प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आज वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से स्मार्ट इंडिया हैकथॉन 2022 के ग्रैंड फिनाले को संबोधित किया।
प्रधानमंत्री ने प्रतिभागियों से वार्तालाप किया। केरल के सिक्स_पिक्सल से प्रधानमंत्री ने प्राचीन मंदिरों के लेखन का देवनागरी में अनुवाद करने की उनकी परियोजना के विषय में जानकारी ली। ऑल गर्ल टीम ने परियोजना के निष्कर्षों, लाभों और प्रक्रिया का वर्णन किया। उन्होंने कहा कि उनका यह कार्य लाल किले से प्रधानमंत्री के आह्वान की प्रतिक्रिया में है।
तमिलनाडु की एक्ट्यूएटर्स टीम को दिव्यांगों के संबंध में एक चुनौती दी गई। उन्होंने बो लेग अथवा नॉक नीड लोगों की समस्या के समाधान की दिशा में कार्य किया। उनका 'प्रेरक' ऐसे लोगों की मदद करता है। प्रधानमंत्री ने चिकित्सा उपकरणों के क्षेत्र में आत्मनिर्भर होने की आवश्यकता पर बल दिया।
गुजरात के एसआईएच जूनियर के विजेता मास्टर विराज विश्वनाथ मराठे ने इस तथ्य को समझते हुए कि मनोभ्रम एक वैश्विक स्वास्थ्य समस्या है, मनोभ्रम से पीड़ित लोगों के लिए एचकैम नामक एक मोबाइल गेम एप्लिकेशन तैयार की है। इसमें पिछली घटनाऐं और चित्रों और वीडियो जैसे प्रॉप्स को भी चर्चाओं में शामिल किया गया है। ऐप में कला चिकित्सा, खेल, संगीत और वीडियो शामिल हैं जो आत्म-अभिव्यक्ति के लिए एक राह प्रदान करते हुए मनोभ्रंश रोगियों की मानसिक संज्ञात्मकता में सुधार में मदद करेंगे। एक योग संस्थान के जुड़े रहने के बारे में प्रधानमंत्री के सवाल के जवाब में विराज ने कहा कि वह योग प्रशिक्षकों के संपर्क में रहे हैं जिन्होंने वृद्धावस्था के लिए कुछ आसनों के सुझाव दिये हैं।
बीआईटी मेसरा रांची के डेटाक्लान के अनिमेष मिश्रा ने चक्रवातों की भविष्यवाणी करने में गहन शिक्षा के उपयोग की जानकारी दी। वे इन्सैट से प्राप्त चित्रों पर काम करते हैं। उनके इसके कार्य से चक्रवातों के विभिन्न पहलुओं की बेहतर भविष्यवाणी करने में मदद मिल सकती है। प्रधानमंत्री के परियोजना के लिए डेटा की उपलब्धता के बारे में पूछने पर इसके जवाब में अनिमेष ने कहा कि उन्होंने उन चक्रवातों पर अध्ययन किया है जो 2014 के बाद भारतीय समुद्र तट से टकराए हैं और जिनकी सटीकता 89 प्रतिशत के करीब है। अनिमेष ने कहा कि भले ही अब तक जो डेटा एकत्र किया गया है वह कम है, लेकिन अपनी तकनीकी क्षमता के साथ, उन्होंने अधिकतम सटीकता और आउटपुट प्राप्त करने का प्रयास किया है।
पश्चिम बंगाल से टीम सर्वज्ञ के प्रियांश दीवान ने प्रधानमंत्री को बिना इंटरनेट के रेडियो तरंगों के माध्यम से रेडियो सेट पर मल्टीमीडिया डेटा को सुरक्षित रूप से स्थानांतरित करने के लिए अपनी टीम के शोध के बारे में जानकारी दी। उन्होंने कहा कि इस प्रणाली के साथ, गोपनीयता के मुद्दों का भी पूरी तरह से समाधान निकाला जा सकता है क्योंकि यह ऐप स्वदेश में तैयार किया गया है और इसका सर्वर भी भारत में स्थित है। प्रधानमंत्री ने प्रियांश से पूछा कि क्या सीमावर्ती क्षेत्रों में सेना द्वारा इस प्रणाली को तैनात किया जा सकता है, इसके जबाव में प्रियांश ने कहा कि यह ट्रांसमिशन एन्क्रिप्टेड है और इसे उन क्षेत्रों में उपयोग किया जा सकता है जहां सिग्नल इंटरसेप्शन का खतरा होता है। प्रधानमंत्री ने प्रियांश से यह भी पूछा कि क्या टीम इस प्रणाली के माध्यम से वीडियो फ़ाइलों के प्रसारण की दिशा में भी काम कर रही है। प्रियांश ने बताया कि चूंकि प्रसारण माध्यम समान है, इसलिए वीडियो प्रसारित करना संभव है और टीम कल के हैकथॉन में वीडियो प्रसारित करने की दिशा में काम कर रही है।
