Quoteप्रधानमंत्री ने अल्लूरी सीताराम राजू की 30 फुट ऊंची कांस्य प्रतिमा का भी अनावरण किया
Quote"आजादी का संग्राम केवल कुछ वर्षों का, कुछ क्षेत्रों का या कुछ लोगों का इतिहास नहीं है”
Quote“अल्लूरी सीताराम राजू भारत की संस्कृति, जनजातीय पहचान, वीरता, आदर्श और मूल्यों के प्रतीक हैं”
Quote“हमारा नया भारत हमारे स्वतंत्रता सेनानियों के सपनों का भारत होना चाहिए। एक ऐसा भारत जिसमें गरीब, किसान, मजदूर, पिछड़े, आदिवासी सबके लिए समान अवसर हों”
Quote“आज नए भारत में नए अवसर, रास्ते, विचार प्रक्रियाएं एवं संभावनाएं मौजूद हैं और हमारे युवा इन संभावनाओं को साकार करने का दायित्‍व उठा रहे हैं”
Quote“आंध्र प्रदेश वीरों और देशभक्तों की भूमि है”
Quote“130 करोड़ भारतीय हर चुनौती को कह रहे हैं- 'दम है तो हमें रोक लो' – रोक सको तो रोक लो”

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आज आंध्र प्रदेश के भीमावरम में महान स्वतंत्रता सेनानी अल्लूरी सीताराम राजू के एक साल चलने वाले 125वीं जयंती समारोह का शुभारंभ किया। इस अवसर पर आंध्र प्रदेश के राज्यपाल श्री विश्वभूषण हरिचंदन, मुख्यमंत्री श्री वाई.एस. जगन मोहन रेड्डी, केंद्रीय मंत्री श्री जी.किशन रेड्डी भी उपस्थित थे।

सभा को संबोधित करते हुए, प्रधानमंत्री ने कहा कि वह इतनी समृद्ध विरासत के साथ आंध्र प्रदेश की महान भूमि को सलामी देने का अवसर पाकर खुद को गौरवान्वित अनुभव कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि आजादी का अमृत महोत्सव, अल्लूरी सीताराम राजू की 125वीं जयंती तथा रम्पा क्रांति की 100वीं वर्षगांठ जैसे प्रमुख आयोजनों का संगम है। प्रधानमंत्री ने महान "मण्यम वीरुडु" अल्लूरी सीताराम राजू को नमन किया और उन्हें पूरे देश की ओर से श्रद्धांजलि अर्पित की। उन्होंने इस महान स्वतंत्रता सेनानी के परिवार के सदस्यों से मिलकर प्रसन्नता जाहिर की। प्रधानमंत्री ने 'आदिवासी परंपरा' और आंध्र प्रदेश की परंपरा से उभरे इस स्वतंत्रता सेनानी को श्रद्धासुमन अर्पित किए।

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प्रधानमंत्री ने बताया कि अल्लूरी सीताराम राजू गारू की 125वीं जयंती और रम्पा क्रांति की 100वीं वर्षगांठ का समारोह पूरे साल मनाया जाएगा। उन्होंने कहा कि पंडरंगी में उनके जन्म स्थान का जीर्णोद्धार, चिंतापल्ली थाने का जीर्णोद्धार, मोगल्लू में अल्लूरी ध्यान मंदिर का निर्माण जैसे कार्य अमृत महोत्सव की भावना के प्रतीक हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि आज का कार्यक्रम सभी को स्वतंत्रता सेनानियों के वीरता के कार्यों के बारे में जागरूकता पैदा करने की शपथ को दर्शाता है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि आजादी का संग्राम केवल कुछ वर्षों का, कुछ क्षेत्रों का या कुछ लोगों का इतिहास नहीं है। यह इतिहास भारत के कोने-कोने और कण-कण के त्‍याग, तप और बलिदानों का इतिहास है। उन्होंने कहा कि हमारे स्वतंत्रता आंदोलन का इतिहास हमारी विविधता, संस्कृति और एक राष्ट्र के रूप में हमारी एकता की ताकत का प्रतीक है।

