प्रधानमंत्री ने वाइब्रेंट गुजरात ग्लोबल समिट 2017 का उद्घाटन किया
भारत की ताकत तीन 'डी'- डेमोक्रेसी, डेमोग्राफी और डिवीडेंड में समाहित है: प्रधानमंत्री
भारत दुनिया में सबसे तेजी से उभरती अर्थव्यवस्थाओं में प्रमुख बन गया है: प्रधानमंत्री
भारतीय अर्थव्यवस्था में सुधार करने के लिए सरकार पूरी तरह से कटिबद्ध है: नरेंद्र मोदी
हमारी सरकार ने ईज ऑफ डूइंग बिजनेस को सर्वोच्च प्राथमिकता पर रखा है: प्रधानमंत्री
हमारी विकास की जरूरतें बहुत ज्यादा हैं, हमारे विकास का एजेंडा महत्वाकांक्षी है: नरेंद्र मोदी

मैं वाइब्रेंट गुजरात समिट में आप सभी का स्वागत करता हूं। मैं आपको नए साल में समृद्धि और सफलता के लिए भी शुभकामनाएं देता हूं। मुझे याद है कि 2003 में किस प्रकार इसकी शुरुआत हुई थी। तब से यह एक बहुत ही सफल यात्रा रही है।

मैं भागीदार देशों और संगठनों के लिए अपना व्यक्त करता हूं। इस सूची में जापान, कनाडा, अमेरिका, ब्रिटेन, नीदरलैंड, ऑस्ट्रेलिया, डेनमार्क, फ्रांस, पोलैंड, स्वीडन, सिंगापुर और संयुक्त अरब अमीरात शामिल हैं। मैं वाइब्रेंट गुजरात कार्यक्रम के प्रारंभिक भागीदार देशोंः जापान और कनाडा को विशेष रूप से धन्यवाद देता हूं। 

कई अन्य प्रतिष्ठित वैश्विक संगठन एवं नेटवर्क भी इस आयोजन के भागीदार हैं। इस भागीदारी के लिए मैं आप सभी को धन्यवाद देता हूं। आपकी उपस्थिति यहां एकत्रित हुए कारोबारियों और युवा उद्यमियों के लिए प्रेरणा का एक स्रोत है। आपके समर्थन के बिना इस आयोजन के आठ द्विवार्षिक अध्यायों, जो प्रत्येक बेहतर और पहले से बड़ा है, को नहीं देखा जा सकता था।

पिछले तीन आयोजन विशेष रूप से बड़े थे। 100 से अधिक देशों से राजनीतिक एवं व्यापार जगत के नेताओं की उपस्थिति और दुनियाभर से बड़ी संख्या में संगठनों की मौजूदगी ने वास्तव में इसे एक वैश्विक आयोजन बना दिया।

मैं प्रतिभागियों से आग्रह करता हूं कि वे एक-दूसरे तक पहुंचें और इस सम्मेलन का सबसे अधिक फायदा उठाएं। आपको व्यापार शो एवं प्रदर्शनी को भी देखना चाहिए जहां सैकड़ों कंपनियों ने अपने उत्पादों और प्रक्रियाओं का प्रदर्शन किया है।

गुजरात महात्मा गांधी और सरदार पटेल की भूमि है जो भारत के व्यापार की भावना का भी प्रतिनिधित्व करता है। समय के साथ-साथ इसने वाणिज्य एवं उद्यम को बढ़ावा दिया। सदियों पहले यहां के लोग अवसरों की तलाश में सात समुद्र पार गए थे। आज भी यह राज्य विदेश में रहने और काम करने वाले हमारे सबसे अधिक लोगों का मूल होने का दावा करता है। और वे जहां भी गए, वहां एक मिनी-गुजरात बना दिया। हम गर्व से कहते हैंः ज्यां ज्यां बसे एक गुजराती, त्यां त्यां सदाकाल गुजरात। यानी जहां एक गुजराती रहता है, वहां हमेशा के लिए गुजरात रहता है।