आईडीईएएल-बीआईटीएस असम टीम के नितेश पांडे ने प्रधानमंत्री को बताया कि उनका ऐप आईपीआर एप्लीकेशन्स फाईल करने के लिए जमीनी स्तर के नवोन्मेषकों के लिए है। पेटेंट आवेदन दाखिल करने की प्रक्रिया को सरल बनाने के लिए ऐप एआई और अन्य तकनीकों का उपयोग करेगा। इस ऐप के इनोवेटर्स की मदद किस प्रकार की जा सकती है, इस बारे में प्रधानमंत्री के सवाल के जवाब में नितेश ने कहा कि एप्लिकेशन इनोवेटर्स को पेटेंट के बारे में शिक्षित करता है और इससे कैसे संपर्क किया जा सकता है। ऐप पेटेंट फाइल करने के इच्छुक नवोन्मेषकों के लिए पूर्ण समाधान प्रदान करता है। यह नवोन्मेषक को क्षेत्र से संबंधित विभिन्न एजेंटों के संपर्क में रहने में मदद करता है जो उनकी समस्याओं को हल करने में उनकी मदद कर सकते हैं।
उत्तर प्रदेश की टीम आइरिस के अंशित बंसल ने क्राइम हॉटस्पॉट क्रिएशन और मैपिंग करने की अपनी समस्या की चर्चा की। अपराध समूह को मैप करने के लिए अनसुपरवाइज्ड मशीन लर्निंग एल्गोरिदम को तैनात किया जा रहा है। प्रधानमंत्री ने इस मॉडल के अधिकतम उपयोग और मापनीयता के बारे में जानकारी ली। प्रधानमंत्री ने पूछा कि क्या इस मॉडल से मादक द्रव्यों के खतरे से निपटा जा सकता है। इसके उत्तर में, अंशित ने कहा कि यह मॉडल स्केलेबल है क्योंकि यह भौगोलिक स्थिति पर निर्भर नहीं है क्योंकि यह मॉडल को प्रदान किए गए आपराधिक डेटा सेट के आधार पर काम करता है।
पंजाब के एसआईएच जूनियर के विजेता मास्टर हरमनजोत सिंह ने एक स्मार्ट दस्ताने की अपनी परियोजना का प्रदर्शन किया जो स्वास्थ्य मानकों की निगरानी करती है। स्मार्ट ग्लव इंटरनेट ऑफ मेडिकल थिंग्स के मॉडल पर काम करता है और यह मानसिक स्वास्थ्य, हृदय गति, रक्तचाप, ऑक्सीजन संतृप्ति स्तर, मूड की जानकारी लेने, हाथ में झटके और शरीर के तापमान जैसे स्वास्थ्य संबंधी महत्वपूर्ण निगरानी में मदद करता है। प्रधानमंत्री ने उनके माता-पिता के समर्थन के लिए उनकी प्रशंसा की।
पंजाब के समिधा की भाग्यश्री सनपाला ने मशीन लर्निंग और सैटेलाइट टेक्नोलॉजी के जरिए जहाजों की रियल टाइम फ्यूल मॉनिटरिंग के बारे में अपनी बात की। समिधा का लक्ष्य मानव रहित समुद्री निगरानी प्रणाली हासिल करना है। प्रधानमंत्री ने भाग्यश्री से पूछा कि क्या यह व्यवस्था अन्य क्षेत्रों में भी लागू की जा सकती है। भाग्यश्री ने कहा कि यह संभव है।
इस अवसर पर संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि एसआईएच जनभागीदारी का एक महत्वपूर्ण माध्यम बन चुका है। प्रधानमंत्री ने कहा कि वह युवा पीढ़ी के प्रति आत्मविश्वास से परिपूर्ण हैं। उन्होंने कहा कि देश उन सभी बड़े संकल्पों पर काम कर रहा है कि आजादी के 100 साल बाद हमारा देश कैसा होगा। आप इन संकल्पों की पूर्ति के लिए 'जय अनुसंधान' के उद्घोष के ध्वजवाहक हैं। श्री मोदी ने युवा नवप्रवर्तकों की सफलता और अगले 25 वर्षों में देश की सफलता के साझा पथ का भी उल्लेख किया। प्रधानमंत्री ने कहा कि आपकी अभिनव मानसिकता अगले 25 वर्षों में भारत को शीर्ष पर ले जाएगी।
