प्रधानमंत्री ने प्रभावकारी प्रयोगशालाओं के विकास के महत्व पर जोर दिया ताकि विज्ञान को देश के हरेक कोने में रहने वाले छात्रों तक ले जाया जा सके। उन्होंने युवा छात्रों को विज्ञान की ओर आकर्षित करने और अगली पीढ़ी में वैज्ञानिक कौशल को मजबूत करने की आवश्यकता के बारे में बताया।
उन्होंने दुनिया के विभिन्न हिस्सों में काम कर रहे भारतीय लोगों के बीच अनुसंधान एवं विकास (आरएंडडी) परियोजनाओं में सहयोग बढ़ाने के उपाय भी सुझाए।
भारत की महत्वकांक्षी जरूरतों पर काम करने के लिए वैज्ञानिकों का आह्वान करते हुए, प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत को वर्तमान समय के सामाजिक मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करने के लिए सीएसआईआर की आवश्यकता है। भारत कुपोषण, कृषि उत्पादों के मूल्य संवर्धन और जल संरक्षण से जुड़ी समस्याओं का सामना कर रहा है।
प्रधानमंत्री ने 5 जी, कृत्रिम मेधाविता (एआई) और अक्षय ऊर्जा भंडारण के लिए सस्ती और लंबे समय तक चलने वाली बैटरियों के बारे में चर्चा की। उन्होंने कहा कि ऐसी कई चुनौतियां उभर रही हैं, जिन पर वैज्ञानिकों को ध्यान केंद्रित करने की आवश्यकता है। उन्होंने विश्वस्तरीय उत्पादों को विकसित करने के लिए पारंपरिक ज्ञान और आधुनिक विज्ञान के संयोजन की आवश्यकता पर प्रकाश डाला। उन्होंने नवाचारों के व्यावसायीकरण के महत्व के बारे में भी बताया।
प्रधानमंत्री ने सीएसआईआर के वैज्ञानिक समुदाय को आम आदमी के जीवन की गुणवत्ता में सुधार लाने के लिए काम करने का आह्वान किया।