Quoteबड़े राष्ट्र हों या वैश्विक मंच आज भारत में उनका विश्वास पहले से कहीं अधिक मजबूत हुआ है : प्रधानमंत्री
Quoteविकसित भारत के विकास की गति उल्लेखनीय है : पीएम
Quoteकई आकांक्षी जिले अब देश के प्रेरणादायक जिलों में बदल गए हैं : पीएम
Quoteबैंकिंग सुविधा से वंचितों को बैंकों से जोड़ना, असुरक्षितों को सुरक्षित करना और वित्त पोषित लोगों को धन उपलब्ध कराना हमारी रणनीति रही है : प्रधानमंत्री
Quoteहमने व्यापार की चिंता को व्यापार करने में आसानी में बदल दिया है : प्रधानमंत्री
Quoteभारत पहली तीन औद्योगिक क्रांतियों से चूक गया, लेकिन चौथी में दुनिया के साथ कदम से कदम मिलाने को तैयार : प्रधानमंत्री
Quoteभारत की विकसित भारत बनने की यात्रा में हमारी सरकार निजी क्षेत्र को एक प्रमुख भागीदार के रूप में देखती है : पीएम
Quoteसिर्फ 10 साल में 25 करोड़ भारतीय गरीबी से बाहर आ गए : पीएम

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आज नई दिल्ली में ईटी नाउ ग्लोबल बिजनेस समिट 2025 को संबोधित किया। इस मौके पर उन्होंने कहा कि ईटी नाउ समिट के पिछले संस्करण में उन्होंने बड़ी विनम्रता से कहा था कि भारत अपने तीसरे कार्यकाल में नई गति से काम करेगा। उन्होंने इस बात पर संतोष व्यक्त किया कि यह गति अब स्पष्ट है और इसे देश से समर्थन मिल रहा है। उन्होंने ओडिशा, महाराष्ट्र, हरियाणा और नई दिल्ली के लोगों को विकसित भारत के प्रति प्रतिबद्धता के लिए अपार समर्थन दिखाने के लिए धन्यवाद दिया। उन्होंने इसे इस बात की मान्यता के रूप में स्वीकार किया कि कैसे देश के नागरिक विकसित भारत के लक्ष्य की प्राप्ति में कंधे से कंधा मिलाकर चल रहे हैं।


फ्रांस और अमेरिका की अपनी यात्रा से कल लौटे श्री मोदी ने कहा कि आज चाहे बड़े देश हों या वैश्विक मंच भारत में उनका विश्वास पहले से कहीं अधिक मजबूत हुआ है। उन्होंने कहा कि यह भावना पैरिस में एआई एक्शन समिट में भी परिलक्षित हुई थी। प्रधानमंत्री ने कहा कि आज भारत वैश्विक भविष्य की चर्चाओं के केंद्र में है और कुछ मामलों में भी अग्रणी है। उन्होंने कहा कि यह 2014 के बाद से भारत में सुधारों की एक नई क्रांति का परिणाम है। श्री मोदी ने इस बात पर प्रकाश डाला कि भारत पिछले दशक में दुनिया की शीर्ष 5 सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में शामिल हो गया है, जो विकसित भारत के विकास की गति को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि कुछ ही वर्षों में लोग जल्द ही भारत को दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनते देखेंगे। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि भारत जैसे युवा देश के लिए यह आवश्यक गति है और भारत इसी गति से आगे बढ़ रहा है।

