‘‘जीत तब सुनिश्चित होती है जब उसमें सीखना शामिल हो’’
“जब देश की सुरक्षा की बात होती है तो राजस्थान के युवा सदैव अग्रणी रहते हैं”
“जयपुर महाखेल का सफल आयोजन भारत के प्रयासों की अगली महत्वपूर्ण कड़ी है”
“देश नई परिभाषा गढ़ रहा है और अमृतकाल में एक नई व्यवस्था का निर्माण कर रहा है”
“2014 के बाद से देश के खेल बजट में लगभग तीन गुना वृद्धि हुई है”
“देश में खेल विश्वविद्यालय बन रहे हैं और खेल महाकुंभ जैसी बड़ी प्रतिस्‍पर्धाओं को पेशेवर तरीके से आयोजित किया जा रहा है”
“धन के अभाव में कोई भी युवा पीछे न छूटे, इस महत्‍वपूर्ण पहलू पर हमारी सरकार का पूरी तरह से ध्यान है”
‘अगर आप फिट रहेंगे, तभी आप सुपरहिट होंगे’
“राजस्थान के श्री अन्न-बाजरा और श्री अन्न-ज्वार इस स्‍थल की पहचान हैं”
“आज का युवा अपनी बहु-प्रतिभाशाली और बहु-आयामी क्षमताओं के कारण सिर्फ एक क्षेत्र तक सीमित नहीं रहना चाहता”
“खेल सिर्फ एक शैली नहीं, बल्कि एक उद्योग है”
“जब प्रयास पूर्ण मनोयोग से किया जाता है, तो परिणाम सुनिश्चित होते हैं”
“देश के लिए अगले स्वर्ण और रजत पदक विजेता आपके बीच से ही निकलेंगे”

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आज वीडियो कॉन्‍फ्रेंसिंग के माध्यम से जयपुर महाखेल को संबोधित किया। इस मौके पर उन्होंने कबड्डी मैच भी देखा। जयपुर ग्रामीण से लोकसभा सांसद श्री राज्यवर्धन सिंह राठौड़ 2017 से जयपुर महाखेल का आयोजन कर रहे हैं।

इस अवसर पर एक जनसभा को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने इस व्‍यापक प्रतिस्‍पर्धा में पदक विजेता खिलाड़ियों, प्रशिक्षकों और उनके परिवारों को बधाई दी। उन्होंने कहा कि यह खिलाड़ी खेल के मैदान में केवल भाग लेने के लिए नहीं बल्कि जीतने और सीखने के लिए आए हैं। प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘जीत तभी सुनिश्चित होती है, जब उसमें सीखने की लगन शामिल होती है।’’ उन्होंने कहा कि कोई भी खिलाड़ी खेल के मैदान से खाली हाथ नहीं जाता।

इस प्रतिस्‍पर्धा में खेल के क्षेत्र में भारत का नाम नई ऊंचाइयों पर ले जाने वाले कई नामचीन चेहरों की उपस्थिति को देखते हुए प्रधानमंत्री ने एशियाई खेलों के पदक विजेता राम सिंह, ध्यानचंद खेल रत्न पुरस्कार विजेता पैरा-एथलीट देवेंद्र झाझरिया, अर्जुन पुरस्कार विजेता साक्षी कुमारी और अन्य वरिष्ठ एथलीटों का भी उल्‍लेख किया। प्रधानमंत्री ने प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि भारत के ये प्रसिद्ध खिलाड़ी जयपुर महाखेल में युवा एथलीटों का समर्थन करने के लिए आगे आए हैं

प्रधानमंत्री ने रेखांकित किया कि पूरे देश में खेल प्रतिस्‍पर्धाओं और खेल महाकुंभों की श्रृंखला आयोजित की जा रही है और यह पहल व्‍यापक स्‍तर पर हो रहे परिवर्तनों को प्रतिबिंबि‍त करती है। प्रधानमंत्री ने उल्लेख किया कि राजस्थान की भूमि युवाओं के जोश और उत्‍साह के लिए जानी जाती है। उन्‍होंने कहा कि इतिहास इस बात का प्रमाण है कि इस भूमि के बच्चों ने अपने पराक्रम से युद्ध के मैदान को खेल के मैदान में बदल दिया है। जब देश की सुरक्षा की बात आती है तो राजस्थान के युवा हमेशा दूसरों से आगे रहते हैं। प्रधानमंत्री ने क्षेत्र के युवाओं की मानसिक और शारीरिक क्षमताओं को आकार देने के लिए राजस्थान की खेल परंपराओं को इसका श्रेय दिया। उन्होंने दादा, सितोलिया और रुमाल झपट्टा जैसे पारंपरिक खेलों का उदाहरण दिया जो मकर संक्रांति के दौरान आयोजित किए जाते हैं और सैकड़ों वर्षों से राजस्थान की परंपराओं का हिस्सा रहे हैं।

