आज इस कार्यक्रम में भंडारण-कोल्ड स्टोरेज से जुड़े इंफ्रास्ट्रक्चर और अन्य सुविधाओं का लोकार्पण और शिलान्यास भी हुआ है।
— PMO India (@PMOIndia) December 18, 2020
ये बात सही है कि किसान कितनी भी मेहनत कर ले, लेकिन फल-सब्जियां-अनाज का अगर सही भंडारण न हो, सही तरीके से न हो, तो उसका बहुत बड़ा नुकसान होता है: PM @narendramodi
मैं देश के व्यापारी जगत, उद्योग जगत से आग्रह करूंगा कि भंडारण की आधुनिक व्यवस्थाएं बनाने में, कोल्ड स्टोरेज बनाने में, फूड प्रोसेसिंग के नए उपक्रम लगाने में अपना योगदान, अपना निवेश और बढ़ाएं।
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ये सच्चे अर्थ में किसान की सेवा करना होगा, देश की सेवा करना होगा: PM @narendramodi
भारत की कृषि, भारत का किसान, अब और पिछड़ेपन में नहीं रह सकता: PM @narendramodi
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दुनिया के बड़े-बड़े देशों के किसानों को जो आधुनिक सुविधा उपलब्ध है, वो सुविधा भारत के भी किसानों को मिले, इसमें अब और देर नहीं की जा सकती: PM @narendramodi
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तेजी से बदलते हुए वैश्विक परिदृष्य में भारत का किसान, सुविधाओं के अभाव में, आधुनिक तौर तरीकों के अभाव में असहाय होता जाए, ये स्थिति स्वीकार नहीं की जा सकती।
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पहले ही बहुत देर हो चुकी है।
जो काम 25-30 साल पहले हो जाने चाहिए थे, वो अब हो रहे हैं: PM @narendramodi
पिछले 6 साल में हमारी सरकार ने किसानों की एक-एक जरूरत को ध्यान में रखते हुए काम किया है: PM @narendramodi
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बीते कई दिनों से देश में किसानों के लिए जो नए कानून बने, उनकी बहुत चर्चा है।
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ये कृषि सुधार कानून रातों-रात नहीं आए।
पिछले 20-22 साल से हर सरकार ने इस पर व्यापक चर्चा की है।
कम-अधिक सभी संगठनों ने इन पर विमर्श किया है: PM @narendramodi
देश के किसान, किसानों के संगठन, कृषि एक्सपर्ट, कृषि अर्थशास्त्री, कृषि वैज्ञानिक, हमारे यहां के प्रोग्रेसिव किसान भी लगातार कृषि क्षेत्र में सुधार की मांग करते आए हैं: PM @narendramodi
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सचमुच में तो देश के किसानों को उन लोगों से जवाब मांगना चाहिए जो पहले अपने घोषणापत्रों में इन सुधारों की बात लिखते रहे, किसानों के वोट बटोरते रहे, लेकिन किया कुछ नहीं। सिर्फ इन मांगों को टालते रहे।
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और देश का किसान, इंतजार ही करता रहा: PM @narendramodi
अगर आज देश के सभी राजनीतिक दलों के पुराने घोषणापत्र देखे जाएं, उनके पुराने बयान सुने जाएं, पहले जो देश की कृषि व्यवस्था संभाल रहे थे उनकी चिट्ठियां देखीं जाएं, तो आज जो कृषि सुधार हुए हैं, वो उनसे अलग नहीं हैं: PM @narendramodi
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किसानों की बातें करने वाले लोग कितने निर्दयी हैं इसका बहुत बड़ा सबूत है स्वामीनाथन कमेटी की रिपोर्ट।
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रिपोर्ट आई, लेकिन ये लोग स्वामीनाथन कमेटी की सिफारिशों को आठ साल तक दबाकर बैठे रहे: PM @narendramodi
हर चुनाव से पहले ये लोग कर्जमाफी की बात करते हैं।
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और कर्जमाफी कितनी होती है?
सारे किसान इससे कवर हो जाते है क्या?