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प्रधानमंत्री ने टिप्पणी की कि पिछली सरकारें कड़ी मेहनत न करने की मानसिकता के साथ सुधारों से बचती थीं। उन्होंने कहा कि आज भारत में जो सुधार किए जा रहे हैं, वे पूरे विश्वास के साथ किए जा रहे हैं। उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि इस बात पर शायद ही कोई चर्चा हुई हो कि बड़े सुधार देश में कैसे महत्वपूर्ण बदलाव ला सकते हैं। उन्होंने कहा कि भारत में उपनिवेशवाद (गुलामी) के बोझ तले जीना एक आदत बन गई थी। आजादी के बाद भी ब्रिटिश काल के अवशेषों को ढोया जाता जाता रहा। उन्होंने एक उदाहरण दिया जहां 'न्याय में देरी, न्याय न मिलना है' जैसे वाक्यांश लंबे समय तक सुने जाते रहे, लेकिन इस मुद्दे के समाधान के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए। प्रधानमंत्री ने इस बात पर प्रकाश डाला कि समय के साथ लोग इन चीजों के इतने आदी हो गए कि उन्हें बदलाव की जरूरत ही नजर नहीं आई। उन्होंने कहा कि एक ऐसा पारिस्थितिकी तंत्र है जो अच्छी चीजों के बारे में चर्चा नहीं होने देता है और ऐसी चर्चाओं को रोकने में ऊर्जा लगाता है। श्री मोदी ने कहा कि लोकतंत्र में सकारात्मक चीजों पर चर्चा और मंथन होना महत्वपूर्ण है। हालांकि, उन्होंने कहा कि एक नैरेटिव बनाया गया है कि कुछ नकारात्मक कहना या नकारात्मकता फैलाना लोकतांत्रिक माना जाता है, जबकि अगर सकारात्मक चीजों पर चर्चा की जाती है, तो लोकतंत्र को कमजोर करार दिया जाता है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि इस मानसिकता से बाहर आना जरूरी है।

इस बात पर प्रकाश डाला कि हाल तक भारत में 1860 की दंड संहिताएं थीं, जिनका उद्देश्य औपनिवेशिक शासन को मजबूत करना और भारतीय नागरिकों को दंडित करना था। इस पर श्री मोदी ने कहा कि सजा पर आधारित व्यवस्था न्याय नहीं दे सकती, जिससे लंबे समय तक न्याय मिलने में देरी होती थी। उन्होंने कहा कि 7-8 महीने पहले नए भारतीय न्यायिक संहिता के कार्यान्वयन के बाद से उल्लेखनीय परिवर्तन हुए हैं। उन्होंने उदाहरण दिया कि एक ट्रिपल मर्डर के मामले में एफआईआर दर्ज करने से लेकर सजा सुनाए जाने तक केवल 14 दिन लगे और इसमें अभियुक्त को उम्रकैद की सजा हो गई। इसी तरह एक नाबालिग की हत्या के मामले का निपटारा 20 दिन के अंदर कर लिया गया। प्रधानमंत्री ने बताया कि गुजरात में 9 अक्टूबर, 2024 को दर्ज एक गैंगरेप के मामले में 26 अक्टूबर तक आरोप पत्र दायर किया गया और आज (15 फरवरी) अदालत ने आरोपियों को दोषी ठहराया है। उन्होंने आंध्र प्रदेश का एक और उदाहरण दिया, जिसमें एक 5 महीने के बच्चे से जुड़े अपराध में अदालत ने अपराधी को 25 साल की सजा सुनाई। इस केस में डिजिटल साक्ष्य ने बड़ी भ्ूमिका निभाई। एक अन्य मामले में ई-प्रिजन मॉड्यूल ने एक बलात्कार और हत्या के संदिग्ध का पता लगाने में सहायता की, जो पहले किसी अन्य राज्य में अपराध के लिए जेल जा चुका था, जिससे उसकी त्वरित गिरफ्तारी हुई। उन्होंने कहा कि अब ऐसे कई उदाहरण हैं जहां लोगों को समय पर न्याय मिल रहा है।

