‘मढड़ा धाम, चारण समुदाय’ के लिए श्रद्धा, शक्ति, अनुष्ठानों और परंपराओं का केंद्र है" "श्री सोनल माता जी की आध्यात्मिक ऊर्जा, मानवीय शिक्षाओं और तपस्या ने उनके व्यक्तित्व में एक अद्भुत दिव्य सम्मोहन जागृत किया जिसे आज भी अनुभव किया जा सकता है"
" सोनल माँ का सम्पूर्ण जीवन लोक कल्याण, देश और धर्म की सेवा के लिए समर्पित था"
देशभक्ति के गीत हों या आध्यात्मिक उपदेश, चारण साहित्य ने सदियों से महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है" "
सोनल माता जीसे रामायण की कहानी सुनने वाले इसे कभी विस्मृत नहीं कर सकते"

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आज सोनल माता जी के जन्म शताब्दी कार्यक्रम को वीडियो संदेश के माध्यम से संबोधित किया।

अपने संबोधन में प्रधानमंत्री ने कहा कि आई श्री सोनल मां की जन्मशती पौष के पवित्र महीने में हो रही है और इस पावन आयोजन से जुड़ना सौभाग्य की बात है। प्रधानमंत्री ने सोनल माता जी के आशीर्वाद के लिए आभार व्यक्त किया। प्रधानमंत्री ने इस अवसर पर समस्त चारण समाज और व्यवस्थापकों को शुभकामनाएं दी। उन्होंने कहा कि मढड़ा धाम चारण समुदाय के लिए श्रद्धा, भक्ति, अनुष्ठान और परंपराओं का केंद्र है। मैं श्री आई के चरणों में शीश झुकाकर वंदन करता हूं।”

प्रधानमंत्री ने कहा कि इस तीन दिवसीय महोत्सव के मध्य सोनल मां की चिरस्मृति हमारे साथ है। भगवती स्वरूपा सोनल माँ इस बात का साक्षात, जीवंत उदाहरण थीं कि भारत किसी भी युग में देहधारी अवतारी आत्माओं से वंचित नहीं रहा है। गुजरात और सौराष्ट्र विशेष रूप से महान संतों और विभूतियों की भूमि रहे हैं, कई संतों और महान आत्माओं ने सम्पूर्ण मानवता के लिए अपने प्रकाश से इस क्षेत्र को दैदि्प्यमान किया है। उन्होंने उल्लेख किया कि पवित्र गिरनार, भगवान दत्तात्रेय और अनगिनत संतों की स्थली रही है। सौराष्ट्र की इस सनातन संत परंपरा में ''श्री सोनल माता जी आधुनिक युग के लिए प्रकाशपुंज के समान थी। उनकी आध्यात्मिक ऊर्जा, मानवीय शिक्षाएं और तपस्या ने उनके व्यक्तित्व में एक अद्भुत दिव्य सम्मोहन जागृत किया। जूनागढ़ और मढ़ड़ा के सोनल धाम में आज भी इसकी अनुभूति की जा सकती है।”

प्रधानमंत्री ने कहा, ''सोनल माँ का सम्पूर्ण जीवन लोक कल्याण, देश और सेवा के लिए समर्पित था। उन्होंने बापू, विनोबा भावे, रविशंकर महाराज, कानभाई लहेरी, कल्याण शेठ जैसे महान विभूतियों के साथ काम किया।” प्रधानमंत्री ने इस बात पर बल दिया कि सोनल मां की चारण समुदाय के विद्वानों के बीच विशेष महिमा थी उन्होंने कई युवाओं को दिशा प्रदान कर उनके जीवन को परिवर्तित कर दिया। समाज में उनके योगदान पर प्रकाश डालते हुए प्रधानमंत्री ने समाज में शिक्षा और नशामुक्ति की दिशा में उनके अद्भुत कार्यों का उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि सोनल माता जी ने समाज को कुरीतियों से बचाने के लिए कार्य किया और कच्छ के वोवार गांव से एक विशाल प्रतिज्ञा अभियान शुरू किया था जिसमें कड़ी मेहनत करके आत्मनिर्भर बनने और पशुधन की रक्षा पर बल दिया गया था।

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि सोनल मां आध्यात्मिक और सामाजिक कार्यों के साथ-साथ देश की एकता और अखंडता की भी प्रभावशाली संरक्षक थीं। वे विभाजन के समय जूनागढ़ को तोड़ने का षडयंत्र करने वालों के खिलाफ मां चंडी की तरह खड़ी हुई थीं।

