प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आज वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए गुजरात के गांधी नगर में आयोजित तीसरे वैश्विक आलू सम्मेलन को संबोधित किया। इससे पहले दो वैश्विक आलू सम्मेलनों का आयोजन 1999 और 2008 में किया गया था। इस सम्मेलन का आयोजन भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद, नई दिल्ली, आईसीएआर-केन्द्रीय आलू अनुसंधान संस्थान, शिमला और पेरू के लिमा में स्थित अंतर्राष्ट्रीय आलू केन्द्र (सीआईपी) के सहयोग से भारतीय आलू संघ द्वारा किया जा रहा है।
वैश्विक आलू सम्मेलन में अगले कुछ दिनों में खाद्य एवं पोषण की मांग के महत्वपूर्ण पहलुओं पर विचार करने के लिए दुनियाभर से वैज्ञानिक, आलू किसान और इससे संबंधित अन्य लोग शामिल हैं।
सम्मेलन को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने बताया कि इस तीसरे सम्मेलन की सबसे खास बात यह है कि एक ही समय आलू सम्मेलन, कृषि प्रदर्शनी और आलू फील्ड डे मनाया जा रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि यह एक सराहनीय कोशिश है कि 6 हजार किसान आज फील्ड डे के दिन खेतों का दौरा करने जा रहे हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि यह महत्वपूर्ण है कि तीसरा वैश्विका आलू सम्मेलन गुजरात में आयोजित किया जा रहा है, जो देशभर में आलू उत्पादन में अग्रणी राज्य है। उन्होंने कहा कि पिछले ग्यारह वर्ष के दौरान भारत में आलू की खेती का रकबा लगभग 20 प्रतिशत बढ़ा है जबकि इसी अवधि में गुजरात में आलू की खेती के रकबे में 170 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि यह उन नीतिगत पहलों और फैसलों के कारण हो पाया है, जो राज्य को खेती के लिए स्प्रिंकलर और ड्रिप सिंचाई जैसे कृषि के आधुनिक तरीकों के साथ-साथ सर्वोत्तम कोल्ड स्टोरेज सुविधाओं और खाद्य प्रसंस्करण उद्योग से जोड़ता है। उन्होंने कहा कि गुजरात में प्रमुख आलू प्रसंस्करण कंपनियां हैं और अधिकांश निर्यातक भी गुजरात में स्थित हैं। इससे गुजरात, देश में एक प्रमुख आलू केन्द्र के रूप में उभरा है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने के लक्ष्य की ओर तेजी से कदम उठा रही है। उन्होंने कहा कि किसानों की कोशिशों और सरकार की नीति के संयोजन के परिणामस्वरूप भारत कई अनाजों और अन्य खाद्य पदार्थों के उत्पादन में दुनिया के शीर्ष 3 देशों में शामिल है। उन्होंने खाद्य प्रसंस्करण उद्योग को हर स्तर पर बढ़ावा देने के लिए इस क्षेत्र में 100 फीसदी एफडीआई का रास्ता खोलने, पीएम किसान संपदा योजना के माध्यम से मूल्यवर्धन और मूल्य श्रृंखला विकास में मदद करने जैसे सरकार द्वारा उठाए गए कदमों की जानकारी दी।
प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि इस महीने की शुरूआत में प्रत्यक्ष हस्तांतरण के जरिए 6 करोड़ किसानों के बैंक खातों में 12,000 करोड़ रुपये की राशि स्थानांतरित करके एक नया रिकॉर्ड भी बनाया गया है। उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि उनकी सरकार की प्राथमिकता किसान और उपभोक्ता के बीच बिचौलियों और अन्य लोगों को कम करना है। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार का जोर कृषि प्रौद्योगिकी आधारित स्टार्टअप्स को बढ़ावा देने पर भी है ताकि किसानों के डेटाबेस और स्मार्ट एवं सटीक कृषि के लिए जरूरी कृषि ढेरों का इस्तेमाल किया जा सके।
प्रधानमंत्री ने वैज्ञानिकों से आधुनिक जैव प्रौद्योगिकी, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, ब्लॉक चेन, ड्रोन प्रौद्योगिकी के जरिए कृषि से जुड़े विभिन्न मुद्दों का समाधान प्रदान करने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि वैज्ञानिक समुदाय और नीति निर्माताओं की सबसे बड़ी जिम्मेदारी यह देखना है कि कोई भी भूखा या कुपोषित न रहे।
पृष्ठभूमि:
तीसरा वैश्विक आलू सम्मेलन सभी हितधारकों को एक साझा मंच पर लाने का अवसर प्रदान करेगा ताकि सभी मुद्दों पर चर्चा की जाए और आलू क्षेत्र से संबंधित सभी लोगों को शामिल करते हुए भविष्य की योजनाओं बनाई जाए। इसमें आलू अनुसंधान में जानकारी और नवाचारों के मोर्चे पर देश के विभिन्न हितधारकों को अपनी क्षमता उजागर करने का मौका मिलेगा। इस सम्मेलन के तीन प्रमुख घटक (i) आलू सम्मेलन, (ii) कृषि प्रदर्शनी और (iii) आलू फील्ड डे हैं।