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संपत्ति अधिकारों से संबंधित एक बड़े सुधार की ओर इशारा करते हुए श्री नरेन्द्र मोदी ने संयुक्त राष्ट्र के एक अध्ययन का उल्लेख किया जो दर्शाता है कि किसी भी देश में संपत्ति अधिकारों की कमी एक महत्वपूर्ण चुनौती है। उन्होंने बताया कि दुनिया भर में लाखों लोगों के पास संपत्ति के कानूनी दस्तावेजों का अभाव है। संपत्ति का अधिकार होने से गरीबी कम करने में मदद मिलती है। उन्होंने कहा कि पिछली सरकारें इन जटिलताओं से अवगत थीं, लेकिन ऐसे चुनौतीपूर्ण कार्यों से बचती थीं। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि इस तरह के दृष्टिकोण से देश का निर्माण या संचालन नहीं किया जा सकता है। श्री मोदी ने कहा कि स्वामित्व योजना शुरू की गई, जिसमें देश के 3 लाख से अधिक गांवों का ड्रोन सर्वेक्षण हुआ और 2.25 करोड़ से अधिक लोगों को संपत्ति कार्ड मिले। उन्होंने कहा कि स्वामित्व योजना के कारण ग्रामीण क्षेत्रों में 100 लाख करोड़ रुपये की संपत्ति को खोजा जा सका है उन्होंने कहा कि यह संपत्ति पहले भी मौजूद थी, लेकिन संपत्ति के अधिकार के अभाव के कारण इसका उपयोग आर्थिक विकास के लिए नहीं किया जा सका। श्री मोदी ने इस बात पर प्रकाश डाला कि संपत्ति के अधिकार के अभाव के कारण ग्रामीण बैंकों से ऋण प्राप्त नहीं कर पाते थे। उन्होंने कहा कि यह मुद्दा अब स्थायी रूप से हल हो गया है और आज देश भर से कई रिपोर्टें आ रही हैं कि स्वामित्व योजना संपत्ति कार्ड से लोगों को कैसे लाभ होता है। प्रधानमंत्री ने राजस्थान की एक महिला के साथ हाल ही में हुई बातचीत साझा की। उन्होंने बताया कि उस महिला को इस योजना के तहत संपत्ति कार्ड प्राप्त हुआ। उसका परिवार 20 वर्षों से एक छोटे से घर में रह रहा था और जैसे ही उसे संपत्ति कार्ड मिला उसके बाद उसने एक बैंक से लगभग 8 लाख रुपये का ऋण प्राप्त किया। इस पैसे से उन्होंने एक दुकान शुरू की और अब इस आय से वह परिवार चलाती है बच्चों की उच्च शिक्षा का खर्च पूरा करती है। दूसरे राज्य के एक अन्य उदाहरण को साझा करते हुए पीएम ने कहा कि एक ग्रामीण ने एक बैंक से 4.5 लाख रुपये का ऋण प्राप्त करने के लिए अपने संपत्ति कार्ड का उपयोग किया और परिवहन व्यवसाय शुरू करने के लिए एक वाहन खरीदा। दूसरे गांव में एक किसान ने अपनी जमीन पर आधुनिक सिंचाई सुविधाएं स्थापित करने के लिए अपने संपत्ति कार्ड पर ऋण का उपयोग किया। प्रधानमंत्री ने ऐसे कई उदाहरणों पर प्रकाश डाला जहां गांवों और गरीबों को इन सुधारों के कारण आय के नए रास्ते मिले हैं। उन्होंने सुधार, प्रदर्शन और परिवर्तन की वास्तविक कहानियां बताईं जो आमतौर पर समाचार पत्रों और टीवी चैनलों में सुर्खियां नहीं बनती हैं।

उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि आजादी के बाद खराब शासन व्यवस्था की वजह से देश के कई जिले विकास से अछूते रह गए। श्री मोदी ने कहा कि इन जिलों पर ध्यान केंद्रित करने के बजाय उन्हें पिछड़ा करार दिया गया और उनके हाल पर छोड़ दिया गया। उन्होंने कहा कि कोई भी उनके मुद्दों को हल करने को तैयार नहीं था और सरकारी अधिकारियों को सजा के रूप में पोस्टिंग कर वहां भेजा गया था। प्रधानमंत्री ने कहा कि हमने 100 से अधिक जिलों को आकांक्षी जिले घोषित करके इस दृष्टिकोण को बदल दिया है। उन्होंने कहा कि सूक्ष्म स्तर पर प्रशासन में सुधार के लिए युवा अधिकारियों को इन जिलों में भेजा गया, जिन्होंने उन पैरामीटर्स पर काम किया, जिसकी वजह से ये जिले पिछड़ गए थे और प्रमुख सरकारी योजनाओं को मिशन मोड में लागू किया। उन्होंने कहा कि आज इनमें से कई आकांक्षी जिले प्रेरणादायक जिले बन गए हैं। एक उदाहरण का हवाला देते हुए श्री मोदी ने कहा कि 2018 में असम के बारपेटा में केवल 26% प्राथमिक विद्यालयों में छात्र-शिक्षक अनुपात सही था, जो अब 100% हो गया है। उन्होंने कहा कि बिहार के बेगुसराय में पूरक पोषण प्राप्त करने वाली गर्भवती महिलाओं की संख्या 21% थी और उत्तर प्रदेश के चंदौली में यह संख्या 14% थी जबकि आज दोनों जिलों ने 100% हासिल किया है। प्रधानमंत्री ने बाल टीकाकरण अभियानों में उल्लेखनीय सुधार का भी उल्लेख किया। उत्तर प्रदेश के श्रावस्ती में 49 प्रतिशत से बढ़कर 86 प्रतिशत हो गया, जबकि तमिलनाडु के रामनाथपुरम में यह 67 प्रतिशत से बढ़कर 93 प्रतिशत हो गया। उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि ऐसी सफलताओं को देखते हुए देश में 500 ब्लॉकों को अब आकांक्षी ब्लॉक घोषित किया गया है और इन क्षेत्रों में तेजी से काम चल रहा है।

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शिखर सम्मेलन में मौजूद उद्योग जगत के दिग्गजों के व्यापार में दशकों के अनुभव को स्वीकार करते हुए प्रधानमंत्री ने याद किया कि कैसे भारत में व्यावसायिक वातावरण उनकी इच्छा सूची का हिस्सा हुआ करता था। उन्होंने पिछले 10 वर्षों में हुई प्रगति पर जोर दिया। उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि एक दशक पहले भारतीय बैंक संकट में थे और बैंकिंग प्रणाली नाजुक थी, क्योंकि लाखों भारतीय बैंकिंग प्रणाली से बाहर थे। उन्होंने कहा कि भारत उन देशों में से एक है जहां ऋण तक पहुंच सबसे चुनौतीपूर्ण है। श्री मोदी ने रेखांकित किया कि बैंकिंग क्षेत्र को मजबूत करने के लिए सरकार ने अलग-अलग रणनीति बनाई। इसके तहत बैंकिंग से वंचित लोगों को बैंक से जोड़ना, असुरक्षित लोगों को सुरक्षित करना और वित्त पोषित लोगों को धन देना शामिल है। उन्होंने कहा कि वित्तीय समावेशन में काफी सुधार हुआ है, अब लगभग हर गांव में 5 किलोमीटर के दायरे में एक बैंक शाखा या बैंकिंग अभिकर्ता हैं। उन्होंने मुद्रा योजना का उदाहरण दिया जिसने उन व्यक्तियों को लगभग 32 लाख करोड़ रुपये प्रदान किए हैं जो पुरानी बैंकिंग प्रणाली के तहत ऋण प्राप्त नहीं कर पाते थे। उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि एमएसएमई के लिए ऋण बहुत आसान हो गया है और यहां तक कि रेहड़ी-ठेली और पटरी वाले (स्ट्रीट वेंडर्स) को भी आसान ऋण से जोड़ा गया है, जबकि किसानों को दिया जाने वाला ऋण दोगुना से अधिक हो गया है। प्रधानमंत्री ने कहा कि जहां सरकार बड़ी संख्या में ऋण प्रदान कर रही है, वहीं बैंकों का मुनाफा भी बढ़ रहा है। उन्होंने इसकी तुलना 10 साल पहले से की, जब रिकॉर्ड बैंक घाटे की खबरें और एनपीए पर चिंता व्यक्त करने वाले संपादकीय अखबारों में छपते थे। उन्होंने कहा कि आज अप्रैल से दिसंबर तक सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों ने 1.25 लाख करोड़ रुपये से अधिक का मुनाफा दर्ज किया है। श्री मोदी ने इस बात पर जोर दिया कि यह सिर्फ हेडलाइंस में बदलाव नहीं है, बल्कि बैंकिंग सुधारों में निहित एक प्रणालीगत बदलाव है, जो अर्थव्यवस्था के मजबूत स्तंभों को दर्शाता करता है।

