“बुद्ध का संदेश पूरे विश्व के लिए है, बुद्ध का धम्म मानवता के लिए है”
“बुद्ध इसीलिए ही वैश्विक हैं क्योंकि बुद्ध अपने भीतर से शुरुआत करने के लिए कहते हैं,भगवान बुद्ध का बुद्धत्वहै- सर्वोच्च जिम्मेदारी की भावना”
“बुद्ध आज भी भारत के संविधान की प्रेरणा हैं, बुद्ध का धम्म-चक्र भारत के तिरंगे पर विराजमान होकर हमें गति दे रहा है”
“भगवान बुद्ध का संदेश ‘अप्प दीपो भव’ भारत के लिए आत्मनिर्भर बनने की प्रेरणा है”

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने कुशीनगर के महापरिनिर्वाण मंदिर में अभिधम्म दिवस के अवसर पर आयोजित एक कार्यक्रम में भाग लिया। इस अवसर पर उत्तर प्रदेश के राज्यपाल और मुख्यमंत्री, केंद्रीय मंत्री- श्री जी किशन रेड्डी, श्री किरेन रिजिजू एवं श्री ज्योतिरादित्य सिंधिया, श्रीलंका सरकार में कैबिनेट मंत्री, श्री नमल राजपक्षे, श्रीलंका का बौद्ध प्रतिनिधिमंडल, म्यांमार, वियतनाम, कंबोडिया, थाईलैंड, लाओस, भूटान, दक्षिण कोरिया, श्रीलंका, मंगोलिया, जापान, सिंगापुर, नेपाल के राजनयिक सहित अन्य उपस्थित थे।

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए, प्रधानमंत्री ने अश्विन पूर्णिमा के शुभ अवसर और भगवान बुद्ध के पवित्र अवशेषों की उपस्थिति का उल्लेख किया। श्रीलंका के प्रतिनिधिमंडल का स्वागत करते हुए, प्रधानमंत्री ने भारत और श्रीलंका के बीच संबंधों को याद किया और सम्राट अशोक के बेटे महेन्द्र और बेटी संघमित्रा द्वारा बौद्ध धर्म के संदेश को श्रीलंका ले जाने की बात की। उन्होंने यह भी टिप्पणी की कि ऐसा माना जाता है कि आज के ही दिन ‘अर्हत महिंदा’ ने वापस आकर अपने पिता को बताया था कि श्रीलंका ने बुद्ध का संदेश कितनी ऊर्जा से अंगीकार किया है। प्रधानमंत्री ने कहा कि इस समाचार ने यह विश्वास बढ़ाया था कि बुद्ध का संदेश पूरे विश्व के लिए है, बुद्ध का धम्म मानवता के लिए है।

भगवान बुद्ध के संदेश को फैलाने में अंतर्राष्ट्रीय बौद्ध परिसंघ की भूमिका की सराहना करते हुए, प्रधानमंत्री ने अंतर्राष्ट्रीय बौद्ध परिसंघ के महानिदेशक के रूप में श्री शक्ति सिन्हा के योगदान के लिए उन्हें याद किया। श्री सिन्हा का हाल ही में निधन हो गया।

The Prime Minister remarked that today is another auspicious occasion - Lord Buddha's coming back to earth from Tushita heaven. That is why, on

प्रधानमंत्री ने कहा कि आज एक और महत्वपूर्ण अवसर है- भगवान बुद्ध के तुषिता स्वर्ग से वापस धरती पर आने का! इसलिए, आश्विन पूर्णिमा को आज हमारे भिक्षुगण अपने तीन महीने का ‘वर्षावास’ भी पूरा करते हैं। श्री मोदी ने कहा, “आज मुझे भी वर्षावास के उपरांत संघ भिक्षुओं को ‘चीवर दान’ का सौभाग्य मिला है।”

