"हम भारत को एक विकसित राष्ट्र में बदलने के दृढ़ संकल्प और प्रतिबद्धता के साथ नए संसद भवन में जा रहे हैं"
"संसद भवन का सेंट्रल हॉल हमें अपने कर्तव्यों को पूरा करने के लिए प्रेरित करता है"
"भारत नई ऊर्जा से भरपूर है, हम तेजी से आगे बढ़ रहे हैं''
''नई आकांक्षाओं के बीच नए कानून बनाना और पुराने कानूनों से छुटकारा पाना सांसदों की सबसे बड़ी जिम्मेदारी है''
''हमें अमृत काल में आत्मनिर्भर भारत का निर्माण करना है''
''हमें प्रत्‍येक भारतीय की आकांक्षाओं को ध्यान में रखते हुए सुधार करने होंगे''
''भारत को बड़े कैनवास पर काम करना ही होगा। छोटी-छोटी बातों में उलझने का समय बीत चुका है"
"जी-20 के दौरान हम ग्लोबल साउथ की आवाज एक 'विश्व मित्र' बन गए हैं"
"हमें आत्मनिर्भर भारत के संकल्प को पूरा करना है"
"संविधान सदन हमारा लगातार मार्गदर्शन करता रहेगा और हमें उन महान हस्तियों की याद दिलाता रहेगा जो संविधान सभा का हिस्सा रहे थे"

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने विशेष सत्र के दौरान आज सेंट्रल हॉल में संसद सदस्यों को संबोधित किया।

प्रधानमंत्री ने सदन में अपने संबोधन का शुभांरभ गणेश चतुर्थी के अवसर पर शुभकामनाएं देते हुए किया। उन्होंने आज के उस अवसर का उल्लेख किया जब सदन की कार्यवाही संसद के नये भवन में चल रही होगी। प्रधानमंत्री ने कहा कि हम भारत को एक विकसित राष्ट्र में बदलने के दृढ़ संकल्प और प्रतिबद्धता के साथ नए संसद भवन में जा रहे हैं।"

संसद भवन और सेंट्रल हॉल के बारे में जानकारी देते हुए प्रधानमंत्री ने इसके प्रेरक इतिहास पर प्रकाश डाला। उन्होंने उल्‍लेख किया कि प्रारंभिक वर्षों में भवन के इस भाग का उपयोग एक तरह से पुस्‍तकालय के रूप में किया जाता था। उन्होंने स्‍मरण किया कि यही वह स्थान है जहां संविधान ने आकार लिया था और स्‍वतंत्रता के समय यहीं सत्ता का हस्तांतरण हुआ था। उन्होंने स्‍मरण किया कि इसी सेंट्रल हॉल में भारत के राष्ट्रीय ध्वज और राष्ट्रगान को अपनाया गया था। प्रधानमंत्री ने बताया कि 1952 के बाद विश्‍व के लगभग 41 राष्ट्राध्यक्षों और शासनाध्यक्षों ने भारत की संसद के इस सेंट्रल हॉल में संबोधित किया है। उन्होंने बताया कि भारत के विभिन्न राष्ट्रपतियों ने सेंट्रल हॉल में 86 बार संबोधित किया है। उन्होंने कहा कि लोकसभा और राज्यसभा ने पिछले सात दशकों के दौरान लगभग चार हजार अधिनियम पारित किये हैं। प्रधानमंत्री ने संसद के संयुक्त सत्र तंत्र के माध्यम से पारित किए गए कानूनों के बारे में भी बात की और इस दहेज निषेध अधिनियम, बैंकिंग सेवा आयोग विधेयक और आतंकवाद से लड़ने के कानूनों का उल्लेख किया। उन्होंने तीन तलाक पर रोक लगाने वाले कानून का भी उल्‍लेख किया। प्रधानमंत्री ने ट्रांसजेंडरों और दिव्यांगों के लिए बनाए गए कानूनों पर भी प्रकाश डाला।

अनुच्छेद 370 को निरस्त करने में जन-प्रतिनिधियों के योगदान का उल्‍लेख करते हुए, प्रधानमंत्री ने बड़े गर्व के साथ यह रेखांकित किया कि हमारे पूर्वजों द्वारा प्रदान किया गया संविधान अब जम्मू और कश्मीर में लागू हो रहा है। श्री मोदी ने कहा, "आज, जम्मू-कश्मीर शांति और विकास के पथ पर आगे बढ़ रहा है और यहां के लोग अब प्राप्‍त अवसरों को अपने हाथ से नहीं जाने देना चाहते।"