प्रधानमंत्री ने रेखांकित किया कि पिछले एक दशक में हमारी सरकार ने 'व्यापार की चिंता' को 'व्यापार करने में आसानी' में बदल दिया है। उन्होंने जीएसटी के माध्यम से एकल बड़े बाजार की स्थापना से उद्योगों को प्राप्त लाभों पर प्रकाश डाला। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि पिछले दशक में बुनियादी ढांचे में अभूतपूर्व विकास हुआ है, जिससे लॉजिस्टिक्स लागत कम हुई है और दक्षता भी बढ़ी है। श्री मोदी ने कहा कि सरकार ने सैकड़ों अनुपालनों को समाप्त कर दिया है और अब जन विश्वास 2.0 के माध्यम से अनुपालन को और कम कर रही है। उन्होंने कहा कि समाज में सरकारी हस्तक्षेप को कम करने के लिए विनियमन आयोग की भी स्थापना की जा रही है।

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श्री मोदी ने इस बात की ओर ध्यान दिलाया कि भारत भविष्य की तैयारियों से संबंधित एक महत्वपूर्ण परिवर्तन देख रहा है। श्री मोदी ने कहा कि पहली औद्योगिक क्रांति के दौरान भारत औपनिवेशिक शासन से ग्रसित था। दूसरी औद्योगिक क्रांति के दौरान जब दुनिया भर में नए आविष्कार और कारखाने उभर रहे थे, भारत में स्थानीय उद्योगों को नष्ट किया जा रहा था और कच्चा माल देश से बाहर भेजा जा रहा था। उन्होंने कहा कि आजादी के बाद भी परिस्थितियों में ज्यादा बदलाव नहीं आया। उन्होंने कहा कि जब दुनिया कंप्यूटर क्रांति की ओर बढ़ रही थी, तब भारत में कंप्यूटर खरीदने के लिए लाइसेंस लेना पड़ता था। प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत को पहली तीन औद्योगिक क्रांतियों से ज्यादा लाभ नहीं हुआ, लेकिन देश अब चौथी औद्योगिक क्रांति में दुनिया के साथ कदम से कदम मिलाने के लिए तैयार है।


प्रधानमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार विकसित भारत की यात्रा में निजी क्षेत्र को एक महत्वपूर्ण भागीदार मानती है। उन्होंने कहा कि निजी क्षेत्र के लिए कई नए क्षेत्र खोले गए हैं, जैसे अंतरिक्ष क्षेत्र, जहां कई युवा और स्टार्टअप महत्वपूर्ण योगदान दे रहे हैं। उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि ड्रोन क्षेत्र जो हाल तक लोगों के लिए बंद था, अब युवाओं के लिए व्यापक अवसर सामने ला रहा है। उन्होंने कहा कि वाणिज्यिक कोयला खनन क्षेत्र को निजी कंपनियों के लिए खोल दिया गया है और निजी कंपनियों के लिए नीलामी प्रक्रिया को उदार बनाया गया है। प्रधानमंत्री ने कहा कि निजी क्षेत्र देश की नवीकरणीय ऊर्जा उपलब्धियों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है और सरकार दक्षता बढ़ाने के लिए बिजली वितरण क्षेत्र में निजी क्षेत्र की भागीदारी को बढ़ावा दे रही है। उन्होंने यह भी रेखांकित किया कि हालिया बजट में एक महत्वपूर्ण बदलाव निजी भागीदारी के लिए परमाणु क्षेत्र को खोलना है।

