक व्हीकल बैटरी मैन्युफैक्चरिंग फैसिलिटी और हरियाणा के खरखोदा में मारुति सुजुकी की आगामी वाहन निर्माण सुविधा।
गुजरात के हंसलपुर में सुजुकी मोटर गुजरात इलेक्ट्रिक व्हीकल बैटरी मैन्युफैक्चरिंग फैसिलिटी की स्थापना लगभग 7,300 करोड़ रुपये की लागत से की जाएगी और इसमें इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए एडवांस केमिस्ट्री सेल बैटरी का निर्माण किया जायेगा। हरियाणा के खरखोदा स्थित वाहन निर्माण सुविधा में प्रति वर्ष 10 लाख यात्री वाहनों के निर्माण की क्षमता होगी, जिससे यह दुनिया में एक ही स्थल पर सबसे बड़ी यात्री वाहन निर्माण सुविधाओं में से एक हो जाएगी। परियोजना के पहले चरण में 11,000 करोड़ रुपये से अधिक का निवेश किया जायेगा।
आज गुजरात-महाराष्ट्र में बुलेट ट्रेन से लेकर यूपी में बनारस के रुद्राक्ष सेंटर तक, विकास की कितनी ही परियोजनाएं भारत-जापान दोस्ती का उदाहरण हैं।
— PMO India (@PMOIndia) August 28, 2022
और इस दोस्ती की जब बात होती है, तो हर एक भारतवासी को हमारे मित्र पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय शिंजो आबे जी की याद जरूर आती है: PM
मारुति-सुज़ुकी की सफलता भारत-जापान की मजबूत पार्टनरशिप का भी प्रतीक है।
— PMO India (@PMOIndia) August 28, 2022
बीते आठ वर्षों में तो हम दोनों देशों के बीच ये रिश्ते नई ऊंचाइयों तक गए हैं: PM @narendramodi
आबे शान जब गुजरात आए थे, उन्होंने जो समय यहां बिताया था, उसे गुजरात के लोग बहुत आत्मीयता से याद करते हैं।
— PMO India (@PMOIndia) August 28, 2022
हमारे देशों को और करीब लाने के लिए जो प्रयास उन्होंने किए थे, आज पीएम किशिदा उसे आगे बढ़ा रहे हैं: PM @narendramodi
गुजरात और जापान के बीच जो रिश्ता रहा है, वो diplomatic दायरों से भी ऊंचा रहा है।
— PMO India (@PMOIndia) August 28, 2022
मुझे याद है जब 2009 में Vibrant Gujarat Summit का आयोजन शुरू हुआ था, तभी से जापान इसके साथ एक पार्टनर कंट्री के तौर पर जुड़ गया था: PM @narendramodi
इलेक्ट्रिक वाहनों की एक बड़ी खासियत ये होती है कि वो silent होते हैं। 2 पहिया हो या 4 पहिया, वो कोई शोर नहीं करते।
— PMO India (@PMOIndia) August 28, 2022
ये silence केवल इसकी इंजीन्यरिंग का ही नहीं है, बल्कि ये देश में एक silent revolution के आने की शुरुआत भी है: PM @narendramodi
भारत ने COP-26 में ये घोषणा की है कि वो 2030 तक अपनी installed electrical capacity की 50% क्षमता non-fossil sources से हासिल करेगा।
— PMO India (@PMOIndia) August 28, 2022
हमने 2070 के लिए ‘नेट ज़ीरो’ का लक्ष्य तय किया है: PM @narendramodi