"काशी को ज्ञान, कर्तव्य और सत्य के खजाने के रूप में जाना जाता है और यह वास्तव में भारत की सांस्कृतिक और आध्यात्मिक राजधानी है"
“भारत में हमें अपनी शाश्वत और विविध संस्कृति पर बहुत गर्व है, हम अपनी अमूर्त सांस्कृतिक विरासत को भी अत्यधिक महत्व देते हैं”
युगे युगीन भारत' राष्ट्रीय संग्रहालय, पूरा होने पर, 5,000 वर्षों से अधिक के भारत के इतिहास और संस्कृति को प्रदर्शित करने वाला दुनिया का सबसे बड़ा संग्रहालय होगा"
"एक मूर्त विरासत न केवल भौतिक मूल्य है बल्कि किसी राष्ट्र का इतिहास और पहचान भी है"
"विरासत आर्थिक विकास और विविधीकरण के लिए एक महत्वपूर्ण संपत्ति है, जो भारत के 'विकास भी विरासत भी' मंत्र को प्रतिबिंबित करता है"
"भारत का नेशनल डिजिटल डिस्ट्रिक्ट रिपॉजिटरी स्वतंत्रता संग्राम की कहानियों को फिर से खोजने में मदद कर रहा है"
"वर्किंग ग्रुप चार 'सी' यानी - कल्चर (संस्कृति), क्रिएटिविटी (रचनात्मकता), कॉमर्स (वाणिज्य) और कोलैबोरेशन (सहयोग) के महत्व को दर्शाता है"

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आज उत्तर प्रदेश के वाराणसी में आयोजित जी20 संस्कृति मंत्रियों की बैठक को वीडियो लिंक के माध्यम से संबोधित किया।

काशी के नाम से प्रसिद्ध वाराणसी में गणमान्य व्यक्तियों का स्वागत करते हुए, प्रधानमंत्री ने शहर में जी20 संस्कृति मंत्रियों की बैठक आयोजित होने पर प्रसन्नता व्यक्त की, जो उनका संसदीय क्षेत्र भी है। यह उल्लेख करते हुए कि काशी आज के सबसे पुराने शहरों में से एक है, प्रधानमंत्री ने कहा कि यह सारनाथ के पास का शहर है जहां भगवान बुद्ध ने अपना पहला उपदेश दिया था। प्रधानमंत्री ने मेहमानों को गंगा आरती कार्यक्रम देखने, सारनाथ जाने और काशी के स्वादिष्ट व्यंजनों का स्वाद लेने की सलाह दी। उन्होंने कहा, "काशी को ज्ञान, कर्तव्य और सत्य के खजाने के रूप में जाना जाता है और वास्तव में यह भारत की सांस्कृतिक और आध्यात्मिक राजधानी है।"

प्रधानमंत्री ने कहा कि संस्कृति मंत्रियों के जी20 समूह का काम पूरी मानवता के लिए बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि संस्कृति की अंतर्निहित क्षमता हमें विविध पृष्ठभूमि और दृष्टिकोण को समझने और एकजुट करने में सक्षम बना सकती है। "भारत में हमें अपनी शाश्वत और विविध संस्कृति पर गर्व है। हम अपनी अमूर्त सांस्कृतिक विरासत को भी बहुत महत्व देते हैं,'' उन्होंने रेखांकित किया कि भारत अपने विरासत स्थलों को संरक्षित और पुनर्जीवित करने के लिए कड़ी मेहनत कर रहा है। उन्होंने देश की सांस्कृतिक संपदाओं और कलाकारों की राष्ट्रीय स्तर के साथ-साथ ग्रामीण स्तर पर भी मैपिंग करने की बात कही। भारत की संस्कृति का जश्न मनाने के लिए कई केंद्रों के निर्माण का उल्लेख करते हुए, उन्होंने भारत के आदिवासी समुदायों की जीवंत संस्कृति को प्रदर्शित करने के लिए देश के विभिन्न हिस्सों में स्थित आदिवासी संग्रहालयों का उदाहरण दिया। नई दिल्ली में प्रधानमंत्री संग्रहालय का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि यह भारत की लोकतांत्रिक विरासत को प्रदर्शित करने का एक प्रयास है। 'युगे युगीन भारत' राष्ट्रीय संग्रहालय के विकास के बारे में बताते हुए उन्होंने कहा कि पूरा होने पर यह भारत के 5,000 वर्षों से अधिक के इतिहास और संस्कृति को प्रदर्शित करने वाला दुनिया का सबसे बड़ा संग्रहालय बन जाएगा।