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प्रधानमंत्री ने कहा कि आज की राजनीति प्रदर्शन-उन्मुख हो गई है और भारत के लोगों ने स्पष्ट रूप से कहा है कि केवल जमीन से जुड़े और परिणाम देने वाले ही टिके रहेंगे। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि सरकार को लोगों की समस्याओं के प्रति संवेदनशील होना चाहिए। उन्होंने इस बात का उल्लेख किया कि पहले के नीति निर्माताओं में संवेदनशीलता और इच्छाशक्ति का अभाव था। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार ने लोगों के मुद्दों को संवेदनशीलता के साथ समझा है और उन्हें हल करने के लिए जुनून और उत्साह के साथ आवश्यक कदम उठाए हैं। श्री मोदी ने वैश्विक अध्ययनों का हवाला देते हुए बताया कि पिछले एक दशक में बुनियादी सुविधाओं और सशक्तिकरण की वजह से 25 करोड़ भारतीय गरीबी से बाहर निकले हैं। उन्होंने कहा कि यह बड़ा समूह नव-मध्यम वर्ग का हिस्सा बन गया है, जो अब अपने पहले दोपहिया, पहली कार और पहले घर का सपना देख रहा है। उन्होंने कहा कि मध्यम वर्ग का समर्थन करने के लिए इस बार के बजट में शून्य कर सीमा को 7 लाख रुपये से बढ़ाकर 12 लाख रुपये कर दिया गया है, जिससे पूरे मध्यम वर्ग को मजबूती मिली है और आर्थिक गतिविधि को बढ़ावा मिला है। श्री मोदी ने कहा कि ये उपलब्धियां एक सक्रिय और संवेदनशील सरकार के कारण संभव हुआ है।

श्री मोदी ने जोर देकर कहा कि विकसित भारत की सच्ची नींव विश्वास है और यह मूलतत्त्व हर नागरिक, हर सरकार और हर कारोबारी लीडर्स के लिए आवश्यक है। उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि सरकार लोगों में विश्वास पैदा करने के लिए पूरी ताकत से काम कर रही है। उन्होंने कहा कि इनोवेटर्स को एक ऐसा वातावरण प्रदान किया जा रहा है जहां वे अपने विचारों को विकसित कर सकते हैं, जबकि व्यवसायों को स्थिर और सहायक नीतियों का आश्वासन दिया गया। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आशा व्यक्त करते हुए कहा कि ईटी शिखर सम्मेलन इस विश्वास को और मजबूत करेगा।

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  • Prasanth reddi March 21, 2025