अल्लूरी सीताराम राजू को भारत की संस्कृति, जनजातीय पहचान, वीरता, आदर्श और मूल्यों का प्रतीक बताते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि सीताराम राजू गारू के जन्म से लेकर उनके बलिदान तक उनकी जीवन यात्रा हम सभी के लिए एक प्रेरणा है। उन्होंने अपना जीवन आदिवासी समाज के अधिकारों, उनके सुख-दुःख और देश की आजादी के लिए समर्पित कर दिया। प्रधानमंत्री ने कहा कि अल्लूरी सीताराम राजू 'एक भारत श्रेष्ठ भारत' की भावना का प्रतिनिधित्व करते हैं जो देश को एकता के सूत्र में बांध रही है।

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प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत के अध्यात्मवाद ने अल्लूरी सीताराम राजू को करुणा और दया की भावना, आदिवासी समाज के लिए पहचान एवं समानता की भावना, ज्ञान और साहस प्रदान किया। अल्लूरी सीताराम राजू और रम्पा विद्रोह में अपने प्राणों की आहुति देने वाले वीरों का उल्लेख करते हुए प्रधानमंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि उनका बलिदान आज भी पूरे देश के लिए ऊर्जा और प्रेरणा का स्रोत है। देश के युवाओं ने स्वतंत्रता संग्राम का नेतृत्व किया। आज युवाओं के लिए देश के विकास हेतु आगे आने का यह सबसे अच्छा अवसर है, प्रधानमंत्री ने कहा कि नए भारत में नए अवसर, रास्ते, विचार प्रक्रियाएं और संभावनाएं मौजूद हैं और हमारे युवा इन संभावनाओं को साकार करने का दायित्व उठा रहे हैं।

प्रधानमंत्री ने कहा कि आंध्र प्रदेश वीरों और देशभक्तों की धरती है। यहां पिंगली वेंकैया जैसे स्वतंत्रता नायक थे, जिन्होंने देश का झंडा तैयार किया। यह कानेगंती हनुमन्थु, कंदुकुरी वीरसलिंगम पंतुलु और पोट्टी श्रीरामुलु जैसे नायकों की धरती है। प्रधानमंत्री ने आग्रह किया कि हम सब देशवासियों की जिम्मेदारी है कि हम अमृत काल में इन स्‍वतंत्रता सेनानियों के सपनों को पूरा करें। हमारा नया भारत इनके सपनों का भारत होना चाहिए। एक ऐसा भारत जिसमें गरीब, किसान, मजदूर, पिछड़े और आदिवासी सबके लिए समान अवसर हों। प्रधानमंत्री ने कहा कि पिछले 8 वर्षों के दौरान सरकार ने देश के जनजातीय समुदाय के कल्याण के लिए अथक प्रयास किये हैं।

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प्रधानमंत्री ने कहा कि आजादी के बाद पहली बार देश में जनजातीय गौरव और विरासत को प्रदर्शित करने के लिए जनजातीय संग्रहालय बनाए जा रहे हैं। आंध्र प्रदेश के लंबसिंगी में "अल्लूरी सीताराम राजू मेमोरियल जनजातीय स्‍वतंत्रता सेनानी संग्रहालय" भी बनाया जा रहा है। इसी प्रकार 15 नवंबर को भगवान बिरसा मुंडा के जन्मदिन को राष्ट्रीय जनता गौरव दिवस के रूप में चिह्नित किया गया है। प्रधानमंत्री ने कहा कि विदेशी शासकों ने जनजातीय समुदाय पर सबसे अधिक अत्याचार किए और उनकी संस्कृति को नष्ट करने के प्रयास भी किए गए हैं।