प्रधानमंत्री ने राजस्थान के कई एथलीटों, जिन्होंने अपने खेल योगदान के साथ तिरंगे को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया है, का उल्‍लेख करते हुए कहा कि जयपुर के लोगों ने एक ओलंपिक पदक विजेता को अपने सांसद के रूप में चुना है। उन्होंने सांसद श्री राज्यवर्धन सिंह राठौर के योगदान का उल्‍लेख करते हुए प्रसन्नता व्यक्त की कि वह सांसद खेल प्रतिस्‍पर्धाओं के रूप में योगदान देकर युवा पीढ़ी को खेल के मैदान में वापस ला रहे हैं। प्रधानमंत्री ने अधिक व्यापक परिणामों के लिए ऐसे प्रयासों के विस्तार पर जोर देने के साथ-साथ जयपुर महाखेल के सफल आयोजन को इन प्रयासों की अगली महत्वपूर्ण कड़ी के रूप में चिन्हित किया। जयपुर महाखेल की सफलता का उल्‍लेख करते हुए, प्रधानमंत्री ने कहा कि प्रतिस्‍पर्धा के इस वर्ष के संस्करण में 600 से अधिक टीमों और 6,500 युवाओं ने भाग लिया है। उन्होंने 125 से अधिक लड़कियों की टीमों की भागीदारी का भी उल्लेख किया जो एक सुखद संदेश देती है।

प्रधानमंत्री ने कहा, "आजादी के अमृतकाल में देश नई परिभाषा गढ़ रहा है, नई व्यवस्था बना रहा है।" उन्होंने कहा कि खेलों को आखिरकार राजनीतिक के बजाय एथलीट के नजरिए से देखा जा रहा है। उन्होंने कहा कि युवाओं के लिए कुछ भी असंभव नहीं है और उनकी क्षमताओं, स्वाभिमान, स्वावलंबन, सुविधाओं तथा संसाधनों की ताकत का एहसास होने पर हर लक्ष्य आसान हो जाता है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि इस तरह के दृष्टिकोण की झलक इस साल के बजट में भी देखी जा सकती है। उन्होंने बताया कि खेल मंत्रालय को 2014 से पहले के 800-850 करोड़ रुपये की तुलना में इस साल 2500 करोड़ रुपये का बजट आवंटित किया गया है। उन्होंने कहा, "देश का खेल बजट 2014 से लगभग तीन गुना बढ़ गया है।" उन्होंने यह भी कहा कि अकेले 'खेलो इंडिया' अभियान के लिए 1000 करोड़ रुपये से अधिक आवंटित किए गए हैं जो देश में खेल सुविधाओं और संसाधनों के विकास पर खर्च किए जाएंगे।

प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत के युवाओं में खेलों के लिए जुनून और प्रतिभा की कमी नहीं थी, लेकिन संसाधनों की अनुपलब्धता और सरकार से समर्थन की कमी के कारण बाधाएं उपस्थित हुई थी। उन्होंने जोर देकर कहा कि एथलीटों के सामने आने वाली इन समस्याओं का आज समाधान किया जा रहा है। प्रधानमंत्री ने पिछले 5-6 वर्षों से आयोजित होने वाले जयपुर महाखेल का उदाहरण देते हुए कहा कि देश के कोने-कोने में खेल महाकुंभ का आयोजन भाजपा के सांसदों द्वारा किया जा रहा है, जहां हजारों युवाओं की प्रतिभा उभर कर सामने आ रही है।

प्रधानमंत्री ने इन सफलताओं के लिए केंद्र सरकार को श्रेय दिया, क्योंकि जिला और स्थानीय स्तर पर खेल सुविधाएं विकसित की जा रही हैं। देश के सैकड़ों जिलों में लाखों युवाओं के लिए खेल से संबंधित सुविधाओं के विकास के बारे में जानकारी देते हुए प्रधानमंत्री ने राजस्थान राज्य पर प्रकाश डाला, जहां कई शहरों में खेल से संबंधित सुविधाएं विकसित की जा रही हैं। प्रधानमंत्री ने कहा, "आज देश में खेल विश्वविद्यालय स्थापित हो रहे हैं और खेल महाकुंभ जैसे बड़े कार्यक्रम भी पेशेवर तरीके से आयोजित किए जा रहे हैं।" प्रधानमंत्री ने लोगों का ध्यान आकर्षित करते हुए कहा कि राष्ट्रीय खेल विश्वविद्यालय के लिए इस वर्ष के बजट में अधिकतम धनराशि आवंटित की गई है। उन्होंने खेल प्रबंधन और खेल प्रौद्योगिकी से संबंधित प्रत्येक विषय को सीखने के लिए एक ऐसा वातावरण बनाने की आवश्यकता पर बल दिया, जिससे युवाओं को इन क्षेत्रों में अपना करियर बनाने का अवसर मिले।

प्रधानमंत्री ने जोर देकर कहा, "हमारी सरकार इस बात पर ध्यान दे रही है कि पैसे की कमी के कारण कोई भी युवा पीछे न छूटे।" उन्होंने बताया कि केंद्र सरकार अब सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले खिलाड़ियों को सालाना 5 लाख रुपये तक का समर्थन कर रही है। उन्होंने यह भी कहा कि प्रमुख खेल पुरस्कारों में दी जाने वाली राशि को भी बढ़ाकर तीन गुना कर दिया गया है। टॉप्स जैसी योजनाओं का उदाहरण देते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि ओलंपिक जैसी बड़ी वैश्विक प्रतियोगिताओं में भी सरकार अपने खिलाड़ियों के साथ पूरी ताकत के साथ खड़ी है।