    జై బీజేపీ జై మోడీజీ 🪷🪷🙏
  • Jitendra Kumar March 20, 2025

    🙏🇮🇳
  • Vinod March 16, 2025

    jab katra bhra pada haa
  • Vinod March 16, 2025

    bass chak kara karo
  • Vinod March 16, 2025

    modi app samal saktaa hoo
  • Vinod March 16, 2025

    modiji delhi kharab hoo gai haa
  • ABHAY March 15, 2025

    नमो सदैव
  • bhadrakant choudhary March 10, 2025

    जय हो
  • Vivek Kumar Gupta March 05, 2025

    नमो ..🙏🙏🙏🙏🙏
  • krishangopal sharma Bjp March 04, 2025

    मोदी 🌹मोदी 🌹मोदी 🌹मोदी 🌹मोदी 🌹मोदी 🌹मोदी 🌹मोदी 🌹मोदी 🌹मोदी 🌹मोदी 🌹मोदी 🌹मोदी 🌹मोदी 🌹मोदी 🌹मोदी 🌹मोदी 🌹मोदी 🌹मोदी 🌹मोदी 🌹मोदी 🌹मोदी 🌹मोदी 🌹मोदी 🌹मोदी 🌹मोदी 🌹मोदी 🌹मोदी 🌹मोदी 🌹मोदी 🌹मोदी 🌹मोदी 🌹मोदी 🌹मोदी 🌹मोदी 🌹मोदी 🌹मोदी 🌹मोदी 🌹मोदी 🌹मोदी 🌹मोदी 🌹मोदी 🌹मोदी 🌹मोदी 🌹मोदी 🌹मोदी 🌹मोदी 🌹मोदी 🌹मोदी 🌹मोदी 🌹मोदी 🌹मोदी 🌹मोदी 🌹मोदी 🌹मोदी 🌹मोदी 🌹मोदी 🌹मोदी 🌹मोदी 🌹मोदी 🌹मोदी 🌹मोदी 🌹मोदी 🌹मोदी 🌹मोदी 🌹मोदी 🌹मोदी 🌹मोदी 🌹मोदी 🌹मोदी 🌹मोदी 🌹मोदी 🌹मोदी 🌹मोदी 🌹मोदी 🌹मोदी 🌹मोदी 🌹मोदी 🌹मोदी 🌹मोदी 🌹मोदी 🌹मोदी 🌹मोदी 🌹मोदी 🌹मोदी 🌹मोदी 🌹मोदी 🌹मोदी 🌹मोदी 🌹मोदी 🌹मोदी 🌹मोदी 🌹मोदी 🌹मोदी 🌹मोदी 🌹मोदी 🌹मोदी 🌹मोदी 🌹मोदी 🌹मोदी 🌹मोदी 🌹मोदी 🌹मोदी 🌹मोदी 🌹मोदी 🌹मोदी 🌹मोदी 🌹मोदी 🌹मोदी 🌹मोदी 🌹मोदी 🌹मोदी 🌹मोदी 🌹मोदी 🌹मोदी 🌹मोदी 🌹मोदी 🌹मोदी 🌹मोदी 🌹मोदी 🌹मोदी 🌹मोदी 🌹मोदी 🌹मोदी 🌹मोदी 🌹मोदी 🌹मोदी 🌹मोदी 🌹मोदी 🌹मोदी 🌹मोदी 🌹मोदी 🌹मोदी 🌹मोदी 🌹मोदी 🌹मोदी 🌹मोदी 🌹मोदी 🌹मोदी 🌹मोदी 🌹मोदी 🌹मोदी 🌹मोदी 🌹मोदी 🌹मोदी 🌹मोदी 🌹मोदी 🌹मोदी 🌹मोदी 🌹मोदी 🌹मोदी 🌹मोदी 🌹मोदी 🌹मोदी 🌹मोदी 🌹मोदी 🌹मोदी 🌹मोदी 🌹मोदी 🌹मोदी 🌹मोदी 🌹मोदी 🌹मोदी 🌹मोदी 🌹मोदी 🌹मोदी 🌹मोदी 🌹मोदी 🌹मोदी 🌹मोदी 🌹मोदी 🌹मोदी 🌹मोदी 🌹मोदी 🌹मोदी 🌹मोदी 🌹🙏🌹🙏🌷🙏🌷🙏🌹🙏🌷🙏🌹🙏🌷🙏🌹🙏🌷🙏🌹🙏🌷🙏🌹🙏🌷🙏🌹🙏🌷🙏🌹🙏🌷🙏🌹🙏🌷🙏🌹🙏🌷🙏🌹🙏🌷🙏🌹🙏🌷🙏🌹🙏🌷🙏🌹🙏🌷🙏🌹🙏🌷🙏🌹🙏🌷🙏🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹.......
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Prime Minister condoles demise of Pasala Krishna Bharathi
March 23, 2025

The Prime Minister, Shri Narendra Modi has expressed deep sorrow over the passing of Pasala Krishna Bharathi, a devoted Gandhian who dedicated her life to nation-building through Mahatma Gandhi’s ideals.

In a heartfelt message on X, the Prime Minister stated;

“Pained by the passing away of Pasala Krishna Bharathi Ji. She was devoted to Gandhian values and dedicated her life towards nation-building through Bapu’s ideals. She wonderfully carried forward the legacy of her parents, who were active during our freedom struggle. I recall meeting her during the programme held in Bhimavaram. Condolences to her family and admirers. Om Shanti: PM @narendramodi”