आकांक्षी समाज के बारे में अपने स्वतंत्रता दिवस उद्घोषणा का एक बार फिर उल्लेख करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि यह आकांक्षी समाज आने वाले 25 वर्षों में एक प्रेरक शक्ति के रूप में कार्य करेगा। इस समाज की आकांक्षाएं, सपने और चुनौतियां नवप्रवर्तकों के लिए कई अवसर लेकर आएंगी।
प्रधानमंत्री ने कहा कि पिछले 7-8 वर्षों में देश एक के बाद एक क्रांति के माध्यम तेजी से आगे बढ़ रहा है। श्री मोदी ने कहा कि आज भारत में बुनियादी ढांचे की क्रांति हो रही है। भारत में आज स्वास्थ्य क्षेत्र में क्रांति हो रही है। आज भारत में डिजिटल क्रांति हो रही है। भारत में आज टेक्नोलॉजी क्रांति हो रही है। आज भारत में प्रतिभा क्रांति हो रही है। उन्होंने कहा कि आज हर क्षेत्र को आधुनिक बनाने पर ध्यान दिया जा रहा है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि हर रोज नए क्षेत्र और चुनौतियाँ नवोन्मेषी समाधान तलाश रही हैं। उन्होंने नवोन्मेषकों से आग्रह कहा कि वे कृषि संबंधी मुद्दों का समाधान खोजें। उन्होंने युवा नवोन्मेषकों से कहा कि वे हर गांव में ऑप्टिकल फाइबर और 5जी की शुरुआत, दशक के अंत तक 6जी की तैयारी और गेमिंग इकोसिस्टम को बढ़ावा देने जैसी पहलों का पूरा लाभ उठाएं। उन्होंने कहा कि भारतीय नवाचार हमेशा सबसे अधिक प्रतिस्पर्धी, किफायती, दीर्घकालिक, सुरक्षित और व्यापक स्तर पर समाधान प्रदान करते हैं। इसलिए दुनिया आशा की दृष्टि से भारत की ओर देख रही है।
प्रधानमंत्री ने इस बात पर बल दिया कि भारत में नवाचार की संस्कृति को बढ़ाने के लिए हमें दो बातों सामाजिक समर्थन और संस्थागत समर्थन पर लगातार ध्यान देना होगा। प्रधानमंत्री ने इस बात पर प्रकाश डाला कि समाज में नवाचार को एक व्यवसाय के रूप में स्वीकार किया गया है और ऐसे में हमें नए विचारों और मूल सोच को स्वीकार करना होगा। प्रधानमंत्री ने कहा कि अनुसंधान और नवाचार को काम करने के तरीके से जीवन जीने के तरीके में बदलना चाहिए।
प्रधानमंत्री ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति में नवोन्मेष के लिए मजबूत आधार तैयार करने का प्रारूप है। अटल टिंकरिंग लैब और आई-क्रिएट हर स्तर पर इनोवेशन को बढ़ावा दे रहे हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि 21वीं सदी का आज का भारत अपने युवाओं में पूरे विश्वास के साथ आगे बढ़ रहा है। उन्होंने इस बात का भी उल्लेख किया कि इसके परिणामस्वरूप आज नवाचार सूचकांक में भारत की रैंकिंग बढ़ी है। पिछले 8 वर्षों में पेटेंट की संख्या में 7 गुना वृद्धि हुई है। प्रधानमंत्री ने कहा कि यूनिकॉर्न की संख्या भी 100 को पार कर चुकी है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि आज की युवा पीढ़ी समस्या का त्वरित और स्मार्ट समाधान लेकर आगे आ रही है। उन्होंने कहा कि इस तरह के हैकथॉन के पीछे सोच यही है कि युवा पीढ़ी को समस्याओं का समाधान मुहैया कराना चाहिए और युवाओं, सरकार और निजी संगठनों के बीच यह सहयोगात्मक भावना 'सबका प्रयास' का एक बेहतरीन उदाहरण है।
पृष्ठभूमि