गुजरात में फिलहाल पतंग महोत्सव की तैयारी चल रही है। पतंग हम सब को ऊंची उड़ान के लिए प्रेरित करे।

मित्रों,

जैसा कि मैंने अक्सर कहा है कि भारत की ताकत तीन डीः डेमोक्रेसी, डेमोग्राफी और डिमांड (लोकतंत्र, जनसांख्यिकी और मांग) में निहित है।

हमारी सबसे बड़ी ताकत हमारे लोकतंत्र की गहराई है। कुछ लोगों का कहना है कि लोकतंत्र प्रभावी और तेज शासन सुनिश्ति नहीं कर सकता। लेकिन हमने पिछले ढाई साल में देखा है कि लोकतांत्रिक ढांचे में भी त्वरित परिणाम देना संभव है।

पिछले ढाई साल के दौरान हमने राज्यों के बीच एक स्वस्थ प्रतिस्पर्धा की संस्कृति को भी उभारा है। सुशासन के मापदंडों पर राज्यों का मूल्यांकन किया जा रहा है। इस प्रक्रिया में विश्व बैंक हमारी मदद कर रहा है।

जहां तक जनसांख्यिकी की बात है तो हमारा जीवंत युवाओं का देश है। भारत के अनुशासित, समर्पित और प्रतिभाशाली युवा वैश्विक स्तर पर बेजोड़ कार्यबल प्रदान करते हैं। हम दूसरे सबसे बड़े अंग्रेजी भाषी देश हैं। हमारे युवा केवल रोजगार की तलाश नहीं कर रहे हैं, बल्कि उन्होंने जोखिम उठाना शुरू कर दिया है और अक्सर वे उद्यमी बनना पसंद करते हैं।

मांग के मोर्चे पर हमारे बढ़ते मध्यमवर्ग एक विशाल घरेलू बाजार प्रदान करता है।

भारतीय प्रायद्वीप जिन सागरों से घिरा है वे हमें अफ्रीका, पश्चिम एशिया और यूरोप सहित विश्व के बड़े बाजारों से जोड़ते हैं।

प्रकृति हम पर मेहरबान रहा है। हमारे तीन फसल सीजन हमें बहुतायत में भोजन, सब्जियों और फलों को उगाने में समर्थ बनाते हैं।

हमारे वनस्पतियों और जीव-जंतुओं में विविधता अद्वितीय है। हमारी संस्कृति और उसके सजीव प्रतीकों की समृद्धि अनोखी है। हमारे संस्थानों और विद्वानों को दुनियाभर में मान्यता मिली है। भारत अब एक उभरता आरऐंडडी केंद्र बन चुका है। हमारे यहां विश्व की दूसरी सबसे बड़ी संख्या में वैज्ञानिक और इंजीनियर पैदा होते हैं।

हमारा मनोरंजन उद्योग दुनियाभर में लहर पैदा कर रहा है। इन सब से अपेक्षाकृत कम लागत पर बेहतर जीवन सुनिश्चित करने में मदद मिलती है।

 

मित्रों,

हमारी सरकार स्वच्छ शासन मुहैया कराने और भ्रष्टाचार एवं भाई-भतीजेवाद की प्रचलित व्यवस्था को खत्म करने के वादे के साथ चुनी गई थी। इसलिए नीतियों और अर्थव्यवस्था में बुनियादी बदलाव लाना हमारा सपना और मिशन है। हमने उस दिशा में कई कदम उठाए हैं और निर्णय लिए हैं। इसके कुछ उदाहरण आपके सामने प्रस्तुत करता हूंः

हम बदलाव ला रहे हैंः

-संबंध आधारित शासन से प्रणाली आधारित शासन में;

-विवेकाधीन प्रशासन से नीति आधारित प्रशासन में;

-अव्यवस्थित हस्तक्षेप से तकनीकी हस्तक्षेप में;

-पक्षपात से समान अवसर मुहैया कराने में;