न केवल खेल के क्षेत्र में बल्कि दैनिक जीवन में भी फिटनेस बनाए रखने की आवश्यकता पर जोर देते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि यह किसी भी खिलाड़ी के लिए सबसे महत्वपूर्ण चीज है। उन्होंने खेलो इंडिया और फिट इंडिया जैसे अभियानों के बारे में चर्चा करते हुए, फिटनेस में आहार और पोषण की भूमिका पर प्रकाश डालते हुए कहा, ''आप फिट होंगे, तभी आप सुपरहिट होंगे।'' प्रधानमंत्री ने संयुक्त राष्ट्र द्वारा वर्ष 2023 को अंतर्राष्ट्रीय पोषक अनाज वर्ष के रूप में मनाने की जानकारी दी और कहा कि राजस्थान बाजरा, श्री अन्न की एक बहुत समृद्ध परंपरा का स्थान है। प्रधानमंत्री ने कहा, "राजस्थान के श्री अन्न-बाजरा और श्री अन्न-ज्वार, इस जगह की पहचान हैं।" प्रधानमंत्री ने यहां बने बाजरे के दलिया और चूरमा को याद करते हुए यह बात कही। उन्होंने सभी युवाओं से श्री अन्न को न केवल अपने आहार में में शामिल करने, बल्कि उसका ब्रांड एंबेसडर बनने की भी अपील की।

प्रधानमंत्री ने इस बात पर प्रकाश डाला कि देश युवाओं के सर्वांगीण विकास के लिए काम कर रहा है। श्री मोदी ने यह भी कहा कि आज के युवा अपनी बहु-प्रतिभाशाली और बहुआयामी क्षमताओं के कारण सिर्फ एक क्षेत्र तक सीमित नहीं रहना चाहते हैं। प्रधानमंत्री ने बताया कि एक ओर जहां आधुनिक खेल से संबंधित सुविधाएं विकसित की जा रही है, वहीं इस बजट में बच्चों और युवाओं के लिए एक राष्ट्रीय डिजिटल पुस्तकालय का भी प्रस्ताव किया गया है, जहां शहर से गांव तक हर स्तर पर विज्ञान, संस्कृत और इतिहास जैसे हर विषय की किताबें उपलब्ध होंगी।

प्रधानमंत्री ने कहा, "खेल केवल एक शैली नहीं है, बल्कि एक उद्योग है, क्योंकि खेल से संबंधित चीजें और संसाधन बना रहे एमएसएमई के माध्यम से बड़ी संख्या में लोगों को रोजगार मिल रहा है।“ उन्होंने खेल क्षेत्र से जुड़े एमएसएमई को मजबूत करने के लिए बजट में की गई कई महत्वपूर्ण घोषणाओं की जानकारी दी। उन्होंने पीएम विश्वकर्मा कौशल सम्मान यानि पीएम विकास योजना का उदाहरण दिया और कहा कि यह योजना शारीरिक कौशल और हाथ के औजारों से काम करने वाले लोगों के लिए बहुत मददगार साबित होगी। उन्होंने बताया कि पीएम विश्वकर्मा योजना द्वारा दी जाने वाली वित्तीय सहायता से हमारे युवाओं के लिए रोजगार के नए अवसर सृजित होंगे और उनके लिए नए बाजार भी तैयार होंगे।

संबोधन का समापन करते हुए, प्रधानमंत्री ने कहा, "जब पूरे मन से प्रयास किए जाते हैं, तो परिणाम सुनिश्चित होते हैं।" उन्होंने टोक्यो ओलंपिक और राष्ट्रमंडल खेलों के दौरान देश के प्रयासों पर प्रकाश डाला और कहा कि परिणाम सबके सामने हैं। उन्होंने कहा कि जयपुर महाखेल के दौरान किए गए प्रयासों के भविष्य में शानदार परिणाम मिलेंगे। प्रधानमंत्री ने निष्कर्ष के तौर पर कहा, “देश के लिए अगला स्वर्ण और रजत पदक विजेता आपके बीच से निकलेगा। अगर आप निश्चित कर लेंगे, तो ओलिंपिक में भी तिरंगे की शान बढ़ा पायेंगे। आप जहां भी जाएंगे देश का नाम रोशन करेंगे। मुझे विश्वास है, हमारे युवा देश की सफलता को बहुत आगे ले जाएंगे।“

इस अवसर पर जयपुर ग्रामीण से लोकसभा सदस्य श्री राज्यवर्धन सिंह राठौर और अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।

पृष्ठभूमि

इस वर्ष कबड्डी प्रतियोगिता पर विशेष ध्यान देते हुए, यह महाखेल आयोजन राष्ट्रीय युवा दिवस यानि 12 जनवरी 2023 को शुरू हुआ। इस महाखेल में जयपुर ग्रामीण लोकसभा क्षेत्र के 450 से अधिक ग्राम पंचायतों, नगर पालिकाओं तथा सभी 8 विधानसभा क्षेत्रों के वार्डों के 6400 से अधिक युवाओं और खिलाड़ियों की भागीदारी हुई है। यह आयोजन जयपुर के युवाओं को अपनी खेल प्रतिभा दिखाने का अवसर प्रदान करता है और उन्हें खेल को करियर विकल्प के रूप में अपनाने के लिए प्रेरित भी करता है।