प्रधानमंत्री ने कहा कि आज स्किल इंडिया मिशन के माध्‍यम से जनजातीय कला और कौशल को नई पहचान मिल रही है। 'वोकल फॉर लोकल' जनजातीय कला कौशल को आय का साधन बना रहा है। दशकों पुराने कानून जो जनजातीय लोगों को बांस जैसे वनोपज काटने से रोकते थे, हमने उन्हें बदल दिया है और उन लोगों को वन उपज पर अधिकार दिया गया है। इसी तरह न्‍यूनतम समर्थन मूल्‍य पर खरीद के लिए वन उत्पादों की संख्या 12 से बढ़ाकर 90 कर दी गई है। 3000 से अधिक वन गण विकास केंद्र और 50,000 से अधिक वन गण स्वयं सहायता समूह जनजातीय उत्पादों और कला को आधुनिक अवसरों से जोड़ रहे हैं। आकांक्षी जिला योजनाओं से जनजातीय जिलों को बहुत लाभ होगा और शिक्षा के मोर्चे पर 750 से अधिक एकलव्य मॉडल स्कूल स्थापित किए जा रहे हैं। इसके अलावा राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत शिक्षा मातृभाषा में देने को बढ़ावा दिया जा रहा है।

प्रधानमंत्री ने कहा "मण्यम वीरुडु" अल्लूरी सीताराम राजू ने अंग्रेजों के साथ अपने संघर्ष के दौरान यह दर्शाया है कि 'दम है तो हमें रोक लो' – रोक सको तो रोक लो' आज देश भी इन चुनौतियों का सामना कर रहा है और इसी साहस के साथ 130 करोड़ देशवासी एकता और ताकत के साथ इन चुनौतियों को कह रहा है- 'दम है तो हमें रोक लो'।

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कार्यक्रम की पृष्ठभूमि

आजादी का अमृत महोत्सव के हिस्से के रूप में सरकार स्वतंत्रता सेनानियों के योगदान को उचित मान्यता देने और देश के लोगों को उनके बारे में जागरूक करने के लिए प्रतिबद्ध है। इस प्रयास के हिस्से के रूप में प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी ने आंध्र प्रदेश के भीमावरम में महान स्वतंत्रता सेनानी अल्लूरी सीताराम राजू के एक साल चलने वाले 125वीं जयंती समारोह का शुभारंभ किया। 4 जुलाई 1897 को जन्मे, अल्लूरी सीताराम राजू को पूर्वी घाट क्षेत्र में जनजातीय समुदायों के हितों की सुरक्षा के लिए अंग्रेजों के खिलाफ उनकी लड़ाई के लिए स्‍मरण किया जाता है। उन्होंने रम्पा विद्रोह का नेतृत्व किया था, जो 1922 में शुरू हुआ था। उन्हें स्थानीय लोगों द्वारा "मण्यम वीरुडु" (जंगलों का नायक) कहा जाता है।

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सरकार ने एक साल चलने वाले समारोह के हिस्से के रूप में कई पहल शुरू करने की योजना बनाई है। विजयनगरम जिले के पंडरंगी में अल्लूरी सीताराम राजू की जन्मस्थली और चिंतापल्ली पुलिस स्टेशन (रम्पा विद्रोह के 100 साल पूरे होने के उपलक्ष्‍य में- इस पुलिस स्टेशन पर हुए हमले से रम्पा विद्रोह की शुरुआत हुई थी) का जीर्णोद्धार किया जाएगा। सरकार ने मोगल्लु में अल्लूरी ध्यान मंदिर के निर्माण को भी मंजूरी दे दी है, जिसमें ध्यान मुद्रा में अल्लूरी सीताराम राजू की एक मूर्ति है, जिसमें भित्ति चित्रों और एआई-सक्षम इंटरैक्टिव सिस्टम के माध्यम से इस स्वतंत्रता सेनानी की जीवन कहानी को दर्शाया गया है।

 

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PM Modi congratulates H.E. Mr. Christian Stocker on being sworn in as the Federal Chancellor of Austria
March 04, 2025

The Prime Minister Shri Narendra Modi today congratulated H.E. Mr. Christian Stocker on being sworn in as the Federal Chancellor of Austria. He added that the India-Austria Enhanced Partnership was poised to make steady progress in the years to come.

Shri Modi in a post on X wrote:

"Warmly congratulate H.E. Christian Stocker on being sworn in as the Federal Chancellor of Austria. The India-Austria Enhanced Partnership is poised to make steady progress in the years to come. I look forward to working with you to take our mutually beneficial cooperation to unprecedented heights. @_CStocker"