-अनौपचारिक अर्थव्यवस्था से औपचारिक अर्थव्यवस्था में।

इसे करने में डिजिटल प्रौद्योगिकी ने अहम भूमिका निभाई है। मैं अक्सर कहता हूं कि ई-शासन कहीं अधिक आसान और प्रभावी शासन होता है। मैंने नीतियों से संचालित शासन की आवश्यकता पर भी जोर दिया है। ऑनलइन प्रक्रियाओं से निर्णय लेने में खुलापन और तेजी लाने में मदद मिलती है। इस लिहाज से हम अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल करने के लिए काम कर रहे हैं ताकि पारदर्शिता लाई जा सके और चालाकी को खत्म किया जा सके। विश्वास कीजिए, हम दुनिया की सबसे डिजिटल अर्थव्यवस्था बनने की दहलीज पर हैं। आप में से अधिकतर भारत में यह बदलाव देखना चाहते थे। मैं गर्व के साथ कहना चाहता हूं कि यह आपके सामने हो रहा है।

पिछले ढाई साल के दौरान हमने भारत की क्षमता को पहचानने और अर्थव्यवस्था की सही राह सुनिश्चित करने के लिए लगातार काम किया है। उसके परिणाम उत्साहजनक रहे हैं। जीडीपी वृद्धि, मुद्रास्फीति, राजकोषीय घाटा, चालू खाते का घाटा और विदेशी निवेश जैसे प्रमुख वृहत आर्थिक संकेतकों में उल्लेखनीय सुधार दिख रहे हैं।

भारत दुनिया में सबसे तेजी से उभरने वाली अर्थव्यवस्था बन चुका है। वैश्विक मंदी के बावजूद हमने उल्लेखनीय वृद्धि दर्ज की है। भारत आज वैश्विक अर्थव्यवस्था का चमकता सितारा है। हमें वैश्विक वृद्धि को गति देने वाले इंजन के रूप में देखा जा रहा है।

विश्व बैंक, आईएमएफ एवं अन्य संस्थानों ने आने वाले दिनों में बेहतर वृद्धि का अनुमान लगाया है। साल 2014-15 में भारत ने वैश्विक अर्थव्यवस्था में 12.5 प्रतिशत का योगदान किया। वैश्विक वृद्धि में इसका योगदान वैश्विक अर्थव्यवस्था में हिस्सेदारी के मुकाबले 68 प्रतिशत अधिक है।

व्यापार के लिए अनुकूल वातावरण तैयार करना और निवेश आकर्षित करना मेरी पहली प्राथमिकता है। हमें अपने युवाओं के लिए अवसर पैदा करने के लिहाज से ऐसा करना होगा। इस जज्बे के साथ हम कुछ ऐतिहासिक पहल के कार्यान्वयन की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं। इसमें वस्तु एवं सेवाकर शामिल है।

दिवालिया एवं दिवालियापन संहिता, नैशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल, नया मध्यस्थता ढांचा और नई आईपीआर व्यवस्था तैयार हैं। नए वाणिज्यिक न्यायालय भी स्थापित किए जा रहे हैं। ये महज कुछ उदाहरण हैं कि हम किस दिशा में आगे बढ़ रहे हैं। मेरी सरकार भारतीय अर्थव्यवस्था में सुधार जारी रखने के लिए दृढ़ता से प्रतिबद्ध है।

 

मित्रों,

हमने कारोबारी सुगमता पर सबसे अधिक जोर दिया है। हमने लाइसेंसिंग प्रक्रिया को आसान बनाने और मंजूरी, रिटर्न एवं निगरानी संबंधी प्रक्रियाओं एवं प्रावधानों को युक्तिसंगत बनाने के लिए निर्णायक कदम उठाए हैं। हम नियामकीय ढांचे में सुधार के उद्देश्य से विभिन्न क्षेत्रों में सौकड़ों कार्य बिंदुओं के कार्यान्वयन की निगरानी कर रहे हैं। यह सुशासन के हमारे वादे का हिस्सा है।