आलू सम्मेलन 28-30 जनवरी, 2020 के दौरान 3 दिनों के लिए आयोजित किया जाएगा। इसमें 10 विषय होंगे, जिनमें से 8 विषय बुनियादी और अनुप्रयुक्त अनुसंधान पर आधारित हैं। शेष दो विषयों आलू व्यापार और मूल्य श्रृंखला प्रबंधन एवं नीतिगत मुद्दों पर विशेष जोर दिया जाएगा।
कृषि प्रदर्शनी का आयोजन 28 से 30 जनवरी, 2020 तक किया जाएगा जिसमें आलू आधारित उद्योगों और व्यापार, प्रसंस्करण, बीज आलू उत्पादन, जैव प्रौद्योगिकी, प्रौद्योगिकी हस्तांतरण में सार्वजनिक-निजी साझेदारी और किसानों से संबंधित उत्पादों आदि की स्थिति दर्शायी जाएगी।
आलू फील्ड डे का आयोजन 31 जनवरी, 2020 को किया जाएगा। इसमें आलू मशीनीकरण, आलू की किस्में और नवीनतम प्रौद्योगिकियों में प्रगति का प्रदर्शन शामिल होगा।
इस सम्मेलन में रोपण सामग्री की कमी, आपूर्ति श्रृंखला, कटाई के बाद का नुकसान, उन्नत प्रसंस्करण की जरूरतें, निर्यात एवं विविध उपयोग और उत्पादन एवं प्रमाणित बीजों का उपयोग, लंबी दूरी के परिवहन और निर्यात संवर्धन जैसे आवश्यक नीतिगत समर्थन जैसी समस्याओं पर विचार करने की जरूरत है।
मुझे बताया गया है कि Global Potato Conclave में दुनिया के अनेक देशों से साइंटिस्ट आए हैं, हज़ारों किसान साथी और दूसरे Stakeholders भी जुटे हैं। अगले तीन दिनों में आप सभी पूरे विश्व के Food और Nutrition की डिमांड से जुड़े महत्वपूर्ण पहलुओं पर चर्चा करने वाले हैं: PM @narendramodi
— PMO India (@PMOIndia) January 28, 2020
इस कॉन्कलेव की खास बात ये भी है कि यहां Potato Conference, AgriExpo और Potato Field Day, तीनों एक साथ हो रहे हैं। मुझे बताया गया है कि करीब 6 हज़ार किसान फील्ड डे के मौके पर खेतों में जाने वाले हैं। ये प्रशंसनीय प्रयास है: PM @narendramodi
— PMO India (@PMOIndia) January 28, 2020
अच्छा ये भी है कि इस बार Potato Conclave दिल्ली से बाहर हो रहा है, हजारों आलू किसानों के बीच हो रहा है। गुजरात में इस कॉन्क्लेव का होना इसलिए भी अहम है क्योंकि, ये राज्य Potato की Productivity के लिहाज़ से देश का पहले नंबर का राज्य है: PM @narendramodi
— PMO India (@PMOIndia) January 28, 2020
साल 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने के लक्ष्य को लेकर तेज़ी से कदम उठाए जा रहे हैं। किसानों के प्रयास और सरकार की पॉलिसी के कॉम्बिनेशन का ही परिणाम है कि अनेक अनाजों और दूसरे खाने के सामान के उत्पादन में भारत दुनिया के टॉप-3 देशों में है: PM @narendramodi
— PMO India (@PMOIndia) January 28, 2020
फूड प्रोसेसिंग से जुड़े सेक्टर को प्रमोट करने के लिए केंद्र सरकार ने भी अनेक कदम उठाए हैं। चाहे इस सेक्टर को 100% FDI के लिए खोलने का फैसला हो या फिर पीएम किसान संपदा योजना के माध्यम से वैल्यू एडिशन और वैल्यू चेन डेवलपमेंट में मदद, हर स्तर पर कोशिश की जा ही है: PM @narendramodi
— PMO India (@PMOIndia) January 28, 2020
इस महीने के शुरुआत में, एक साथ 6 करोड़ किसानों के बैंक खातों में, 12 हजार करोड़ रुपए की राशि ट्रांसफर करके एक नया रिकॉर्ड भी बनाया गया है: PM @narendramodi
— PMO India (@PMOIndia) January 28, 2020
किसान और उपभोक्ता के बीच के Layers और उपज की बर्बादी को कम करना हमारी प्राथमिकता है। इसके लिए परंपरागत कृषि को बढ़ावा दिया जा रहा है: PM @narendramodi
— PMO India (@PMOIndia) January 28, 2020
सरकार का जोर कृषि टेक्नॉलॉजी आधारित स्टार्ट अप्स को प्रमोट करने पर भी है ताकि स्मार्ट और प्रिसिजन एग्रीकल्चर के लिए ज़रूरी किसानों के डेटाबेस और एग्री स्टैक का उपयोग किया जा सके: PM @narendramodi
— PMO India (@PMOIndia) January 28, 2020
इसके साथ-साथ एग्रीकल्चर सेक्टर में आधुनिक बायोटेक्नॉलॉजी, Artificial Intelligence, Block chain, Drone Technology, ऐसी हर नई टेक्नॉलॉजी का कैसे बेहतर उपयोग हो सकता है, इसको लेकर भी आपके सुझाव और समाधान अहम रहेंगे: PM @narendramodi
— PMO India (@PMOIndia) January 28, 2020
21st century में भी कोई भूखा और कुपोषित- Malnourished ना रहे, इसकी भी एक बड़ी जिम्मेदारी आप सभी के कंधों पर है। मुझे विश्वास है कि आने वाले 3 दिनों में आप इसी दिशा में गंभीर मंथन करेंगे: PM @narendramodi
— PMO India (@PMOIndia) January 28, 2020