जो छोटा किसान बैंक नहीं गया, जिसने कर्ज नहीं लिया, उसके बारे में क्या कभी एक बार भी सोचा है इन लोगों ने: PM @narendramodi
जितने पैसे ये भेजने की बात करते रहे हैं, उतने पैसे किसानों तक कभी पहुंचते ही नहीं हैं।
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किसान सोचता था कि अब तो पूरा कर्ज माफ होगा।
और बदले में उसे मिलता था बैंकों का नोटिस और गिरफ्तारी का वॉरंट।
कर्जमाफी का सबसे बड़ा लाभ किसे मिलता था?
इन लोगों के करीबियों को: PM
हमारी सरकार ने जो पीएम-किसान योजना शुरू की है, उसमें हर साल किसानों को लगभग 75 हजार करोड़ रुपए मिलेंगे।
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यानि 10 साल में लगभग साढ़े 7 लाख करोड़ रुपए।
किसानों के बैंक खातों में सीधे ट्रांसफर।
कोई लीकेज नहीं, किसी को कोई कमीशन नहीं: PM @narendramodi
याद करिए, 7-8 साल पहले यूरिया का क्या हाल था?
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रात-रात भर किसानों को यूरिया के लिए कतारों में खड़े रहना पड़ता था या नहीं?
कई स्थानों पर, यूरिया के लिए किसानों पर लाठीचार्ज की खबरें आती थीं या नहीं?
यूरिया की जमकर कालाबाजारी होती थी या नहीं: PM @narendramodi
आज यूरिया की किल्लत की खबरें नहीं आतीं, यूरिया के लिए किसानों को लाठी नहीं खानी पड़तीं।
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हमने किसानों की इस तकलीफ को दूर करने के लिए पूरी ईमानदारी से काम किया।
हमने कालाबाजारी रोकी, सख्त कदम उठाए, भ्रष्टाचार पर नकेल कसी।
हमने सुनिश्चित किया कि यूरिया किसान के खेत में ही जाए: PM
अगर पुरानी सरकारों को चिंता होती तो देश में 100 के करीब बड़े सिंचाई प्रोजेक्ट दशकों तक नहीं लटकते।
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सोचिए, बांध बनना शुरू हुआ तो पच्चीसों साल तक बन ही रहा है।
इसमें भी समय और पैसे, दोनों की जमकर बर्बादी की गई: PM @narendramodi
अब हमारी सरकार हजारों करोड़ रुपए खर्च करके इन सिंचाई परियोजनाओं को मिशन मोड में पूरा करने में जुटी है।
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हम हर खेत तक पानी पहुंचाने के लिए काम कर रहे हैं: PM @narendramodi
हमारी सरकार अनाज पैदा करने वाले किसानों के साथ ही मधुमक्खी पालन, पशुपालन और मछली पालन को भी उतना ही बढ़ावा दे रही है: PM @narendramodi
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मछली पालन को बढ़ावा देने के लिए हमारी सरकार ब्लू रिवॉल्यूशन स्कीम चला रही है।
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कुछ समय पहले ही 20 हजार करोड़ रुपए की प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना भी शुरू की गई है।
इन्हीं प्रयासों का ही नतीजा है कि देश में मछली उत्पादन के पिछले सारे रिकॉर्ड टूट गए हैं: PM @narendramodi
मैं विश्वास से कहता हूं कि हमने हाल में जो कृषि सुधार किए हैं, उसमें अविश्वास का कारण ही नहीं है, झूठ के लिए कोई जगह ही नहीं है: PM @narendramodi
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अगर हमें MSP हटानी ही होती तो स्वामीनाथन कमेटी की रिपोर्ट लागू ही क्यों करते?