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November 23, 2024
आज महाराष्ट्र ने विकास, सुशासन और सच्चे सामाजिक न्याय की जीत देखी है: पीएम मोदी
महाराष्ट्र की जनता ने भाजपा को कांग्रेस और उसके सहयोगियों की कुल सीटों से कहीं ज़्यादा सीटें दी हैं: पीएम मोदी
महाराष्ट्र ने सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं। यह पिछले 50 सालों में किसी भी पार्टी या चुनाव-पूर्व गठबंधन की सबसे बड़ी जीत है: पीएम मोदी
‘एक हैं तो सेफ हैं’ देश का ‘महामंत्र’ बन गया है: पार्टी मुख्यालय में भाजपा कार्यकर्ताओं से पीएम मोदी
महाराष्ट्र देश का छठा राज्य बन गया है जिसने लगातार तीसरी बार भाजपा को जनादेश दिया है: पीएम मोदी

जो लोग महाराष्ट्र से परिचित होंगे, उन्हें पता होगा, तो वहां पर जब जय भवानी कहते हैं तो जय शिवाजी का बुलंद नारा लगता है।

जय भवानी...जय भवानी...जय भवानी...जय भवानी...

आज हम यहां पर एक और ऐतिहासिक महाविजय का उत्सव मनाने के लिए इकट्ठा हुए हैं। आज महाराष्ट्र में विकासवाद की जीत हुई है। महाराष्ट्र में सुशासन की जीत हुई है। महाराष्ट्र में सच्चे सामाजिक न्याय की विजय हुई है। और साथियों, आज महाराष्ट्र में झूठ, छल, फरेब बुरी तरह हारा है, विभाजनकारी ताकतें हारी हैं। आज नेगेटिव पॉलिटिक्स की हार हुई है। आज परिवारवाद की हार हुई है। आज महाराष्ट्र ने विकसित भारत के संकल्प को और मज़बूत किया है। मैं देशभर के भाजपा के, NDA के सभी कार्यकर्ताओं को बहुत-बहुत बधाई देता हूं, उन सबका अभिनंदन करता हूं। मैं श्री एकनाथ शिंदे जी, मेरे परम मित्र देवेंद्र फडणवीस जी, भाई अजित पवार जी, उन सबकी की भी भूरि-भूरि प्रशंसा करता हूं।

साथियों,

आज देश के अनेक राज्यों में उपचुनाव के भी नतीजे आए हैं। नड्डा जी ने विस्तार से बताया है, इसलिए मैं विस्तार में नहीं जा रहा हूं। लोकसभा की भी हमारी एक सीट और बढ़ गई है। यूपी, उत्तराखंड और राजस्थान ने भाजपा को जमकर समर्थन दिया है। असम के लोगों ने भाजपा पर फिर एक बार भरोसा जताया है। मध्य प्रदेश में भी हमें सफलता मिली है। बिहार में भी एनडीए का समर्थन बढ़ा है। ये दिखाता है कि देश अब सिर्फ और सिर्फ विकास चाहता है। मैं महाराष्ट्र के मतदाताओं का, हमारे युवाओं का, विशेषकर माताओं-बहनों का, किसान भाई-बहनों का, देश की जनता का आदरपूर्वक नमन करता हूं।

साथियों,

मैं झारखंड की जनता को भी नमन करता हूं। झारखंड के तेज विकास के लिए हम अब और ज्यादा मेहनत से काम करेंगे। और इसमें भाजपा का एक-एक कार्यकर्ता अपना हर प्रयास करेगा।

साथियों,

छत्रपति शिवाजी महाराजांच्या // महाराष्ट्राने // आज दाखवून दिले// तुष्टीकरणाचा सामना // कसा करायच। छत्रपति शिवाजी महाराज, शाहुजी महाराज, महात्मा फुले-सावित्रीबाई फुले, बाबासाहेब आंबेडकर, वीर सावरकर, बाला साहेब ठाकरे, ऐसे महान व्यक्तित्वों की धरती ने इस बार पुराने सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए। और साथियों, बीते 50 साल में किसी भी पार्टी या किसी प्री-पोल अलायंस के लिए ये सबसे बड़ी जीत है। और एक महत्वपूर्ण बात मैं बताता हूं। ये लगातार तीसरी बार है, जब भाजपा के नेतृत्व में किसी गठबंधन को लगातार महाराष्ट्र ने आशीर्वाद दिए हैं, विजयी बनाया है। और ये लगातार तीसरी बार है, जब भाजपा महाराष्ट्र में सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है।

साथियों,

ये निश्चित रूप से ऐतिहासिक है। ये भाजपा के गवर्नंस मॉडल पर मुहर है। अकेले भाजपा को ही, कांग्रेस और उसके सभी सहयोगियों से कहीं अधिक सीटें महाराष्ट्र के लोगों ने दी हैं। ये दिखाता है कि जब सुशासन की बात आती है, तो देश सिर्फ और सिर्फ भाजपा पर और NDA पर ही भरोसा करता है। साथियों, एक और बात है जो आपको और खुश कर देगी। महाराष्ट्र देश का छठा राज्य है, जिसने भाजपा को लगातार 3 बार जनादेश दिया है। इससे पहले गोवा, गुजरात, छत्तीसगढ़, हरियाणा, और मध्य प्रदेश में हम लगातार तीन बार जीत चुके हैं। बिहार में भी NDA को 3 बार से ज्यादा बार लगातार जनादेश मिला है। और 60 साल के बाद आपने मुझे तीसरी बार मौका दिया, ये तो है ही। ये जनता का हमारे सुशासन के मॉडल पर विश्वास है औऱ इस विश्वास को बनाए रखने में हम कोई कोर कसर बाकी नहीं रखेंगे।

