आईआईटी दिल्ली के दीक्षांत समारोह में प्रधानमंत्री मोदी ने छात्रों से कहा कि आपका मकसद समाज को आगे ले जाना और उसकी भलाई होनी चाहिए।
कोविड-19 ने दुनिया को सिखाया है कि ग्लोबलाइजेशन महत्वपूर्ण है लेकिन इसके साथ-साथ आत्मनिर्भरता भी उतनी ही जरूरी है : पीएम मोदी
आज देश, हर क्षेत्र की अधिकतम संभावनाओं को हासिल करने के लिए नए तौर-तरीकों से काम कर रहा है : दीक्षांत समारोह में पीएम मोदी

प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने नए आईआईटी स्नातकों से देश की आवश्यकताओं को पहचानने और जमीनी स्तर पर हो रहे बदलावों के साथ जुड़ने को कहा है। प्रधानमंत्री ने उनसे आत्मनिर्भर भारत के संदर्भ में आम लोगों की आकांक्षाओं को भी पहचाने की अपील की। प्रधानमंत्री वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से आईआईटी दिल्ली के 51वें वार्षिक दीक्षांत समारोह को आज मुख्य अतिथि के रूप में संबोधित कर रहे थे।

2000 से अधिक आईआईटी छात्रों को उनके दीक्षांत समारोह पर बधाई देते हुए, प्रधानमंत्री ने कहा कि आत्मनिर्भर अभियान एक मिशन है जो देश के युवाओं, टेक्नोक्रेट्स और तकनीकी-उद्यम अधिनायकों को अवसर प्रदान करता है। उन्होंने कहा कि आज टेक्नोक्रेट्स के विचारों और नवाचारों को स्वतंत्र रूप से लागू करने और उन्हें आसानी से बाजार में लाने के लिए अनुकूल वातावरण बनाया गया है। उन्होंने कहा कि आज का भारत अपने युवाओं को 'कारोबार करने में आसानी' प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है ताकि वे अपने नवाचार के माध्यम से देश के करोड़ों लोगों के जीवन में बदलाव ला सकें। श्री मोदी ने कहा कि देश आपको 'व्यापार करने में आसानी' प्रदान करेगा और आप इस देश के लोगों के 'जीवनयापन में आसानी' लाने की दिशा में कार्य करेंगे। उन्होंने बताया कि हाल के दिनों में लगभग हर क्षेत्र किए गए व्यापक सुधारों के पीछे भी यही विचार प्रक्रिया है। उन्होंने उन क्षेत्रों को भी सूचीबद्ध किया जहां सुधारों के कारण पहली बार नवाचार और नए स्टार्ट-अप के लिए अवसर बनाए गए हैं।

प्रधानमंत्री ने कहा कि अन्य सेवा प्रदाता (ओएसपी) दिशानिर्देशों को सरल बनाया गया है और हाल ही में हटाए गए प्रतिबंधों से बीपीओ इंडस्ट्रीज के अनुपालन के बोझ को कम किया जा सकेगा। उन्होंने कहा कि बीपीओ उद्योग को बैंक गारंटी सहित विभिन्न आवश्यकताओं से छूट दी गई है। उन्होंने कहा कि तकनीकी उद्योग को घर से कार्य या कहीं से भी कार्य करने जैसी सुविधाओं से रोकने वाले प्रावधानों को भी हटा दिया गया है। यह देश के आईटी क्षेत्र को वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनाएगा और युवा प्रतिभाओं को अधिक अवसर प्रदान करेगा।

प्रधानमंत्री ने कहा कि आज भारत उन देशों में शामिल है, जहां कॉर्पोरेट टैक्स सबसे कम है। स्टार्ट-अप इंडिया अभियान के बाद से भारत में 50 हजार से अधिक स्टार्टअप शुरू हो चुके हैं। उन्होंने पिछले पांच वर्षों में देश में पेटेंट की संख्या में 4 गुना वृद्धि, ट्रेडमार्क पंजीकरण में 5 गुना वृद्धि जैसे स्टार्टअप्स को बढ़ावा देने के संबंध में सरकार के प्रयासों के परिणाम को सूचीबद्ध किया। उन्होंने कहा कि पिछले वर्षों में 20 से अधिक भारतीय इकाइयां स्थापित की गई हैं और इस संख्या में अगले एक या दो वर्षों में और वृद्धि होगी।