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दूसरा ये कि हमारी सरकार MSP को लेकर इतनी गंभीर है कि हर बार, बुवाई से पहले MSP की घोषणा करती है।
इससे किसान को भी आसानी होती है, उन्हें भी पहले पता चल जाता है कि इस फसल पर इतनी MSP मिलने वाली है: PM
6 महीने से ज्यादा का समय हो गया है, जब ये कानून लागू किए गए थे।
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कानून बनने के बाद भी वैसे ही MSP की घोषणा की गई, जैसे पहले की जाती थी।
कोरोना महामारी से लड़ाई के दौरान भी ये काम पहले की तरह किया गया।
MSP पर खरीद भी उन्हीं मंडियों में हुई, जिन में पहले होती थी: PM @narendramodi
मैं देश के प्रत्येक किसान को ये विश्वास दिलाता हूं कि पहले जैसे MSP दी जाती थी, वैसे ही दी जाती रहेगी, MSP न बंद होगी, न समाप्त होगी: PM @narendramodi
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पिछली सरकार के समय गेहूं पर MSP थी 1400 रुपए प्रति क्विंटल।
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हमारी सरकार प्रति क्विंटल गेहूं पर 1975 रुपए MSP दे रही है: PM @narendramodi
पिछली सरकार के समय धान पर MSP थी 1310 रुपए प्रति क्विंटल।
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हमारी सरकार प्रति क्विंटल धान पर करीब 1870 रुपए MSP दे रही है: PM @narendramodi
पिछली सरकार में ज्वार पर MSP थी 1520 रुपए प्रति क्विंटल।
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हमारी सरकार ज्वार पर प्रति क्विंटल 2640 रुपए MSP दे रही है: PM @narendramodi
पिछली सरकार के समय मसूर की दाल पर MSP थी 2950 रुपए।
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हमारी सरकार प्रति क्विंटल मसूर दाल पर 5100 रुपए MSP दे रही है: PM @narendramodi
पिछली सरकार के समय चने पर MSP थी 3100 रुपए।
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हमारी सरकार अब चने पर प्रति क्विंटल 5100 रुपए MSP दे रही है: PM @narendramodi
पिछली सरकार के समय तूर दाल पर MSP थी 4300 रुपए प्रति क्विंटल।
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हमारी सरकार तूर दाल पर प्रति क्विंटल 6000 रुपए MSP दे रही है: PM @narendramodi
पिछली सरकार के समय मूंग दाल पर MSP थी 4500 रुपए प्रति क्विंटल।
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हमारी सरकार मूंग दाल पर करीब 7200 रुपए MSP दे रही है: PM @narendramodi
ये इस बात का सबूत है कि हमारी सरकार MSP समय-समय पर बढ़ाने को कितनी तवज्जो देती है, कितनी गंभीरता से लेती है।
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MSP बढ़ाने के साथ ही सरकार का जोर इस बात पर भी रहा है कि ज्यादा से ज्यादा अनाज की खरीदारी MSP पर की जाए: PM @narendramodi
पिछली सरकार ने अपने पांच साल में किसानों से लगभग 1700 लाख मिट्रिक टन धान खरीदा था।
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हमारी सरकार ने अपने पांच साल में 3000 लाख मिट्रिक टन धान किसानों से MSP पर खरीदा है: PM @narendramodi
पिछली सरकार ने अपने पांच साल में करीब पौने चार लाख मिट्रिक टन तिलहन खरीदा था।
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हमारी सरकार ने अपने पांच साल में 56 लाख मिट्रिक टन से ज्यादा MSP पर खरीदा है।
कहां पौने चार लाख और कहां 56 लाख : PM @narendramodi
यानि हमारी सरकार ने न सिर्फ MSP में वृद्धि की, बल्कि ज्यादा मात्रा में किसानों से उनकी अपज को MSP पर खरीदा है।
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इसका सबसे बड़ा लाभ ये हुआ है कि किसानों के खाते में पहले के मुकाबले कहीं ज्यादा पैसा पहुंचा है: PM @narendramodi
पिछली सरकार के पांच साल में किसानों को धान और गेहूं की MSP पर खरीद के बदले 3 लाख 74 हजार करोड़ रुपए ही मिले थे।