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि “आई श्री सोनल मां देश के चारण समुदाय के लिए, माता सरस्वती के सभी उपासकों के लिए महान योगदान की प्रतीक हैं”, उन्होंने कहा कि इस समाज को भारत के शास्त्रों में भी एक विशेष स्थान और सम्मान दिया गया है। भागवत जैसे पवित्र ग्रंथ पुराण चारण समुदाय को श्रीहरि के वंशज के रूप में संदर्भित करते हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि इस समाज में कई विद्वानों की परंपरा अविरत रूप से चलती रही है, पूज्य ठारण बापू, पूज्य ईसर दास जी, पिंगलशी बापू, पूज्य काग बापू, मेरुभा बापू, शंकरदान बापू, शम्भुदान जी, भजनीक नारणस्वामी, हेमुभाई गढ़वी, पद्मश्री कवि दाद और पद्मश्री भिखुदान गढ़वी और ऐसे ही कितने ही व्यक्तत्वों ने चारण समुदाय को समृद्ध किया है। “विशाल चारण साहित्य आज भी इस महान परंपरा का प्रमाण है। चाहे देशभक्ति के गीत हों या आध्यात्मिक उपदेश, चारण साहित्य ने सदियों से महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है”, प्रधानमंत्री ने कहा कि श्री सोनल मां की ओजस्वी वाणी स्वयं इसका बड़ा उदाहरण रही है। उन्होंने बताया कि हालांकि सोनल मां को कभी भी पारंपरिक पद्धति से शिक्षा नहीं मिली लेकिन संस्कृत भाषा पर उनकी अद्भुत पकड़ थी और उन्हें शास्त्रों का गहन ज्ञान था। उन्होंने कहा कि जिन्होंने भी उनके श्रीमुख से रामायण की कथा सुनी, वे इसे कभी विस्मृत नहीं कर सकते।" हम सब कल्पना कर सकते हैं कि जब अयोध्या में 22 जनवरी को अयोध्या में श्री राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा समारोहों का आयोजन होने जा रहा है तो सोनल मां कितनी प्रसन्न होगी। प्रधानमंत्री ने कहा कि मैं आप सभी से 22 जनवरी को हर घर में श्री राम ज्योति प्रज्वलित करने का आग्रह भी करूंगा। प्रधानमंत्री ने देश में मंदिरों में कल हुए स्वच्छता अभियान का भी उल्लेख किया और कहा, कि ''हमें इस दिशा में मिलकर काम करना होगा। मुझे विश्वास है, कि ऐसे प्रयासों से श्री सोनल मां की प्रसन्नता अनेक गुना बढ़ जाएगी।”

संबोधन का समापन करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि श्री सोनल मां की प्रेरणा हमें भारत को एक विकसित और आत्मनिर्भर राष्ट्र बनाने की दिशा में काम करने की नवीन ऊर्जा प्रदान करती है। उन्होंने इन लक्ष्यों को प्राप्त करने में चारण समाज की भूमिका का भी उल्लेख किया।

श्री सोनल मां द्वारा दी गई 51 आज्ञाएँ चारण समाज के लिए दिशा-निर्देशक हैं। प्रधानमंत्री ने चारण समुदाय से आग्रह किया कि वे समाज में जागरूकता लाने के लिए निरंतर कार्यशील रहें। उन्होंने मढड़ा में चल रहे अखंड सदाव्रत यज्ञ की सराहना की और कहा कि सामाजिक समरसता को सृदृढ़ करने के लिए मढड़ा धाम का सदाव्रत यज्ञ भविष्य में भी राष्ट्र निर्माण के ऐसे अनगिनत अनुष्ठानों को गति प्रदान करता रहेगा।

पूरा भाषण पढ़ने के लिए यहां क्लिक कीजिए

Explore More
140 करोड़ देशवासियों का भाग्‍य बदलने के लिए हम कोई कोर-कसर नहीं छोड़ेंगे: स्वतंत्रता दिवस पर पीएम मोदी

लोकप्रिय भाषण

140 करोड़ देशवासियों का भाग्‍य बदलने के लिए हम कोई कोर-कसर नहीं छोड़ेंगे: स्वतंत्रता दिवस पर पीएम मोदी
PLI, Make in India schemes attracting foreign investors to India: CII

Media Coverage

PLI, Make in India schemes attracting foreign investors to India: CII
NM on the go

Nm on the go

Always be the first to hear from the PM. Get the App Now!
...

Prime Minister Shri Narendra Modi met with the Prime Minister of Dominica H.E. Mr. Roosevelt Skeritt on the sidelines of the 2nd India-CARICOM Summit in Georgetown, Guyana.

The leaders discussed exploring opportunities for cooperation in fields like climate resilience, digital transformation, education, healthcare, capacity building and yoga They also exchanged views on issues of the Global South and UN reform.