प्रधानमंत्री ने बताया कि आज इनक्यूबेशन से लेकर वित्तपोषण तक में स्टार्टअप की सहायता की जा रही है। स्टार्टअप्स के वित्तपोषण के संदर्भ में उन्होंने कहा कि 10 हजार करोड़ रुपए के कोष के साथ कोषों का एक कोष बनाया गया है। 3 वर्षों की अवधि के अलावा, स्टार्टअप को कर छूट, स्व-प्रमाणन और आसान निकासी जैसी कई सुविधाएं प्रदान की गई हैं।

प्रधानमंत्री ने आज कहा कि राष्ट्रीय बुनियादी ढांचे पाइपलाइन के तहत 1 लाख करोड़ रुपये से अधिक के निवेश की योजना बनाई गई है। यह देश भर में एक अत्याधुनिक बुनियादी ढांचे का निर्माण करेगा जो यह वर्तमान और भविष्य दोनों की जरूरतों को पूरा करेगा। उन्होंने कहा कि आज देश हर क्षेत्र में अधिकतम क्षमता हासिल करने के लिए नवीन तरीकों से कार्य कर रहा है।

प्रधानमंत्री ने छात्रों को उनके कार्यस्थल के लिए चार मंत्र दिए-

गुणवत्ता पर ध्यान दें; कभी समझौता न करें।
मापनीयता सुनिश्चित करें; अपने नवाचारों का व्यापक स्तर पर उपयोग करें।
विश्वसनीयता सुनिश्चित करें; बाजार में दीर्घकालिक विश्वास का निर्माण करें।
अनुकूलनशीलता लाएं; जीवन के एक मार्ग के रूप में बदलाव और अनिश्चितता को स्वीकार करने के लिए तैयार रहें।
उन्होंने कहा कि इन मूल मंत्रों पर कार्य करने से एक पहचान के साथ-साथ ब्रांड इंडिया भी उज्जवल होगा, क्योंकि छात्र भारत के सबसे बड़े ब्रांड एंबेसडर हैं। उन्होंने कहा कि छात्रों के कार्य से देश के उत्पाद को वैश्विक पहचान मिलेगी और देश के प्रयासों में तेजी आएगी।

प्रधानमंत्री ने कहा कि कोविड के बाद की दुनिया काफी अलग होने जा रही है और प्रौद्योगिकी इसमें सबसे बड़ी भूमिका निभाएगी। उन्होंने कहा कि वर्चुअल वस्तु-स्थिति के बारे में कभी सोचा भी नहीं गया था, लेकिन अब वर्चुअल वस्तु-स्थिति और संवद्धित वस्तु-स्थिति कार्य यथार्थ बन गई है। उन्होंने कहा कि छात्रों के वर्तमान बैच को सीखने और कार्यस्थल में सामने आने वाले नए मानदंडों के अनुकूल होने का लाभ है और उन्होंने छात्रों से इसका अधिक से अधिक उपयोग करने का आग्रह किया है। उन्होंने कहा कि कोविड-19 ने सिखाया है कि वैश्वीकरण महत्वपूर्ण है लेकिन आत्म-निर्भरता भी उतनी ही महत्वपूर्ण है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि देश ने हाल के दिनों में दिखाया है कि किस तरह से प्रौद्योगिकी शासन को सर्वाधिक गरीबों तक पहुंचने के लिए सबसे शक्तिशाली साधन हो सकती है। उन्होंने सरकार की उन योजनाओं जैसे शौचालय निर्माण, गैस कनेक्शन आदि को सूचीबद्ध किया जिनके माध्यम से सर्वाधिक गरीबों तक भी अपनी पहुंच बनाई गई। उन्होंने कहा कि देश सेवाओं की डिजिटल डिलीवरी में तेजी से प्रगति कर रहा है और आम नागरिकों के जीवन को आसान बना रहा है। उन्होंने कहा कि प्रौद्योगिकी ने अंतिम स्तर तक वितरण को कुशल बनाया है और भ्रष्टाचार के दायरे को कम किया है। डिजिटल लेन-देन के मामले में भी, भारत दुनिया के कई देशों से बहुत आगे है और यहां तक ​​कि विकसित देश भी यूपीआई जैसे भारतीय प्लेटफार्मों को अपनाना चाहते हैं।