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हमारी सरकार ने इतने ही साल में गेहूं और धान की खरीद करके किसानों को 8 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा दिए हैं: PM @narendramodi
राजनीति के लिए किसानों का उपयोग करने वाले लोगों ने किसान के साथ क्या बर्ताव किया, इसका एक और उदाहरण है, दलहन की खेती: PM @narendramodi
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2014 के समय को याद कीजिए, किस प्रकार देश में दालों का संकट था।
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देश में मचे हाहाकार के बीच दाल विदेशों से मंगाई जाती थी: PM @narendramodi
2014 से पहले के 5 साल में उन्होंने सिर्फ डेढ़ लाख मीट्रिक टन दाल ही किसानों से खरीदी।
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जब साल 2014 में हमारी सरकार आई तो हमने नीति भी बदली और बड़े निर्णय भी लिए।
हमारी सरकार ने किसानों से पहले की तुलना में 112 लाख मीट्रिक टन दाल MSP पर खरीदी: PM @narendramodi
आज दाल के किसान को भी ज्यादा पैसा मिल रहा है, दाल की कीमतें भी कम हुई हैं, जिससे गरीब को सीधा फायदा हुआ है।
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जो लोग किसानों को न MSP दे सके, न MSP पर ढंग से खरीद सके, वो MSP पर किसानों को गुमराह कर रहे हैं: PM @narendramodi
कृषि सुधारों से जुड़ा एक और झूठ फैलाया जा रहा है APMC यानि हमारी मंडियों को लेकर।
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हमने कानून में क्या किया है?
हमने कानून में किसानों को आजादी दी है, नया विकल्प दिया है: PM @narendramodi
नए कानून में हमने सिर्फ इतना कहा है कि किसान चाहे मंडी में बेचे या फिर बाहर, ये उसकी मर्जी होगी।
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अब जहां किसान को लाभ मिलेगा, वहां वो अपनी उपज बेचेगा: PM @narendramodi
नए कानून के बाद एक भी मंडी बंद नहीं हुई है।
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फिर क्यों ये झूठ फैलाया जा रहा है?
सच्चाई तो ये है कि हमारी सरकार APMC को आधुनिक बनाने पर, उनके कंप्यूटरीकरण पर 500 करोड़ रुपए से ज्यादा खर्च कर रही है।
फिर ये APMC बंद किए जाने की बात कहां से आ गई: PM @narendramodi
अभी किसी ने मुझे एक अखबार की रिपोर्ट भेजी 8 मार्च 2019 की।
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इसमें पंजाब की कांग्रेस सरकार, किसानों और एक मल्टीनेशनल कंपनी के बीच 800 करोड़ रुपए के फार्मिंग एग्रीमेंट का जश्न मना रही है।
पंजाब के किसान की खेती में ज्यादा निवेश हो, ये हमारी सरकार के लिए खुशी की ही बात है: PM
फार्मिंग एग्रीमेंट में सिर्फ फसलों या उपज का समझौता होता है।
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जमीन किसान के ही पास रहती है, एग्रीमेंट और जमीन का कोई लेना-देना ही नहीं है: PM @narendramodi
प्राकृतिक आपदा आ जाए, तो भी किसान को पूरे पैसे मिलते हैं।
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नए कानूनों के अनुसार, अगर अचानक मुनाफा बढ़ जाता है, तो उस बढ़े हुए मुनाफे में भी किसान की हिस्सेदारी सुनिश्चित की गई है: PM @narendramodi
मेरी इस बातों के बाद भी, सरकार के इन प्रयासों के बाद भी, अगर किसी को कोई आशंका है तो हम सिर झुकाकर, हाथ जोड़कर, बहुत ही विनम्रता के साथ, देश के किसान के हित में, उनकी चिंता का निराकरण करने के लिए, हर मुददे पर बात करने के लिए तैयार हैं: PM @narendramodi
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अभी 25 दिसंबर को, श्रद्धेय अटल जी की जन्मजयंती पर एक बार फिर मैं इस विषय पर और विस्तार से बात करूंगा।
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उस दिन पीएम किसान सम्मान निधि की एक और किस्त करोड़ों किसानों के बैंक खातों में एक साथ ट्रांसफर की जाएगी: PM @narendramodi