“देश, वर्ष 2047 तक विकसित भारत के लक्ष्य को हासिल करने की दिशा में इस वर्ष के बजट को एक शुभ शुरुआत के रूप में देख रहा है”
“इस वर्ष का बजट महिलाओं के नेतृत्व में विकास के प्रयासों को नई गति देगा”
“महिला सशक्तिकरण के प्रयासों के परिणाम स्पष्ट नजर आते हैं और हम देश के सामाजिक जीवन में क्रांतिकारी परिवर्तन का अनुभव कर रहे हैं”
“विज्ञान, प्रौद्योगिकी, अभियांत्रिकी और गणित में लड़कियों का नामांकन आज 43 प्रतिशत है, जो अमेरिका, ब्रिटेन और जर्मनी जैसे देशों से अधिक है”
“पीएम आवास ने घरों के आर्थिक निर्णयों में महिलाओं को नई आवाज दी है”
“पिछले नौ वर्षों में सात करोड़ से भी अधिक महिलाएं स्व-सहायता समूहों में शामिल हुई हैं”
“भारत महिलाओं के लिए सम्मान का दर्जा और समानता की भावना बढ़ाकर ही आगे बढ़ सकता है”
प्रधानमंत्री ने राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मू द्वारा महिला दिवस पर लिखे गए आलेख का उद्धरण देते हुए सम्बोधन का समापन किया

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आज ‘महिलाओं का आर्थिक सशक्तिकरण’ पर बजट-उपरांत वेबिनार को सम्बोधित किया। केंद्रीय बजट 2023 में घोषित की गई पहलों के कारगर क्रियान्वयन के लिए सुझाव और विचार आमंत्रित करने के क्रम में सरकार द्वारा आयोजित 12 बजट-उपरांत वेबिनारों में से यह ग्यारहवां वेबिनार है।

प्रधानमंत्री ने हर्ष व्यक्त किया कि सम्पूर्ण देश वर्ष 2047 तक विकसित भारत के लक्ष्य को हासिल करने की दिशा में इस वर्ष के बजट को एक शुभ शुरुआत के रूप में देख रहा है। उन्होंने कहा, “भावी अमृतकाल के नजरिये से बजट को देखा और परखा जा रहा है। देश के लिए यह शुभ संकेत है कि देश के नागरिक भी खुद को इन लक्ष्यों से जोड़कर अगले 25 वर्षों की तरफ देख रहे हैं।”

प्रधानमंत्री ने यह बात दोहराई कि पिछले नौ वर्षों में देश महिलाओं के नेतृत्व में विकास की परिकल्पना के साथ आगे बढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि भारत इन प्रयासों को वैश्विक मंच तक ले जा रहा है, क्योंकि भारत जी-20 की बैठक की अध्यक्षता करते हुए विश्व में अपनी स्थिति को प्रमुखता से दर्ज करा रहा है। उन्होंने कहा कि इस वर्ष का बजट महिलाओं के नेतृत्व में विकास के प्रयासों को नई गति देगा।

प्रधानमंत्री ने कहा कि नारी शक्ति दृढ़ता, इच्छा-शक्ति, परिकल्पना, लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए काम करने की क्षमता और कठोर परिश्रम का परिचायक है, जैसा कि ‘मातृ शक्ति’ में परिलक्षित होता है। उन्होंने कहा कि ये गुण इस सदी में भारत की उड़ान और उसकी गति बढ़ाने में प्रमुख भूमिका निभा रहे हैं।

प्रधानमंत्री ने कहा कि महिला सशक्तिकरण के प्रयासों के परिणाम स्पष्ट नजर आते हैं और हम देश के सामाजिक जीवन में क्रांतिकारी परिवर्तन का अनुभव कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि पुरुषों की तुलना में स्त्रियों की संख्या बढ़ रही है, तथा हाई स्कूल और उसके बाद की पढ़ाई में लड़कियों की संख्या भी पिछले नौ-10 वर्षों में तिगुनी हो गई है। विज्ञान, प्रौद्योगिकी, अभियांत्रिकी और गणित में लड़कियों का नामांकन आज 43 प्रतिशत है, जो अमेरिका, ब्रिटेन और जर्मनी जैसे देशों से अधिक है। चिकित्सा, खेल, व्यापार या राजनीति जैसे क्षेत्रों में, न केवल महिलाओं की भागीदारी बढ़ी है, बल्कि वे आगे बढ़कर नेतृत्व भी कर रही हैं।