देश में खासकर युवाओं में नवोन्मेष की भावना को बढ़ावा देने के लिए प्रधानमंत्री का निरंतर प्रयास रहा है। इस दृष्टि को ध्यान में रखते हुए, स्मार्ट इंडिया हैकथॉन (एसआईएच) का शुभारंभ वर्ष 2017 में किया गया था। एसआईएच समाज, संगठनों और सरकार की गंभीर समस्याओं का समाधान प्रदान करने के लिए छात्रों को एक मंच प्रदान करने की एक राष्ट्रव्यापी पहल है। इसका उद्देश्य छात्रों के बीच उत्पाद नवाचार, समस्या-समाधान और नवप्रवर्तन सोच की संस्कृति को विकसित करना है।
एसआईएच की बढ़ती लोकप्रियता का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि एसआईएच के लिए पंजीकृत टीमों की संख्या पहले संस्करण में लगभग 7500 से चार गुना बढ़कर पांचवें संस्करण में लगभग 29,600 हो गई है। इस वर्ष एसआईएच 2022 ग्रैंड फिनाले में भाग लेने के लिए 15,000 से अधिक छात्र और संरक्षक 75 नोडल केंद्रों की यात्रा कर रहे हैं। मंदिर के शिलालेखों की ऑप्टिकल कैरेक्टर रिकॉग्निशन (ओसीआर) और देवनागरी लिपियों में अनुवाद, खराब होने वाले खाद्य पदार्थों के लिए शीत आपूर्ति श्रृंखला में आईओटी-सक्षम जोखिम निगरानी प्रणाली, इलाके के उच्च-रिज़ॉल्यूशन 3डी मॉडल, आपदा प्रभावित क्षेत्रों में बुनियादी ढांचे और सड़कों की स्थिति आदि से संबंधित 53 केंद्रीय मंत्रालयों की 476 समस्याओं के समाधान के लिए 2900 से अधिक स्कूलों और 2200 उच्च शिक्षा संस्थानों के छात्रों की गतिविधियां इसमे शामिल हैं।
इस वर्ष, स्कूली छात्रों के लिए नवाचार की संस्कृति का निर्माण करने और स्कूल स्तर पर समस्या-समाधान दृष्टिकोण विकसित करने के लिए स्मार्ट इंडिया हैकथॉन- जूनियर को एक पायलट के रूप में पेश किया गया है।
अब से कुछ दिन पहले ही हमने आजादी के 75 वर्ष पूरे किए हैं।
— PMO India (@PMOIndia) August 25, 2022
आजादी के 100 वर्ष होने पर हमारा देश कैसा होगा, इसे लेकर देश बड़े संकल्पों पर काम कर रहा है।
इन संकल्पों की पूर्ति के लिए ‘जय अनुसंधान’ के उद्घोष के ध्वजा वाहक आप innovators हैं: PM @narendramodi
भारत में आज Digital Revolution हो रहा है।
— PMO India (@PMOIndia) August 25, 2022
भारत में आज Technology Revolution हो रहा है।
भारत में आज Talent Revolution हो रहा है: PM @narendramodi
पिछले 7-8 वर्षों में देश एक के बाद एक Revolution करते हुए तेजी से आगे बढ़ रहा है।
— PMO India (@PMOIndia) August 25, 2022
भारत में आज Infrastructure Revolution हो रहा है।
भारत में आज Health Sector Revolution हो रहा है: PM @narendramodi
भारत में इनोवेशन का कल्चर बढ़ाने के लिए हमें दो बातों पर निरंतर ध्यान देना होगा।
— PMO India (@PMOIndia) August 25, 2022
Social support और institutional support: PM @narendramodi
समाज में innovation as a profession की स्वीकार्यता बढ़ी है।
— PMO India (@PMOIndia) August 25, 2022
ऐसे में हमें नए ideas और original thinking को भी स्वीकार करना होगा।
रिसर्च और इनोवेशन को way of working से way of living बनाना होगा: PM @narendramodi
21वीं सदी का आज का भारत, अपने युवाओं पर भरपूर भरोसा करते हुए आगे बढ़ रहा है।
— PMO India (@PMOIndia) August 25, 2022
इसी का नतीजा है कि आज innovation index में भारत की रैकिंग बढ़ गई है।
पिछले 8 वर्षों में पेटेंट की संख्या 7 गुना बढ़ गई है।
यूनिकॉर्न की गिनती भी 100 के पार चली गई है: PM @narendramodi