प्रधानमंत्री ने कहा कि बुद्ध इसलिए वैश्विक हैं क्योंकि बुद्ध अपने भीतर से शुरुआत करने के लिए कहते हैं। भगवान बुद्ध का बुद्धत्व सर्वोच्च जिम्मेदारी की भावना है। उन्होंने कहा कि आज जब दुनिया पर्यावरण संरक्षण की बात करती है, क्लाइमेट चेंज (जलवायु परिवर्तन) की चिंता जाहिर करती है, तो उसके साथ अनेक सवाल उठ खड़े होते हैं। लेकिन, अगर हम बुद्ध के सन्देश को अपना लेते हैं तो ‘किसको करना है’, इसकी जगह ‘क्या करना है’, इसका मार्ग अपने आप दिखने लगता है। प्रधानमंत्री ने कहा कि बुद्ध मानवता की आत्मा में निवास करते हैं और विभिन्न संस्कृतियों और देशों को जोड़ रहे हैं। भारत ने उनकी शिक्षा के इस पहलू को अपने विकास की यात्रा का हिस्सा बनाया है। उन्होंने कहा, “भारत ने कभी भी महान आत्माओं के ज्ञान, महान संदेशों या विचारों को सीमित करने में विश्वास नहीं किया। जो कुछ हमारा था वह पूरी मानवता के साथ साझा किया गया। यही कारण है कि अहिंसा और करुणा जैसे मानवीय मूल्य भारत के हृदय में इतने स्वाभाविक रूप से बसे हुए हैं।"

प्रधानमंत्री ने कहा कि बुद्ध आज भी भारत के संविधान की प्रेरणा हैं, बुद्ध का धम्म-चक्र भारत के तिरंगे पर विराजमान होकर हमें गति दे रहा है। उन्होंने कहा, “आज भी भारत की संसद में कोई जाता है तो इस मंत्र पर नजर जरूर पड़ती है- ‘धर्म चक्र प्रवर्तनाय’।”

गुजरात में भगवान बुद्ध के प्रभाव के बारे में बात करते हुए, विशेषकर अपने जन्मस्थल वडनगर में उनके प्रभाव का उल्लेख करते हुए, श्री मोदी ने कहा कि बुद्ध का प्रभाव देश के पश्चिमी और दक्षिणी हिस्सों में पूर्वी भागों के समान ही दिखाई देता है। उन्होंने कहा, “गुजरात का अतीत दर्शाता है कि बुद्ध सीमाओं और दिशाओं से परे थे। गुजरात की भूमि में पैदा हुए महात्मा गांधीबुद्ध के सत्य और अहिंसा के संदेश के आधुनिक ध्वजवाहक थे।”

प्रधानमंत्री ने बुद्ध के संदेश “अप्प दीपो भव” यानी, अपने दीपक स्वयं बनो, के संदेश का उल्लेख करते हुए कहा कि जब व्यक्ति स्वयं प्रकाशित होता है तभी वह संसार को भी प्रकाश देता है। उन्होंने कहा कि यही भारत के लिए आत्मनिर्भर बनने की प्रेरणा है। यही वह प्रेरणा है जो हमें दुनिया के हर देश की प्रगति में सहभागी बनने की ताकत देती है। प्रधानमंत्री ने यह भी टिप्पणी की कि भगवान बुद्ध की शिक्षाओं को भारत द्वारा सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास के मंत्र में आगे बढ़ाया जा रहा है।

 

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PM Modi congratulates hockey team for winning Women's Asian Champions Trophy
November 21, 2024

The Prime Minister Shri Narendra Modi today congratulated the Indian Hockey team on winning the Women's Asian Champions Trophy.

Shri Modi said that their win will motivate upcoming athletes.

The Prime Minister posted on X:

"A phenomenal accomplishment!

Congratulations to our hockey team on winning the Women's Asian Champions Trophy. They played exceptionally well through the tournament. Their success will motivate many upcoming athletes."