प्रधानमंत्री ने सांस्कृतिक विरासत पुनर्प्राप्ति के महत्वपूर्ण मुद्दे पर बात करते हुए कार्य समूह के प्रयासों का स्वागत किया और कहा कि मूर्त विरासत न केवल भौतिक मूल्य की है बल्कि किसी राष्ट्र का इतिहास और पहचान भी है। श्री मोदी ने कहा की, "हर किसी को अपनी सांस्कृतिक विरासत तक पहुंचने और उसका आनंद लेने का अधिकार है।" प्रधानमंत्री ने बताया कि 2014 के बाद से, भारत की प्राचीन संस्कृति की महिमा को दर्शाने वाली सैकड़ों कलाकृतियाँ वापस लाई गई हैं। उन्होंने जीवंत विरासत’ के प्रति प्रयासों के साथ-साथ ‘जीवन के लिए संस्कृति’ में योगदान की भी सराहना की। प्रधानमंत्री ने कहा कि अंतत:, सांस्कृतिक विरासत सिर्फ पत्थर पर की गई नक्काशी नहीं है, बल्कि परंपराएं, रीति-रिवाज और त्योहार भी हैं जो पीढ़ी-दर-पीढ़ी हस्तांतरित होते हैं। प्रधानमंत्री ने विश्वास व्यक्त किया कि कार्य समूह के प्रयासों से स्थायी प्रथाओं और जीवन शैली को बढ़ावा मिलेगा।

विरासत आर्थिक विकास और विविधीकरण के लिए एक महत्वपूर्ण संपत्ति है, और प्रधानमंत्री ने रेखांकित किया कि भारत का मंत्र 'विकास भी विरासत भी' यानी विकास के साथ-साथ विरासत का संरक्षण भी इसकी प्रतिध्वनि है। 'एक जिला, एक उत्पाद' पहल पर प्रकाश डालते हुए, जो भारतीय हस्तशिल्प की विशिष्टता को प्रदर्शित करता है और आत्मनिर्भरता को भी बढ़ावा देता है, प्रधानमंत्री ने कहा, "भारत लगभग 3,000 अद्वितीय कलाओं और शिल्पों के साथ अपनी 2,000 साल पुरानी हस्तशिल्प विरासत पर गर्व करता है।" उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि जी20 देशों द्वारा सांस्कृतिक और रचनात्मक उद्योगों को बढ़ावा देने के प्रयास अत्यधिक महत्वपूर्ण हैं क्योंकि ये प्रयास समावेशी आर्थिक विकास को बढ़ावा देंगे और रचनात्मकता और नवाचार का समर्थन करेंगे। प्रधानमंत्री ने बताया कि भारत अगले महीने 1.8 बिलियन डॉलर के शुरुआती परिव्यय के साथ पीएम विश्वकर्मा योजना शुरू करने जा रहा है। उन्होंने कहा, यह योजना पारंपरिक कारीगरों के लिए सहायता का एक इको-सिस्टम तैयार करेगी और उन्हें अपनी कला विकसित करने और भारत की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत के संरक्षण में योगदान करने में सक्षम बनाएगी।

यह देखते हुए कि संस्कृति का जश्न मनाने में प्रौद्योगिकी एक महत्वपूर्ण सहयोगी है, प्रधानमंत्री ने स्वतंत्रता संग्राम की कहानियों को फिर से खोजने में मदद करने के लिए भारत के नेशनल डिजिटल डिस्ट्रिक्ट रिपॉजिटरी का भी उल्लेख किया। उन्होंने सांस्कृतिक स्थलों का बेहतर संरक्षण सुनिश्चित करने और सांस्कृतिक महत्व के स्थानों को पर्यटन के अनुकूल बनाने के लिए प्रौद्योगिकी के उपयोग पर जोर दिया।

अपने संबोधन का समापन करते हुए प्रधानमंत्री ने जी20 संस्कृति मंत्रियों के कार्य समूह द्वारा शुरू किए गए 'संस्कृति सबको जोड़ती है' अभियान पर प्रसन्नता व्यक्त की। यह अभियान वसुधैव कुटुंबकम – ‘एक पृथ्वी, एक परिवार, एक भविष्य’ की भावना को समाहित करता है। उन्होंने ठोस परिणामों के साथ जी20 कार्य योजना को आकार देने में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका की भी सराहना की। प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन के अंत में कहा की, “आपके कार्य चार सी यानी – कल्चर (संस्कृति), क्रिएटिविटी (रचनात्मकता), कॉमर्स (वाणिज्य) और कोलैबोरेशन (सहयोग) के महत्व को दर्शाते हैं। यह हमें एक करुणामय, समावेशी और शांतिपूर्ण भविष्य के निर्माण के लिए संस्कृति की शक्ति का उपयोग करने में समर्थ बनाएगा।

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PM Modi congratulates hockey team for winning Women's Asian Champions Trophy
November 21, 2024

The Prime Minister Shri Narendra Modi today congratulated the Indian Hockey team on winning the Women's Asian Champions Trophy.

Shri Modi said that their win will motivate upcoming athletes.

The Prime Minister posted on X:

"A phenomenal accomplishment!

Congratulations to our hockey team on winning the Women's Asian Champions Trophy. They played exceptionally well through the tournament. Their success will motivate many upcoming athletes."