साथियों,

मैं आज महाराष्ट्र की जनता-जनार्दन का विशेष अभिनंदन करना चाहता हूं। लगातार तीसरी बार स्थिरता को चुनना ये महाराष्ट्र के लोगों की सूझबूझ को दिखाता है। हां, बीच में जैसा अभी नड्डा जी ने विस्तार से कहा था, कुछ लोगों ने धोखा करके अस्थिरता पैदा करने की कोशिश की, लेकिन महाराष्ट्र ने उनको नकार दिया है। और उस पाप की सजा मौका मिलते ही दे दी है। महाराष्ट्र इस देश के लिए एक तरह से बहुत महत्वपूर्ण ग्रोथ इंजन है, इसलिए महाराष्ट्र के लोगों ने जो जनादेश दिया है, वो विकसित भारत के लिए बहुत बड़ा आधार बनेगा, वो विकसित भारत के संकल्प की सिद्धि का आधार बनेगा।



साथियों,

हरियाणा के बाद महाराष्ट्र के चुनाव का भी सबसे बड़ा संदेश है- एकजुटता। एक हैं, तो सेफ हैं- ये आज देश का महामंत्र बन चुका है। कांग्रेस और उसके ecosystem ने सोचा था कि संविधान के नाम पर झूठ बोलकर, आरक्षण के नाम पर झूठ बोलकर, SC/ST/OBC को छोटे-छोटे समूहों में बांट देंगे। वो सोच रहे थे बिखर जाएंगे। कांग्रेस और उसके साथियों की इस साजिश को महाराष्ट्र ने सिरे से खारिज कर दिया है। महाराष्ट्र ने डंके की चोट पर कहा है- एक हैं, तो सेफ हैं। एक हैं तो सेफ हैं के भाव ने जाति, धर्म, भाषा और क्षेत्र के नाम पर लड़ाने वालों को सबक सिखाया है, सजा की है। आदिवासी भाई-बहनों ने भी भाजपा-NDA को वोट दिया, ओबीसी भाई-बहनों ने भी भाजपा-NDA को वोट दिया, मेरे दलित भाई-बहनों ने भी भाजपा-NDA को वोट दिया, समाज के हर वर्ग ने भाजपा-NDA को वोट दिया। ये कांग्रेस और इंडी-गठबंधन के उस पूरे इकोसिस्टम की सोच पर करारा प्रहार है, जो समाज को बांटने का एजेंडा चला रहे थे।

साथियों,

महाराष्ट्र ने NDA को इसलिए भी प्रचंड जनादेश दिया है, क्योंकि हम विकास और विरासत, दोनों को साथ लेकर चलते हैं। महाराष्ट्र की धरती पर इतनी विभूतियां जन्मी हैं। बीजेपी और मेरे लिए छत्रपति शिवाजी महाराज आराध्य पुरुष हैं। धर्मवीर छत्रपति संभाजी महाराज हमारी प्रेरणा हैं। हमने हमेशा बाबा साहब आंबेडकर, महात्मा फुले-सावित्री बाई फुले, इनके सामाजिक न्याय के विचार को माना है। यही हमारे आचार में है, यही हमारे व्यवहार में है।

साथियों,

लोगों ने मराठी भाषा के प्रति भी हमारा प्रेम देखा है। कांग्रेस को वर्षों तक मराठी भाषा की सेवा का मौका मिला, लेकिन इन लोगों ने इसके लिए कुछ नहीं किया। हमारी सरकार ने मराठी को Classical Language का दर्जा दिया। मातृ भाषा का सम्मान, संस्कृतियों का सम्मान और इतिहास का सम्मान हमारे संस्कार में है, हमारे स्वभाव में है। और मैं तो हमेशा कहता हूं, मातृभाषा का सम्मान मतलब अपनी मां का सम्मान। और इसीलिए मैंने विकसित भारत के निर्माण के लिए लालकिले की प्राचीर से पंच प्राणों की बात की। हमने इसमें विरासत पर गर्व को भी शामिल किया। जब भारत विकास भी और विरासत भी का संकल्प लेता है, तो पूरी दुनिया इसे देखती है। आज विश्व हमारी संस्कृति का सम्मान करता है, क्योंकि हम इसका सम्मान करते हैं। अब अगले पांच साल में महाराष्ट्र विकास भी विरासत भी के इसी मंत्र के साथ तेज गति से आगे बढ़ेगा।

साथियों,

इंडी वाले देश के बदले मिजाज को नहीं समझ पा रहे हैं। ये लोग सच्चाई को स्वीकार करना ही नहीं चाहते। ये लोग आज भी भारत के सामान्य वोटर के विवेक को कम करके आंकते हैं। देश का वोटर, देश का मतदाता अस्थिरता नहीं चाहता। देश का वोटर, नेशन फर्स्ट की भावना के साथ है। जो कुर्सी फर्स्ट का सपना देखते हैं, उन्हें देश का वोटर पसंद नहीं करता।

