राष्ट्रीय खेल दिवस पर तीन प्रतिष्ठित एथलीट- मनु भाकर, अनुष अग्रवाल और सरबजोत सिंह; प्रधानमंत्री मोदी के साथ बातचीत के अपने व्यक्तिगत अनुभव साझा करने के लिए आगे आए और उनके अटूट समर्थन के लिए आभार व्यक्त किया। उनके शब्दों से, उनके खेल के सफर पर पीएम मोदी के प्रोत्साहन और मार्गदर्शन के गहरे प्रभाव का पता चलता है।

मनु भाकर: “उन्होंने मुझे बड़ा लक्ष्य रखने के लिए प्रोत्साहित किया”

ओलंपिक पदक विजेता और निशानेबाजी चैंपियन मनु भाकर ने 2018 कॉमनवेल्थ गेम्स में स्वर्ण पदक जीतने के बाद पीएम मोदी से अपनी पहली मुलाकात के बारे में बताया। उस समय वह केवल 16 साल की थीं और उनके प्रोत्साहन से बहुत प्रेरित हुईं। मनु ने बताया, "पीएम मोदी ने मुझसे कहा, 'तुम बहुत छोटी हो। तुम और भी बड़ी सफलता हासिल करोगी। जब भी तुम्हें किसी चीज की जरूरत हो, मुझसे संपर्क करो।' उनके व्यक्तिगत समर्थन ने मेरा आत्मविश्वास बढ़ाया।"

कठिन समय में भी, जैसे कि टोक्यो ओलंपिक में उनके प्रदर्शन के बाद, पीएम मोदी ने मनु से संपर्क किया, उन्हें सांत्वना दी और उनके भविष्य के लक्ष्यों पर चर्चा की। मनु ने याद किया, "उन्होंने मुझसे आत्मविश्वासी और फोकस रहने के लिए कहा, और हर खिलाड़ी के बारे में हर छोटी-बड़ी जानकारी पर नज़र रखी।" मनु ने पीएम मोदी की खिलाड़ियों के प्रति सच्ची भागीदारी की प्रशंसा की, जो अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं से पहले उनसे मिलते हैं, उनका मनोबल बढ़ाते हैं, और बाद में उनके अनुभवों को समझने के लिए उनसे बात करते हैं।

अनुष अग्रवाल: “उनके प्रोत्साहन से हमारा मनोबल बढ़ा”

भारतीय घुड़सवारी ओलंपियन अनुष अग्रवाल ने एथलीटों को प्रेरित करने के लिए पीएम मोदी के अनूठे दृष्टिकोण पर प्रकाश डाला। पेरिस ओलंपिक से पहले, अनुष सहित हर एथलीट को प्रधानमंत्री की ओर से एक व्यक्तिगत पत्र मिला, जिसमें उन्हें किसी भी तरह की सहायता के लिए प्रोत्साहित किया गया। अनुष ने कहा, "इस अकेले कदम ने हमारा मनोबल बढ़ाया।"

उन्होंने ओलंपिक से पहले की एक यादगार बातचीत भी साझा की, जिसमें प्रधानमंत्री मोदी ने एथलीटों के बीच की बाधाओं को तोड़ते हुए ऐसे सवाल पूछे, जिससे अनुभवी ओलंपियन नए खिलाड़ियों को सलाह देने के लिए प्रोत्साहित हुए। अनुष ने याद किया, "उन्होंने हमारे बीच भाईचारे और नए उत्साह की भावना पैदा की।" भले ही घुड़सवारी के खेल भारत में उतने प्रमुख नहीं हैं, लेकिन अनुष ने इस बात पर जोर दिया कि प्रधानमंत्री मोदी ने उनके लिए भी वैसा ही सम्मान और चिंता दिखाई, जैसा उन्होंने अन्य एथलीटों के लिए दिखाया, जिससे हर खेल के प्रति उनकी प्रतिबद्धता का पता चलता है।

सरबजोत सिंह: “उनकी बातों ने मुझे बहुत प्रभावित किया”

निशानेबाजी में कांस्य पदक जीतने वाले सरबजोत सिंह ने पेरिस ओलंपिक से पहले प्रधानमंत्री मोदी की प्रेरणादायी बातों के बाद महसूस की गई ऊर्जा को बखूबी याद किया। सरबजोत ने भारत के लिए पदक जीतने की अपनी प्रबल प्रेरणा के बारे में बताते हुए कहा, "प्रधानमंत्री मोदी के समर्थन भरे शब्दों ने मेरे अंतर्मन को छू लिया!"