हमारे प्रयासों के परिणाम विभिन्न संकेतकों पर भारत की वैश्विक रैंकिंग में साफ झलकते हैं। पिछले दो साल के दौरान तमाम वैश्विक आकलन और रिपोर्टों से पता चलता है कि भारत ने अपनी नीतियों कार्य प्रणालियों और  आर्थिक स्थिति में सुधार किया है।

विश्व बैंक की डूइंग बिजनेस रिपोर्ट में भारत की रैंकिंग में उल्लेखनीय सुधार हुआ है। यूएनसीटीएडी की ओर से जारी विश्व निवेश रिपोर्ट 2016 में भारत 2016-18 के लिए शीर्ष संभावित मेजबान अर्थव्यवस्थाओं की सूची में तीसरे पायदान पर है।

विश्व आर्थिक मंच की वैश्विक प्रतिस्पर्धा रिपोर्ट 2015-16 और 2016-17 में भी हमारी रैंकिंग में 32 पायदानों का सुधार हुआ है। डब्ल्यूआईपीओ एवं अन्य संस्थानों द्वारा तैयार वैश्विक नवाचार सूचकांक 2016 में हम 16 पायदान ऊपर पहुंच चुके हैं। हम विश्व बैंक के लॉजिस्टिक्स प्रदर्शन सूचकांक 2016 में 19 पायदान चढ़ चुके हैं।

आप देख सकते हैं कि हम सर्वोत्तम वैश्विक प्रथाओं के करीब जा रहे हैं। दिन-ब-दिन हम दुनिया के साथ अधिक से अधिक एकीकृत हो रहे हैं। हमारी नीतियों एवं प्रथाओं के सकारात्मक प्रभाव से हमारा विश्वास बढ़ा है। इससे हमें व्यापार करने के लिहाज से सबसे आसान जगह बनने के लिए अपनी प्रक्रियाओं को और अधिक सरल बनाने के लिए प्रेरणा मिली है।

हम कारोबार स्थापित करने और उसके फलने-फूलने के लिए हर रोज हमारी नीतियों एवं प्रक्रियाओं को युक्तिसंगत बना रहे हैं। हमने हमारी एपफडीआई नीति को कई क्षेत्रों में और कई तरीके से उदार बनाया है। भारत आज सबसे अधिक खुली अर्थव्यवस्थाओं में शुमार है।

माहौल में इस बदलाव को घरेलू और विदेशी दोनों निवेशक मान रहे हैं। देश में अब एक उत्साहजनक स्टार्टअप इकोसिस्टम आकार ले रहा है। युवा शक्ति का यह प्रदर्शन खुशी की बात है।

पिछले ढाई साल के दौरान कुल एफडीआई प्रवाह एक सौ तीस अरब अमेरिकी डॉलर को छू गया है। पिछले दो वित्त वर्ष के दौरान एफडीआई इक्विटी प्रवाह इससे पिछले दो वित्त वर्ष के मुकाबले साठ प्रतिशत अधिक रहा। वास्तव में पिछले साल देश में आने वाला कुल एफडीआई निवेश अब तक का सर्वाधिक रहा।

हम जिन देशों से एफडीआई प्राप्त कर रहे हैं और जिन क्षेत्रों में एफडीआई निवेश किया जा रहा है, उनकी संख्या में भी पिछले दो साल के दौैरान काफी विविधता आई है। भारत अब एशिया प्रशांत क्षेत्र में पूंजी निवेश हासिल करने वाला प्रमुख देश बन चुका है। एफडीआई निवेश प्रवाह के लिहाज से भी यह विश्व के दस शीर्ष देशों में लगातार बरकरार है।

लेकिन कहानी यहीं खत्म नहीं हो जाती। निवेश पर रिटर्न मुहैया कराने के लिहाज से भी भारत ने दूसरे देशों को पीछे छोड़ दिया है। साल 2015 में भारत बेसलाइन प्रॉफिटैबिलिटी इंडेक्स में पहले स्थान पर पहुंच गया।