प्रधानमंत्री ने इस तथ्य का उल्लेख किया कि मुद्रा ऋण की 70 प्रतिशत लाभार्थी महिलाएं हैं। इसी तरह, महिलाएं स्वानिधि के तहत बिना किसी जमानत के ऋण योजनाओं, पशुपालन, मत्स्यपालन, ग्रामीण उद्योग, एफपीओ की संवर्धन योजनाओं तथा खेल योजनाओं से भी लाभ उठा रही हैं।

श्री मोदी ने कहा, “इस बजट में यह बात परिलक्षित होती है कि हम कैसे आधी आबादी को साथ लेकर देश को आगे बढ़ा सकते हैं और कैसे महिला शक्ति की क्षमता को बढ़ा सकते हैं।” उन्होंने महिला सम्मान बचत प्रमाणपत्र योजना का उल्लेख किया, जिसमें महिलाओं को 7.5 प्रतिशत ब्याज मिलेगा। श्री मोदी ने कहा, “पीएम आवास योजना के लिए 80 हजार करोड़ रुपये महिला सशक्तिकरण की दिशा में एक कदम है, क्योंकि तीन करोड़ से अधिक आवास महिलाओं के नाम पर हैं।” प्रधानमंत्री ने पीएम आवास के महिला सशक्तिकरण वाले पक्ष पर जोर दिया, क्योंकि यह सर्वविदित है कि पारंपरिक रूप से महिलाओं के नाम पर कोई सम्पत्ति नहीं होती। उन्होंने कहा, “पीएम आवास ने घरों के आर्थिक निर्णयों में महिलाओं को नई आवाज दी है।”

प्रधानमंत्री ने स्व-सहायता समूहों में नये यूनिकॉर्न बनाने के लिए स्व-सहायता समहों को समर्थन दिये जाने की घोषणा के बारे में बताया। प्रधानमंत्री ने बदलते परिदृश्य के मद्देनजर महिला सशक्तिकरण के लिए देश की शक्ति के बारे में बताया। आज पांच गैर-खेतिहर व्यापारों में से एक व्यापार किसी न किसी महिला द्वारा चलाया जा रहा है। पिछले नौ वर्षों में सात करोड़ से भी अधिक महिलाएं स्व-सहायता समूहों में शामिल हुई हैं। उनकी मूल्य-श्रृंखला को उनकी पूंजी आवश्यकता से समझा जा सकता है, कियोंकि इन स्व-सहायता समूहों ने 6.25 लाख करोड़ रुपये के ऋण लिए हैं।

प्रधानमंत्री ने संकेत दिया कि ये महिलाएं न केवल छोटे उद्यमियों के रूप में योगदान कर रही हैं, बल्कि वे कार्य-व्यापार में विशेषज्ञता रखने वाले सक्षम व्यक्ति के रूप में भी अपना योगदान कर रही हैं।

प्रधानमंत्री ने सहकारिता सेक्टर में बदलाव और इस सेक्टर में महिलाओं की भूमिका पर भी चर्चा की। प्रधानमंत्री ने कहा, “दो लाख से अधिक बहुउद्देशीय सहकारितायें, दुग्ध सहकारितायें और मत्स्य सहकारितायें आने वाले वर्षों में बनाई जायेंगी। प्राकृतिक खेती से एक करोड़ किसानों को जोड़ने का लक्ष्य तय किया गया है। महिला किसान और उत्पादक समूह इसमें बड़ी भूमिका निभा सकते हैं।”