साथियों,

देश के हर राज्य का वोटर, दूसरे राज्यों की सरकारों का भी आकलन करता है। वो देखता है कि जो एक राज्य में बड़े-बड़े Promise करते हैं, उनकी Performance दूसरे राज्य में कैसी है। महाराष्ट्र की जनता ने भी देखा कि कर्नाटक, तेलंगाना और हिमाचल में कांग्रेस सरकारें कैसे जनता से विश्वासघात कर रही हैं। ये आपको पंजाब में भी देखने को मिलेगा। जो वादे महाराष्ट्र में किए गए, उनका हाल दूसरे राज्यों में क्या है? इसलिए कांग्रेस के पाखंड को जनता ने खारिज कर दिया है। कांग्रेस ने जनता को गुमराह करने के लिए दूसरे राज्यों के अपने मुख्यमंत्री तक मैदान में उतारे। तब भी इनकी चाल सफल नहीं हो पाई। इनके ना तो झूठे वादे चले और ना ही खतरनाक एजेंडा चला।

साथियों,

आज महाराष्ट्र के जनादेश का एक और संदेश है, पूरे देश में सिर्फ और सिर्फ एक ही संविधान चलेगा। वो संविधान है, बाबासाहेब आंबेडकर का संविधान, भारत का संविधान। जो भी सामने या पर्दे के पीछे, देश में दो संविधान की बात करेगा, उसको देश पूरी तरह से नकार देगा। कांग्रेस और उसके साथियों ने जम्मू-कश्मीर में फिर से आर्टिकल-370 की दीवार बनाने का प्रयास किया। वो संविधान का भी अपमान है। महाराष्ट्र ने उनको साफ-साफ बता दिया कि ये नहीं चलेगा। अब दुनिया की कोई भी ताकत, और मैं कांग्रेस वालों को कहता हूं, कान खोलकर सुन लो, उनके साथियों को भी कहता हूं, अब दुनिया की कोई भी ताकत 370 को वापस नहीं ला सकती।



साथियों,

महाराष्ट्र के इस चुनाव ने इंडी वालों का, ये अघाड़ी वालों का दोमुंहा चेहरा भी देश के सामने खोलकर रख दिया है। हम सब जानते हैं, बाला साहेब ठाकरे का इस देश के लिए, समाज के लिए बहुत बड़ा योगदान रहा है। कांग्रेस ने सत्ता के लालच में उनकी पार्टी के एक धड़े को साथ में तो ले लिया, तस्वीरें भी निकाल दी, लेकिन कांग्रेस, कांग्रेस का कोई नेता बाला साहेब ठाकरे की नीतियों की कभी प्रशंसा नहीं कर सकती। इसलिए मैंने अघाड़ी में कांग्रेस के साथी दलों को चुनौती दी थी, कि वो कांग्रेस से बाला साहेब की नीतियों की तारीफ में कुछ शब्द बुलवाकर दिखाएं। आज तक वो ये नहीं कर पाए हैं। मैंने दूसरी चुनौती वीर सावरकर जी को लेकर दी थी। कांग्रेस के नेतृत्व ने लगातार पूरे देश में वीर सावरकर का अपमान किया है, उन्हें गालियां दीं हैं। महाराष्ट्र में वोट पाने के लिए इन लोगों ने टेंपरेरी वीर सावरकर जी को जरा टेंपरेरी गाली देना उन्होंने बंद किया है। लेकिन वीर सावरकर के तप-त्याग के लिए इनके मुंह से एक बार भी सत्य नहीं निकला। यही इनका दोमुंहापन है। ये दिखाता है कि उनकी बातों में कोई दम नहीं है, उनका मकसद सिर्फ और सिर्फ वीर सावरकर को बदनाम करना है।

साथियों,

भारत की राजनीति में अब कांग्रेस पार्टी, परजीवी बनकर रह गई है। कांग्रेस पार्टी के लिए अब अपने दम पर सरकार बनाना लगातार मुश्किल हो रहा है। हाल ही के चुनावों में जैसे आंध्र प्रदेश, अरुणाचल प्रदेश, सिक्किम, हरियाणा और आज महाराष्ट्र में उनका सूपड़ा साफ हो गया। कांग्रेस की घिसी-पिटी, विभाजनकारी राजनीति फेल हो रही है, लेकिन फिर भी कांग्रेस का अहंकार देखिए, उसका अहंकार सातवें आसमान पर है। सच्चाई ये है कि कांग्रेस अब एक परजीवी पार्टी बन चुकी है। कांग्रेस सिर्फ अपनी ही नहीं, बल्कि अपने साथियों की नाव को भी डुबो देती है। आज महाराष्ट्र में भी हमने यही देखा है। महाराष्ट्र में कांग्रेस और उसके गठबंधन ने महाराष्ट्र की हर 5 में से 4 सीट हार गई। अघाड़ी के हर घटक का स्ट्राइक रेट 20 परसेंट से नीचे है। ये दिखाता है कि कांग्रेस खुद भी डूबती है और दूसरों को भी डुबोती है। महाराष्ट्र में सबसे ज्यादा सीटों पर कांग्रेस चुनाव लड़ी, उतनी ही बड़ी हार इनके सहयोगियों को भी मिली। वो तो अच्छा है, यूपी जैसे राज्यों में कांग्रेस के सहयोगियों ने उससे जान छुड़ा ली, वर्ना वहां भी कांग्रेस के सहयोगियों को लेने के देने पड़ जाते।