मित्रों,

मेक इन इंडिया भारत का अब तक का सबसे बड़ा ब्रांड बन चुका है। यह भारत को विनिर्माण, डिजाइन और नवाचार के लिए एक वैश्विक केंद्र बनने के लिए निर्देशित है।

मैं साथियों यह अनुभव करता हूं, मैं दुनिया में जहां-जहां गया, मैं अगर पांच बार मेक इन इंडिया बोलता था तो वहां मेजबान देश के नेता 50 बार मेक इन इंडिया बोलते थे। एक प्रकार से मेक इन इंडिया, यह दुनिया की नजरों में भारत को एक निवेश की जगह बना चुका है। भारत में राज्यों की पहल, केंद्र सरकार के सहयोग, यह संयुक्त प्रयास मेक इन इंडिया के लिए बहुत सारे द्वार खोल चुका है।

इस अवसर का लाभ हिंदुस्तान के राज्यों के बीच प्रतिस्पर्धा पैदा हो, स्वस्थ प्रतिस्पर्धा हो और वह भी अच्छा शासन एवं माहौल के आधार पर हो। प्रतिस्पर्धा पहले भी हुआ करती थी, 15 साल पहले एक राज्य दूसरे से ज्यादा चीजें दे देता था, दूसरे तीसरे से ज्यादा देता था, देने की स्पर्धा होती थी। आखिर अगर कोई नहीं आता था लेकिन जहां-जहां अच्छे शासन को बल दिया गया, जहां-जहां उचित माहौल पैदा किया गया, जहां-जहां कानूनों को ठीक किया गया, जहां-जहां कारोबारी माहौल को दोस्ताना बनाया गया, वहां पर अधिक मात्रा में दुनिया के बाहर के लोग भी आने लगे और इसलिए मेक इन इंडिया या दुनिया में कहीं पर भी समझाना पड़े ऐसी स्थिति नहीं है। और मैं गुजरात सरकार को अभिनंदन करता हूं। उन्होंने अपनी प्रगतिशील नीतियों के आधार पर अच्छे शासन को बल देते हुए प्रत्यक्ष विदेशी निवेश को आकर्षित करने में बहुत ही अग्रिमता सिद्ध की है। गुजरात सरकार की पूरी टीम को इसके लिए मैं बहुत-बहुत बधाई देता हूं।

मेक इन इंडिया ने हाल में अपना दूसरा वर्षगांठ मनाया है।

मुझे यह बताते हुए खुशी हो रही है कि भारत विश्व का छठा सबसे बड़ा विनिर्माण देश बन चुका है जबकि पहले वह नौवें पायदान पर था। विनिर्माण में हमारे सकल मूल्यवर्द्धन में 2015-16 के दौरान 9 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई। यह पिछले तीन वर्षों के दौरान पांच से छह प्रतिशत की वृद्धि के मुकाबले काफी अधिक है।

इन सबसे हमें रोजगार बाजार का विस्तार करने और हमारे लोगों की क्रयशक्ति बढ़ाने में मदद मिलती है। लेकिन अंतरनिहित शक्ति इससे कहीं ज्‍यादा है ।  

आपको कुछ उदाहरण देते हैंः भारत के खाद्य प्रसंस्करण उद्योग में अगले दस साल में करीब पांच गुना वृद्धि होने का अनुमान है। इसी प्रकार, भारत में वाहनों की पहुंच कम होने के कारण यह विश्व के सबसे आकर्षक वाहन बाजारों में शुमार है।

सरकार के स्तर पर हमें यह सुनिश्चित करना है कि हमारी विकास प्रक्रिया समावेशी है और वह ग्रामीण एवं शहरी दोनों समुदायों को गले लगाती है।