प्रधानमंत्री ने कहा कि प्रौद्योगिकी स्वामित्व योजना में एक बड़ी भूमिका निभा रही है जिसका हाल ही में शुभारंभ किया गया था। इसके तहत पहली बार आवासीय और जमीन जायदाद की मैपिंग की जा रही है। उन्होंने कहा कि पहले यह काम मैन्युअल रूप से किया जाता था और इस प्रकार संदेह और आशंकाएं भी स्वाभाविक थीं। आज, ड्रोन तकनीक का उपयोग करते हुए, यह मानचित्रण किया जा रहा है और ग्रामीण भी इससे पूरी तरह से संतुष्ट हैं। इससे पता चलता है कि भारत के सामान्य नागरिकों को तकनीक पर कितना भरोसा है। उन्होंने कहा कि प्रौद्योगिकी आपदा प्रबंधन के पश्चात, भूजल स्तर बनाए रखने, टेलीमेडिसिन तकनीक और रिमोट सर्जरी, व्यापक डेटा विश्लेषण आदि जैसी चुनौतियों में समाधान प्रदान कर सकती है।

उन्होंने छात्रों की असाधारण क्षमताओं की प्रशंसा की क्योंकि उन्होंने कम आयु में ही सबसे कठिन परीक्षाओं में से एक को उत्तीर्ण किया है। इसी के साथ प्रधानमंत्री ने उन्हें अपनी क्षमता को और बढ़ाने के लिए लचीला और विनम्र बनने की सलाह दी। प्रधानमंत्री ने कहा कि लचीलेपन से उनका अभिप्राय किसी भी स्तर पर अपनी पहचान न छोड़ते हुए एक टीम वर्क के रूप में कार्य करने से कभी नहीं हिचकिचाना और विनम्रता से, उनका अभिप्राय किसी की सफलता और उपलब्धियों पर गर्व करते हुए स्वयं को अहंकार से परे रखते हुए जमीन से जुड़े रहने से है।

प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने दीक्षांत समारोह के लिए छात्रों के माता-पिता, मार्गदर्शक और संकाय को भी शुभकामनाएं दी। उन्होंने आईआईटी दिल्ली के हीरक जयंती समारोह को भी अपनी शुभकामनाऐं देते हुए उन्हें इस दशक में संस्थान द्वारा दिए गए लक्ष्यों को प्राप्त करने में सफलता की कामना की।

पूरा भाषण पढ़ने के लिए यहां क्लिक कीजिए

Explore More
140 करोड़ देशवासियों का भाग्‍य बदलने के लिए हम कोई कोर-कसर नहीं छोड़ेंगे: स्वतंत्रता दिवस पर पीएम मोदी

लोकप्रिय भाषण

140 करोड़ देशवासियों का भाग्‍य बदलने के लिए हम कोई कोर-कसर नहीं छोड़ेंगे: स्वतंत्रता दिवस पर पीएम मोदी
Cabinet approves minimum support price for Copra for the 2025 season

Media Coverage

Cabinet approves minimum support price for Copra for the 2025 season
NM on the go

Nm on the go

Always be the first to hear from the PM. Get the App Now!
...
सोशल मीडिया कॉर्नर 21 दिसंबर 2024
December 21, 2024

Inclusive Progress: Bridging Development, Infrastructure, and Opportunity under the leadership of PM Modi