साथियों,

सत्ता-भूख में कांग्रेस के परिवार ने, संविधान की पंथ-निरपेक्षता की भावना को चूर-चूर कर दिया है। हमारे संविधान निर्माताओं ने उस समय 47 में, विभाजन के बीच भी, हिंदू संस्कार और परंपरा को जीते हुए पंथनिरपेक्षता की राह को चुना था। तब देश के महापुरुषों ने संविधान सभा में जो डिबेट्स की थी, उसमें भी इसके बारे में बहुत विस्तार से चर्चा हुई थी। लेकिन कांग्रेस के इस परिवार ने झूठे सेक्यूलरिज्म के नाम पर उस महान परंपरा को तबाह करके रख दिया। कांग्रेस ने तुष्टिकरण का जो बीज बोया, वो संविधान निर्माताओं के साथ बहुत बड़ा विश्वासघात है। और ये विश्वासघात मैं बहुत जिम्मेवारी के साथ बोल रहा हूं। संविधान के साथ इस परिवार का विश्वासघात है। दशकों तक कांग्रेस ने देश में यही खेल खेला। कांग्रेस ने तुष्टिकरण के लिए कानून बनाए, सुप्रीम कोर्ट के आदेश तक की परवाह नहीं की। इसका एक उदाहरण वक्फ बोर्ड है। दिल्ली के लोग तो चौंक जाएंगे, हालात ये थी कि 2014 में इन लोगों ने सरकार से जाते-जाते, दिल्ली के आसपास की अनेक संपत्तियां वक्फ बोर्ड को सौंप दी थीं। बाबा साहेब आंबेडकर जी ने जो संविधान हमें दिया है न, जिस संविधान की रक्षा के लिए हम प्रतिबद्ध हैं। संविधान में वक्फ कानून का कोई स्थान ही नहीं है। लेकिन फिर भी कांग्रेस ने तुष्टिकरण के लिए वक्फ बोर्ड जैसी व्यवस्था पैदा कर दी। ये इसलिए किया गया ताकि कांग्रेस के परिवार का वोटबैंक बढ़ सके। सच्ची पंथ-निरपेक्षता को कांग्रेस ने एक तरह से मृत्युदंड देने की कोशिश की है।

साथियों,

कांग्रेस के शाही परिवार की सत्ता-भूख इतनी विकृति हो गई है, कि उन्होंने सामाजिक न्याय की भावना को भी चूर-चूर कर दिया है। एक समय था जब के कांग्रेस नेता, इंदिरा जी समेत, खुद जात-पात के खिलाफ बोलते थे। पब्लिकली लोगों को समझाते थे। एडवरटाइजमेंट छापते थे। लेकिन आज यही कांग्रेस और कांग्रेस का ये परिवार खुद की सत्ता-भूख को शांत करने के लिए जातिवाद का जहर फैला रहा है। इन लोगों ने सामाजिक न्याय का गला काट दिया है।

साथियों,

एक परिवार की सत्ता-भूख इतने चरम पर है, कि उन्होंने खुद की पार्टी को ही खा लिया है। देश के अलग-अलग भागों में कई पुराने जमाने के कांग्रेस कार्यकर्ता है, पुरानी पीढ़ी के लोग हैं, जो अपने ज़माने की कांग्रेस को ढूंढ रहे हैं। लेकिन आज की कांग्रेस के विचार से, व्यवहार से, आदत से उनको ये साफ पता चल रहा है, कि ये वो कांग्रेस नहीं है। इसलिए कांग्रेस में, आंतरिक रूप से असंतोष बहुत ज्यादा बढ़ रहा है। उनकी आरती उतारने वाले भले आज इन खबरों को दबाकर रखे, लेकिन भीतर आग बहुत बड़ी है, असंतोष की ज्वाला भड़क चुकी है। सिर्फ एक परिवार के ही लोगों को कांग्रेस चलाने का हक है। सिर्फ वही परिवार काबिल है दूसरे नाकाबिल हैं। परिवार की इस सोच ने, इस जिद ने कांग्रेस में एक ऐसा माहौल बना दिया कि किसी भी समर्पित कांग्रेस कार्यकर्ता के लिए वहां काम करना मुश्किल हो गया है। आप सोचिए, कांग्रेस पार्टी की प्राथमिकता आज सिर्फ और सिर्फ परिवार है। देश की जनता उनकी प्राथमिकता नहीं है। और जिस पार्टी की प्राथमिकता जनता ना हो, वो लोकतंत्र के लिए बहुत ही नुकसानदायी होती है।

साथियों,

कांग्रेस का परिवार, सत्ता के बिना जी ही नहीं सकता। चुनाव जीतने के लिए ये लोग कुछ भी कर सकते हैं। दक्षिण में जाकर उत्तर को गाली देना, उत्तर में जाकर दक्षिण को गाली देना, विदेश में जाकर देश को गाली देना। और अहंकार इतना कि ना किसी का मान, ना किसी की मर्यादा और खुलेआम झूठ बोलते रहना, हर दिन एक नया झूठ बोलते रहना, यही कांग्रेस और उसके परिवार की सच्चाई बन गई है। आज कांग्रेस का अर्बन नक्सलवाद, भारत के सामने एक नई चुनौती बनकर खड़ा हो गया है। इन अर्बन नक्सलियों का रिमोट कंट्रोल, देश के बाहर है। और इसलिए सभी को इस अर्बन नक्सलवाद से बहुत सावधान रहना है। आज देश के युवाओं को, हर प्रोफेशनल को कांग्रेस की हकीकत को समझना बहुत ज़रूरी है।