भारत एक ऐसा देश है जहां हम गांव और शहर के बीच संतुलित विकास के पक्ष में हैं। हमारी नीतियों का लाभ गांव और शहर दोनों को समान रूप से मिलना चाहिए। और इसलिए हमारी योजना की प्राथमिकता में भी गांव को भी उतना ही महत्व मिले, हर विकास की यात्रा का अंतिम लाभ गांव के गरीब किसान तक पहुंचे, यह हमारी प्राथमिकता रहने के कारण सारी नीतियों के केंद्र में उन बातों को हमने बल दिया है।

हम भारत के लिए प्रतिबद्ध हैं कि यहांः

-रोजगार की बेहतर संभावनाएं हों;

-बेहतर आय हो;

-बेहतर क्रयशक्ति हो;

-बेहतर जीवन हो;

- और बेहतर रहन-सहन हो।

 

मित्रों,

हमारी विकास जरूरतें काफी बड़ी हैं। हमारा विकास कार्यक्रम महत्वाकांक्षी है। उदाहरण के लिएः

-हम हरेक सिर के ऊपर छत मुहैया कराना चाहते हैं।

गरीब को घर होना चाहिए और अपना घर होना चाहिए और 2022 तक होना चाहिए, यह सपना लेकर हम चल रहे हैं।

-हम हरेक हाथ को रोजगार देना चाहते हैं।

देश में 80 करोड़ लोग 35 वर्ष से कम आयु वर्ग के हैं जो एक प्रकार से युवा भारत है। 80 करोड़ युवा जिनकी उम्र 35 वर्ष से कम है, इन हाथों में हुनर हो, काम का अवसर हो, तो नया हिंदुस्तान हमारी आंखों के सामने बना करके खड़ा कर देंगे। यह विश्वास हिंदुस्तान के नौजवानों के प्रति मेरा है, हम सबका है और हम सब की जिम्मेदारी भी है कि उस अवसर को हम दें। और हम अवसर दे सकते हैं, संभावनाएं भरपूर पड़ी हैं।

-हम स्वच्छ ऊर्जा का उत्पादन करना चाहते हैं;

-हम तेजी से सड़क और रेलवे का निर्माण करना चाहते हैं;

-हम हरियाली बरकरार रखते हुए खनिजों का उत्खनन करना चाहते हैं;

-हम दमदार शहरी सुविधाओं का निर्माण करना चाहते हैं;

-हम अपने जीवन की गुणवत्ता को बेहतर से बेहतर होते देखना चाहते हैं।

हम अगली पीढ़ी के बुनियादी ढांचेः प्रमुख एवं सामाजिक दोनों क्षेत्रों में; शहरी और ग्रामीण दोनों क्षेत्रों में; की ओर छलांग लगा रहे हैं। इसमें फ्रेट कॉरिडोर, औद्योगिक कॉरिडोर, हाई स्पीड एवं मेट्रो रेल परियोजनाएं, लॉजिस्टिक्स पार्क, स्मार्ट सिटी, तटीय क्षेत्र, क्षेत्रीय हवाई अड्डे, जल, साफ-सफाई एवं ऊर्जा संबंधी गतिविधियां शामिल हैं।  हमारी प्रति व्यक्ति बिजली खपत निश्चित तौर पर बढ़नी चाहिए। यहां तक कि ऐसा करते समय हम अक्षय ऊर्जा को प्रोत्साहित करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।

हम पर्यटन को व्यापक पैमाने पर प्रोत्साहित करना चाहते हैं और इसके लिए पर्यटन बुनियादी ढांचे की आवश्यकता है।