प्रधानमंत्री ने श्री अन्न को प्रोत्साहित करने में महिला स्व-सहायता समूहों की भूमिका पर बात की। उन्होंने कहा कि श्री अन्न के विषय में पारंपरिक अनुभव रखने वाली एक करोड़ से अधिक जनजातीय महिलाएं इन स्व-सहायता समूहों का हिस्सा हैं। उन्होंने कहा, “हमें श्री अन्न और उससे बने प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थों के लिये बाजार सम्बन्धी अवसरों की पड़ताल करनी होगी। कई स्थानों पर, सरकारी संगठन जंगल के छोटे उत्पादों के प्रसंस्करण में मदद कर रहे हैं और उन्हें बाजार में उतार रहे हैं। आज, दूर-दराज के इलाकों में अनेक स्व-सहायता समूहों का गठन हो गया है, हमें इन्हें और विस्तार देना होगा।”

कौशल विकास की जरूरत पर बल देते हुए, प्रधानमंत्री ने कहा कि इस बजट में उल्लिखित विश्वकर्मा योजना प्रमुख भूमिका निभायेगी और वह एक सेतु के रूप में काम करेगी। उसके अवसरों का इस्तेमाल महिला सशक्तिकरण के लिए किये जाने की जरूरत है। इसी तरह, जी-ई-एम और ई-वाणिज्य महिलाओं के व्यापार अवसरों को विस्तार देने का माध्यम बन रहे हैं। जरूरत इस बात की है कि प्रशिक्षण में नई प्रौद्योगिकियों को प्राथमिकता दी जाये और यही स्व-सहायता समूहों में किया जा रहा है।

प्रधानमंत्री ने फिर कहा कि देश ‘सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास’ की भावना के साथ आगे बढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि देश की बेटियों को देश की सुरक्षा करते और राफेल विमान उड़ाते देखा जा सकता है, और जब उन्हें उद्यमी बनते, निर्णय लेते व जोखिम उठाते देखा जाता है, तो उनके बारे में विचार बदल जाते हैं। उन्होंने नगालैंड में पहली बार दो महिला विधायकों के हाल में चुने जाने का उल्लेख किया, जिनमें से एक महिला विधायक ने मंत्री पद की शपथ भी ली। उन्होंने कहा, “भारत महिलाओं के लिए सम्मान का दर्जा और समानता की भावना बढ़ाकर ही आगे बढ़ सकता है। मैं आपका आह्वान करता हूं कि सभी महिलाओं-बहनों-बेटियों के रास्ते में आने वाली सभी बाधाओं को हटाने के लिए आप दृढ़ता के साथ आगे बढ़ें।”

प्रधानमंत्री ने राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मू के उस आलेख का उद्धरण देते हुये अपना सम्बोधन समाप्त किया, जिस आलेख को राष्ट्रपति ने अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर लिखा था। राष्ट्रपति ने लिखा था, “यह हम पर निर्भर करता है, हम सब पर, कि प्रगति को तेज करें। इसलिये, आज, मैं आप सबसे यह आग्रह करना चाहती हूं कि आप खुद में, अपने परिवार में, पड़ोस या काम करने के स्थान पर कम से कम एक बदलाव लाने का संकल्प करें – कोई भी बदलाव जो किसी लड़की के चेहरे पर मुस्कान ला दे, कोई भी बदलाव जो जीवन में आगे बढ़ने के लिए उस लड़की का अवसर निखार दे। एक यही अनुरोध है, जैसा कि मैंने पहले कहा था, सीधे हृदय की गहराइयों से।

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President of the European Council, Antonio Costa calls PM Narendra Modi
January 07, 2025
PM congratulates President Costa on assuming charge as the President of the European Council
The two leaders agree to work together to further strengthen the India-EU Strategic Partnership
Underline the need for early conclusion of a mutually beneficial India- EU FTA

Prime Minister Shri. Narendra Modi received a telephone call today from H.E. Mr. Antonio Costa, President of the European Council.

PM congratulated President Costa on his assumption of charge as the President of the European Council.

Noting the substantive progress made in India-EU Strategic Partnership over the past decade, the two leaders agreed to working closely together towards further bolstering the ties, including in the areas of trade, technology, investment, green energy and digital space.

They underlined the need for early conclusion of a mutually beneficial India- EU FTA.

The leaders looked forward to the next India-EU Summit to be held in India at a mutually convenient time.

They exchanged views on regional and global developments of mutual interest. The leaders agreed to remain in touch.