अपनी जीत के बाद, प्रधानमंत्री ने सरबजोत को व्यक्तिगत रूप से बधाई दी और लॉस एंजिल्स में अगले ओलंपिक में और भी बड़ा पदक जीतने का लक्ष्य रखने के लिए प्रेरित किया। सरबजोत ने खेलो इंडिया और TOPS योजनाओं जैसी पहलों के माध्यम से सरकार के समर्थन की भी सराहना की, जो उनके प्रशिक्षण और तैयारी में मददगार थे। उन्होंने कहा, "हमने लक्ज़मबर्ग में प्रशिक्षण लिया और इन कार्यक्रमों के माध्यम से मिलने वाला त्वरित समर्थन मेरी सफलता की कुंजी था।"

परवाह करने वाले एक नेता

मनु भाकर, अनुष अग्रवाल और सरबजोत सिंह के अनुभव; प्रधानमंत्री मोदी के भारतीय एथलीटों को सुर्खियों से परे समर्थन देने के समर्पण को उजागर करते हैं। उनका व्यक्तिगत स्पर्श, प्रोत्साहन और अटूट समर्थन एथलीटों के लिए ताकत का स्रोत बन गया है, जो उन्हें उत्कृष्टता की खातिर प्रयास करने के लिए प्रेरित करता है। भारत के राष्ट्रीय खेल दिवस पर, ये कहानियाँ हमें पीएम मोदी के खेल प्रतिभाओं को बढ़ावा देने की अहमियत का एहसास कराती हैं।

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प्रधानमंत्री मोदी का मार्मिक पत्र
December 03, 2024

दिव्यांग आर्टिस्ट दीया गोसाई के लिए रचनात्मकता का एक पल, जीवन बदलने वाले अनुभव में बदल गया। 29 अक्टूबर को पीएम मोदी के वडोदरा रोड शो के दौरान, उन्होंने पीएम मोदी और स्पेन सरकार के राष्ट्रपति महामहिम श्री पेड्रो सांचेज़ के अपने स्केच भेंट किए। दोनों नेताओं ने व्यक्तिगत रूप से उनके भावनात्मक उपहार को स्वीकार किया, जिससे वह बहुत खुश हुईं।

कुछ सप्ताह बाद, 6 नवंबर को, दीया को प्रधानमंत्री से एक पत्र मिला जिसमें उनकी कलाकृति की प्रशंसा की गई थी और बताया गया था कि कैसे महामहिम श्री सांचेज़ ने भी इसकी प्रशंसा की थी। प्रधानमंत्री मोदी ने उन्हें समर्पण के साथ ललित कलाओं को आगे बढ़ाने के लिए प्रोत्साहित किया, और "विकसित भारत" के निर्माण में युवाओं की भूमिका पर विश्वास व्यक्त किया। प्रधानमंत्री ने उनके परिवार को दीपावली और नववर्ष की शुभकामनाएं भी दीं, जो उनके व्यक्तिगत जुड़ाव को दर्शाता है।

खुशी से अभिभूत दीया ने अपने माता-पिता को वह पत्र पढ़कर सुनाया, जो इस बात से बहुत खुश थे कि उसने परिवार को इतना बड़ा सम्मान दिलाया। दीया ने कहा, "मुझे अपने देश का एक छोटा सा हिस्सा होने पर गर्व है। मोदी जी, मुझे अपना स्नेह और आशीर्वाद देने के लिए धन्यवाद।" उन्होंने आगे कहा कि प्रधानमंत्री के पत्र से उन्हें जीवन में साहसिक कदम उठाने और दूसरों को भी ऐसा करने के लिए प्रेरित करने की गहरी प्रेरणा मिली।

पीएम मोदी का यह कदम, दिव्यांगजनों को सशक्त बनाने और उनके योगदान को सम्मान देने की उनकी प्रतिबद्धता को दर्शाता है। सुगम्य भारत अभियान जैसी अनेक पहलों से लेकर दीया जैसे व्यक्तिगत जुड़ाव तक, वह लगातार प्रेरणा देते हैं और उत्थान करते हैं, यह साबित करते हुए कि उज्जवल भविष्य बनाने में हर प्रयास महत्वपूर्ण है।