जब मैं अक्षय ऊर्जा की बात करता हूं 175 गीगावॉट; एक जमाना था जब हम मेगावॉट की चर्चा करते भी डरते थे। आज देश गीगावॉट के सपने देख रहा है। यह बहुत बड़ा बदलाव है। 175 गीगावॉट अक्षय ऊर्जा, मिश्रित ऊर्जा जिसमें सौर हो, पवन हो, नाभिकीय हो और दुनिया जो ग्लोबल वार्मिंग से परेशान है, उस विश्व को बचाने का सपना हमने भी देखा है। और हम भी 175 गीगावॉट के योगदान से विश्व को ग्लोबल वार्मिंग से  बचाने के उस संकल्प को पूरा करने में हिंदुस्तान अपनी नंबर एक की भूमिका अदा  करने के लिए कृतसंकल्प होकर आगे बढ़ रहा है। तो मैं पूरे विश्व को निमंत्रण देता हूं कि आइये 175 गीगावॉट अक्षय ऊर्जा के क्षेत्र में निवेश के लिए अपार संभावनाएं हैं और हमारी नीतियां काफी प्रगतिशील हैं। मुझे विश्वास है कि यह मानवता का भी काम है; जीवन की तरफ देखने का एक दृष्टिकोण बदलने का यह अवसर है। हमने दो शताब्दियों को प्रकृति के शोषण में खपा दी है। अब हमारा दायित्व है कि आने वाली शताब्दियों को प्रकृति के शोषण के हमारे सोच में से बाहर लाकर हमारी प्रकृति को मजबूत करने की बुनियादी चीजों को लेकर चलना इसका अवसर है। और उस बात को लेकर हम चलेंगे तो हम अवश्य ही विश्व में एक बड़े परिवर्तन की संभावनाओं में बहुत बड़ी अहम भूमिका अदा कर सकते हैं।

सड़कों के निर्माण और रेलवे लाइन बिछाने के लिए हमारे लक्ष्यों में कई गुना वृद्धि हुई है। भारत विश्व के सबसे बड़े निर्माण बाजार के रूप में उभरने जा रहा है क्योंकि यहां लाखों मकान बनाए जाने हैं। इन सबसे निवेशक समुदाय के लिए अप्रत्याशित संभावनाएं पैदा हो रही हैं। आप लोगों में से अधिकतर हमारे साथ जिन क्षेत्रों में काम कर सकते हैं उनमें शामिल हैंः

-हार्डवेयर से लेकर सॉफ्टवेयर तक;

-सॉफ्टस्किल से लेकर वैज्ञानिक स्वभाव तक;

-रक्षा प्रणाली से लेकर साइबर सुरक्षा तक;

-औषधि से लेकर पर्यटन तक।

मैं दृढ़ता के साथ कह सकता हूं कि भारत अकेले पूरे महाद्वीप के प्रतिस्पर्धियों के बराबर अवसर पैदा कर सकता है। आज यह पूरी सदी की संभावनाएं प्रदान कर रहा है। और मैं चाहता हूं कि यह सब स्वच्छ, हरित और स्थायी तरीके से हो। हम पर्यावरण की रक्षा करने और प्रकृति के प्रति अपनी जिम्मेदारी बरकरार रखने के लिए प्रतिबद्ध हैं। कुल मिलाकर सदियों से भारत का यही रुख रहा है।

भारत में आपका स्वागत हैः

-यह परंपरा और शांति की भूमि है;

-यह सहानुभूति और उत्साह की भूमि है;

-यह प्रयोग और उद्यम की भूमि है;

-उद्घाटन और अवसरों की भूमि है।

मैं एकबार फिर आपका स्वागत करता हूं और आमंत्रित करता हूं कि आपः

-आज के भारत;

-और कल के भारत का हिस्सा बनें।

मैं आपको विश्वास दिलाता हूं कि आवश्यकता पड़ने पर कभी भी मैं आपका हाथ थामने के लिए उपलब्ध रहूंगा।

धन्यवाद।

 

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PM Modi congratulates hockey team for winning Women's Asian Champions Trophy
November 21, 2024

The Prime Minister Shri Narendra Modi today congratulated the Indian Hockey team on winning the Women's Asian Champions Trophy.

Shri Modi said that their win will motivate upcoming athletes.

The Prime Minister posted on X:

"A phenomenal accomplishment!

Congratulations to our hockey team on winning the Women's Asian Champions Trophy. They played exceptionally well through the tournament. Their success will motivate many upcoming athletes."