स्वतंत्रता दिवस 2023 के दौरान लाल किले से किए गए अपने संबोधन को स्‍मरण करते हुए, प्रधानमंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि अब सही समय ​​है जो एक नई चेतना के साथ भारत के पुनरुत्थान को उजागर करता है। प्रधानमंत्री ने जोर देते हुए कहा कि ‘‘भारत ऊर्जा से भरपूर है।" यह नवीनीकृत चेतना प्रत्येक नागरिक को समर्पण और कड़ी मेहनत के साथ अपने सपनों को साकार करने में सक्षम बनाएगी। प्रधानमंत्री ने यह विश्वास व्यक्त किया कि भारत को चुने हुए मार्ग पर आगे बढ़ते हुए पुरस्कार मिलना निश्चित है। उन्होंने कहा, "तेज प्रगति दर से ही तीव्र परिणाम हासिल किए जा सकते हैं।" भारत के शीर्ष पांच अर्थव्यवस्थाओं में शामिल होने का उल्‍लेख करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि विश्‍व और भारत शीर्ष तीन अर्थव्यवस्थाओं में देश के शामिल होने के बारे में आश्वस्त है। उन्होंने भारत के बैंकिंग क्षेत्र की मजबूती का भी जिक्र किया। उन्होंने भारत के डिजिटल बुनियादी ढांचे, यूपीआई और डिजिटल स्टैक के प्रति विश्‍व के उत्‍साह का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि यह सफलता विश्‍व के लिए आश्चर्य, आकर्षण और स्वीकार्यता का विषय बन गई है।

प्रधानमंत्री ने वर्तमान समय के महत्व पर जोर दिया, जब हजारों वर्षों में भारतीय आकांक्षाएं अपने उच्चतम स्तर पर हैं। उन्होंने कहा कि भारत की आकांक्षाएं हजारों वर्षों से जंजीरों में जकड़ी हुई थीं, अब और इंतजार करने को तैयार नहीं है, बल्कि भारत आकांक्षाओं के साथ नये लक्ष्‍य बनाना चाहता है। उन्होंने कहा कि नई आकांक्षाओं के बीच नए कानून बनाना और पुराने कानूनों से छुटकारा पाना सांसदों की सबसे बड़ी जिम्मेदारी है।

प्रधानमंत्री ने रेखांकित किया कि यह प्रत्येक नागरिक की अपेक्षा और प्रत्येक संसद-सदस्य का विश्वास है कि संसद से पारित सभी कानून, सदन की चर्चा और संदेश को भारतीय आकांक्षाओं को प्रोत्साहित करना चाहिए। प्रधानमंत्री ने जोर देकर कहा, "संसद में पेश किए जाने वाले प्रत्येक सुधार के लिए भारतीय आकांक्षाओं को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जानी चाहिए"।

प्रधानमंत्री ने पूछा कि क्या छोटे कैनवास पर बड़ी पेंटिंग बनाई जा सकती है ? उन्होंने कहा कि अपनी सोच का दायरा बढ़ाए बिना हम अपने सपनों का भव्य भारत नहीं बना सकते। भारत की भव्य विरासत का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि यदि हमारी सोच इस भव्य विरासत से जुड़ जाए, तो हम उस भव्य भारत की तस्वीर बना सकते हैं। श्री मोदी ने कहा, “भारत को बड़े कैनवास पर काम करना होगा, छोटी-छोटी बातों में उलझने का समय अब बीत गया है।

उन्होंने आत्मनिर्भर भारत के निर्माण की प्राथमिकता को रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि शुरुआती आशंकाओं को अस्वीकार करते हुए, दुनिया भारत के आत्मनिर्भर प्रारूप की बात कर रही है। उन्होंने कहा कि रक्षा, विनिर्माण, ऊर्जा और खाद्य तेल के क्षेत्र में कौन आत्मनिर्भर नहीं बनना चाहेगा और इस प्रयास में दलगत राजनीति बाधा नहीं बननी चाहिए।