साथियों,

जब मैं पिछली बार भाजपा मुख्यालय आया था, तो मैंने हरियाणा से मिले आशीर्वाद पर आपसे बात की थी। तब हमें गुरूग्राम जैसे शहरी क्षेत्र के लोगों ने भी अपना आशीर्वाद दिया था। अब आज मुंबई ने, पुणे ने, नागपुर ने, महाराष्ट्र के ऐसे बड़े शहरों ने अपनी स्पष्ट राय रखी है। शहरी क्षेत्रों के गरीब हों, शहरी क्षेत्रों के मिडिल क्लास हो, हर किसी ने भाजपा का समर्थन किया है और एक स्पष्ट संदेश दिया है। यह संदेश है आधुनिक भारत का, विश्वस्तरीय शहरों का, हमारे महानगरों ने विकास को चुना है, आधुनिक Infrastructure को चुना है। और सबसे बड़ी बात, उन्होंने विकास में रोडे अटकाने वाली राजनीति को नकार दिया है। आज बीजेपी हमारे शहरों में ग्लोबल स्टैंडर्ड के इंफ्रास्ट्रक्चर बनाने के लिए लगातार काम कर रही है। चाहे मेट्रो नेटवर्क का विस्तार हो, आधुनिक इलेक्ट्रिक बसे हों, कोस्टल रोड और समृद्धि महामार्ग जैसे शानदार प्रोजेक्ट्स हों, एयरपोर्ट्स का आधुनिकीकरण हो, शहरों को स्वच्छ बनाने की मुहिम हो, इन सभी पर बीजेपी का बहुत ज्यादा जोर है। आज का शहरी भारत ईज़ ऑफ़ लिविंग चाहता है। और इन सब के लिये उसका भरोसा बीजेपी पर है, एनडीए पर है।

साथियों,

आज बीजेपी देश के युवाओं को नए-नए सेक्टर्स में अवसर देने का प्रयास कर रही है। हमारी नई पीढ़ी इनोवेशन और स्टार्टअप के लिए माहौल चाहती है। बीजेपी इसे ध्यान में रखकर नीतियां बना रही है, निर्णय ले रही है। हमारा मानना है कि भारत के शहर विकास के इंजन हैं। शहरी विकास से गांवों को भी ताकत मिलती है। आधुनिक शहर नए अवसर पैदा करते हैं। हमारा लक्ष्य है कि हमारे शहर दुनिया के सर्वश्रेष्ठ शहरों की श्रेणी में आएं और बीजेपी, एनडीए सरकारें, इसी लक्ष्य के साथ काम कर रही हैं।


साथियों,

मैंने लाल किले से कहा था कि मैं एक लाख ऐसे युवाओं को राजनीति में लाना चाहता हूं, जिनके परिवार का राजनीति से कोई संबंध नहीं। आज NDA के अनेक ऐसे उम्मीदवारों को मतदाताओं ने समर्थन दिया है। मैं इसे बहुत शुभ संकेत मानता हूं। चुनाव आएंगे- जाएंगे, लोकतंत्र में जय-पराजय भी चलती रहेगी। लेकिन भाजपा का, NDA का ध्येय सिर्फ चुनाव जीतने तक सीमित नहीं है, हमारा ध्येय सिर्फ सरकारें बनाने तक सीमित नहीं है। हम देश बनाने के लिए निकले हैं। हम भारत को विकसित बनाने के लिए निकले हैं। भारत का हर नागरिक, NDA का हर कार्यकर्ता, भाजपा का हर कार्यकर्ता दिन-रात इसमें जुटा है। हमारी जीत का उत्साह, हमारे इस संकल्प को और मजबूत करता है। हमारे जो प्रतिनिधि चुनकर आए हैं, वो इसी संकल्प के लिए प्रतिबद्ध हैं। हमें देश के हर परिवार का जीवन आसान बनाना है। हमें सेवक बनकर, और ये मेरे जीवन का मंत्र है। देश के हर नागरिक की सेवा करनी है। हमें उन सपनों को पूरा करना है, जो देश की आजादी के मतवालों ने, भारत के लिए देखे थे। हमें मिलकर विकसित भारत का सपना साकार करना है। सिर्फ 10 साल में हमने भारत को दुनिया की दसवीं सबसे बड़ी इकॉनॉमी से दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी इकॉनॉमी बना दिया है। किसी को भी लगता, अरे मोदी जी 10 से पांच पर पहुंच गया, अब तो बैठो आराम से। आराम से बैठने के लिए मैं पैदा नहीं हुआ। वो दिन दूर नहीं जब भारत दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनकर रहेगा। हम मिलकर आगे बढ़ेंगे, एकजुट होकर आगे बढ़ेंगे तो हर लक्ष्य पाकर रहेंगे। इसी भाव के साथ, एक हैं तो...एक हैं तो...एक हैं तो...। मैं एक बार फिर आप सभी को बहुत-बहुत बधाई देता हूं, देशवासियों को बधाई देता हूं, महाराष्ट्र के लोगों को विशेष बधाई देता हूं।

मेरे साथ बोलिए,

भारत माता की जय,

भारत माता की जय,

भारत माता की जय,

भारत माता की जय,

भारत माता की जय!

वंदे मातरम, वंदे मातरम, वंदे मातरम, वंदे मातरम, वंदे मातरम ।

बहुत-बहुत धन्यवाद।