भारत को विनिर्माण क्षेत्र में नई ऊंचाइयों को छूने की आवश्यकता पर जोर देते हुए, प्रधानमंत्री ने 'जीरो डिफेक्ट, जीरो इफेक्ट' के मॉडल पर प्रकाश डाला, जहां भारतीय उत्पाद किसी भी दोष से मुक्त होने चाहिए और विनिर्माण प्रक्रिया का पर्यावरण पर प्रभाव शून्य होना चाहिए। उन्होंने कृषि, डिजाइनर, सॉफ्टवेयर, हस्तशिल्प जैसे उत्पादों के लिए भारत के विनिर्माण क्षेत्र में नए वैश्विक मानक बनाने के उद्देश्य के साथ आगे बढ़ने पर जोर दिया। “प्रत्येक व्यक्ति को यह विश्वास होना चाहिए कि हमारे उत्पाद न केवल हमारे गांवों, कस्बों, जिलों और राज्यों में सबसे अच्छे होंगे, बल्कि दुनिया में भी सर्वश्रेष्ठ होंगे।”

प्रधानमंत्री ने नई शिक्षा नीति के खुलेपन का जिक्र किया और कहा कि इसे सार्वभौमिक रूप से स्वीकार किया गया है। जी-20 शिखर सम्मेलन के दौरान प्रदर्शन के लिए रखी गई प्राचीन नालंदा विश्वविद्यालय की तस्वीर का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री ने बताया कि विदेशी गणमान्य व्यक्तियों को यह बात अविश्वसनीय लग रही थी कि इस संस्थान का 1500 साल पहले भारत में संचालन होता था। श्री मोदी ने कहा, "हमें इससे प्रेरणा लेनी चाहिए और वर्तमान में अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए।"

देश के युवाओं की खेल में बढ़ती सफलता का जिक्र करते हुए, प्रधानमंत्री ने टियर 2 और टियर 3 शहरों में खेल संस्कृति के विकास का उल्लेख किया। श्री मोदी ने कहा, "यह राष्ट्र का संकल्प होना चाहिए कि हर खेल पोडियम पर हमारा तिरंगा हो।" उन्होंने आम नागरिकों के जीवन की गुणवत्ता से जुड़ी आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए गुणवत्ता पर अधिक ध्यान देने की बात कही।

प्रधानमंत्री ने युवा जनसांख्यिकी वाला देश होने के महत्व का भी उल्लेख किया। हम एक ऐसा परिदृश्य बनाना चाहते हैं, जहां भारत के युवा हमेशा सबसे आगे रहें। उन्होंने कहा कि भारत वैश्विक स्तर पर कौशल आवश्यकताओं का मानचित्रण करते हुए युवाओं में कौशल विकास पर ध्यान केंद्रित कर रहा है। उन्होंने 150 नर्सिंग कॉलेज खोलने की पहल का उल्लेख किया, जो भारत के युवाओं को स्वास्थ्य पेशेवरों की वैश्विक आवश्यकता को पूरा करने के लिए तैयार करेंगे।

सही समय पर सही निर्णय लेने की आवश्यकता को रेखांकित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा, "निर्णय लेने में देरी नहीं की जानी चाहिए" और यह भी कहा कि जन प्रतिनिधियों को राजनीतिक लाभ या हानि से बंधा हुआ नहीं होना चाहिए। देश के सौर ऊर्जा क्षेत्र के बारे में श्री मोदी ने कहा कि यह अब देश के ऊर्जा संकट से मुक्ति की गारंटी दे रहा है। उन्होंने मिशन हाइड्रोजन, सेमीकंडक्टर मिशन और जल जीवन मिशन का भी जिक्र किया और कहा कि ये बेहतर भविष्य का मार्ग प्रशस्त कर रहे हैं। भारतीय उत्पादों को वैश्विक बाजार तक पहुंचने और प्रतिस्पर्धी बने रहने की आवश्यकता पर जोर देते हुए, प्रधानमंत्री ने लागत कम करने और इसे प्रत्येक नागरिक के लिए सुलभ बनाने के लिए देश के लॉजिस्टिक क्षेत्र को विकसित करने पर जोर दिया। ज्ञान और नवाचार की आवश्यकता पर बल देते हुए, प्रधानमंत्री ने हाल ही में पारित अनुसंधान और नवाचार से संबंधित कानून का उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि चंद्रयान की सफलता से पैदा हुई गति और आकर्षण को बर्बाद नहीं किया जाना चाहिए।

प्रधानमंत्री ने कहा कि "सामाजिक न्याय हमारी प्राथमिक शर्त है।" उन्होंने कहा कि सामाजिक न्याय पर चर्चा बहुत सीमित हो गई है और इस पर व्यापक विचार की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि सामाजिक न्याय के अंतर्गत वंचित वर्गों को परिवहन-संपर्क सुविधा, स्वच्छ जल, बिजली, चिकित्सा उपचार और अन्य मौलिक सुविधाओं के साथ सशक्त बनाना शामिल है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि विकास में असंतुलन सामाजिक न्याय के भी खिलाफ है। उन्होंने देश के पूर्वी हिस्से के पिछड़ेपन का जिक्र किया। श्री मोदी ने कहा, "हमें अपने पूर्वी हिस्से को मजबूत करके वहां सामाजिक न्याय की शक्ति प्रदान करनी है।" उन्होंने आकांक्षी जिला योजना का उल्लेख किया, जिसने संतुलित विकास को बढ़ावा दिया है। इस योजना का 500 ब्लॉकों में विस्तार किया गया है।

प्रधानमंत्री ने कहा, "पूरी दुनिया भारत की ओर देख रही है।" उन्होंने कहा कि शीत युद्ध के दौरान भारत को तटस्थ देश माना जाता था, लेकिन आज भारत को 'विश्व मित्र' के रूप में जाना जाता है, जहां भारत मित्रता के लिए अन्य देशों तक अपनी पहुंच बना रहा है, जबकि वे भारत में एक दोस्त की उम्मीद कर रहे हैं। उन्होंने उल्लेख किया कि भारत को इस विदेश नीति का लाभ मिल रहा है, क्योंकि देश दुनिया के लिए एक स्थिर आपूर्ति श्रृंखला के रूप में उभरा है। श्री मोदी ने कहा कि जी20 शिखर सम्मेलन ग्लोबल साउथ की जरूरतों को पूरा करने का एक माध्यम था और विश्वास व्यक्त किया कि आने वाली पीढ़ियाँ इस महत्वपूर्ण उपलब्धि पर अत्यधिक गर्व महसूस करेंगी। श्री मोदी ने कहा, "जी20 शिखर सम्मेलन द्वारा बोया गया बीज दुनिया के लिए विश्वास का एक विशाल वटवृक्ष बन जाएगा।" प्रधानमंत्री ने जैव ईंधन गठबंधन का उल्लेख किया, जिसे जी20 शिखर सम्मेलन में औपचारिक रूप दिया गया है।

प्रधानमंत्री ने उपराष्ट्रपति और अध्यक्ष से अनुरोध किया कि वर्तमान भवन की महिमा और गरिमा को हर कीमत पर संरक्षित किया जाना चाहिए और इसे पुराने संसद भवन का दर्जा देकर कम नहीं किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि इस भवन को 'संविधान सदन' कहा जाएगा। प्रधानमंत्री ने निष्कर्ष के तौर पर कहा, "संविधान सदन के रूप में, पुरानी इमारत हमारा मार्गदर्शन करती रहेगी और हमें उन महान व्यक्तियों के बारे में याद दिलाती रहेगी, जो संविधान सभा का हिस्सा थे।"

पूरा भाषण पढ़ने के लिए यहां क्लिक कीजिए

Explore More
140 करोड़ देशवासियों का भाग्‍य बदलने के लिए हम कोई कोर-कसर नहीं छोड़ेंगे: स्वतंत्रता दिवस पर पीएम मोदी

लोकप्रिय भाषण

140 करोड़ देशवासियों का भाग्‍य बदलने के लिए हम कोई कोर-कसर नहीं छोड़ेंगे: स्वतंत्रता दिवस पर पीएम मोदी
'You Are A Champion Among Leaders': Guyana's President Praises PM Modi

Media Coverage

'You Are A Champion Among Leaders': Guyana's President Praises PM Modi
NM on the go

Nm on the go

Always be the first to hear from the PM. Get the App Now!
...
PM Modi congratulates hockey team for winning Women's Asian Champions Trophy
November 21, 2024

The Prime Minister Shri Narendra Modi today congratulated the Indian Hockey team on winning the Women's Asian Champions Trophy.

Shri Modi said that their win will motivate upcoming athletes.

The Prime Minister posted on X:

"A phenomenal accomplishment!

Congratulations to our hockey team on winning the Women's Asian Champions Trophy. They played exceptionally well through the tournament. Their success will motivate many upcoming athletes."